Category: एजुकेशन न्यूज़

  • 16वें वित्त आयोग के प्रतिनिधि मंडल ने देर रात पहुंचकर नालंदा परिसर का किया अवलोकन

    16वें वित्त आयोग के प्रतिनिधि मंडल ने देर रात पहुंचकर नालंदा परिसर का किया अवलोकन

    रायपुर। 

    16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने नालंदा परिसर की लाईब्रेरी का देर रात पहुंचकर अवलोकन किया। प्रतिनिधिमंडल के साथ वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी भी उपस्थित थे।इस मौके पर  पनगढ़िया के साथ अन्य सदस्य डॉ. सौम्यकांति घोष,  एन्नी जार्च मैथ्यू, वित्त आयोग के सचिव रित्विक पांडे भी उपस्थित थे। उनका कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह तथा अन्य अधिकारियों ने गुलाब फूल और विवेकानंद साहित्य देकर स्वागत किया। प्रतिनिधिमंडल ने लाईब्रेरी की कार्य प्रणाली, विद्यार्थियों की बैठने की व्यवस्था, पुस्तकों को इशू करने की व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था सहित  प्रवेश प्रक्रिया और शुल्क की जानकारी ली।  पनगढ़िया ने नालंदा परिसर की सराहना करते हुए कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि नालंदा परिसर की लाईब्ररी में विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए अनुकूल वातावरण और बहुत अच्छी सुविधा है। ऐसे वातावरण में विद्यार्थी तन्मयता से इतनी रात को भी निश्चिंत होकर अध्ययन कर रहे हैं। उनके लिए विविध प्रकार की व्यवस्था है जिससे उन्हें उनके लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग मिलेगा। ऐसा मॉडल अन्य जगह पर लागू किए जाने का प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने  अध्ययनरत् विद्यार्थियों से बातचीत की। विद्यार्थियों ने उनसे आयोग से संबंधित प्रश्न किए।  पनगढ़िया ने तथा अन्य सदस्यों ने वित्त आयोग की कार्य प्रणाली के बारे में जानकारी दी।

    वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने बताया आयोग के सदस्यों को बताया कि यहां पर 500 रूपए की शुल्क पर सदस्यता प्रदान की जाती है। यहां पर विद्यार्थियों की मांग के आधार पर पुस्तकों की समय-समय पर खरीदी की जाती है और जिस किताब की ज्याद मांग हो उसे ज्यादा संख्या में खरीदा जाता है, ताकि अधिकाधिक सदस्य अध्ययन कर सके। विद्यार्थियों के लिए  24 घंटे, सातों दिन अध्ययन की सुविधा है। लाईब्रेरी के अलावा बाहर में भी बैठने की व्यवस्था की गई है। चौधरी ने प्रतिनिधिमंडल को लाईब्ररी के भू-तल, प्रथमतल और रूफ टॉप का भी अवलोकन कराया और बताया कि यहां पर लंबी वेटिंग होने के कारण भविष्य में रूफ टॉप में बैठने की व्यवस्था कराई जाएगी। इस अवसर पर कलेक्टर गौरव सिंह एवं जिला पंचायत सीईओ विश्वदीप उपस्थित थे।

    बिना इशू कराए पुस्तक ले जाने में बजा सिग्नल, सदस्यों ने देखी यह व्यवस्था

    लाईब्रेरी के संबंध में अधिकारियों ने बताया कि यहां पर आरएफआईडी की व्यवस्था लागू की गई है। जिसमें आईडी कार्ड में चिप लगा गया है। पुस्तक इशू करते समय चिप आईडी स्कैन किया जाता है। बिना इशू कराए किताब ले जाने पर सिग्नल बजता है जिससे प्रबंधन को जानकारी मिल जाती है। इसे प्रायोगिक तौर पर प्रतिनिधि मंडल को दिखाया गया। जैसी ही इंडियन पॉलिटी बिना इशू कराए बाहर ले गए, वैसे ही सिग्नल बजा। इस पर सदस्यों ने खुशी जताई।

  • कृषि विश्वविद्यालय में नये शैक्षणिक सत्र से लागू होगी नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति

    कृषि विश्वविद्यालय में नये शैक्षणिक सत्र से लागू होगी नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति

