Category: एजुकेशन न्यूज़

  • जिले के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के कक्षा 06वीं में प्रवेश हेतु 02 से 08 अगस्त तक होगी काउंसलिंग

    जिले के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के कक्षा 06वीं में प्रवेश हेतु 02 से 08 अगस्त तक होगी काउंसलिंग

    जशपुरनगर ।

    छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय आदिम जाति कल्याण आवासीय एवं आश्रम शैक्षणिक संस्थान समिति, रायपुर द्वारा संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2024-25 में प्रवेश हेतु आयोजित प्राक्चयन परीक्षा 18 मई 2024 को परीक्षा परिणाम घोषित किया जा चुका है। उक्त परीक्षा के आधार पर मेरिट सूची राज्य कार्यालय द्वारा जारी की गई है। चयनित विद्यार्थियों की मेरिट सूची विभागीय वेबसाईट मासंअलंण्बहण्दपबण्पद पर अवलोकन किया जा सकता है। प्रतिक्षा सूची के विद्यार्थियों हेतु स्थान रिक्त होने पर पृथक से सूचना दी जायेगी। चयनित विद्यार्थियों हेतु काउंसिलिंग 02 से 08 अगसत 2024 तक प्रयास आवासीय विद्यालय, डोड़काचौरा जशपुर में प्रातः 10.00 बजे से शाम 5.00 बजे तक काउंसलिंग निर्धारित है।

    आदिम जाति कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 02 अगस्त 2024 शुक्रवार को काउंसलिंग हेतु जिले के मेरिट सूची के स.क्र. 01 से 75 तक बालक एवं बालिकाएं दोनों को निर्धारित स्थल में समय पर उपस्थित होना होगा। इसी प्रकार 03 अगस्त शनिवार को स.क्र. 76 से 150 तक बालक एवं बालिकाएं दोनों, 05 अगस्त सोमवार को स.क्र. 151 से 225 तक बालक एवं बालिकाएं दोनों, 06 अगस्त मंगलवार को स.क्र. 226 से 252 तक बालक एवं बालिकाएं तथा स.क्र. 226 से 276 तक सिर्फ बालिकाओं को निर्धारित स्थल में समय पर उपस्थित होना होगा। साथ ही  07 अगस्त बुधवार एवं 08 अगस्त 2024 गुरूवार को अन्य आरक्षित वर्ग पीव्हीटीजी, दिव्यांग विद्यार्थी, कोविड-19 में खोये माता-पिता के बच्चे, विधवा माता के बच्चे, दिव्यांग माता-पिता के बच्चे, अनाथ-परित्यागता महिला के बच्चे एवं डीएनटी, एनटी, एसएनटी समुदाय के बच्चों के पालक आवश्यक दस्तावेज लेकर कांउसिंलिंग स्थल पर उपस्थित होंगे। ऐसे बच्चों की सूची कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग जशपुर में अवलोकन किया जा सकता है।

    काउंसलिग के लिए छात्र-छात्राओं को आवश्यक दस्तावेज-कक्षा 5वीं उत्तीर्ण का अंकसूची, सक्षम अधिकारी द्वारा जन्म प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड, मूल-निवास प्रमाण-पत्र, स्थायी जाति, स्थानांतरण प्रमाण-पत्र एवं जिला मेडिकल बोर्ड से फिटनेस सर्टीफिकेट, सिकलसेल जाँच का प्रमाण-पत्र की मूल दस्तावेज एवं एक-एक छायाप्रति के साथ उपस्थित होना होगा।विशेष आरक्षण वर्ग के अन्तर्गत आने वाले विद्यार्थियों के लिए निर्धारित पीव्हीटीजी विद्यार्थियों हेतु उनका पीव्हीटीजी जनजाति प्रमाण-पत्र, दिव्यांगता की स्थिति में मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी किया गया दिव्यांगता प्रमाण-पत्र, विद्यार्थियों के माता-पिता की दिव्यांगता की स्थिति में मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी किया गया दिव्यांगता प्रमाण-पत्र एवं विधवा माता-पिता के पुत्र-पुत्री है तो संबंधित सक्षम अधिकारी का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा।

  • पत्रकारिता विश्वविद्यालय में अनुसंधान का भारतीय दृष्टिकोण पर संवाद कार्यक्रम आयोजित

