Category: एजुकेशन न्यूज़

  • 20 वर्षों से अशिक्षा का दंश झेल रहे मुदवेंडी में दिखने लगी उम्मीदों की किरण

    20 वर्षों से अशिक्षा का दंश झेल रहे मुदवेंडी में दिखने लगी उम्मीदों की किरण

    रायपुर ।

    मुख्यमंत्री   विष्णु देव साय की पहल पर बस्तर अंचल के बीजापुर जिले में 20 सालों से शिक्षा के प्रकाश से वंचित मुदवेंडी गांव में नए शिक्षा सत्र में स्कूल की घंटी बजनी शुरु हो जाएगी। सड़क और सुरक्षा के विस्तार के बाद अब मुदवेंडी के बच्चों को शिक्षा के अधिकार का लाभ मिलेगा और अशिक्षा के अंधकार से मुक्ति मिलेगी। नए शिक्षा सत्र में बीजापुर जिले में 24 बंद स्कूल और 32 नए स्कूल खोले जा रहे हैं। डुमरीपालनार, तोड़का, सावनार, कोरचोली, कावड़गांव जैसे गांव में 20 साल बाद स्कूल खुल रहे हैं।

    20 सालों  से अशिक्षा का दंश झेल रहे मुदवेंडी को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री   विष्णु देव साय की पहल से और जिला प्रशासन के प्रयासों से सुनहरे भविष्य की किरणे दिखने लगी है और अब यहाँ के नौनिहाल तालीम से वंचित नही रहेंगे। बदलाव की यह शुरुआत स्कूल वेंडे वर्राट पंडूम के घर-घर दस्तक अभियान से संभव हुआ, जब शासन की टीम शालात्यागी और अप्रवेशी बच्चों की शाला में वापसी के लिए ग्रामीणों के बीच पहुंची। शिक्षा के फायदे और शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से मिलने वाले लाभ की जानकारी देकर ग्रामीणों को आश्वस्त किया गया कि भविष्य को संवारने में शिक्षा ही महत्वपूर्ण माध्यम है।

    सड़क सुरक्षा के विस्तार के बीच ग्रामीण अब आश्वास्त है कि उनके बच्चों का भविष्य विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा। विश्वास बहाली के मुहीम के बीच अब माओवाद प्रभावित इलाकों का माहौल तेजी से बदलता दिख रहा है। ग्रामीण स्कूल के लिए स्वयं झोपड़ी तैयार कर रहे हैं ताकि शिक्षा के मंदिर में उनके बच्चों का भविष्य संवर सके। यहाँ शासन आवश्यक बुनियादी जरूरतों के अलावा गाँव के ही शिक्षित बेरोजगारों को शिक्षादूत की जिम्मेदारी देकर निश्चित मानदेय मुहैया करा रहा है ।
    गौरतलब है कि मुदवेंडी गांव नियद नेल्लानार से फिर से आबाद हो रहा है तथा बुनियादि सुविधाओं के विस्तार के साथ-साथ सुरक्षा का उजियारा गांव को रोशन करने में कारगर हो रहा है। नियद नेल्लानार (आपका अच्छा गांव) के जरिये विकास की पहूँच और स्कूल वेंडे वर्राट पंडूम से शिक्षा की मुख्यधारा में लौटने की अपील का असर अब माओवाद प्रभावित इलाकों में दिखने लगा है।

  • कोरबा जिले के मेधावी विद्यार्थियों हेतु नीट, जेईई की तैयारी के रायपुर के लिए के एलन इंस्टीट्यूट में की गई व्यवस्था

    कोरबा जिले के मेधावी विद्यार्थियों हेतु नीट, जेईई की तैयारी के रायपुर के लिए के एलन इंस्टीट्यूट में की गई व्यवस्था

    रायपुर ।

    छत्तीसगढ़ शासन के वाणिज्य, उद्योग एवं श्रम मंत्री   लखनलाल देवांगन की उपस्थिति में आज कोरबा कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में जिले के मेधावी विद्यार्थियों हेतु जेईई, नीट के निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। उन्होंने सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए निरंतर कड़ी मेहनत कर लक्ष्य प्राप्त करने की शुभकामनाएं दी।  इस अवसर पर विधायक पाली तानाखार तुलेश्वर सिंह मरकाम, महापौर नगर निगम राजकिशोर प्रसाद, जिला पंचायत अध्यक्ष   शिवकला छत्रपाल सिंह कंवर,  कलेक्टर  अजीत वसंत, सीईओ जिला पंचायत   संबित मिश्रा, निगमायुक्त   प्रतिष्ठा ममगाई, जिला शिक्षा अधिकारी   टी.पी. उपाध्याय, सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी कर्मचारी, विद्यार्थी एवं उनके पालक उपस्थित थे।

    कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री  देवांगन ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा सराहनीय पहल करते हुए यह कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री   विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रशासन द्वारा निरंतर विकास कार्य किया जा रहा है। खनिज प्रभावित जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य क्षेत्रों में विकास हेतु सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जिले के 100 मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडिकल इंजीनियरिंग जैसे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की जेईई, नीट जैसे प्रवेश परीक्षा की निःशुल्क तैयारी हेतु व्यवस्था की गई है। यह आप सभी के लिए सुनहरा अवसर है। इस अवसर का लाभ उठाएं, आप सभी आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़े, कार्ययोजना बनाकर परीक्षा की तैयारी करें, सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने बच्चों का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि आज से आपकी जिंदगी एक नया मोड़ ले रही है। आपके बेहतर कल की शुरुआत आज से हो रही है। अपने भविष्य को ऊँचे आयाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी आपकी है। इस हेतु आप सभी अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा से पालन करें। खुद पर पूर्ण विश्वास रखें, आने वाली चुनौतियो के लिए खुद को तैयार रखे, खूब मेहनत करें एवं अपने लक्ष्य को हासिल कर अपने परिवार, जिला एवं देश-प्रदेश का नाम पूरी दुनिया मे रौशन करें।

    विधायक पाली तानाखार  मरकाम ने बच्चों के बेहतर शिक्षा हेतु चलाए जा रहे  जिला प्रशासन के इस पहल की सराहना की। उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपना लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ने एवं कड़ी मेहनत से अपनी मंजिल को हासिल करने की शुभकामनाएं दी।महापौर श्री प्रसाद ने कहा कि आप सभी के बेहतर भविष्य के लिए आपके परिजन सहित जिला प्रशासन द्वारा सपना देखा गया है। इस हेतु आने वाले चुनौतियों के लिए खुद को अभी से तैयार करें। आपके कदम सफलता के मार्ग में हैं और आप मेहनत से अपने सपनों को पूरा कर सकेंगें। जिला पंचायत अध्यक्ष   कंवर ने भी बच्चों को अपने मंजिल को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने एवं परेशानियों का निर्भीक होकर सामना करने के लिए कहा।

    कलेक्टर   वसंत ने बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप के जीवन की सफलता की शुरुआत आज हो रही है। आप सभी ने 10वीं बोर्ड परीक्षा में खूब मेहनत कर अच्छा परिणाम प्राप्त किया है, इसी तरह आगे भी आप पूरी लगन से अध्ययन करते रहे। उन्होंने कहा कि नीट, जेईई की निशुल्क आवासीय कोचिंग हेतु आप सभी 100 मेधावी छात्र छात्राओं का चयन किया गया है। आपको गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने हेतु पूरी व्यवस्था की गई है। आप सभी की तैयारी में आने वाले खर्च का वहन छत्तीसगढ़ शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। आप सभी इसका महत्व समझे एवं इस मौके का पूरा लाभ उठाएं, आप सभी निरंतर दृढ़ इच्छाशक्ति से मेहनत कर सफलता अर्जित करें एवं आगामी वर्षाे में बोर्ड परीक्षा दिलाने वाले जिले के बच्चों के लिए प्रेरणा स्रोत बनें। जिससे वे सभी इस कार्यक्रम का लाभ उठाने हेतु परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन के लिए स्वतः प्रेरित रहें।

     बस को हरी झंडी दिखाकर किया गया रवाना

    इस दौरान कैबिनेट मंत्री   देवांगन सहित अन्य जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों द्वारा विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए विद्यार्थियों की बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

    विद्यार्थियों में अपने बेहतर भविष्य निर्माण हेतु नजर आया उत्साह

    छात्र-छात्राओं में भी अपने बेहतर भविष्य निर्माण हेतु उत्साह नजर आया। विद्यार्थियों ने कहा कि यह उनके लिए गौरव का पल है कि उनका चयन एलन जैसे प्रतिष्ठित कोचिंग संस्था में जेईई, नीट परीक्षा की तैयारी के लिए हुआ है। जहां अनुभवी व विषय विशेषज्ञ शिक्षक उनकी परीक्षा की तैयारी कराएंगे। इस हेतु वे सब उत्साहित है एवं परीक्षा में सफलता अर्जित कर प्रशासन द्वारा उन पर किए गए भरोसे को पूरा करेंगे। विद्यार्थियों ने प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन को यह अवसर प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया।

