झारखण्ड , 21 , सितम्बर , 2023 / गेतलसूद में मछलियों की मौत के बाद विभागीय मंत्री श्री बादल के निर्देश के बाद आज जिला मत्स्य पदाधिकारी ने विभाग को रिपोर्ट सौंप दी है।
जिला मत्स्य पदाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चार केज में करीब 6 -7 हजार मछलियों की मौत हुई थी। मछलियों की मौत पानी में ऑक्सीजन की कमी वजह से हुई है जबकि पानी में पी एच मान, नाइट्रेट और अन्य अवयव उचित मात्रा में पाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि बारिश के मौसम में बदली छाए रहने की वजह से पानी में ऑक्सीजन कम हो जाता है।इसी वजह से यह घटना हुई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि समिति के सदस्यों को बीज और फीड उपलब्ध करा दिया जायेगा साथ ही ऐसी स्थिति में नियमाकुल ध्यान देने की बात कही गई है।
Category: कृषि
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गेतलसुद में मछलियों के मरने की रिपोर्ट जिला मत्स्य पदाधिकारी ने सौंपी
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खेती में कीट नियंत्रण के लिये किसान कर रहे सोलर लाइट ट्रेप का उपयोग
भोपाल, 13 सितम्बर , 2023 /
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने रष्ट्रीय स्तर पर आयुष्मान भव का रिमोट का बटन दबाकर शुभांरभ किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस 17 सितम्बर से सेवा पखवाड़ा शुरू होगा। आयुष्मान भव कार्यक्रम में आयुष्मान आपके द्वार का तीसरा चरण, शुरू होगा। स्वास्थ्य मेले और आयुष्मान सभा सहित अन्य कार्यक्रम होंगे। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग आयुष्मान भव के वर्चुअली शुभारंभ कार्यक्रम में एनएचएम कार्यालय से शामिल हुए।स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मॉडविया के आयुष्मान भव के संबंध में दिये दिशा-निर्देर्शों के अनुरूप कार्य करेगा। आयुष्मान आपके द्वार अभियान के तीसरे चरण में घर-घर जाकर आयुष्मान कार्ड बनाये जायेंगे। सभी स्वास्थ्य संस्थाओं पर 2 अक्टूबर को आयुष्मान सभा होगी। जिसमें स्वास्थ्य योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी दी जायेगी। साथ ही रोगों की पहचान के संबंध में स्क्रीनिंग केम्प भी होंगे। डॉ. चौधरी ने कहा कि हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्वास्थ्य मेलों का आयोजन होगा। साथ ही आर्गन डोनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन भी होगा। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से वर्चुअली जुड़े जन-प्रतिनिधियों, अधिकारी और कर्मचारियों से आयुष्मान भव के सफल क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने की अपील की।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व देश में और मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुआ है। कोविड में प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मियों ने बेहतर कार्य कर देश में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और चिकित्सा विभाग मिलकर उल्लेखनीय सफलता प्राप्त करेंगे। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रेक्चर के निर्माण के साथ ही चिकित्सकों और विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। नए मेडिकल कॉलेज शुरू हुए हैं। एम.बी.बी.एस. की सीटों में वृद्धि की गई है। प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई को हिन्दी भाषा में शुरू किया गया है।
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ग्वालियर के किसान मेला की तैयारियों पर मंत्री ने की समीक्षा
भोपाल, 22 अगस्त , 2023 /
उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह ने सितम्बर के पहले सप्ताह में ग्वालियर में होने वाले किसान मेला की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने ग्वालियर में एयरोपोनिक लेब और हाईटेक नर्सरी के भूमि-पूजन के निर्देश भी दिये।राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि किसान मेला में उद्यानिकी कृषकों से संबंधित कृषि यंत्रों और कृषकों के लिये संचालित विभागीय योजनाओं की जानकारी भी दी जाये। उन्होंने कहा कि किसान मेला में जैविक खेती करने वाले कृषकों को सम्मानित भी किया जायेगा और ग्वालियर संभाग में माली प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र भी दिये जायेंगे। संभागीय प्रशिक्षण केन्द्र का लोकार्पण भी होगा।
राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने उद्यानिकी फसलों की मण्डी की स्थापना के संबंध में किसानों, कृषि वैज्ञानिकों, मण्डी के अधिकारियों के साथ मण्डी से जुड़े व्यापारियों से सुझाव लेने के निर्देश दिये। उद्यानिकी मंत्री श्री कुशवाह ने बैठक में विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा भी की। अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण श्री जे.एन. कंसोटिया, संचालक उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण सुश्री निधि निवेदिता और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, धान और मिलेट्स समेत कृषि उत्पादों के समर्थन मूल्य में की गई बड़ी वृद्धि
रायपुर 08 जून 2023 : आज केंद्र सरकार की ओर से किसानों के हितों को ध्यान में रखकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में बड़ी वृद्धि की है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार मूंग दाल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 10.4%, मूंगफली पर 9%, सेसमम पर 10.3%, धान पर 7%, जवार, बाजरा, रागी, मेज, अरहर दाल, उड़द दाल, सोयाबीन, सूरजमुखी बीज पर वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए लगभग 6-7% की वृद्धि की गई है।
इस निर्णय के बाद 2014-15 में जो धान का समर्थन मूल्य ₹1360 था अब वो 143 रुपये बढ़कर विपणन सत्र 2023-24 में ₹2183 हो गया है। इसके साथ ही उड़द दाल की एमएसपी को 350 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 6,950 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। वहीं, मक्के की एमएसपी को 128 रुपये प्रति क्विंटल, मूंग की एमएसपी में सर्वाधिक 803 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है और इसके मूंग पर एमएसपी 8,558 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है।
इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का आभार करते हुए कहा है कि अन्नदाताओं के हित में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने खरीफ फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर किसानों के समृद्धि और सशक्तिकरण का पथ सुनिश्चित किया है। जिससे अब छ:ग के किसानों को प्रतिवर्ष केंद्र से ₹23 हजार करोड़ का समर्थन मूल्य (107 लाख मीट्रिक टन के हिसाब से) प्राप्त होगा और राज्य की भूपेश बघेल की सरकार से किसानों को केवल ₹3300 करोड़ मिलेंगे।
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राजीव गांधी किसान न्याय योजना से लाभान्वित होकर किसान लक्ष्मी जायसवाल कर रहे मूंगफली की खेती
जांजगीर चांपा 25 मई 2023/ कुछ समय पहले तक प्रदेश के किसान धान की फसल के अलावा दूसरी फसलों के बारे में सोचते भी नहीं थे। लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा किसानों के लिए शुरू की गई राजीव गांधी किसान न्याय योजना के चलते किसान अब धान के बदले दूसरी फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित हो रहे है। छत्तीसगढ शासन द्वारा प्रदेश में धान के अलावा अन्य फसलों को उगाने के लिए किसानों को 9 से 10 हजार रूपए प्रति एकड़ सब्सिडी दे रही है। जिस कारण योजना से प्रेरित होकर जिले के किसान धान के बदले अन्य फसल लगा रहे हैं।