    पत्रकारिता विश्वविद्यालय में अनुसंधान का भारतीय दृष्टिकोण पर संवाद कार्यक्रम आयोजित

    रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में अनुसंधान का भारतीय दृष्टिकोण पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रो. कृपा शंकर चौबे अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा ने कहा कि भारत में शोध की प्राचीन परंपरा है। अनुसंधान का भारतीय दृष्टिकोण सिद्धांत एवं दर्शन पर आधारित है। समस्या के समाधान के लिए वैज्ञानिक विधियों की सहायता से समाधान प्राप्त करना ही शोध है। उन्होंने कहा कि शोध समस्या का समाधान है एवं शोधार्थी को पूर्वाग्रह से मुक्त होकर शोध करना चाहिए। उन्होंने शोध के तीन रूपों को बताया जिनमें मौलिक, व्यावहारिक एवं क्रियात्मक अनुसंधान प्रमुख रूप में हैं।
    कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का संदेश ही शब्द का अर्थानुवाद, भावानुवाद है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा में भारतबोध को प्रतिस्थापित करने का प्रयास है। साथ ही भारत की ज्ञान परंपरा को विकसित करने का प्रयास है, जिसका उद्देश्य भारतीय ज्ञान को आगे लाना है। उन्होंने आगे कहा कि पत्रकारिता केवल खबरें लिखना नहीं, अपितु जीवन की चेतना है। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा को आगे लाने की आवश्यकता है। वास्तव में बेतार की खोज सर जगदीश चंद्र बसु द्वारा की गई थी। वैश्विक हितों को देखते हुए पश्चिमी देशों ने भारत के ज्ञान को पीछे धकेलने का प्रयास किया है। अब समय आ गया है कि जब हम विकसित भारत की संकल्पना के साथ भारत के ज्ञान को वैश्विक पटल पर रख सकते हैं।
    कार्यक्रम के संयोजक प्रभारी कुलसचिव डॉ. नरेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शोध पर विशेष बल दिया गया है। विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत इस वर्ष से स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है।
    कार्यक्रम में पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष पंकज नयन पाण्डेय, जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र मोहंती, विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के अध्यक्ष डॉ. आशुतोष मंडावी, समाजकार्य विभाग के अध्यक्ष डॉ. नृपेंद्र शर्मा, आईटी विभाग के अध्यक्ष शैलेंद्र खंडेलवाल, उपकुलसचिव सौरभ शर्मा, डॉ. शाहिद अली, चंद्रशेखर शिवहरे समेत विद्यार्थी उपस्थित रहे।

  • अजय के प्रयासों से कुरूद को मिली बी ए एल एल बी और बी एड कॉलेजों की सौगात

    अजय के प्रयासों से कुरूद को मिली बी ए एल एल बी और बी एड कॉलेजों की सौगात

    कुरूद ।

    कुरूद विधानसभा क्षेत्र को विकासकार्यों की रफ्तार में सदैव अग्रणी रखने वाले विकासपुरुष ,सच्चे जनसेवक कुरूद विधायक अजय चंद्राकर के अनुशंसा पर कुरूद को पशुपालन विभाग 2.95करोड़ रू,स्कूल शिक्षा विभाग 1.43करोड़ और उच्च शिक्षा विभाग 2.50 करोड़।कुरूद विधानसभा क्षेत्र को 6.88 करोड़ के कुल विकास कार्यों की मिली की सौगात। जिनमे सबसे खास कुरूद नगर पंचायत में नवीन शासकीय बी. एड. महाविद्यालय और धमतरी जिले के कुरूद नगर पंचायत में बी. ए. एल. एल. बी. (पंचवर्षीय) नवीन शासकीय महाविद्यालय का होना है। जिससे कुरूद विधानसभा क्षेत्र में उच्च शिक्षा के दो दो और नए रोजगारपरक सह व्यवसायिक पाठ्यक्रमो से युवा विद्यार्थियों सहित बुद्धिजीवी वर्ग ने हर्ष व्यक्त करते हुए अजय चंद्राकर का अभिनंदन किया है।