    गौरतलब है कि जिला प्रशासन द्वारा जिला खनिज संस्थान मद से कोरबा जिले के शासकीय विद्यालय से शैक्षणिक सत्र 2023-24 में कक्षा 10वीं से मेरिट सूची में स्थान प्राप्त करने वाले 100 छात्र-छात्राओं (50 विज्ञान व 50 गणित) के लिए नीट व जेईई प्रवेश परीक्षा की गुणवत्तापूर्ण तैयारी हेतु रायपुर के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्था ऐलेन में प्रवेश दिलाया गया है। इन विद्यार्थियों में 72 छात्राएं एवं 28 छात्र शामिल हैं। संस्था में प्रवेश हेतु चयनित विद्यार्थियों का शैक्षणिक शुल्क, भोजन, आवास सहित अन्य सुविधाओं की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की गई है।

  • प्रदेश के सभी स्कूलों में बनाया जाएगा स्मार्ट क्लासरूम: शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल

    प्रदेश के सभी स्कूलों में बनाया जाएगा स्मार्ट क्लासरूम: शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल

    रायपुर  ।

    छत्तीसगढ़ में नये शिक्षा सत्र प्रारंभ होने से पहले शिक्षा मंत्री  बृजमोहन अग्रवाल ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। जिसमें शिक्षा से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए तथा विभिन्न कार्ययोजनाओं पर चर्चा की गई। बैठक में शिक्षकों की भर्ती, वेतन विसंगति, पदोन्नति, नई शालाओं के निर्माण समेत विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा कर जानकारी ली।मंत्री  बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में शिक्षा के स्तर को विश्व स्तरीय बनाने के लिए हम लगातार कार्य कर रहे हैं राज्य में शिक्षकों के 33 हजार रिक्त पदों पर मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री से स्वीकृति के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू की जायेगी। इसके साथ ही राज्य में वेतन विसंगति और संयुक्त संचालक, उप संचालक, प्राचार्य, व्याख्याता, उच्च वर्ग शिक्षक, प्रधानपाठक (माध्यमिक शाला) की पदोन्नति के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया। मंत्री ने इन सारी विसंगतियां को जल्द से जल्द दूर करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।

    मंत्री अग्रवाल ने सभी शासकीय और गैर शासकीय स्कूलों में निःशुल्क पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराने के लिए पाठ्य पुस्तक निगम को निर्देश देते हुए कहा कि पुस्तकों को जिला स्तर पर उपलब्ध कराया जाए, वहां से सभी स्कूलों में शिक्षा सत्र प्रारंभ होने से पहले ही भेज दिया जाए। उन्होंने प्रदेश के जर्जर होते स्कूलों की बिल्डिंग और नए भवनों के निर्माण के लिए डीएमएफ और सीएसआर मद से कार्य कराने के निर्देश दिए। निर्माण कार्यों के लिए शिक्षा विभाग की अलग से इंजीनियरिंग सेल निर्माण प्रक्रिया को जल्द ही पूर्ण करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिया। साथ ही विश्व स्तरीय शिक्षा मुहैया कराने के लिए सभी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम और ई-क्लास रूम बनाने के निर्देश दिए। साथ ही राज्य के ज्यादा से ज्यादा स्कूलों का पीएम  योजना के तहत अपग्रेडेशन करने के निर्देश दिए हैं।

    अग्रवाल ने राज्य के समस्त शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में मैथ्स, साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स संकाय शुरू करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने अनुदान प्राप्त अशासकीय शालाओं की समय-समय पर जाँच एवं निरीक्षण करने को भी कहा एवं अशासकीय शालाओं में आर.टी.ई. के शुल्क की प्रतिपूर्ति की जानकारी ली। उन्होंने अशासकीय शालाओं में शुल्क वृद्धि, गणवेश, पुस्तक खरीदी एवं आर.टी.ई के तहत प्रवेश में गड़बड़ी न हो इसके लिए जिला स्तर पर कमेटी गठित करने को भी कहा जिसमें स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो और नियम विरूद्ध कार्य करने वाले शालाओं के विरुद्ध कार्यवाही के भी निर्देश दिए। उन्होंने बेहतर निजी विद्यालयों को अनुदान देकर विद्यार्थियों को इसमें शिक्षा दिलाने पर जोर दिया।शिक्षा मंत्री अग्रवाल ने विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए एक शैक्षणिक सत्र में दो बोर्ड परीक्षाएं आयोजित किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही कमजोर बच्चों के लिए जिला स्तर पर कोचिंग केंद्र खोलने की बात कही। साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटर शुरू करने के भी निर्देश दिए। विद्यार्थियों को अंग्रेजी भाषा का सही ज्ञान देने के लिए भाषा एक्सपर्ट की नियुक्ति के साथ ही जिन क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी है उसे तत्काल पूरा करने के लिए अतिथि शिक्षकों की भर्ती के निर्देश दिए हैं।

