Category: एजुकेशन न्यूज़

  • आरटीई के तहत लॉटरी से छात्रों के चयन की प्रक्रिया प्रारंभ

    आरटीई के तहत लॉटरी से छात्रों के चयन की प्रक्रिया प्रारंभ

    रायपुर ।

    निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 (आरटीई) अंतर्गत शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए निजी स्कूलों में प्रवेश हेतु ऑनलाईन लॉटरी की प्रक्रिया आज से प्रारंभ हो गई है। संचालक लोक शिक्षण संचालनालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में संचालित 6 हजार 554 निजी विद्यालयों के प्रारंभिक कक्षा में कुल आरक्षित 52 हजार 872 सीटों के विरूद्ध प्रवेश के लिए एक लाख 22 हजार 270 आवेदन प्राप्त हुए हैं। निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए प्रथम चरण में आज 16 हजार 036 विद्यार्थियों का चयन हुआ है।

    प्रथम चरण में 20 मई को संचालक लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा निजी विद्यालय संगठन, पालकों एवं विभिन्न मीडिया के समक्ष रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव, कवर्धा, जशपुर और जगदलपुर जिलों की लॉटरी निकाली गई है। इनमें रायपुर में 5 हजार 126 आरक्षित सीटों के विरूद्ध 4 हजार 655, दुर्ग में 4 हजार 293 सीटों के विरूद्ध 3 हजार 462, बिलासपुर में 4 हजार 558 सीटों के विरूद्ध 3 हजार 609, राजनांदगांव में एक हजार 703 सीटों के विरूद्ध एक हजार 471, कवर्धा में एक हजार 351 सीटों के विरूद्ध एक हजार 242, जशपुर में एक हजार 252 सीटों के विरूद्ध 895 और जगदलपुर में 761 सीटों के विरूद्ध 702 विद्यार्थियों का चयन हुआ है।चयनित विद्यार्थियों को उनके मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाएगा। इसके बाद इन विद्यार्थियों को एक जून से 30 जून के मध्य चयनित विद्यालयों में प्रवेश लेना होगा। विद्यार्थियों के चयन के लिए की जाने वाली ऑनलाईन लॉटरी की प्रक्रिया पूर्ण रूप से कम्प्यूटरीकृत एवं मानव हस्तक्षेप रहित प्रक्रिया है।

    शेष बची सीटों पर आवेदकों से पुनः आवेदन आमंत्रित करने की प्रक्रिया की जाएगी। इसके लिए एक जुलाई से 8 जुलाई तक निर्धारित है। द्वितीय चरण के लॉटरी की प्रक्रिया 17 जुलाई से 20 जुलाई के मध्य की जाएगी।
  • एकलव्य विद्यालय में प्रवेश के प्रदेश के बच्चों में उत्साह का माहौल

    एकलव्य विद्यालय में प्रवेश के प्रदेश के बच्चों में उत्साह का माहौल

    रायपुर ।

    आदिम जाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित प्रदेश भर के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में कक्षा 6 वीं में प्रवेश के लिए इंट्रेंस एग्जाम सफलता पूर्वक सम्पन्न हो गया है। विभाग के प्रमुख सचिव  सोनमणि बोरा के निर्देश एवं कड़ी निगरानी में सचिव नरेन्द्र दुग्गा के मार्गदर्शन में परीक्षा का आयोजन किया गया।एकलव्य विद्यालय में प्रवेश के लिए हुए परीक्षा में 29200 छात्र छात्राएं शामिल हुईं जबकि 35684  विद्यार्थियों ने पंजीयन कराया था, इसका प्रतिशत 81.83 रहा। परीक्षार्थियो का तिलक लगाकर स्वागत किया। परीक्षा परिणाम राज्य स्तर पर घोषित होगा और काउंसिलिंग पद्धति से प्रवेश दिया जाएगा।

    आदिम जाति विभाग के अधिकारियों ने आज यहाँ बताया कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के कक्षा 6वीं में सत्र 2024 – 25 में प्रवेश के लिए इंट्रेंस एग्जाम आयोजित की गई है। प्रदेश के 28 जिलों में परीक्षा केंद्र बनाया गया था। एकलव्य विद्यालय में प्रवेश के 29200 छात्र छात्राएं परीक्षा में शामिल हुईं। इसका प्रतिशत 81.83 रहा जबकि 6484 परीक्षार्थी एग्जाम में शामिल नहीं हुए। कुल 35,684 छात्र छात्राओ ने पंजीयन कराया था। इनमे 17 हजार 411 बालक और 18 हजार 273 बालिका शामिल हैं। एकलव्य शाखा प्रभारी उपायुक्त प्रज्ञान सेठ द्वारा उक्त संबंध में आवश्यक लिखित निर्देश जारी कर अधिकारियों को कार्य सौंपे गए जिससे परीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न हुई।