    कुरूद विधानसभा क्षेत्र को अनुपूरक बजट वित्तीय वर्ष-2024-25 में मिली लगभग 7करोड़ के विकास कार्यों की सौगाते। जिसमे पशुपालन विभाग मे जिला धमतरी के कुरूद में नवीन दुग्ध शीतली करण केन्द्र की स्थापना हेतु मिल्क कूलर इकाई, मिल्क टैंकर वाहन एवं अधोसंरचना कार्य 295 लाख रुपए के होंगे।
    अनुपूरक बजट वित्तीय वर्ष-2024-25 में ही स्कूल शिक्षा विभाग जिला – धमतरी के कुरूद विधानसभा क्षेत्र के 04 प्राथमिक शाला का पूर्व माध्यमिक शाला में उन्नयन कार्य भी है।1.प्राथमिक शाला टिपानी, 2=प्राथमिक शाला खुरसेंगा , 3.प्राथमिक शाला परसवानी (दहदहा) 4. प्राथमिक शाला कमरौद में 143लाख के विकास कार्य होंगे।

    उच्च शिक्षा विभाग में बहुत कुछ
    उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा अनुपूरक बजट वित्तीय वर्ष 2024-25 में 250 लाख रू के विभिन्न कार्यों को स्वीकृत किया गया है । जिसमे नगर पंचायत कुरूद में शासकीय शिक्षा बी.एड. महाविद्यालय की स्थापना हेतु 50 लाख रुपए। इसके साथ ही नगर पंचायत कुरूद में बी.ए.एल.एल. बी. (5 वर्षीय) नवीन शासकीय महाविद्यालय की स्थापना हेतु 100 रू की स्वीकृति। और धमतरी के विकासखंड कुरूद अंतर्गत ग्राम-सिर्री में नवीन शासकीय महाविद्यालय की स्थापना , जिला-धमतरी के शासकीय महाविद्यालय में स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन संकाय/विषय शा.गुरु घासीदास स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुरूद, जिला-धमतरी, महर्षि वेदव्यास शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भखारा, जिला-धमतरी के उन्नयन हेतु50 लाख रुपए।जिला-धमतरी के विकासखंड कुरूद अंतर्गत ग्राम-सिर्री में नवीन शासकीय महाविद्यालय की स्थापना हेतु 50 लाख रु की स्वीकृति शामिल है। कुरूद विधानसभा क्षेत्र को मिली इन बड़ी सौगातो पर कुरूद विधानसभा क्षेत्र के समस्त नागरिकों ने हर्ष की लहर दौड़ गई है। और भाजपा के वरिष्ठ नेता सहित व्यापारी संघ और पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष गणों सहित श्याम साहू, झगेश्वर ध्रुव , मालकराम साहु, कुलेश्वर चंद्राकर, झगेश्वर ध्रुव,पुष्पेंद्र साहू ,आनंद यदु, रामस्वरूप साहू ,दुर्गेश यादव ,सनत कुमार ,लोकेश साहू, संतोष सोनी गौकरण साहू , व्यापारी संघ से विकास चंद्राकर महेश केला लाला राम चंद्राकर, सितेश सिन्हा ,मनोज केला साकेत अग्रवाल, यतीश चंद्राकर भूतपूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सुरेंद्र सिन्हा धीरज चंद्राकर, लोकेश्वर ग्वाल, भूपेंद्र चंद्राकर, जनभागीदारी अध्यक्ष भोजराज चंद्राकर, भीमदेव साहू, हरख जैन, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष निरंजन सिन्हा ज्योति भानू चंद्राकर रविकान्त चंद्राकर, खिलेन्द्र चंद्राकर, प्रभात बैस, पूजा यादव, कृष्णकान्त साहू ,संजय चंद्राकर , प्रवीण केला ,प्रमोद शर्मा देवेन्द्र साहू ,कमलेश चंद्राकर ,
    टिकेश जागृति साहू, जीवन साहू, सत्यप्रकाश सिन्हा, विक्रम बंजारे आदि ने अजय चंद्राकर का आभार व्यक्त किया है।

  • गुरू और शिष्य की परंपरा प्राचीन, पढ़ाई के साथ लिखने का अभ्यास जरूरी: जिला समन्वयक पटले

    गुरू और शिष्य की परंपरा प्राचीन, पढ़ाई के साथ लिखने का अभ्यास जरूरी: जिला समन्वयक पटले