    शिक्षा मंत्री अग्रवाल ने राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए विभाग को शिक्षकों के उचित प्रशिक्षण के लिए निर्देश दिए। साथ ही डाईट सेंटर का फिर से कायाकल्प किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर दूसरे राज्यों से भी राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षकों को बुलाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा में समन्वय के लिए एक समिति बनाने को भी कहा है। अग्रवाल ने अधिकारियों से अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन /2047“ विजन डॉक्यूमेंट को जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। साथ ही न्योता भोज कार्यक्रम की समीक्षा की।समीक्षा बैठक में स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, समग्र शिक्षा प्रबंध संचालक  संजीव झा, लोक शिक्षण संचालक  दिव्या मिश्रा, एससीईआरटी संचालक राजेंद्र कटारा, प्रबंध संचालक पाठ्य पुस्तक निगम कुलदीप शर्मा, सचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल   पुष्पा साहू एवं स्कूल शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

  • बच्चों की वल्ले वल्ले: भीषण गर्मी को देखते हुए राज्य सरकार ने बढ़ा दी स्कूलों की छुट्टियां

    बच्चों की वल्ले वल्ले: भीषण गर्मी को देखते हुए राज्य सरकार ने बढ़ा दी स्कूलों की छुट्टियां

    छत्तीसगढ़
    रायपुर। छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी को देखते हुए प्रदेश के शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य के सभी स्कूलों में 25 जून तक अवकाश की घोषणा की है। अब राज्य के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूल 25 जून तक बंद रहेंगे और 26 जून से खुलेंगे।मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि, छत्तीसगढ़ में गर्मी और हीट वेव के कारण ये फैसला लिया गया है। प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में गर्मी अपने पीक पर है। ज्यादातर लोग गर्म होते मौसम से परेशान हैं। लू और धूप से आम लोगों को दिक्कत हो रही है।

    बच्चों को गर्मी में होने वाली परेशानी को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। अभिभावकों में भी बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बनी हुई है। मंत्री श्री अग्रवाल ने बताया कि, बड़ी संख्या में अभिभावकों का ग्रीष्मकालीन अवकाश बढ़ाने के निवेदन आ रहे थे। जिसके चलते सरकार ने ग्रीष्मकालीन अवकाश को 26 जून तक बढ़ाने का फैसला लिया है। जिसके लिए संबंधित अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैंEसीएमओ छत्तीसगढ़ ने भी एक्स पर इसकी जानकारी शेयर की है ।

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य व्यक्ति का सर्वांगीण विकास : प्रसन्ना आर

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य व्यक्ति का सर्वांगीण विकास : प्रसन्ना आर

    रायपुर  ।

    राजधानी रायपुर स्थित कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का विश्वविद्यालय में क्रियांवयन को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन  किया गया। उच्च शिक्षा विभाग के सचिव  प्रसन्ना आर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए  प्रसन्ना आर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थी के सर्वागींण विकास को केंद्रित कर तैयार की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य है कि व्यक्ति स्वावलंबी होकर नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण रहे। छत्तीसगढ़ प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शैक्षणिक सत्र 2024-25 से लागू की जा रही है। इस संबंध में शासन स्तर पर सभी तैयारियां की जा रही हैं। पत्रकारिता विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का बेहतर क्रियांवयन हो और यह विश्वविद्यालय पूरे प्रदेश में आदर्श के रूप में स्थापित हो ऐसी मेरी अपेक्षा है।

    कार्यक्रम के मुख्यवक्ता राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के राज्य नोडल अधिकारी प्रोफेसर जी. ए. घनश्याम ने विषय “एनईपी 2020 के माध्यम से भारत को विकसित भारत के रूप में बदलना” पर बोलते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य शिक्षा के संस्कार को पैदा करना है। जिसमें भारतीय परंपरा, ज्ञान और कौशल के समावेश पर जोर दिया गया है। यह शिक्षा नीति हमारे देश को विकासशील से विकसित भारत की और ले जायेगी। वहीं विद्यार्थियों में कौशल का विकास करेगी, जिससे वह काम लेने वाले नहीं बल्कि काम देने वाले बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थियों के लिए वरदान है । इसमें कौशल, नैतिक मूल्य और स्वावलंबन पर विशेष जोर दिया गया है। इससे विद्यार्थियों में विविध ज्ञान का विस्तार होगा। च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम पर आधारित राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थियों में शिक्षा का एक नया परिदृश्य सामने रखती है।

    कार्यशाल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 कार्य समूह के सदस्य सचिव प्रोफेसर डी. के. श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रेडिट व्यवस्था को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मल्टीपल एग्जिट और मल्टीपल एंट्री पर महत्व दिया गया है।कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के समग्र विकास को प्रोत्साहित करेगी। व्यावसायिक कौशल के साथ ही  बहुभाषी शिक्षा और समग्र विकास पर जोर देकर विद्यार्थियों में आत्मविश्वास, रचनात्मकता और नैतिक मूल्यों का संवर्धन करेगी, जिससे विद्यार्थी भविष्य के लिए बेहतर ढंग से तैयार हो सकें। शिक्षा और पत्रकार का उद्देश्य ही नैतिक मूल्यों को संवर्धित करना है। जिसके लिए यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 मील का पत्थर साबित होगी।