    रायपुर ।

    इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में जुलाई-अगस्त से प्रारंभ नये शैक्षणिक सत्र में नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न प्रावधानों को लागू किया जाएगा। इन प्रावधानों के तहत स्नातक पाठ्यक्रमों में चार वर्ष की पढ़ाई पूर्ण न कर पाने वाले विद्यार्थियों को बीच में पढ़ाई छोड़ने पर सर्टिफिकेट तथा डिप्लोमा प्रदान किये जाएंगे। इसके साथ ही नवीन शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुरूप अब सैद्धान्तिक पढ़ाई की बजाय प्रायोगिक पढ़ाई पर अधिक ध्यान दिया जाएगा और इसे रोजगारमूलक बनाया जाएगा। इसके साथ ही विद्यार्थी ऑनलाईन प्लेटफॉम के माध्यम से भी पढ़ाई कर सकेंगे। पढ़ाई की गुणवत्ता में वृद्धि के लिए नियमित अध्यापकों के अलावा विजिटिंग प्रोफेसर, प्रोफसर ऑफ प्रैक्टिस तथा एडजंट फैकल्टी की नियुक्ति भी की जाएगी। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल की अध्यक्षता में आयोजित विद्या परिषद की बैठक में इस आशय के निर्णय लिये गये।

    इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर की विद्या परिषद की बैठक दिनांक 09 जुलाई 2024 को आयोजित की गई। जिसमें स्नातक स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को इसी शैक्षणिक सत्र (2024-25) से लागू किये जाने के प्रस्ताव को पारित किया गया। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के तहत संचालित स्तानतक स्तर के पाठ्यक्रम जिसमें बी.एस.सी. (आनर्स) कृषि, बी.टेक. कृषि अभियांत्रिकी एवं बी.टेक. खाद्य प्रौद्योगिकी में इसे लागू किया जावेगा। इस नीति के लागू होने के उपरान्त स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेशित विद्यार्थी प्रथम वर्ष एवं द्वितीय वर्ष में यदि पाठ्यक्रम स्तर की पढ़ाई छोड़ना चाहे तो उन्हें इसकी अनुमति होगी और इसके साथ उन्हें 10 सप्ताह का इंटर्नशिप कोर्स करने के साथ प्रथम वर्ष के उपरान्त प्रमाण पत्र (सर्टिफिकेट) प्रदान किया जायेगा। यदि वह द्वितीय वर्ष के बाद पाठ्यक्रम की पढ़ाई से बाहर होता है तो इसी अवधि की इंटर्नशिप करने पर डिप्लोमा प्रदान किया जायेगा। ऐसे विद्यार्थी इस तहर के सर्टिफिकेट/डिप्लोमा प्राप्त कर स्व-रोजगार या रोजगार का कार्य कर सकते हैं। अगर उन्हें स्व-रोजगार या रोजगार में कुछ दिन कार्य करने के उपरान्त असंतुष्टि मिलती है और वह आगे की पढ़ाई जारी करना चाहते हैं तो वे पुनः अपने स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं, परन्तु यह अवधि उनके प्रवेश लेने के एवं स्नातक उपाधि पूर्ण करने के सात वर्ष से अधिक नहीं होगी।