  • छत्तीसगढ़ के स्कूलों में समर कैंप का आयोजन

    छत्तीसगढ़ के स्कूलों में समर कैंप का आयोजन

    रायपुर ।

    कहीं दीवारों पर तो कहीं किताबों पर नन्हे हाथों से ड्राइंग करते दिखाई दे रहे हैं बच्चे। कोई गा रहा है, कोई डांस कर रहा है और कोई अभिनय। पत्तों से कलाकारी, सब्जियों से चित्रकारी, रंगीन चावल की कला, मिट्टी से खिलौना निर्माण, धागे से डिजाइन बनाना और मुखौटा निर्माण जैसी रोचक गतिविधियों में बच्चे डूबे हुए हैं। अलग-अलग भाव के साथ बच्चों के चेहरे पर विजय मुस्कान दिखाई दे रही है।

    यह नजारा है छत्तीसगढ़ राज्य की स्कूलों का। गर्मी की छुट्टियों में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है। विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने बच्चों में रचनात्मकता के लिए सकारात्मक व नवाचारी पहल की है। बस्तर, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर व सरगुजा संभाग तक बच्चे खुशनुमा माहौल में खेल-खेल में बुनियादी साक्षरता व संख्या ज्ञान सीखने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिश को छत्तीसगढ़ के स्कूलों के माध्यम से बालक-पालक व शिक्षकों तक पहुंचाने का यह अनूठा तरीका है।

    स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित इस समर कैंप का उद्देश्य बच्चों का मनोरंजन के साथ स्वस्थ वातावरण में उनकी छिपी हुई प्रतिभा को उभारना और उनमें आत्मविश्वास को बढ़ावा देना है। समर कैंप को सफल बनाने सचिव श्री परदेसी द्वारा प्रतिदिन एक-एक कड़ी जोड़ी जा रही है। शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत एनजीओ को जहां प्रदेश में स्वेच्छा से समर कैंप आयोजित करने कहा गया है। वहीं खेल संघो एवं अन्य संस्थाओं को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा जा रहा है। यह उल्लेखनीय है कि समर कैंप बच्चों के एक साथ आने और मौज मस्ती करने का एक विशेष शिविर है। वे घर से दूर सुरक्षित वातावरण में नए साहसिक प्रयास करते हैं और नई चीज़ सीखते हैं। इस प्रकार उनमें स्वतंत्रता की भावना विकसित होती है। वे नए दोस्त भी बनाते हैं और मेल जोड़ बढ़ाते हैं, जिससे उनके सामाजिक कौशल और आत्मविश्वास का विकास होता है।

    राज्य में ग्रीष्मकालीन अवकाश में समर कैंप का आयोजन सुबह 7 से 9.30 बजे तक आयोजित किया जा रहा है। यह कैंप पूर्णतः स्वैच्छिक है। बच्चों के लिए यह बहुत अच्छा कार्यक्रम है। सभी बच्चों में कुछ न कुछ प्रतिभा होती है। बच्चों की प्रतिभा को प्रोत्साहित करने से उनका परिणाम भी बेहतर होता है।स्कूल शिक्षा विभाग के कुशल मार्गदर्शन में लोक शिक्षण संचालक  दिव्या उमेश मिश्रा के संयोजन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के त्वरित क्रियान्वयन हेतु संभाग व जिले के अधिकारियों को प्रशासनिक व वित्तीय प्रशिक्षण भी प्रशासन अकादमी के माध्यम से प्रदान किया जा रहा है।

  • समस्याओं के त्वरित निराकरण से जिले में प्रगति दिखाई देगी : स्कूल शिक्षा सचिव परदेशी

    समस्याओं के त्वरित निराकरण से जिले में प्रगति दिखाई देगी : स्कूल शिक्षा सचिव परदेशी

    रायपुर ।

    स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने आज छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी में संभाग और जिले के अधिकारियों के 5 दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण सत्र समापन अवसर पर कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग में प्रशासनिक कार्यों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए संभाग और जिले के अधिकारियों का प्रशिक्षण आवश्यक है। अब ब्लॉक स्तर के अधिकारियों का भी प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नियम कानून की जानकारी रहने पर ही सही निर्णय लिया जा सकता है। इससे काम तेजी से होगा और प्रगति दिखाई देगी।