    कार्यशाला के संयोजक एवं प्रभारी कुलसचिव डॉ. नरेन्द्र त्रिपाठी ने कार्यशाला प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को केंद्रित कर पाठ्यक्रमों के संचालन पर बल दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत पाठ्यक्रमों में प्रवेश की रूपरेखा तय की है।इस अवसर पर विश्वविद्यालय पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन किया गया। साथ ही प्रवेश सत्र-2024-25 के प्रवेश विवरणिका का विमोचन भी किया गया। कार्यशाला में डॉ. देवाशीष मुखर्जी (प्राचार्य, महंत कॉलेज रायपुर), डॉ. रश्मि सिंह (प्राचार्य, पीजी कॉलेज, भानुप्रतापुर), प्रो. सुधीर शर्मा (विभागाध्यक्ष, कल्याण कॉलेज, भिलाई), डॉ, युगल किशोर राजपूत (प्राचार्य, अग्रसेन महाविद्यालय, रायपुर), विश्वविद्यालय अध्ययनशाला के पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष  पंकज नयन पाण्डेय, जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र मोहंती, विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आशुतोष मांडवी, समाजकार्य विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नृपेन्द्र शर्मा, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष शैलेन्द्र खंडेलवाल सहित प्रदेशभर के प्रतिभागी शामिल हुए।

  • कलिंगा विश्वविद्यालय ने अपने परिसर में पांचवें उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) का उद्घाटन किया

    कलिंगा विश्वविद्यालय ने अपने परिसर में पांचवें उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) का उद्घाटन किया

    रायपुर।

    कलिंगा विश्वविद्यालय को अपने पांचवें उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) के उद्घाटन की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है। यह उत्कृष्टता केन्द्र सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के विकास के लिए समर्पित है। यह महत्वपूर्ण आयोजन इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में विकास और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करके क्षेत्र में एमएसएमई को बढ़ावा देने और विकसित करने में एक प्रमुख मील का पत्थर है।

    उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना IamSMEofIndia के सक्रिय समर्थन और मार्गदर्शन से की गई है, जो देश में एमएसएमई क्षेत्र की वृद्धि और विकास के लिए काम करने वाला एक प्रमुख निजी संगठन है – जिसका उद्देश्य एमएसएमई के बीच नवाचार, उद्यमशीलता और कौशल विकास को बढ़ावा देना, छोटे और मध्यम उद्यमों को सशक्त बनाने के लिए आवश्यक समर्थन, संसाधन और वकालत प्रदान करना है।यह केंद्र अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है, जिसमें उन्नत प्रयोगशालाएं, अनुसंधान केंद्र और इनक्यूबेशन स्थान शामिल हैं, जो सभी नए विचारों को बढ़ावा देने और छोटे व्यवसायों के विकास में तेजी लाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

    कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संदीप गांधी ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया और विश्वविद्यालय के दृष्टिकोण और एमएसएमई को उत्कृष्टता केंद्र से मिलने वाले लाभों के बारे में विस्तार से बताया। अपना उत्साह व्यक्त करते हुए डॉ. गाँधी ने कहा, “कलिंगा विश्वविद्यालय में इस उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना में IamSMEofIndia के साथ सहयोग करने पर हमें गर्व है।” इस पहल से न केवल हमारे छात्रों और संकाय को लाभ होगा, बल्कि अत्याधुनिक संसाधनों और विशेषज्ञता के साथ एमएसएमई को सशक्त बनाकर स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।”

    उद्घाटन समारोह में IamSMEofIndia के अध्यक्ष राजीव चावला, यूएन जीसीएनआई के कार्यकारी निदेशक  रत्नेश झा, यूएन जीसीएनआई में सहायक प्रबंधक   आर्य देव, एएनएम स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट एंड कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड की संस्थापक निदेशक मंजूषा सी परियल, अमोघ फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक इंजीनियर पीके निमोनकर और इनक्यूबेशन के सीईओ अग्रांशु द्विवेदी सहित कई प्रतिष्ठित व्यक्ति उपस्थित थे।

    अपने मुख्य भाषण में,  राजीव चावला ने भारत के आर्थिक परिदृश्य में एमएसएमई की महत्वपूर्ण भूमिका और नवाचार एवं सतत विकास को बढ़ावा देने में ऐसे केंद्रों के महत्व पर प्रकाश डाला। “कलिंगा विश्वविद्यालय में इस उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”   चावला ने कहा, “उन्नत प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और मार्गदर्शन तक पहुंच प्रदान करके हम एमएसएमई को अधिक प्रतिस्पर्धी और लचीला बनने में सक्षम बना सकते हैं।”