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति में यह भी प्रावधान है कि विद्यार्थी प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष में जितने कोर्सेज को पढ़ेगा उसके प्रत्येक के क्रेडिट होंगे तथा उन क्रेडिट्स का ऑनलाईन राष्ट्रीय पोर्टल पर रिकार्ड रखा जाएगा। इससे आगामी वर्षां में यह लाभ होगा कि ऐसे विद्यार्थी देश के किसी भी विश्वविद्यालय में लेट्रल इन्ट्री के तहत प्रवेश प्राप्त कर अपने पाठ्यक्रम के बचे हुए कोर्सेज एवं क्रेडिट की उपाधि प्राप्त कर सकेंगे। अर्थात विद्यार्थियों द्वारा प्रथम वर्ष अथव द्वितीय वर्ष में उत्तीर्ण किये गये विषयों का लेखा-जोखा राष्ट्रीय स्तर पर होगा व अन्य विश्वविद्यालय में भी उसे शेष उतने विषयों/क्रेडिट्स की पढ़ाई करनी होगी जो उसके लिए शेष है। इस शिक्षा नीति की एक विशेषता यह भी है कि जैसे ही विद्यार्थी प्रथम वर्ष में प्रवेश लेता है उसे कोर्स के बारे में परिचय दिया जाएगा और यह दो सप्ताह की अवधि का होगा। इस अवधि में उसे स्नातक स्तर की पढ़ाई से संबंधित समस्त जानकारी प्रदान की जाएगी जिसमें कोर्स की संख्या, कोर्स के क्रेडिट संबंधि जानकारी वह इस पाठ्यक्रम से बाहर होना चाहता है तथा सर्टिफिकेट, डिप्लोमा आदि प्राप्त करना चाहता है तथा इस कोर्स में वापस आना चाहता है इस संबंध में उसे जानकारी प्रदान की जाएगी। इसके साथ-साथ इसमें कुछ ऐसे ऑनलाईन कोर्स हैं जिन्हें विद्यार्थी ऑनलाईन प्लेटफॉम में रजिस्टर कर के अपनी पाठ्यक्रम की क्रेडिट की संख्या को पूर्ण कर सकते हैं उनके बारे में भी जानकारी प्रदान की जाएगी। ऐसे कोर्सेज विद्यार्थी को ऑनलाईन पंजीयन के माध्यम से ही पढ़ना होगा तथा ऑनलाईन न्यूनतम 10 क्रेडिट पूर्ण करने होंगे। ऐसे कोर्सेज सामान्यतः तीसरे वर्ष या चौथे वर्ष लिये जाएंगे तथा यू.जी.सी. के स्वयं प्लेटफार्म पर ऐसे कोर्स उपलब्ध होंगे। इस पाठ्यक्रम में सैद्धान्तिक पढ़ाई की तुलना में व्यावहारिक/प्रायोगिक विषयों के अध्ययन पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित किया गया है। इस पाठ्यक्रम के तहत ली जाने वाली परीक्षाएं पूर्व की तरह ही आयोजित की जाएंगी। उनमें किसी भी तरह की फेरबदल को समाहित नहीं किया गया है। नई शिक्षा नीति के तहत अध्ययन और अध्यापन को प्रभावी बनाने के लिए नियमित प्राध्यापकों के अलावा विजिटिंग प्रोफेसर, प्रोफसर ऑफ प्रैक्टिस तथा एडजंट फैकल्टी की नियुक्ति भी की जाएगी ऐसे प्राध्यापक अपने अध्ययन के क्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय उत्कृष्टता से संपन्न होंगे ताकि शिक्षा की गुणवत्ता अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के मानकों के समरूप होगी।

  • शासकीय स्कूलों में कक्षा 5वीं के छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित हुआ नवोदय विद्यालय प्रवेश हेतु अभ्यास टेस्ट

    शासकीय स्कूलों में कक्षा 5वीं के छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित हुआ नवोदय विद्यालय प्रवेश हेतु अभ्यास टेस्ट

       जांजगीर-चांपा।

    कलेक्टर आकाश छिकारा के विशेष पहल पर जिले के शासकीय स्कूलों में कक्षा 5 वीं में अध्ययनरत छात्रा-छात्राओं के लिए नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा का अभ्यास टेस्ट आयोजित किया गया ताकि शासकीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं का अधिक से अधिक चयन नवोदय विद्यालय में हो सके। नवोदय विद्यालय में बच्चों का चयन हो और वह प्रवेश पाएं इसको लेकर जिले सभी स्कूलों में शिक्षकों के माध्यम से तैयारी कराई जा रही है। कलेक्टर आकाश छिकारा द्वारा जिले में सतत रूप से शिक्षा के विकास को लेकर विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक गतिविधियां चलाई जा रही है। जिनमें बोलेगा बचपन, पढ़ाई का कोना के साथ ही स्कूली बच्चों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों को लेकर भी अभ्यास टेस्ट कराये जा रहें हैं।

  • बच्चों में शिक्षा ग्रहण करने की अपार शक्ति, लगन और ईमानदारी से करें मां-बाप के सपनों को साकार: मंत्री केदार कश्यप

    बच्चों में शिक्षा ग्रहण करने की अपार शक्ति, लगन और ईमानदारी से करें मां-बाप के सपनों को साकार: मंत्री केदार कश्यप

    रायपुर ।

    वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप आज रायपुरा स्थित पंडित गिरिजा शंकर मिश्र उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव में शामिल हुए। उन्होंने नौनिहालों को तिलक लगाकर और मिठाई खिलाकर शाला प्रवेश कराया। उन्होंने इस मौके पर बच्चों को शाला गणवेश तथा पाठ्यसामग्री वितरण भी किया। उन्होंने छात्राओं को सरस्वती सायकल योजना के तहत सायकल प्रदान किया। मंत्री कश्यप ने इस दौरान विद्यार्थियों द्वारा लगाए गए नवाचार मॉडल प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