इसी कड़ी में जिले के पामगढ़ विकासखंड के रसोटा गांव के उन्नतशील किसान श्री लक्ष्मी जायसवाल ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना सेे सब्सिडी प्राप्त कर धान के स्थान पर मूंगफली की फसल ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह अपने खेत में पहले धान की खेती कर रहे थे। जब उन्हें पता चला कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा धान के स्थान पर अन्य फसलों की खेती करने पर सब्सिडी दी जा रही है तो उन्होंने अपने खेत में मूंगफली की खेती करना प्रारंभ किया और इसके लिए उन्हें कृषि विभाग का सहयोग भी मिला।राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत मिली इनपुट सब्सिडी की राशि से @JanjgirDist के पामगढ़ ब्लॉक के ग्राम रसौटा निवासी किसान श्री लक्ष्मी जायसवाल ने शुरू की मूंगफली की खेती।
– इस वर्ष एक एकड़ में उन्होंने 1 टन मूंगफली का उत्पादन कर 60 हजार रुपए की आमदनी अर्जित की है।… pic.twitter.com/5TQ1QVgJZI— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) May 22, 2023
वे आगे कहते हैं कि धान के बदले अन्य फसल लेने से मिट्टी की गुणवत्ता भी नष्ट नही होती और एक निश्चित समय पर अच्छी आमदनी भी मिल जाती है। उन्होंने बताया कि अभी वे वर्तमान में 3 एकड़ खेत में मूंगफली की खेती कर रहे हैं जिससे उन्हें प्रति एकड़ 60 हजार रूपए की आमदनी हो रही है और लाखों रुपए कमा रहे हैं
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वह अब अगले सीजन से मूंगफली के फसल का और अधिक विस्तार करने की सोच रहे है। उन्होंने योजना के तहत सहायता के लिए छत्तीसगढ़ शासन को धन्यवाद दिया।
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सौर सुजला योजना बन रही वरदान, किसान संतोष और राजेश के चेहरे में आई मुस्कान
रायपुर 24 मई 2023/ राज्य सरकार द्वारा किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चलाई जा रही सौर-सुजला योजना सार्थक सिद्ध हो रही है। जिस कारण किसानों को सशक्त बनाने में सौर सुजला योजना वरदान साबित हो रही है। जिले में वर्तमान समय में बढ़ते तापमान एवं परम्परागत संसाधनों के कमियों को दूर करने के लिए किसानों को सौर सुजला योजना का लाभ उपलब्ध कराते हुए उनके खेतों में सिंचाई व्यवस्था के लिए पंपों को स्थापित किया जा रहा है इसके साथ ही संबंधित अधिकारियों द्वारा किसानों को जानकारी देकर सोलर पैनल से सिंचाई करने की विधि बताई जा रही है। सोलर पंप स्थापित होने से सब्जी सहित अन्य फसल का लाभ किसान ले रहे हैं, जिससे इनकी आमदनी के स्त्रोत में वृद्धि हो रही है। इस योजना के तहत राज्य सरकार किसानों को रियायती दर पर सिंचाई पंप प्रदान कर कृषि और छत्तीसगढ़ में ग्रामीण क्षेत्रों को मजबूत बना रही है। योजना का संचालन छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण(क्रेडा) द्वारा किया जा रहा है।
सौर सुजला योजना के तहत नवागढ़ विकासखण्ड के ग्राम खैरा (घुटिया) निवासी श्री संतोष कुमार साहू और उनके पुत्र राजेश कुमार साहू द्वारा सोलर पंप स्थापित कर अपने खेतों में सब्जी बाड़ी का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे लगभग 3 एकड़ में सब्जी बाड़ी का काम कर रहे हैं। जब उन्हें सौर सुजला योजना के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने योजना का लाभ प्राप्त करते हुए अपने जमीन पर 05 हार्स पावर के सोलर पंप स्थापित कर लिया। जिससे वे अपने खेतों में सिंचाई कर टमाटर, भिंडी, बैंगन, मिर्च, लौकी, पत्ता गोभी, बरबट्टी, कलेरा, धनियां एवं अन्य सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं। इससे उन्हें अच्छी आमदनी प्राप्त हो जाती है। उन्होंने बताया कि वे पिछले वर्ष उन्हें सब्जी उत्पादन कर 7 लाख की आमदनी प्राप्त हुई है। इस वर्ष अभी तक 2 लाख की सब्जी बेच चुके हैं। जिला क्रेडा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सौर सुजला योजना के तहत किसानों को 3 हार्स पावर के सोलर पंप पात्रतानुसार क्रमशः अ.जा., अ.ज.जा. वर्ग हेतु 7 हजार रुपये,अ.पि.व. के लिए 12 हजार रुपये एवं सामान्य वर्ग हेतु 18 हजार रूपये में उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसी प्रकार 05 हॉर्स पावर के सोलर पंप अ.जा., अ.ज.जा. वर्ग हेतु 10 हजार रुपये,अ.पि.व. के लिए 15 हजार रुपये एवं सामान्य वर्ग हेतु 20 हजार रुपये में उपलब्ध कराई जा रही है। शेष राशि शासकीय अनुदान के रूप में सरकार द्वारा वहन की जा रही है।