    रायपुर ।

    मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय के आह्वान व कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह के मार्गदर्शन में जिले के स्कूलों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। शांति नगर स्थित पी. जी. उमाठे उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में जिला मिशन समन्वयक  के.एस. पटले के मुख्य आतिथ्य में गुरुपूर्णिमा का उत्सव मनाया गया। पटले ने कहा कि हमारी परंपरा बहुत महान है। प्राचीन काल से इसे सर्वाेच्च स्थान दिया गया है। गुरूजनों को याद करते कहा कि इन्होंने वेदों की रचना की। उन्होंने बताया कि गुरू शिष्य की परंपरा प्राचीन है। ऋषि मुनियों ने वेद जैसे ग्रंथो की रचना की। उन्होंने ने कहा  कहा कि पढ़ाई के साथ लिखने का अभ्यास कीजिए। रविंद्र नाथ टैगौर ने एक बार बहुत सारे पुस्तकों को पढ़ने की अपेक्षा एक ही पुस्तकों को अधिक बार पढ़ना चाहिए। मनुष्यों के जीवन निर्माण में गुरुओं की अहम भूमिका होती है।

    ऐसे में माना जाता है कि जिन गुरुओं ने हमें गढ़ने में अपना योगदान दिया है। उनके प्रति हमें कृतज्ञता का भाव बनाए रखना चाहिए और उसे जाहिर करने के दिन के तौर पर ही गुरु पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाता है। वेद को पूरे विश्व के पहले ऋषि माने जाते हैं, इन्होंने भारतीय परंपरा में ज्ञान की ऐसी महत्वपूर्ण काम किए जो आज भी प्रारंभिक है। उन्होंने कहा कि वैसे तो हर दिन गुरु की सेवा करना चाहिए, लेकिन यह दिन पूर्ण रूप से गुरु को समर्पित होता है। इस दिन का उल्लेख रामायण व महाभारत काल में भी किया गया है। कहा जाता है कि इस दिन का इतिहास हजारों लाखों वर्ष पुराना है। 3000 ईसवीं पहले आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा के दिन महाभारत के रचयिता वेद व्यास का जन्म हुआ था। कहा जाता है कि इसी दिन वेद व्यास जी ने भागवत पुराण का भी ज्ञान दिया था। यही कारण है कि हर साल आषाढ़ माह के पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है। इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं समस्त गुरुजनों का मंगल तिलक द्वारा स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन कक्षा बारहवीं की छात्राओं द्वारा किया गया। कक्षा 8 वी की छात्रा कुमारी वंशिका द्वारा स्वागत भाषण दिया गया तथा छात्राओं द्वारा बेहद ही मधुर एवं मनमोहक गुरु वंदना प्रस्तुत किया गया।

    कक्षा 8 वीं की छात्रा कुमारी पूर्वा साकार ने अंग्रेजी में एवं कुमारी ऋषिका बुंदेल ने संस्कृत में अपने प्रभावशाली भाषण से गुरु की महिमा पर अनमोल विचार प्रस्तुत किया। विद्यालय की छात्रा एवं बालिका लोक गायिका कुमारी ओजस्वी(आरू) साहू द्वारा प्रस्तुत किए गए समूह गान की मधुर आवाज ने सबको भावविभोर कर दिया। विद्यालय की व्याख्याता श्रीमती किरण पांडे ने सभी विद्यार्थियों को अपने जीवन में गुरु की भूमिका का महत्व समझने और उनकी शिक्षाओं को आत्मसात करने के लिए कविता के माध्यम से प्रेरित किया। उन्होंने यह भी कहा कि गुरु की शिक्षा और मार्गदर्शन से ही हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं एवं जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम ने विद्यालय में गुरु-शिष्य परंपरा को और भी मजबूत किया तथा विद्यार्थियों में गुरु के प्रति आदर और सम्मान का भाव जागृत किया।

  • छत्तीसगढ़ में शिक्षकों और विद्यार्थियों की संख्या का अनुपात राष्ट्रीय अनुपात से बेहतर

    छत्तीसगढ़ में शिक्षकों और विद्यार्थियों की संख्या का अनुपात राष्ट्रीय अनुपात से बेहतर