    मंत्री  कश्यप ने शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों में अपार क्षमता है। शासकीय स्कूल के बच्चे कठिन पस्थितियों के बाद भी बेहतर परिणाम ला रहे हैं। यह हम सबके लिए यह खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि बच्चे लगन और ईमानदारी से शिक्षकों के आदर्श में चलकर शिक्षा ग्रहण कर अपने मां-बाप के सपनों को साकार करें, बच्चों को हताश-निराश होने की जरूरत नहीं है। समय को ध्यान रखते हुए खेलने के समय खेले-कुदे और पढ़ाई के समय पढ़ाई करें। गरीब, किसानों के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा हमारी सरकार की प्राथमिकता में है। भविष्य निर्माता आज के नौनिहालों की शिक्षा-दिक्षा में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए सरकार तत्पर है। हमारी सरकार ने प्रदेश में आईआईटी, आईआईएम जैसी बड़ी-बड़ी संस्थानें स्थापित की है। उच्च शिक्षा के लिए भी बाहर जाने की जरूरत नहीं है। अतिथियों ने इस मौके पर ‘‘मां के नाम एक पेड़’’ अभियान के तहत स्कूल परिसर में पौधा रोपण किया।

    विधायक मोती लाल साहू ने कहा कि सरकारी स्कूल के बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। आज प्राईवेट स्कूल से बेहतर परीक्षा परिणाम शासकीय स्कूलों में आ रहा है। शासकीय स्कूलों में प्रवेश के लिए काफी भीड़ लगी है, इससे शासकीय स्कूलों का महत्व और गुणवत्ता अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कम सुविधाओं और चुनौती पूर्ण परिस्थितियों में भी बेहतर परिणाम सराहनीय है। बच्चों को भी लगन और ईमानदारी से शिक्षा ग्रहण करना चाहिए।

    विधायक  अनुज शर्मा ने कहा कि नन्हें-नन्हें बच्चों को जीवन के नए पड़ाव में प्रवेश कराने आए हैं। उनका हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत है। उन्होंने कहा कि सरकारी संस्थान में पढ़े-लिखे ज्यादा संस्कारी होते हैैं। आज के मंच में मंत्री, विधायक, कलेक्टर सहित जितने भी लोग है सभी सरकारी स्कूलों में पढ़कर आप लोगों के बीच उपस्थित हैं। आप लोगों को भी किसी प्राईवेट स्कूल के विद्यार्थियों को देखकर अपने आप को कमजोर आंकने की जरूरत नहीं है। आप लोगों में अपार शक्ति और जोश है, अपनी कड़ी मेहनत और लगन से इच्छानुसार परिणाम हासिल कर सकते हैैं।

    विधायक गुरू खुशवंत साहेब ने जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अक्सर दूसरों के सुख सुविधओं और रहन-सहन को देखकर मन में उनकी तरह बनने की लालसा होती है। शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिससे हर सुख सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हम शाला में अनुशासन का पालन करते हैं। जीवन में भी अनुशासन से आगे बढ़ सकते हैं और अपनी मंजिल को प्राप्त कर सकते है। उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य निर्माण में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है। शिक्षकों को स्कूल के बच्चों को भी अपने बच्चों की तरह जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ाना चाहिए।

    इस अवसर पर कलेक्टर  गौरव कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक  संतोष सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विश्वदीप सिंह, नगर निगम के कमिश्नर अविनाश मिश्रा, जिला शिक्षाधिकारी खण्डेलवाल, वार्ड केे पार्षद  वीरेन्द्र देवांगन सहित शिक्षक-शिक्षिकांए तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।

  • सेजेस पेंड्रा में जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव आयोजित

    सेजेस पेंड्रा में जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव आयोजित

    रायपुर।

    गौरेला पेंड्रा मरवाही जिसे के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय पेंड्रा में आज जिला प्रशासन के सहयोग से स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सेजेस पेंड्रा सहित विभिन्न शालाओं में और कक्षाओं में नवप्रवेशी छात्र छात्राओं का विधायक प्रणव कुमार मरपची, कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी, डीएफओ  रौनक गोयल सहित अनेक जनप्रतिनिधियों ने फूल माला पहनाकर, तिलक लगाकर और लड्डू खिलाकर उनका स्वागत किया। साथ ही निशुल्क पाठ्य पुस्तक, गणवेश और साइकिल वितरित किया गया।