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रासायनिक उर्वरकों का अग्रिम उठाव अवश्य करें किसान
किसानों के लिए अग्रिम उठाव अच्छा विकल्प
बिलासपुर, 25 अप्रैल 2023/
जिले के सहकारी समितियों में 1 अप्रैल 2023 से किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण एवं कृषि आदान जैसे-बीज, उर्वरकों का वितरण प्रारंभ कर दिया गया है। किसान अपने फसलों के लिए आवश्यकता अनुरूप में उर्वरकांे की मांग अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी कर सकते है, जिसके सेवा सहकारी समितियों में इसका भण्डारण कराया जा सके।
वर्तमान में जिले के सेवा सहकारी समितियों में यूरिया 4041 मेट्रिक टन., सिंगल सुपर फास्फेट 963 मेट्रिक टन., डीएपी 3017 मेट्रिक टन, पोटाश 340 मेट्रिक टन एवं एन.पी.के. 1517 मेट्रिक टन तथा पर्याप्त मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट का भण्डारण किया गया है। वर्षा के पश्चात फसल बोनी निकट आते ही खाद की मांग बढ़ जाने के कारण उर्वरक की आपूर्ति प्रभावित होती है। वर्तमान में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक की आपूर्ति हो रही है एवं आसानी से उर्वरक उपलब्ध है। उप संचालक कृषि ने किसानों से अपील है की है कि वे उर्वरक की कमी की समस्या से बचने लिये शासन द्वारा निर्धारित दर पर उर्वरक एवं वर्मी कम्पोस्ट का अग्रिम उठाव शीघ्र कर लें। वस्तु ऋण में शून्य प्रतिशत ब्याज दर होने के कारण किसानों को अग्रिम उठाव करने पर भी कोई अतिरिक्त राशि देना नहीं पड़ता है एवं उर्वरक की आवश्यकता के समय भटकना भी नहीं पड़ता है। अग्रिम उठाव एक अच्छा विकल्प है जिसमें समय की बचत भी होती है। -
भारत सरकार के कृषि सचिव ने छत्तीसगढ़ के कृषि विभाग को उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किया
रायपुर, 15 अप्रैल 2023/ छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बेहतर एवं सफल क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ को उत्कृष्ट पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने इस सम्मान के लिए कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ देश भर में अग्रणी राज्यों में शुमार है।
भारत सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग द्वारा आज राजधानी रायपुर में आयोजित 9 वी राष्ट्रीय समीक्षात्मक कार्यशाला भारत सरकार के सचिव श्री मनोज आहूजा ने छत्तीसगढ़ के कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह को उत्कृष्ट पुरस्कार से सम्मानित करते हुए प्रशस्ति पत्र सौंपा। इस मौके पर कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ. अय्याज एफ. तम्बोली, संचालक कृषि श्रीमती रानू साहू, संचालक उद्यानिकी विभाग श्री व्ही. माथेश्वरण, अपर संचालक उद्यानिकी श्री भूपेन्द्र पाण्डेय और संयुक्त संचालक कृषि श्री बी.के मिश्रा भी उनके साथ थे।
राष्ट्रीय समीक्षात्मक कार्यशाला में जानकारी दी गई कि भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल की स्वचलित गणना और निपटान के लिए डिजीक्लेम मॉड्यूल के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया गया है। साथ ही पोर्टल दर्ज करने और बीमा का लाभ किसानों तक पहुंचाने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। छत्तीसगढ़ में इस योजना के तहत वर्ष 2022-23 में 6 लाख 77 हजार 558 पात्र किसानों को फसल बीमा का लाभ दिलाया गया है। किसानों को बीमा राशि के रूप में 192.41 करोड़ रूपए की राशि दी गई है।
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अब केरल की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी होगी रबर की खेती