        परदेशी ने इस बात पर जोर दिया कि अधिकारियों को यह जानना भी आवश्यक है कि कौन किस कार्यों के लिए सक्षम हैं। अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत दी गई शक्तियों के अनुसार हमें निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग में पदोन्नति प्रक्रिया का अब अध्ययन करने की आवश्यकता है। स्कूल शिक्षा सचिव ने कहा कि बच्चों को रचनात्मक अवसर देने के लिए ज्यादा से ज्यादा समर कैंप का आयोजन किया जाए। उन्होंने सभी से आशा व्यक्त की कि अब हम बच्चों और शिक्षकों के लिए त्वरित उचित निर्णय लेंगे। परदेशी ने आगे कहा कि 5 दिवस का प्रशिक्षण प्राप्त कर कुशल प्रशिक्षक बन गए हैं, अब विकासखंड शिक्षा अधिकारियों सहित सभी ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को अपने स्तर पर प्रशिक्षण आयोजित कर सकते हैं।

        संचालक लोक शिक्षण  दिव्या उमेश मिश्रा ने कहा कि प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान का उपयोग बेहतर तरीके से करेंगे। अब शत प्रतिशत योजनाओं को गति देने में आसानी होगी संभाग और जिले के शिक्षा अधिकारियों 5 दिन में रिफ्रेश होकर नई ऊर्जा के साथ कार्य करेंगे।प्रशासन अकादमी के डायरेक्टर  टी. सी. महावर ने कहा कि विभाग की आवश्यकता अनुसार प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने सभी प्रशिक्षणार्थियों से अनुशासन में रहकर नियमों का पालन किए जाने की अपेक्षा करते हुए कार्यालय की प्रबंधन क्षमता और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने का सुझाव दिया।

       समारोह के प्रारंभ में संकाय सदस्य डॉ अभिषेक दुबे ने पांच दिवसीय प्रशिक्षण के विषयों पर जानकारी दी। कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा विभाग की उप सचिव  इफ्फत आरा, अतिरिक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे, उप संचालक आशुतोष चावरे, अशोक नारायण बंजारे,  प्रशांत पांडेय, अकादमी के कोर्स डायरेक्टर  अभिषेक दुबे, डॉ. सीमा सिंह और   नोडल प्रभारी  डी. दर्शन भी उपस्थित थे। प्रशिक्षण में बिलासपुर के संयुक्त संचालक आर.पी. आदित्य, बलौदा बाजार के जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु भारतीय, बस्तर की  भारती प्रधान और कोरबा के तामेश्वर उपाध्याय ने पांच दिवसीय प्रशिक्षण पर अपना अभीमत दिया। आभार प्रदर्शन उप संचालक आशुतोष चावरे ने किया।

  • कड़ी मेहनत और अनुशासन से प्रयास विद्यालय के बच्चों को मिली शानदार सफलता

    कड़ी मेहनत और अनुशासन से प्रयास विद्यालय के बच्चों को मिली शानदार सफलता

    रायपुर ।

    छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में संचालित प्रयास आवासीय विद्यालय के छात्र-छात्राओं के कड़ी मेहनत और अनुशासन से शानदार सफलता मिली है।
    माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा हाल ही घोषित 10वीं और 12वीं बोर्ड के परीक्षा परिणामों में प्रयास आवासीय विद्यालय के बच्चों को एक बार फिर शानदार सफलता मिली है। प्रयास विद्यालय में 10वीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम 99.3 प्रतिशत एवं 12वीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम 97.22 प्रतिशत रहा है। इनमें 10वीं में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण विद्यार्थियों का प्रतिशत 96.45 एवं 12वीं में 82.02 प्रतिशत रहा है। इस वर्ष का परीक्षा परिणाम पिछले वर्ष की तुलना में काफी अच्छा है। गत वर्ष 10वीं में 90.70 प्रतिशत और 12वीं में 79.38 फीसदी रहा था। प्रदेश के प्रयास विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को बेहतर प्रदर्शन के लिए आदिम जाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा और सचिव  नरेन्द्र दुग्गा ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।

    उल्लेखनीय है कि विगत वर्षों में प्रयास आवासीय विद्यालय के बच्चों ने विभिन्न राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। अब तक प्रयास आवासीय विद्यालय के 116 विद्यार्थी आईआईटी व समकक्ष में, 328 विद्यार्थी एनआईटी व समकक्ष में, 940 विद्यार्थी इंजीनियरिंग कॉलेज में एवं 52 विद्यार्थी एम.बी.बी.एस. में चयनित हुुए हैं। इसके अलावा सीए, सीएस, सीएमए में 29 तथा क्लैट में 04 विद्यार्थी को सफलता मिल चुकी है।