    विधायक  मरपची ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन बच्चों के लिए बहुत खास है। उन्होंने कहा कि बच्चों को सही दिशा देने की जरूरत होती है। शिक्षक बच्चों के भविष्य निर्माता है। बच्चे ज्यादातर समय स्कूलों में बिताते हैं। बच्चों के गुण दोष का ज्ञान माता-पिता से ज्यादा शिक्षकों को होता है। शिक्षा और खेल के साथ साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी स्कूलों में कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहरी बच्चों की तरह ग्रामीण बच्चों को भी उनकी रूचि एवम् लक्ष्य पूर्ति के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए तथा उचित मार्गदर्शन देना चाहिए। विधायक ने सभी को शाला प्रवेश उत्सव की शुभकामनाएं दी।कलेक्टर  लीना कमलेश मंडावी ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य होते हैं। उनके भविष्य को संवारना शासन प्रशासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा बच्चों का जन्म सिद्ध अधिकार है। कोई भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित नहीं रहना चाहिए। इसलिए पालको और बच्चों को संदेश देने के लिए शाला प्रवेश उत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत के गरीब बच्चों को निजी विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जा रहा है।इस अवसर पर वन मंडलाअधिकारी रौनक गोयल ने प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप अपनी मां को भेंट स्वरूप एक पौधा जरूर लगाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हरियाली बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे लगाना जरूरी है। जुलाई में पौधे लगाने से पौधों की बढ़त अच्छी होती है।

  • पीएम श्री (प्राथमिक स्तर) शालाओं के बच्चों को जंगल सफारी का कराया गया शैक्षिक भ्रमण

    पीएम श्री (प्राथमिक स्तर) शालाओं के बच्चों को जंगल सफारी का कराया गया शैक्षिक भ्रमण

      जांजगीर-चांपा ।

    राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा, छत्तीसगढ़ रायपुर एवं कलेक्टर आकाश छिकारा के निर्देशानुसार जांजगीर-चांपा जिले के 08 पीएमश्री शालाओं के 129 बच्चों को समर कैंप के अंतर्गत जंगल सफारी व जू रायपुर का शैक्षणिक भ्रमण कराया गया।  जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि भ्रमण के दौरान बच्चे बेहद उत्साहित व लालायित रहे। 1216 एकड़ में फैली यह जंगल सफारी में बच्चों द्वारा विभिन्न जीव जंतु जैसे-शेर, बाघ, सांमर, चीतल, बारहसिंहा, नील गाय, हिरण  आदि विभिन्न प्रजाति के जानवर बच्चों द्वारा देखे गये। इस दौरान बच्चों को पर्यावरण, पर्यटन व जीव-जंतु के संबंध में विभिन्न जानकारियां प्रदान किया गया। बच्चे प्राथमिक स्तर के थे तो वह बेहद उत्सुकता के साथ जानकारियां प्राप्त करते हुए नजर आये और शैक्षणिक भ्रमण का लुत्फ उठाया। भ्रमण के अंत में सभी बच्चों और शिक्षकों से वहां के अधिकारी द्वारा इंटरपिटीशन कराया गया। जिसमें बच्चों से फीडबैक लिया गया तथा नंदनवन जंगल सफारी का उद्देश्य बताते हुए कहा गया कि जीव-जंतुओं एवं वनस्पतियों का प्रदर्शन, आदान-प्रदान एवं पुनर्वास के लिये योजना बनाकर काम करना है। भ्रमण के दौरान बच्चों के साथ प्रधान पाठक व एक-एक सहयोगी भ्रमण के दौरान उनके साथ में रहे तथा एपीसी के साथ में बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण कराया गया।

  • नीट पेपर लीक, प्लानिंग, परीक्षा रद, काउंसलिंग… सुप्रीम कोर्ट में 26 याचिकाओं पर आज होगी सुनवाई, CBI ने तेज की छानबीन

    नीट पेपर लीक, प्लानिंग, परीक्षा रद, काउंसलिंग… सुप्रीम कोर्ट में 26 याचिकाओं पर आज होगी सुनवाई, CBI ने तेज की छानबीन