रायपुर, दिनांक 04 अप्रैल 2023। छत्तीसगढ़ में भी अब केरल की तर्ज पर किसानों को ज्यादा मुनाफा देने वाले रबर के पेड़ों की खेती की जा सकेगी। रबर अनुसंधान संस्थान, कोट्टायाम बस्तर क्षेत्र में रबर की खेती की संभावनाएं तलाशने के लिए कृषि अनुसंधान केन्द्र बस्तर में एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में रबर की प्रायोगिक खेती करने जा रहा है। इस संबंध में आज यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के रायपुर के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल की मौजूदगी में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर तथा रबर अनुसंधान संस्थान कोट्टायाम के मध्य एक समझौता किया गया। समझौता ज्ञापन पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी तथा रबर रिसर्च इंस्टिट्यूट कोट्टायाम की संचालक अनुसंधान डॉ. एम.डी. जेस्सी ने हस्ताक्षर किये। इस समझौते के अनुसार रबर इंस्टिट्यूट कृषि अनुसंधान केन्द्र बस्तर में एक हेक्टेयर रकबे में रबर की खेती हेतु सात वर्षां की अवधि के लिए पौध सामग्री, खाद-उर्वरक, दवाएं तथा मजदूरी पर होने वाला व्यय इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराएगा। वह रबर की खेती के लिए आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन तथा रबर निकालने की तकनीक भी उपलब्ध कराएगा। पौध प्रबंधन का कार्य रबर इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किया जाएगा।अनुबंध समारोह को संबोधित करते हुए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि रबर एक अधिक लाभ देने वाली फसल है। भारत में केरल, तमिलनाडु आदि दक्षिणी राज्यों में रबर की खेती ने किसानों को सम्पन्न बनाने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि रबर अनुसंधान संस्थान कोट्टायाम के वैज्ञानिकों ने छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र की मिट्टी, आबोहवा, भू-पारिस्थितिकी आदि को रबर की खेती के लिए उपयुक्त पाया है और प्रायोगिक तौर पर एक हेक्टेयर क्षेत्र में रबर के पौधों का रोपण किया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यहां रबर की खेती को निश्चित रूप से सफलता मिलेगी तथा किसानों को अधिक आमदनी प्राप्त हो सकेगी। अनुबंध समारोह में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. अजय वर्मा, निदेशक प्रक्षेत्र एवं बीज डॉ. एस.एस. टुटेजा, निदेशक शिक्षण डॉ. एस.एस. सेंगर, कृषि महाविद्यालय रायपुर के अधिष्ठाता डॉ. जी.के. दास, स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी के अधिष्ठाता डॉ. विनय कुमार पाण्डेय, उद्यानिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, जगदलपुर की अधिष्ठाता डॉ. जया लक्ष्मी गांगुली सहित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा रबर अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक उपस्थित थे।
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किसानों से इस खरीफ सीजन में 107.53 लाख मीट्रिक टन धान की हुई है खरीदी
रायपुर, 10 मार्च 2023/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार की कुशल प्रबंधन के कारण अब तक कस्टम मिलिंग के लिए तेजी के साथ धान का उठाव निरंतर जारी है। कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव अंतिम चरण में है। अब तक लगभग 105 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है, जबकि लगभग 107 लाख मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए डीओ जारी कर दिया गया है। किसानों से समर्थन मूल्य पर इस वर्ष 107.53 लाख मीट्रिक टन धान की सफलतापूर्वक खरीदी की गई है।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की पहल पर पिछले वर्ष की तर्ज पर इस वर्ष भी धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए सीधे उपार्जन केन्द्रों से धान का उठाव शुरू किया गया था, जिसके चलते राज्य सरकार को परिवहन व्यय में काफी कमी आयी है। इसके साथ ही धान खरीदी के बाद धान उठाव की लंबी प्रक्रिया से भी निजात मिली है। राज्य सरकार ने इस वर्ष 23 लाख 42 हजार से अधिक किसानों से 31 जनवरी 2023 तक 107.53 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की है। किसानों को धान खरीदी के एवज में 22 हजार 67 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है।