    10वीं में 07 बच्चों ने बनाया मेरिट में स्थान
    आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा इस वर्ष घोषित परीक्षा परिणामों में प्रयास के 07 विद्यार्थियों ने मेरिट में स्थान बनाया है। मेरिट में आने वाले छात्र-छात्रों में प्रयास आवासीय विद्यालय, कांकेर के 04 विद्यार्थी- श्री मयंक कोर्राम, कुमारी पायल अधिकारी, कुमारी वर्षा साहू और कुमारी मल्लिका मरकाम शामिल हैं। इसी प्रकार प्रयास विद्यालय दुर्ग, जशपुर एवं कन्या प्रयास विद्यालय रायपुर  से एक-एक विद्यार्थी- क्रमशः कुमारी आर्या कश्यप, श्री आयुष साहू और कुमारी बॉबी मिंज ने मेरिट में स्थान बनाने में सफल हुए है।  इसके    अलावा प्रयास आवासीय विद्यालय, रायपुर, बस्तर, जशपुर, कांकेर एवं कोरबा का परीक्षाफल शत-प्रतिशत एवं प्रयास आवासीय विद्यालय दुर्ग, बिलासपुर एवं सरगुजा का परीक्षा परिणाम 95 प्रतिशत से अधिक रहा है।

    अधिकारियों ने बताया कि प्रयास आवासीय विद्यालय कक्षा 12वीं बोर्ड का परीक्षाफल 97.22 प्रतिशत रहा है। इनमें प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण विद्यार्थियों का प्रतिशत 82.02 प्रतिशत है। प्रयास आवासीय  विद्यालय, रायपुर एवं जशपुर का परीक्षाफल शत-प्रतिशत, जबकि शेष प्रयास विद्यालयों का परीक्षाफल 91 प्रतिशत से अधिक रहा है।

    उल्लेखनीय है कि प्रयास योजना मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना का एक महत्वपूर्ण घटक है। योजना के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के सम्पूर्ण अनुसूचित क्षेत्र और गैर-अनुसूचित क्षेत्र के नक्सल प्रभावित जिलों के आदिवासी बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा, आवास, भोजन, खेल एवं मनोरंजन आदि की सुविधा प्रदान की जाती है। साथ ही संरक्षक की भूमिका निभाते हुए उन्हें रोजगार में स्थापित कर उनके जीवन में स्थायित्व पैदा करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। प्रयास आवासीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे बहुत ही सामान्य परिवार से आते हैं लेकिन विद्यालय के अनुशासन, शिक्षकों के अच्छे मार्गदर्शन एवं बच्चों की कड़ी मेहनत के दम पर प्रयास विद्यालय ने प्रदेश में अपनी एक अलग पहचान बना ली है।

    अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में प्रयास आवासीय विद्यालयों की संख्या 14 हो चुकी है। इनमें रायपुर जिले में बालक एवं कन्या हेतु पृथक-पृथक प्रयास आवासीय विद्यालय सडडू एवं गुढियारी में संचालित है। इसके अतिरिक्त बिलासपुर, सरगुजा, दुर्ग, बस्तर, कांकेर, कोरबा, जशपुर तथा बालोद जिले में छात्र-छा़त्राओं हेतु प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं।

     

  • आर.टी.ई. अधिनियम अंतर्गत प्रदेश के गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में प्रवेश के संबंध में कलेक्टरों को दिशा-निर्देश

    आर.टी.ई. अधिनियम अंतर्गत प्रदेश के गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में प्रवेश के संबंध में कलेक्टरों को दिशा-निर्देश

    रायपुर।

      प्रदेश में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, अप्रैल 2010 से प्रभावशील है। जिसके अन्तर्गत प्रदेश के गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों के प्रारंभिक कक्षाओं में 25 प्रतिशत् आरक्षित सीटों पर कमजोर एवं दुर्बल वर्ग तथा अलाभित समूह के बच्चों को उनकी पहुंच सीमा में प्रवेश दिलाया जाता है। किन्तु यह संज्ञान में आ रहा है कि इन वर्गों के विद्यार्थियों को अधिनियम की मंशा के अनुरूप इस महत्वपूर्ण योजना का पूर्ण लाभ नहीं मिल पा रहा है और वे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में योजना का मैदानी स्तर पर योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु समय-समय पर शासन द्वारा विभिन्न आदेश, दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी द्वारा आरटीई अधिनियम के अंतर्गत जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी कर पुनः आपका ध्यान आकृष्ट किया जा रहा है- अधिनियम की धारा 12 (1) (ब) में यह स्पष्ट उल्लेख है कि निजी स्कूलों में प्रारंभिक कक्षा में, दुर्बल वर्ग और असुविधाग्रस्त समूह के उस कक्षा के बालकों की कुल संख्या के कम से कम 25 प्रतिशत् की सीमा तक प्रवेश देगा और निःशुल्क और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा की, उसके पूरा होने तक, व्यवस्था करेगा।

    निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, की धारा 36 के तहत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार द्वारा उक्त अधिनियम की धारा 13 की उप-धारा (2), धारा 18 की उप-धारा (5) एवं धारा 19 की उप-धारा (5) के अधीन दण्डनीय अपराधों का अभियोजन संस्थित करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को अपने-अपने क्षेत्राधिकार की सीमा में ‘सक्षम प्राधिकारी‘ अधिसूचित किया गया है। सक्षम प्राधिकारी की हैसियत से अधिनियम का निचले स्तर पर पालन कराये जाने का सम्पूर्ण दायित्व जिला शिक्षा अधिकारी का है।इस योजना के सुचारू एवं पारदर्शी संचालन हेतु वर्ष 2018-19 से आर.टी.ई. पोर्टल का निर्माण किया गया है, जिसके माध्यम से ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित कर लॉटरी के माध्यम से विद्यार्थियों का चयन करते हुए उनके द्वारा चाहे गये विद्यालयों में प्रवेश कराया जाता है।

    सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रारंभिक कक्षा में प्रवेश हेतु विद्यार्थियों की पहुंच सीमा की परिधि में संचालित शालाओं की मैपिंग की जाती है। अतः सभी विद्यालयों की आर.टी.ई. पोर्टल में मैपिंग हो, यह आवश्यक है। इस हेतु अपने जिले में योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार हो, ऐसा प्रयास किया जाये, साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखा जावे कि जिले में संचालित सभी गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालय आर.टी.ई. पोर्टल में अनिवार्य रूप से पंजीकृत हों जिससे अधिक से अधिक विद्यार्थी योजना अंतर्गत उन विद्यालयों में प्रवेश प्राप्त कर सकें।

    प्राथमिक शाला के संदर्भ में बसाहट के एक किलोमीटर के भीतर स्थित विद्यालयों को बसाहट सीमा के निर्धारण में शामिल किया जाता है। बसाहट सीमा के निर्धारण में यह संभव है कि क्षेत्र विशेष में एक किलोमीटर के भीतर एक से अधिक अशासकीय, शासकीय या दोनो तरह के विद्यालय हों। यह भी संभव है कि, अशासकीय विद्यालय के एक किलोमीटर के भीतर भौगोलिक रूप से कोई बसाहट न हो। इस स्थिति में ऐसे अशासकीय विद्यालय के लिये उपयुक्त बसाहट सीमा में क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा क्षेत्र का निर्धारण किया जावेगा।

    निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, के अंतर्गत विद्यालयों के द्वारा विद्यार्थियों को स्कूल पाठ्यपुस्तकें, गणवेश एवं लेखन सामग्री विद्यार्थियों को निःशुल्क उपलब्ध कराया जाना है। कतिपय विद्यालयों के द्वारा स्कूल पाठ्यपुस्तकें, गणवेश एवं लेखन सामग्री विद्यार्थियों को निःशुल्क उपलब्ध न कराकर नगद राशि प्रदान की जा रही है, जो कि अधिनियम में उल्लेखित प्रावधान का उल्लंघन है, जिसके लिये दोषी पाये जाने पर वे अधिनियम की धारा 18 (3) के तहत दण्ड के भागी होंगे साथ ही माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जनहित याचिका में पारित निर्णय अनुसार अवमानना के दोषी होंगे।
    यद्यपि कक्षा 9वीं से 12वीं तक शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू नहीं होता है किन्तु छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शिक्षा के अधिकार अधिनियम अन्तर्गत् प्रवेशित छात्रों का कक्षा 8वीं के पश्चात् पढ़ाई में निरन्तरता बनाये रखने हेतु कक्षा 9वीं से 12वीं तक निःशुल्क शिक्षा प्रदाय करने का निर्णय लिया गया है, जिनके शिक्षण शुल्क की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा वहन किया जाता है। इसके अंतर्गत प्रति छात्र 15 हजार रूपए एवं शिक्षण सामग्री हेतु एक हजार रूपए देय है।

    यह संज्ञान में आया है कि अधिनियम अन्तर्गत् प्रवेशित कुछ छात्र पढ़ाई के मध्य में ही विद्यालय का त्याग कर देते हैं परन्तु उन विद्यार्थियों का नाम पोर्टल में प्रदर्शित होता रहता है, ऐसी स्थिति में संबंधित विद्यालय के द्वारा उन विद्यार्थियों को ड्राप आउट मार्क किया जाना अनिवार्य है, परन्तु अधिकांश विद्यालयों के द्वारा आर.टी.ई. पोर्टल में उपरोक्तानुसार कार्यवाही नहीं की जाती है। नोडल प्राचार्य, जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा विद्यालय में वास्तविक रूप से अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों का ही देयक पारित किया जा सके, इस हेतु यह आवश्यक है कि प्रतिवर्ष कम से कम दो बार आर.टी.ई. अन्तर्गत् चयनित विद्यार्थियों का भौतिक सत्यापन किया जावे।