    रायपुर ।

    मुख्यमंत्री   विष्णु देव साय ने आज विधानसभा में प्रश्नकाल में स्कूल शिक्षा के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में शिक्षकों और विद्यार्थियों का अनुपात राष्ट्रीय अनुपात से बेहतर है। उन्होंने बताया कि देश में 26 विद्यार्थियों के पीछे एक शिक्षक हैं जबकि प्रदेश में 21 विद्यार्थियों के पीछे एक शिक्षक है। शिक्षकों की पदस्थापना में अब तक कुछ अव्यवस्थाएं थी। जिसके कारण शिक्षकों की कमी परिलक्षित हो रही थी। इन कारणों से सर्वप्रथम युक्तियुक्तकरण करना पहली प्राथमिकता होगी। कुछ स्कूलों में जहां विषय संकाय है वहां शिक्षक नहीं है जहां विषय संकाय नहीं है वहां शिक्षक हैं। कुछ स्थानों पर राज्य के अनुपात से भी बहुत कम विद्यार्थियों पर शिक्षक है। कुछ स्थानों पर तो 4-5 विद्यार्थी पर एक शिक्षक है। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया हेतु ऐसे स्कूलों का चिन्हांकन किया जा रहा है और शीघ्र ही सभी स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना कर दी जाएगी। इससे सभी स्कूलों में शिक्षक उपलब्ध हो जाएंगे और शिक्षा का स्तर और भी अच्छा हो जाएगा।

    मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शिक्षकों की व्यवस्था के साथ ही अधोसंरचना विकास पर भी हम काम कर रहे हैं।उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में शिक्षक और विद्यार्थियों का अनुपात राष्ट्रीय औसत से भी बेहतर है। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी होने से सभी स्कूलों में शिक्षक मिल सकेंगे। साय सरकार द्वारा किये जा रहे युक्तियुक्तकरण का सकारात्मक असर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर पड़ेगा और ऐसे स्कूलों में भी शिक्षक मिल जाएंगे जहां शिक्षकों की कमी की वजह से शिक्षा प्रभावित हो रही है।

  • श्रमिकों के बच्चों के लिए प्रदेश के 05 जिलों में निःशुल्क कोचिंग सहायता योजना प्रारंभ

    श्रमिकों के बच्चों के लिए प्रदेश के 05 जिलों में निःशुल्क कोचिंग सहायता योजना प्रारंभ

    रायपुर ।

    श्रमिक हितैषी सरकार के मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय की विशेष पहल और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन के निर्देश पर मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग शुरू हो गई है। इस योजना के तहत पीएससी, व्यापम, बैंकिंग प्रतियोगी परीक्षा के लिए निःशुल्क कोचिंग की सुविधा श्रमिकों के बच्चों को मिलेगी। प्रदेश के रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव, धमतरी 5 जिलों में कक्षाएं प्रारंभ हो चुकी है। इन सभी जिलों में 50-50 सीटें निर्धारित हैं। साथ ही शेष जिलों कोरबा, महासमुंद, अंबिकापुर, जगदलपुर, जशपुर में प्रवेश और काउंसिलिंग की प्रक्रिया चल रही है।श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के पंजीकृत हितग्राहियों के लिए मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निःशुल्क कोचिंग सहायता योजना प्रारंभ की गई है। मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय के मंशानुरूप श्रमिक परिवार के बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए ठोस कदम उठाएं जाएं। श्रमिक परिवार के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बेहतर सुविधाओं की जरूरत है।

    इसी तारतम्य में पंजीकृत श्रमिक व पंजीकृत श्रमिक के संतानों को शैक्षणिक योग्यता अनुसार लोक सेवा आयोग, छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल, कर्मचारी चयन आयोग, बैंकिग, रेल्वे, पुलिस भर्ती एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए 4 से 10 माह तक निःशुल्क कोचिंग प्रदान की जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक एवं पात्र हितग्राही स्वयं, च्वाईस सेन्टर या श्रम कार्यालय के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।

    पंजीकृत श्रमिक की अगर मृत्यु हो चुकी है तब भी मिलेगी सुविधा
    यदि हितग्राही की मृत्यु दिनांक 09 जून 2020 से पहले हुई है तो पुराने अधिसूचना के अनुसार योजना के लिए उनके बच्चे पात्र है तथा वे हितग्राही जो नवीन योजना मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना से जुड़े हुए हैं वे भी आवेदन कर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

    ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन भी मिलेगी होगी कोचिंग
    यह कोचिंग ऑनलाइन के साथ साथ ऑफलाइन भी मिलेगी। ताकि विभिन्न परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र छात्राओं को दोनों का विकल्प मिल सके। बहुत से छात्र समय या फिर दूरी की वजह से ऑफलाइन ही कोचिंग लेना चाहते हैं, उनको ये सुविधा मिलेगी।

  • वन मंत्री केदार कश्यप ने ‘घर-घर पुस्तक, हर-घर लाइब्रेरी’ का किया शुभारंभ

    वन मंत्री केदार कश्यप ने ‘घर-घर पुस्तक, हर-घर लाइब्रेरी’ का किया शुभारंभ

    रायपुर ।

    वन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री  केदार कश्यप ने जिला प्रशासन बीजापुर के अभिनव पहल ‘‘घर-घर पुस्तक, हर-घर लाइब्रेरी’’ का शुभारंभ किया। मंत्री  कश्यप अपने एक दिवसीय बीजापुर जिले के प्रवास के दौरान जवाहर नवोदय विद्यालय ज्ञानगुड़ी एजुकेशन सिटी में आयोजित जिला स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

    जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि नीति आयोग से प्राप्त राशि के द्वारा जिले के सभी घरों में कम से कम 10 पुस्तकें जिला प्रशासन द्वारा प्रदाय किया जा रहा है। यह पुस्तकें लोगों के मांग पर उनके मनपसंद साहित्यकारों की पुस्तके दी जाएगी। लोगों के मांग के अनुरूप पुस्तक की भाषा, विषय, साहित्यिक, दर्शन, सामान्य ज्ञान सहित सभी प्रकार की प्रत्येक इच्छानुसार पुस्तकें दी जाएगी। मंत्री  कश्यप ने इस अभिनव पहल सराहना करते हुए कहा कि लोगों को अपने घर में ही लाइब्रेरी का अनुभव हो सकेगा। इस  दौरान उन्होंने  लाभार्थियों को पुस्तक का भी वितरण किया।

    कलेक्टर  अनुराग पाण्डेय के निर्देशन में जिले में शिक्षा के स्तर में व्यापक बदलाव लाने एवं अंदरूनी क्षेत्रों में पहली बार स्कूल खुलने की खुशी स्कूली बच्चों के उमंग और उत्साह का डाक्यूमेंट्री विडियो का एलईडी स्क्रीन के माध्यम से प्रदर्शन किया गया। उन्होंने बताया कि शिक्षा के स्तर में सुधार लाने मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय के निर्देर्शों पर अमल करते हुए मुतवेंडी कांवड़गांव, डुमरीपालनार जैसे सुदूर एवं संवेदनशील गावों में पुनः स्कूल खोला गया जिसमें हजारों बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा गया। शिक्षा के साथ-साथ नियद नेल्लानार योजना के तहत बिजली, पानी, राशन जैसे बुनियादि सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।

    इस दौरान इन 25 स्कूलों के स्थानीय स्तर पर नियुक्त शिक्षादूतों का सम्मान किया गया। वहीं जिला प्रशासन की ओर से कलेक्टर ने प्रभारी मंत्री को एक भारत श्रेष्ठ भारत नामक पुस्तक एवं सांसद श्री महेश कश्यप को वीर सावरकर के जीवन पर आधारित पुस्तकें भेंट की।कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष  शंकर कुड़ियम, उपाध्यक्ष  कमलेश कारम, जिला पंचायत सदस्य  बसंत राव ताटी,  नीना रावतिया उद्दे,  बी पुष्पाराव, वरिष्ठ नागरिक जी वेंकट, श्रीनिवास मुदलियार, पुलिस अधीक्षक डा. जितेन्द्र यादव सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