    कार्यक्रम के दौरान प्रतिष्ठित वक्ताओं ने विषयगत भाषण प्रस्तुत किए।  रत्नेश झा ने एमएसएमई के लिए यूएन जीसीएनआई की शासन व्यवस्था और व्यवसाय अखंडता पहलों का अवलोकन प्रस्तुत किया। आर्य देव ने शासन और व्यावसायिक अखंडता पर विस्तार से चर्चा की।  मंजूषा सी. पारियल ने भारतीय एमएसएमई के लिए जोखिम मानचित्रण और मूल्यांकन पर अंतर्दृष्टि साझा की, तथा सर्वोत्तम प्रथाओं और सफलता की कहानियों पर प्रकाश डाला। इंजीनियर पी.के. निमोनकर ने अनुपालन चुनौतियों से निपटने और एमएसएमई को सशक्त बनाने पर चर्चा की, और अग्रांशु द्विवेदी ने नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं को बढ़ावा देने पर बात की। कलिंगा विश्वविद्यालय में कैरियर और कॉर्पोरेट संसाधन केंद्र (सीसीआरसी) के निदेशक  पंकज तिवारी ने सीसीआरसी के दायरे और संभावनाओं पर प्रस्तुति दी।

    इस आयोजन में तत्काल रुचि देखी गई, मौके पर ही दस सदस्यों की सदस्यता की पुष्टि की गई तथा कई अन्य लोगों ने केंद्र की सेवाओं के लिए पंजीकरण कराने की इच्छा व्यक्त की।  राजीव चावला ने घोषणा की कि पंजीकृत एमएसएमई सदस्यों को कभी-कभी जर्मनी और अन्य देशों की प्रायोजित विदेश यात्राएं मिलती हैं, जो इस पहल के लाभों को रेखांकित करता है।

    कलिंगा विश्वविद्यालय में उत्कृष्टता केन्द्र (सीओई) विभिन्न क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करेगा, जिसमें व्यावसायिक अखंडता, नए जोखिम और अनुपालन, डिजिटल परिवर्तन, टिकाऊ प्रथाएं और बाजार विस्तार रणनीतियां शामिल हैं। इसका उद्देश्य शिक्षा जगत और उद्योग के बीच सहयोग को सुविधाजनक बनाना तथा एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना है जहां पारस्परिक वृद्धि और विकास के लिए ज्ञान और विशेषज्ञता को साझा किया जा सके।

    यह नया सीओई छत्तीसगढ़ भर में एमएसएमई की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय की व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि वे भारत की आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण घटक बने रहें। इस पहल के साथ, कलिंगा विश्वविद्यालय एमएसएमई नवाचार और उत्कृष्टता का केंद्र बनने के लिए तैयार है, जो क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा। विश्वविद्यालय में पहले से ही चार कार्यात्मक उत्कृष्टता केंद्र हैं, जो बॉश, भारत ड्रोन सिस्टम्स गोदावरी, इलेक्ट्रिक और टेक्नोविज ऑटोमेशन जैसे अग्रणी उद्योगों द्वारा प्रायोजित हैं।

    इस कार्यक्रम में कलिंगा विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे जिनमें मनीष सिसोदिया, अरूप हलदर,  जयश्री वर्मा, अभिजीत शर्मा और शेख अब्दुल कादिर शामिल थे। समारोह का संचालन छात्र कल्याण की प्रभारी डीन लेफ्टिनेंट विभा चंद्राकर ने कुशलतापूर्वक किया और  पंकज तिवारी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ समापन हुआ।

  • सभी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में कॉमर्स एवं आर्ट्स आरंभ करने की मांग

    सभी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में कॉमर्स एवं आर्ट्स आरंभ करने की मांग

    रायपुर।

    गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार के बच्चों के सामने आर्थिक समस्या रोड़ा नहीं बने, इसके लिए प्रदेश में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की स्थापना की गई थी। प्रदेश में संचालित 403 अंग्रेजी स्वामी आत्मानंद स्कूलों में अब तक आर्ट्स विषय के शिक्षकों का पद सेटअप में स्वीकृति तक नहीं दी गई और कई स्कूलों में कॉमर्स विषय भी नहीं है, जिससे बच्चों को काफी निराश हो रही है, क्योंकि ज्यादातर बच्चें इन्हीं दो विषयों पर अपनी रूचि दिखा रहे है।