    योजना का मुख्य उद्देश्य कमजोर एवं दुर्बल वर्ग तथा अलाभित समूह के बच्चों को सामान्य विद्यार्थियों के समान उनके साथ निःशुल्क शिक्षा प्रदान करना है, इस हेतु सतत् निरीक्षण किया जाना आवश्यक है। जिले में असमानता की स्थिति निर्मित होने पर जिला शिक्षा अधिकारी संबंधित विद्यालय के विरूद्ध प्रावधानों में उल्लेखित कार्यवाही करने हेतु अधिसूचित हैं तथा उन्हें समस्त अधिकार प्रदत्त हैं।

    आर.टी.ई. के अंतर्गत की जाने वाली कार्यवाहियों के लिये प्रतिवर्ष कैलेण्डर बनाकर राज्य में प्रसारित किया जाता है। इस वर्ष 2024-25 के लिये जारी कैलेण्डर के अनुसार जिले के समस्त गैर अनुदान प्राप्त निजी विद्यालयों के प्रबंधक, प्राचार्यों की एक बैठक 10 दिवस के भीतर बुलाना सुनिश्चित करें जिसमें यह समीक्षा किया जाना अपेक्षित है कि उनके विद्यालय में प्रारंभिक कक्षा में कितने विद्यार्थियों ने आर.टी.ई. के तहत प्रवेश लिया था तथा उनमें से कितने विद्यार्थियों ने उनके विद्यालय में उपलब्ध अंतिम कक्षा (कक्षा 8वीं, 10वीं, 12वीं) तक की पढ़ाई पूर्ण की है और कितने बच्चें बीच में ही पढ़ाई छोड़कर ड्रॉप आउट हो गये है। इस दौरान कृपया यह भी आवश्यक रूप से समीक्षा करें कि कहीं ड्रॉप आउट होने का कारण विद्यालय की महंगी यूनिफॉर्म, पुस्तकें, अन्य शुल्क, असमानता का व्यवहार तो नहीं है।

    सचिव स्कूल शिक्षा ने विश्वास व्यक्त किया है कि ड्रॉप आउट बच्चों के व्यक्तिशः कारणों की सूची तैयार करने पर जिले में आर.टी.ई. के सफल क्रियान्वयन हेतु योजना तैयार करने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी अपेक्षा की है कि इस तरह की त्रैमासिक समीक्षात्मक बैठकों का आयोजन एवं इन विद्यालयों के सघन निरीक्षण का तंत्र विकसित कर इस योजना के सफल संचालन में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

  • ऑनलाईन आर.टी.ई. पोर्टल के माध्यम से अशासकीय स्कूलों में प्रवेश के लिए लॉटरी एवं आबंटन 20 मई से

    ऑनलाईन आर.टी.ई. पोर्टल के माध्यम से अशासकीय स्कूलों में प्रवेश के लिए लॉटरी एवं आबंटन 20 मई से

    रायपुर ।

    निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम (आर.टी.ई.) अंतर्गत वर्ष 2024-25 के लिए प्रदेश में संचालित निजी विद्यालयो में आर.टी.ई. पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन, भर्ती की कार्यवाही की जाएगी। स्कूलों में प्रवेश के लिए प्रथम चरण में लॉटरी एवं आबंटन की कार्यवाही 20 मई से 30 मई तक की जाएगी और उसके बाद स्कूल में दाखिला की प्रक्रिया 1 जून से 30 जून तक होगी।

    आर.टी.ई. के अंतर्गत की जाने वाली कार्यवाही के लिए निर्धारित कैलेण्डर के अनुसार द्वितीय चरण के लिए नवीन स्कूल पंजीयन (आवेदन) और जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सत्यापन कार्य 15 जून से 30 जून तक किया जाएगा। छात्र पंजीयन (आवेदन) 1 जुलाई से 8 जुलाई तक होगा। इसके बाद नोडल अधिकारियों द्वारा दस्तावेजों की जांच 9 जुलाई से 15 जुलाई तक की जाएगी। लॉटरी एवं आबंटन का कार्य 17 जुलाई से 20 जुलाई तक किया जाएगा। इसके बाद स्कूल में दाखिला की प्रक्रिया 22 जुलाई से 31 जुलाई तक की जाएगी। वर्ष 2023-24 के लिए ऑनलाईन दावा प्रक्रिया 1 अगस्त से 30 अगस्त तक किया जा सकेगा।

    लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा इस संबंध में सभी कलेक्टरों, संभागीय शिक्षा अधिकारियों और जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी निर्देश में कहा गया है कि आर.टी.ई. अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने इस संबंध में अधिनियम के प्रावधान के अंतर्गत नोडल अधिकारी की जानकारी, क्षेत्र का निर्धारण, मान्यता संबंधी कार्यवाही पूर्ण कर ली जाए। आरक्षित सीटों का निर्धारण, प्रवेश एवं सूचना के लिए आवेदन प्राप्त करना, आवेदन पत्रों की समीक्षा एवं प्रचार-प्रसार, आबंटन प्रक्रिया एवं शुल्क की प्रतिपूर्ति व प्रक्रिया समय-सारिणी अनुसार संपादित की जाए।

  • मैट्स विश्वविद्यालय ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

    मैट्स विश्वविद्यालय ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

     रायपुर।

    स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मैनेजमेंट स्टडीज ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन का आयोजन किया। जिसमें मुख्य अतिथि कलेक्टर रायपुर  गौरव सिंह और निदेशक वित्त, छत्तीसगढ़ सरकार  शीतल सारस्वत वर्मा थे । उन्होंने 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के मुख्य पहलुओं पर प्रकाश डाला और साथ ही उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया।
    कार्यक्रम के दूसरे दिन विदेश (नाइजीरिया, दुबई, अमेरिका) के विभिन्न संकाय सदस्यों और अनुसंधान विद्वानों द्वारा तकनीकी ऑनलाइन सत्र में विभाजित किया गया था ।उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र के प्रमुख पहलुओं पर चर्चा की और शोध पत्र प्रस्तुत किया । साथ ही विभिन्न कॉलेजों के छात्र अनुसंधान विद्वानों और संकाय सदस्यों ने भी चर्चा की और 2 दिवसीय सम्मेलन में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए
    तकनिकी सत्र की अध्यक्षता (आईआईआईटी नया रायपुर) के डॉ. अमित अग्रवाल ने की, साथ ही कार्यक्रम में विश्वविद्यालय द्वारा सामाजिक पहल की गई, नशे की लत पर टीआई  रोहित कुमार मालेवार द्वारा एक सामाजिक अभियान (निजात ) का आयोजन किया गया और उन्होंने इस पर व्याख्यान दिया कि कैसे छात्रों को ऐसी असामाजिक गतिविधियों में शामिल नहीं होना चाहिए
    सत्र की शुरुआत में ग्रीन आर्मी के संस्थापक और सीईओ सीए अमिताभ अग्रवाल द्वारा एक विशेष बातचीत आयोजित की गई कि छात्र कैसे खुद को विकसित कर सकते हैं और अपने करियर में सफल हो सकते हैं
    दूसरे दिन समापन कार्यक्रम से पहले सभी गणमान्य व्यक्तियों के भाषण आयोजित किए गए, जिसमें विभिन्न श्रेणियों के तहत पुरस्कार वितरण किया गया, जैसे कि सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार, समन्वयक पुरस्कार और छात्रों को प्रमाण पत्र दिए गए तथा समूह फोटो सत्र किया गया और रजिस्ट्रार मैट्स यूनिवर्सिटी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम का समापन हुआ।
    मैट्स यूनिवर्सिटी के चांसलर  गजराज पगारिया, कुलपति प्रो.डॉ.के.पी.यादव, महानिदेशक  प्रियेश पगारिया और रजिस्ट्रार गोकुलानंद पांडा ने अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कीं और दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन के लिए डॉ. उमेश गुप्ता विभागाध्यक्ष और उनकी टीम को आशीर्वाद दिया।

  • कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में प्रवेश हेतु आवेदन आमंत्रित

    कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में प्रवेश हेतु आवेदन आमंत्रित

    जांजगीर-चांपा।

      जांजगीर-चांपा के 05 व जिला सक्ती के 02 कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय में कक्षा 6वी में प्रवेश हेतु आवेदन 20 मई 2024 से 31 मई 2024 तक आमंत्रित किया गया है। इच्छुक छात्राएँ व उनके अभिभावक सार्वजनिक अवकाश को छोड़कर कार्यालयीन समय में अपने निकटतम विकासखण्ड में स्थित कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में अधीक्षिका कार्यालय में उपस्थित हो कर प्रवेश हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं।

    जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा ने बताया कि जिला जांजगीर-चांपा में विकासखण्ड अकलतरा में कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय हरदी, विकासखण्ड बलौदा में कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय पहरिया, विकासखण्ड बम्हनीडीह में कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय बिर्रा, विकासखण्ड नवागढ़ में कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय बरगांव, विकासखण्ड पामगढ़ कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय ससहा, एवं जिला सक्ती के विकासखण्ड जैजैपुर कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय चिस्दा, विकासखण्ड सक्ती कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय नगरदा में आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है। कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में छात्राओं को निःशुल्क आवासीय सुविधा, भोजन व्यवस्था, गणवेश पाठ्य पुस्तक, दैनिक उपयोग की वस्तुएँ शासन के निर्देशानुसार उपलब्ध कराई जाती है। इन विद्यालय में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग में गरीबी रेखा के नीचे आउट ऑफ स्कूल व अनाथ बच्चो एकल अभिभावक के छात्राओं को प्राथमिकता के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा।

  • समर कैम्प में बच्चों की निखर रही प्रतिभा

    समर कैम्प में बच्चों की निखर रही प्रतिभा

    कोरबा ।

    अग्रसेन पब्लिक स्कुल में 18 दिन से संचालित समर कैप के समापन के अवसर समारोह अयोजित किया गया । अग्रसेन पब्लिक स्कुल के 18 दिनों से अयोजित समर कैम्प का अयोजन किया गया था जिसके आज दिनांक को समापन हुआ इस अवसर पर अयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सुमेरमल डालमिया अध्यक्ष चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज बालको व विशिष्ठ अतिथि के रूप में अग्रवाल सभा के अध्यक्ष राजेन्द्र अग्रवाल उपस्थित हुये कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि व विशिष्ठ अतिथि के द्वारा माता सरस्वती व महाराज अग्रसेन की पूजा अर्चना व दीपप्रज्जवल के साथ कि गई । इस अवसर पर अग्रेसन शिक्षण समिति विद्यालय के अध्यक्ष अखिलेश अग्रवाल के द्वारा अपने उदबोधन में कहा कि विद्यालय के द्वारा अयोजित समर कैम्प में बच्चों ने अनेको गुण सिखाये गये इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि अग्रवाल सभा अध्यक्ष राजेन्द्र अग्रवाल ने अपने उदबोधन में कहा कि अग्रवाल सभा शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देते रहे है समाज का सहयोग मिलता रहा है बच्चें भविष्य में अच्छे नागरिक बने मुख्य अतिथि सुमेरमल डालमिया ने अपने उदबोधन में कहा कि आज बच्चों के बीच आने का सुअवसर मुझे मिला बच्चे 18 तारीख से सीख रहे बच्चे जीवन में अभी सिखी हुई कला का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें जिससे उनका भविष्य में निखार आवश्य आयेगा ।

    समर कैम्प में जहां पढाई के साथ साथ अन्य प्रतिभाओं को बच्चों को दिखया गया गुल्लक सजावट, फलावर पॉट सजावट और मेंकिग जुम्बा, आत्म सुरक्षा, ड्राइंग पेंटिंग सेल्फ मेकअप, डांस, क्ले आर्ट, फायरलेस कुकिंग, बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट इसके साथ ही बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए विभिन खेल कुद में चेस, बेडमिटन, क्रिकेट के गुणों को सिखाया गया जिसमें बच्चों को विकास हो सके उन्हें अपनी प्रतिभा को उजागार करने समर कैम्प में मिटटी से जूडे मिटटी के कलाकृति में बच्चों ने विशेष रूचि दिखते हुए कला को जहां अपने कोमल हाथों से निर्माण किया एक अवसर भी मिल सके विद्यालय के द्वारा अयोजित समर कैम्प में समापन समारोह में बच्चों के प्रशिक्षण दिये गये शिक्षक शि़क्षकाओं का विद्यालय अग्रसेन शिक्षण समिति के द्वारा सम्मान भी किया गया । इस अवसर पर विद्यालय की अग्रसेन शिक्षण समिति के सचिव सीए त्रिलोकीनाथ बजाज गोपाल प्रसाद केडिया अनिता सिंघल राजेश केडिया मनीष अग्रवाल अखिल अग्रवाल (सोनु), नेहा पोददार मनोज कुमार अग्रवाल रूचिका अग्रवाल अग्रवाल सभा सचिव गोपाल अग्रवाल, कोषाध्यक्ष रमन अग्रवाल अग्रसेन शिक्षण समिति महाविद्यालय अध्यक्ष सुनील जैन अग्रवाल महिला मंडल अध्यक्षा  मनीषा गोयल सचिव  रश्मि सरावगी व प्राचार्या शोमा सोनी एवं अग्रबन्धुगण व शिक्षक शिक्षकाऐं व भारी संख्या बच्चे भी उपस्थित थे