  • स्निग्धा महापात्र बनी हेड गर्ल छात्रसंघ का हुआ शपथ समारोह

    स्निग्धा महापात्र बनी हेड गर्ल छात्रसंघ का हुआ शपथ समारोह

    रायपुर।

    स्निग्धा महापात्र देशबंधु इंग्लिश मीडियम हायर सेकंडरी स्कूल की हेड गर्ल चुनी गईं। जबकि मयंक नहाटा शाला के हेड ब्याव बनाए गए । देशबंधु स्कूल में आयोजित छात्रसंघ के इस शपथ समारोह प्राचार्य  शिशिर दास ने स्निग्धा सहित शाला के समस्त छात्र परिषद के सदस्यों स्निग्धा महापात्र, मयंक नाहटा लिटरेरी हेड संस्थिता कोष्टा, कल्चरल हेड वैशाली भगत, डिसिप्लिन हेड सारांश सिंह, गौरी चावला, स्पोर्ट्स हेड फाल्गुनी तिवारी, वंश दुबे, असेंबली हेड गौरव रहेजा, तनिष्का चूटे को पद की शपथ दिलाई । इस अवसर पर सीनियर प्रीफेक्ट तथा जूनियर प्रीफेक्ट ने भी शपथ लिया । शपथ ग्रहण समारोह का संचालन शिक्षिका   हनी लालवानी एवं अनिता अग्रवाल ने किया । इस कार्यक्रम में हेड गर्ल स्निग्धा महापात्र एवं हेड ब्वाय ने भी अपने विचार रखे । धन्यवाद ज्ञापन  हनी ने किया । उल्लेखनीय है कि शाला के सभी विद्यार्थियों को मेकल, सतपुड़ा, सिहावा और विंध्याचल के चार समूह में बांटा गया है।

  • MATS यूनिवर्सिटी ने आयोजित किया अकोली कला गांव में डिजिटल साक्षरता की पहल

    MATS यूनिवर्सिटी ने आयोजित किया अकोली कला गांव में डिजिटल साक्षरता की पहल

    रायपुर।
    विकसित भारत डिजिटल साक्षरता पहल के हिस्से के रूप में, MATS यूनिवर्सिटी ने 10 जुलाई 2024 को अकोली कला गांव में एक आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य डिजिटल साक्षरता को बढ़ाना और ग्रामीणों के बीच प्रौद्योगिकी के लाभों को बढ़ावा देना था। इस कार्यक्रम में अकोली कला गांव के सरपंच, अकोली कला स्कूल के प्रधानाध्यापक सहित कई प्रतिष्ठित अतिथि और संकाय सदस्य उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का समन्वय और प्रबंधन MSIT विभाग के संकाय अमित साहू, सुश्री हेमलता पटेल और दिग्विजय सिंह द्वारा किया गया था। MATS स्कूल ऑफ आईटी के संकाय सदस्यों ने छात्रों के साथ बुनियादी कंप्यूटर कौशल, इंटरनेट उपयोग और डिजिटल साक्षरता के महत्व पर इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किए।

    अमित साहू ने ग्रामीणों को कंप्यूटर और स्मार्टफोन के उपयोग की बुनियादी बातों से परिचित कराया, सुश्री हेमलता पटेल ने दैनिक जीवन के लिए लाभदायक विभिन्न डिजिटल उपकरणों और अनुप्रयोगों के उपयोग का प्रदर्शन किया और श्री दिग्विजय सिंह ने शिक्षा, रोजगार के अवसरों और जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार के लिए डिजिटल साक्षरता की क्षमता पर चर्चा की। इस कार्यक्रम में कुल 100 छात्रों ने भाग लिया, जिसमें स्थानीय स्कूल के 75 छात्र और MATS स्कूल ऑफ आईटी के 25 छात्र शामिल थे।

    MATS विश्वविद्यालय ने छात्रों को कार्यक्रम के बाद उनकी सीखने की यात्रा जारी रखने में मदद करने के लिए स्टेशनरी सहित शैक्षिक सामग्री वितरित की।
    MATS यूनिवर्सिटी का अकोली कला गांव का दौरा विकसित भारत पहल के तहत डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। गाँव के स्कूल अधिकारियों और MATS विश्वविद्यालय के प्रबंधन के सहयोगात्मक प्रयासों ने आयोजन की सफलता सुनिश्चित की। ग्रामीणों ने अपना आभार व्यक्त किया और अपने नए ज्ञान को लागू करने के लिए उत्साह दिखाया, जिससे अकोली कला में डिजिटल सशक्तिकरण की एक आशाजनक शुरुआत हुई। यह आयोजन मैट्स यूनिवर्सिटी के चांसलर गजराज पगारिया, कुलपति प्रोफेसर डॉ. पीके यादव, महानिदेशक प्रियेश पगारिया और रजिस्ट्रार गोकुलानंद पांडा के अटूट समर्थन से संभव हुआ।