    बच्चों की रूचि को देखते हुए छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने वर्ष 2022 में सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर इन स्कूलों में आर्ट्स विषय आरंभ करने की मांग की थी, जिसके पश्चात ठीक चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री ने भी स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में आर्ट्स विषय आरंभ करने की घोषणा की थी, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने रूचि नहीं दिखाया, जिसके कारण सेटअप में आर्ट्स विषय के शिक्षक पद की स्वीकृति नहीं दिया जा सका। पॉल का कहना है कि जिस विषय को बच्चें ज्यादा पसंद करते है, उन्हीं विषयों के शिक्षक स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में नहीं है, जिसके कारण बच्चें दसवी उत्तीर्ण होने के पश्चात् प्रायवेट स्कूलों में मोटी फीस देकर पढ़ने को मजबूर हो रहे है। इसलिए इस सत्र से इन स्कूलों में आर्ट्स एवं कॉमर्स विषय आरंभ करने की मांग की गई है।

  • पर्यावरण संरक्षण जागरूकता को लेकर ड्राइंग कंपटीशन 5 को आयोजित

    पर्यावरण संरक्षण जागरूकता को लेकर ड्राइंग कंपटीशन 5 को आयोजित

    रायपुर।

    जमाअत ए इस्लाम हिंद, रायपुर के द्वारा पर्यावरण जागरूकता अभियान के तहत 5 जून 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ड्राइंग कंपटीशन आयोजित की जा रही है। ड्राइंग कंपटीशन का शीर्षक ” पर्यावरण संरक्षण जागरूकता ” है जिसको दो वर्गों में बांटा गया है। पहला ग्रुप-ए में 6 से 12 साल और दूसरा ग्रुप-बी में 13 से 18 साल उम्र तक प्रतिभागी शामिल हो सकते हैं। ड्राइंग प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को टॉप 3 ड्राइंग को नगद पुरस्कार एवम भाग लेने वालो को सांत्वना पुरस्कार दिया जाएगा। ड्राइंग कंपटीशन में हिस्से लेने के लिए मोबाइल नंबर- 8962258883,9893271144 पर संपर्क कर सकते हैं –
    जमाअत ए इस्लामी हिंद, रायपुर पर्यावरण जागरूकता के तहत 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर वृक्षारोपण किया जाएगा साथ ही समाज में लोगों को पर्यावरण जागरूकता के लिए बहुत सी बातों की तरफ ध्यान दिला रही है
    जैसे–
    १)घरों में नल ढीले हो गए हैं तो उनकी तुरंत मरम्मत करवाये
    २) समाज में या मोहल्ले में कहीं भी पानी व्यर्थ बह रहा हो तो उसे रोकने के लिए प्रयास करें
    ३) घरों में कंपलेक्स में, सरकारी भवन में, सामाजिक एवं धार्मिक भावनो में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था करें जिससे वर्षा के जल को एकत्रित कर जल संचय किया जा सके।
    ४) पानी बचाने के लिए होटल, रेस्टोरेंट में स्टिकर लगाए
    ५) जो लोग अपने घरों में RO का इस्तेमाल करते हैं उससे वेस्ट निकलने वाले पानी को एकत्रित करके इस्तेमाल में लाया जाए जैसे बर्तन धोने कपड़ा धोने पेड़ो में पानी डालने के उपयोग में लाना चाहिए।
    ६) रोजमर्रा के कामों में काम से कम पानी का कम उपयोग करें।
    ७)ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाए और पेड़ो की रक्षा करें।
    इसके अलावा संस्था द्वारा पर्यावरण जागरूकता के लिए विशेष अवसरो पर भाषण प्रतियोगिता, सोलगन, पोस्टर, फैंसी ड्रेस आदि कार्यक्रम आयोजित करते हैं।

  • ऐसे कर सकते हैं यूपीएससी प्रीलिम्स की तैयारी, जाने ये टिप्स

    ऐसे कर सकते हैं यूपीएससी प्रीलिम्स की तैयारी, जाने ये टिप्स

    नई दिल्ली। यूपीएससी प्रीलिम्स एग्जाम की डेट में लोकसभा चुनाव के चलते बदलाव किया गया है. अब इस परीक्षा का आयोजन 16 जून को होगा. ऐसे में उम्मीदवारों को परीक्षा की तैयारी के लिए और समय मिल गया है. इस समय में उम्मीदवार खास रणनीति तैयार कर परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं. एग्जाम की तैयारी के दौरान उम्मीदवार यहां दी गई बातों को फॉलो कर सकते हैं.