    पटना

    नीट-यूजी परीक्षा मामले में सीबीआई की आरोपितों से पूछताछ का सिलसिला रविवार को भी जारी रहा। सीबीआई को रिमांड पर लिए गए पांच आरोपितों से पूछताछ कई अहम जानकारियां प्राप्त हुई है। इनमें पेपर लीक की प्लानिंग, आरोपित एक दूसरे के संपर्क में कैसे आए जैसी जानकारियां हैं। अभ्यर्थियों के पैसे के लेनदेन, दूसरे राज्यों से संपर्क के विषय में भी पता चला है। विदित हो कि नीट-यूजी परीक्षा गड़बड़ी मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। कोर्ट को अब तक की सभी जांच रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है।

    इससे पहले पटना में रविवार को जांच एजेंसी ने रिमांड पर लिए गए आरोपितों को आमने-सामने बिठाकर सवाल पूछे। आरोपितों से पूछे गए सवाल सामान्य रूप से एक ही तरह के थे। नीट-यूजी परीक्षा में सफल हुए गुजरात के 50 से अधिक परीक्षार्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर केंद्र सरकार व एनटीए को पांच मई को हुई परीक्षा रद नहीं करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। उन्होंने शीर्ष अदालत से केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को नीट-यूजी परीक्षा में कथित तौर पर गड़बड़ी और नकल जैसी अनुचित गतिविधियों में शामिल छात्रों तथा अन्य लोगों की जांच व पहचान करने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश देने की भी मांग की है।

  • एएएफटी विश्वविद्यालय ने इवेंट मैनेजमेंट शिक्षा काे बेहतर बनाने के लिए विजक्राफ्ट के साथ साझेदारी की

    एएएफटी विश्वविद्यालय ने इवेंट मैनेजमेंट शिक्षा काे बेहतर बनाने के लिए विजक्राफ्ट के साथ साझेदारी की

     रायपुर।

    एएएफटी विश्वविद्यालय का मिशन हमेशा से युवाओं काे प्रेरित करना रहा है ताकि वे अपने आप को एक बेहतर रूप में ढाल सकें। इससे उन्हें एक ऐसे कल की कल्पना करने में मदद मिलती है जहां वे मीडिया और कला समुदाय में एकजुटता और कल्याण की भावना काे प्राेत्साहित कर सकें। इसका लक्ष्य युवाओं में फिल्म , टेलीविजन, रेडियाे ,प्रिंट और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कलात्मकता और विशेषज्ञता की भावना विकसित करना है।एएएफटी विश्वविद्यालय लंबे समय से फिल्म टेलीविजन, रेडियो ,प्रिंट और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में युवा प्रतिभाई को निखारने के लिए समर्पित है। इसका मिशन छात्राें काे मीडिया और कला समुदाय में एक मुकाम हासिल करने के लिए प्रेरित करना है।

    वहीं दूसरी तरफ विजक्राफ्ट माइम  इंडस्ट्री का एक प्रमुख इवेंट मैनेजमेंट शैक्षिक संस्थान है। विजक्राफ्ट माइम
    काे बनाने के पीछे की सोच इंडस्ट्री की जरूरत के मुताबिक प्रतिभाओं को तैयार करना है। चुने गए प्रतिभागियाें को इंडस्ट्री
    के सर्वश्रेष्ठ पेशेवरों के साथ प्रशिक्षण दिया जाता है। हाइब्रिड प्रारूप के तहत क्लास प्रशिक्षण काे ऑनलाइन लेक्चर
    और प्रोजेक्ट अनुभवों के साथ ट्रेनिंग दी जाती है जिसके माध्यम से छात्रों काे इस तेजी से बढ़ती इंडस्ट्री में बेहतर करियर
    के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। संगठन न्यू एजुकेशन पालिसी के तहत सबसे आधुनिक शिक्षा तकनीकों के माध्यम से
    युवा पेशेवराें को तैयार करने और उद्यमियाें की मानसिकता विकसित करने के लिए प्राेत्साहित करता है  जो उन्हें उनके
    करियर में सशक्त बनाता है।