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

    रायपुर ।

    शिक्षाविद् डॉ. हेमलता एस मोहन ने कहा कि नई शिक्षा नीति का लक्ष्य भारत को ज्ञान में वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करना है किंतु उसकी जड़े भारत की संस्कृति एवं मूल्यों से बंधी हो। छत्तीसगढ़ की एस.सी.ई.आर.टी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में देश का अग्रणी राज्य है। उक्त बाते शिक्षाविद् डॉ. हेमलता एस मोहन  आज रायपुर के राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में आयोजित एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम को मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करते हुए कही। यह कार्यशाला स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों तथा अकादमिक सदस्यों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रति व्यापक समझ विकसित करने के उद्देश्य से आयोजित की गई है।

    स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने कहा कि आगामी एक वर्ष का कार्य महत्वपूर्ण होने वाला है। विगत छः माह में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के 30 प्रतिशत् कार्य पूर्ण हो चुके हैं। शेष 70 प्रतिशत् कार्य भी प्रारंभ हो गया है। छत्तीसगढ़ की पुस्तकों को स्थानीय स्तर के अनुकूल बनाना गया है, शिक्षक तभी अच्छे ढंग से पढ़ा पाएंगे जब वे स्वयं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप प्रशिक्षित होंगे। प्रशिक्षण में भी नवाचार को स्थान देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राज्य में शाला त्यागी बच्चों से संपर्क कर स्कूल तक वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। उद्घाटन सत्र में जे.पी. रथ, अतिरिक्त संचालक, एस.सी.ई.आर.टी. द्वारा अपने स्वागत भाषण में आगंतुक अतिथियों का परिचय दिया गया।

    अतिथि वक्ता  महेन्द्र मिश्रा द्वारा बहुभाषावाद और भाषा की शक्ति पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया। उन्होंने कहा कि भारत के सभी बच्चों के लिए काम करना हर शिक्षाविद का धर्म होना चाहिए तथा भाषा माध्यम नहीं लक्ष्य होना चाहिए। संचालक एस.सी.ई.आर.टी. राजेंद्र कुमार कटारा ने अतिथियों को एससीईआरटी द्वारा प्रकाशित किताबें भेंट की। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पहला अधिकारिक उन्मुखीकरण कार्यक्रम है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला। प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा  संजीव कुमार झा ने कहा कि इस नई शिक्षा नीति में भारत को ग्लोबल स्किल हब बनाने की तैयारी है।

    एस.सी.ई.आर.टी. के अकादमिक सदस्यों द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुख्य बिंदुओं पर प्रस्तुतीकरण दिया गया, जिसमें आलोक शर्मा द्वारा पाठ्यक्रम और शिक्षण शास्त्र के अंतर्गत राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा के बारे में विस्तार से बताया गया।  सुनील मिश्रा द्वारा प्रारंभिक बाल्यवास्था देखभाल एवं शिक्षा बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। आई. संध्या रानी द्वारा विद्यार्थियों के विकास के लिए आकलन, हेमंत कुमार साव द्वारा शिक्षक शिक्षा-शिक्षकों का सतत् व्यावसायिक विकास, डॉ. दीपा दास द्वारा व्यावसायिक शिक्षा,  संतोष कुमार तंबोली द्वारा प्रौद्योगिकी का उपयोग ऑनलाइन और डिजिटल शिक्षा, प्रशांत पाण्डेय, राज्य साक्षरता मिशन द्वारा उल्लास (प्रौढ़ शिक्षा) पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। कार्यक्रम के अंत में  कटारा द्वारा उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के लिए शपथ ग्रहण कराया गया। कार्यशाला में प्रबंध संचालक पाठ्य पुस्तक निगम कुलदीप शर्मा, एस.सी.ई.आर.टी. के समस्त अधिकारी एवं अकादमिक सदस्य, प्रदेश के सभी शासकीय शिक्षा महाविद्यालय, बी.टी.आई. तथा डाईट के प्राचार्य उपस्थित थे।