    UPSC की प्रारंभिक परीक्षा में दो वस्तुनिष्ठ प्रश्न पत्र होते हैं, जिनमें कुल 400 अंक होते हैं. इस परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवारों को मेन्स एग्जाम में बैठने का मौका मिलेगा. यूपीएससी प्रीलिम्स एग्जाम की तैयारी करने के लिए उम्मीदवार सबसे पहले सिलेबस और परीक्षा पैटर्न को अच्छी तरह समझ लें. उम्मीदवार परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालों के प्रकार और उनसे जुड़े स्कोर डिस्ट्रीब्यूशन को ध्यान में रखें. अभ्यर्थी तैयारी करने के लिए सिलेबस के अनुसार टाइम टेबल बना लें. अभ्यर्थी एग्जाम की तैयारी करने के लिए एनसीईआरटी की किताबों की मदद लें. उम्मीदवार प्रत्येक दिन के हिसाब से टारगेट सेट कर लें कि आज कितना कोर्स खत्म करना है.

    मॉक टेस्ट दें उम्मीदवार
    तैयारी के समय उम्मीदवार पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को हल करने से आपको परीक्षा के प्रारूप और प्रश्नों के प्रकार को समझने में मदद मिलेगी. अभ्यर्थी नियमित रूप से अपने अध्ययन को रिवीजन करें और महत्वपूर्ण बिंदुओं को याद रखने का प्रयास करें. उम्मीदवार ऑनलाइन मॉक टेस्ट दें. यूपीएससी की तैयारी के दौरान अभ्यर्थी मानसिक स्वास्थ्य का खास ख्याल रखें हैं.

    न लें प्रेशर
    उम्मीदवार नियमित रूप से व्यायाम करें, स्वस्थ भोजन करें और पर्याप्त नींद लें. उम्मीदवार करेंट अफेयर्स को ज्यादा टाइम दें व उन पर फोकस करें. पिछले 1-2 साल के करेंट अफेयर्स रिवाइज करें. परीक्षा के वक्त प्रेशर बिलकुल भी न लें.

  • यूपीएससी प्रीलिम्स की परीक्षा 16 जून को; एडमिट कार्ड 6 जून को होगा जारी

    यूपीएससी प्रीलिम्स की परीक्षा 16 जून को; एडमिट कार्ड 6 जून को होगा जारी

    नई दिल्ली। यूपीएससी प्रीलिम्स के एडमिट कार्ड को लेकर आयोग ने अभी तक कोई घोषणा नहीं की है। सूत्रों के अनुसार इस साल एडमिट कार्ड 6 जून को जारी किया जा सकता है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तरफ से प्रीलिम्स परीक्षा का आयोजन 16 जून 2024 को होना है। हर साल की तरह इस साल भी लाखों कैंडिडेट्स इस परीक्षा में शामिल होने वाले हैं। जिन भी कैंडिडेट्स ने इस साल की यूपीएससी परीक्षा के लिए आवेदन किया है, वे अपना एडमिट कार्ड का इंतजार कर रहे हैं।

    प्रीलिम्स की परीक्षा 16 जून को
    यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा को लेकर अभी तक एडमिट कार्ड जारी करने की कोई डेट सामने नहीं आई है, लेकिन तरीख का अनुमान लगाया गया है। आमतौर पर आयोग परीक्षा से 10 दिन पहले एडमिट कार्ड जारी कर देता है। प्रीलिम्स की परीक्षा 16 जून को होनी है। ऐसे में माना जा रहा है कि 6 जून या इसके बाद कभी भी एडमिट कार्ड जारी कर दिया जाएगा।

    UPSC Prelims Admit Card ऐसे करें डाउनलोड

    • सबसे पहले यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर जाएं।
    • होमपेज पर ‘New Section’ ऑप्शन पर जाएं।
    • एडमिट कार्ड जारी होने के बाद ‘E Admit Card: Civil Services Exam 2024’ पर क्लिक करें।
    • अपना लॉगिन क्रेडेंशियल दर्ज करें और सबमिट पर क्लिक करें।
    • आपका एडमिट कार्ड स्क्रीन पर खुल जाएगा।
    • परीक्षा में एडमिट कार्ड ले जाना अनिवार्य है, बिना एडमिट कार्ड के किसी भी उम्मीदवारों को एग्जाम हॉल में एंट्री नहीं दी जाएगी।
    • एडमिट कार्ड के साथ एक वेलिड आईडी जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, वोटर आईडी आदि जरूर रख लें।
    • उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे रिपोर्टिंग समय से कम से कम 30 से 60 मिनट पहले अपने एग्जाम सेंटर पहुंचे।
    • इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जैसे मोबाइल फोन, स्मार्टवॉच और अन्य प्रतिबंधित आइटम परीक्षा हॉल के अंदर ले जाने की अनुमित नहीं होगी।
    • UPSC प्रीलिम्स के दौरान अपने आंसर को भरने के लिए एक काले रंग का बॉलपॉइंट पेन भी साथ रख लें।
    • परीक्षा के दौरान हाइड्रेटेड रहने के लिए अपनी पर्सनल पानी की बोतल साथ रख सकते हैं।