    एएएफटी विश्वविद्यालय और विजक्राफ्ट माइम ने असाधारण शिक्षण अनुभव प्रदान करने के मकसद से साझेदारी की
    है। यह आपसी सहयाेग छात्रों काे करियर में एक नई ऊंचाइयाें तक ले जाने और असाधारण शिक्षण अनुभवों का ज्यादा
    से ज्यादा फायदा पहुंचाने में मदद देगा।एएएफटी विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ संदीप मारवाह ने साझेदारी को लेकर खुशी जाहिर करते हुए कहा
    एएएफटी विश्वविद्यालय और  विजक्राफ्ट माइम के बीच आपसी सहयाेग शिक्षा के क्षेत्र में हमारे मिशन में एक महत्वपूर्ण  मील
    का पत्थर है। मीडिया प्रशिक्षण में एएएफटी की समृद्ध विरासत काे विजक्राफ्ट की इंडस्ट्री महारत के साथ मिलाकर हम इवेंट मैनेजमेंट शिक्षा में एक नया मानक स्थापित कर रहे हैं। हमारे छात्र व्यावहारिक ज्ञान और स्किल एक साथ प्राप्त
    करेंगे जाे उन्हें लगातार विकसित हाे रही इस इंडस्ट्री के लिए तैयार करने में मदद करेंगे। यह पहल मीडियाए पीआर और
    मनाेरंजन क्षेत्र में भविष्य के लीडर्स तैयार करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।

    विजक्राफ्ट माइम ओर से सह संस्थापक और निदेशक  सुषमा गायकवाड़ ने कहा विजक्राफ्ट माइम
    की कल्पना इंडस्ट्री में प्रतिभा पूल में भारी अंतर काे पूरा करने के मकसद से की थी। इंडस्ट्री के सबसे प्रतिभाशाली
    लोगों द्वारा दिए जाने वाले व्यावहारिक और सर्वश्रेष्ठ.इन.क्लास प्रशिक्षण के साथ हम पेशेवरों की अगली पीढ़ी को तैयार
    कर रहे हैं। हम एएएफटी विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी करके बहुत खुश हैं जाे हमारी सोच और मूल्यों काे साझा
    करता है जिससे प्रतिभा को अत्याधुनिक वातावरण में निखारा जा सके। हमारा आधुनिक पाठ्यक्रम और शिक्षण छात्रों के
    लिए इंडस्ट्री में अनगिनत अवसर प्रदान करता है।

    एएएफटी विश्वविद्यालय और विजक्राफ्ट माइम की साझेदारी एक जैसी सोच और मूल्याें को साझा करता है। संसाधनों
    और  विशेषज्ञता की साझेदारी के साथ एएएफटी विश्वविद्यालय और विजक्राफ्ट माइम मीडिया, पीआर और मनोरंजन  क्षेत्र में छात्राें के उज्जवल भविष्य की उम्मीद करते हैं। इस साझेदारी के तहत छात्राें काे सभी क्षेत्राें से ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जाता है और इससे उन्हें एक निरंतर विकसित हाे रहे प्रतिस्पर्धात्मक इंडस्ट्री में आगे बढ़ने में मदद मिलती है।

  • छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों में स्थानीय बोली में प्रारंभिक शिक्षा जल्द

    छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों में स्थानीय बोली में प्रारंभिक शिक्षा जल्द

    नई दिल्ली
    छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों के बच्चे स्थानीय बोली व भाषा में जल्द ही पढ़ाई कर सकेंगे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए विष्णुदेव सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत सरकार आदिवासी अंचलों में बच्चों को उनकी स्थानीय बोली और भाषा में शिक्षा देने की पहल शुरू कर रही है।
    इसका उद्देश्य आदिवासी समुदायों में शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता को बढ़ाना है, जिससे बच्चे अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त कर सकें और अपनी संस्कृति से जुड़े रहें।

    बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने और उन्हें स्कूल में नामांकन के लिए प्रेरित करने के लिए नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में शाला प्रवेशोत्सव मनाया जाता है। इस बार राज्य स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव का शुभारंभ छत्तीसगढ़ के दूरस्थ आदिवासी जिले जशपुर के बगिया गांव में किया गया। राजधानी रायपुर से हटाकर इस आदिवासी बहुल क्षेत्र में आयोजित इस कार्यक्रम ने राज्य के सुदूर कोने तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने की प्रतिबद्धता को दर्शाया।

    कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्थानीय भाषाओं में प्रारंभिक शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा इससे बच्चों की समझ और सीखने की प्रक्रिया में सुधार होगा। वहीं, यह पहल स्थानीय संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण में भी मददगार होगी।

    इस पहल के तहत पाठ्यपुस्तकों और शिक्षण सामग्री को स्थानीय बोलियों में अनुवादित किया जाएगा और शिक्षकों को भी इन भाषाओं में प्रशिक्षित किया जाएगा।

    स्कूल शिक्षा सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 18 स्थानीय भाषाओं-बोलियों में स्कूली बच्चों की पुस्तकें तैयार की जा रही हैं। पहले चरण में छत्तीसगढ़ी, सरगुजिहा, हल्बी, सादरी, गोंडी और कुडुख में कोर्स तैयार होंगे। इसके लिए प्रदेशभर के साहित्यकारों, लोक कलाकारों, संकलनकर्ताओं की मदद ली जाएगी। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिक और शिक्षकों से भी सहयोग लिया जाएगा।

    हाई स्कूल बगिया के प्रधानाचार्य दिनेश शर्मा ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा आदिवासी बच्चों में प्रतिभाएँ होती हैं। स्थानीय बोली में शिक्षा से आदिवासी अंचलों के ज्यादा से ज्यादा बच्चों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।

    राज्य स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव के दौरान मुख्यमंत्री ने जशपुर के सरकारी स्कूल के अटल टिंकरिंग लैब में रोबोटिक्स मॉडल विकसित करने वाले छात्रों के साथ बातचीत करते हुए छात्रों के साथ मिट्टी के बर्तन बनाकर प्रीवोकेशनल गतिविधियों में भाग लिया।
    इस दौरान उन्होंने सरकारी स्कूलों में हर साल ग्रीष्मकालीन शिविर आयोजित किए जाने की भी घोषणा की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए राज्य सरकार इस साल से दो बोर्ड परीक्षाएं आयोजित होंगी।
    वहीं, मुख्यमंत्री ने बताया पीएमश्री के तहत राज्य में प्रथम चरण में 211 स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जा रहा है।

  • कोरबा के शासकीय स्कूलों के बच्चों को अब मध्यान्ह भोजन के पहले मिलेगा पौष्टिक नाश्ता : श्रम मंत्री देवांगन

    कोरबा के शासकीय स्कूलों के बच्चों को अब मध्यान्ह भोजन के पहले मिलेगा पौष्टिक नाश्ता : श्रम मंत्री देवांगन

    रायपुर ।  

    उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन की पहल पर नई शिक्षा नीति के तहत कोरबा जिले में प्राथमिक और मीडिल स्कूल के बच्चों को स्कूलों में मध्यान्ह भोजन से पूर्व पौष्टिक नाश्ता भी मिलेगा। मंत्री देवांगन के दिशा-निर्देशन में जिला प्रशासन द्वारा स्कूली बच्चों को नश्ता उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया गया है। इसकी शुरूआत जिले के कोरबा और पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के स्कूलों से होगी, जिसका विस्तार निकट भविष्य में जिले के शेष विकासखंडों में होगा।   मंत्री देवांगन आज कोरबा जिले में संपूर्णता अभियान का विधिवत शुभारंभ किया और कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। मंत्री  देवांगन ने बैठक में कोरबा जिले के स्कूली बच्चों को शीघ्र ही सुबह के वक्त नाश्ता प्रदाय किए जाने की योजना पर प्रसन्नता जतायी और कहा कि कोरबा इस अभिनव योजना के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ का अग्रणी जिला होगा।

     उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप राज्य में विद्यार्थियों को अध्ययन-अध्यापन की प्रभावी व्यवस्था के साथ ही उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिया गया है। सरकार का लक्ष्य सभी सरकारी स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाना है। स्कूली बच्चों के नश्ता दिए जाने की यह व्यवस्था इसी प्रयास की एक कड़ी है। उन्होंने कहा कि स्कूल पहुंचते ही बच्चों को नाश्ता मिलेगा, इससे बच्चों का मन पढ़ाई में और ज्यादा लगेगा।मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि कोरबा श्रम नगरी है, परिजन काम के लिए सुबह से निकल जाते हैं। जिसके चलते श्रमिक परिवार के बच्चे भूखे पेट स्कूल जाते हैं, दोपहर में मध्यान्ह भोजन का समय 1.30 बजे तक खाली पेट पढ़ाई करते हैं। इस वजह से बच्चे अध्ययन में रुचि नहीं ले पाते हैं। यह स्थिति कमोबेश जिले के सभी विकासखंडों में हैं। गौरतलब है नई शिक्षा नीति में स्कूलों में बच्चों को सुबह नाश्ता भी अनिवार्य किया गया है। मंत्री देवांगन ने इस संबंध में स्कूली बच्चों को नाश्ता प्रदाय किए जाने की व्यवस्था के लिए कलेक्टर को पत्र भी लिखा था।