नया रायपुर- कलिंगा विश्वविद्यालय मध्य भारत का प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा संस्थान है। जिसे राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) के द्वारा बी प्लस रेंक की मान्यता प्रदान की गयी है। यह छत्तीसगढ़ में एकमात्र निजी विश्वविद्यालय है जो एनआईआरएफ रैंकिंग-2022 में उच्चस्तरीय 101-150 विश्वविद्यालय में शामिल है।
विदित हो कि कलिंगा विश्वविद्यालय में मूल्य आधारित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुसंधान पर केंद्रित नये शोध और नयी खोज को विकसित करने के लिए सर्वसुविधायुक्त सेंट्रल इंस्ट्रुमेंटेशन सुविधा (सीआईएफ) की स्थापना की गयी है। सीआईएफ के द्वारा विश्वविद्यालयीय छात्रों और शिक्षकों के साथ-साथ निर्धारित शुल्क लेकर बाहरी शैक्षणिक संस्थानों के स्नातकोत्तर विद्यार्थी, शोध छात्र, वैज्ञानिक अधिकारी एवं अन्य संस्थाओं के इच्छुक प्रतिभागियों के लिए उच्च-स्तरीय शोध उपकरणों को उपलब्ध कराकर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाता रहा हैं। जिससे एक बेहतर शोध वातावरण बन सके। इसी तारतम्य में कलिंगा विश्वविद्यालय में सीआईएफ विभाग के द्वारा श्रृंखलाबद्ध प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं। जिसके अंतर्गत 05 नवंबर 2022 को ‘‘प्रोटीन एस्टीमेशन एंड बायोकेमिस्ट्री एनालाइजर” पर एकदिवसीय प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया।
कलिंगा विश्वविद्यालय के फार्मेसी भवन में आयोजित उक्त एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.आर.श्रीधर, महानिदेशक डॉ.बैजू जॉन एवं विश्वविद्यालय के विभिन्न संकाय के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, प्रतिभागी और विद्यार्थियों की उपस्थिति में ज्ञान और विद्या की देवी माँ सरस्वती के प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना करने के पश्चात किया गया। कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.आर.श्रीधर ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्र में अत्याधुनिक अनुसंधान के लिए नवीनतम और सबसे उन्नत विश्लेषणात्मक तकनीकों के साथ सर्वसुविधायुक्त प्रयोगात्मक ज्ञान प्रदान करना है। जिससे उपयोगकर्ता नवीन अनुसंधान विधियों को प्रयोगशाला के माध्यम से समझ सकें और अपने शोधकार्य में प्रयोग करने के साथ-साथ उसके औद्योगिक आवश्यकता के महत्व को समझकर प्रशिक्षित हों एवं अपने उद्देश्य को पूर्ण करने में सफल हों। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में सम्मिलित होने के उपरांत शोधकर्ता अपने सटीक शोध निष्कर्षों का अपने कार्यक्षेत्र में उपयोग करने के साथ-साथ देश-विदेश के प्रतिष्ठित रिसर्च जर्नल में प्रकाशित कर वैश्विक विकास में सहभागी बनेंगे।
कलिंगा विश्वविद्यालय के महानिदेशक डॉ. बैजू जॉन ने कहा कि ‘‘इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की संरचना को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि प्रशिक्षणार्थी प्रयोगशाला अनुसंधान और औद्योगिक आवश्यकता को समझ सकें और आसानी से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकें। प्रशिक्षण कार्यक्रम के उपरांत निश्चित रूप से प्रशिक्षणार्थी इस मंच के तहत प्रशिक्षण विधि एवं विशेषज्ञ प्राध्यापकों के ज्ञान से लाभान्वित होंगे और एडवांस इंस्ट्रुमेंटेशन के कार्य और संचालन प्रक्रिया को आसानी से समझेंगे।“ प्रशिक्षण कार्यक्रम में अतिथियों के परिचय और स्वागत के उपरांत कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।प्रथम तकनीकी सत्र में जंतु विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज सिंह और वनस्पति विज्ञान के सहायक प्राध्यापक श्री अभिषेक पांडेय के द्वारा प्रोटीन एस्टीमेशन एंड बायोकेमिस्ट्री एनालाइजर के विभिन्न अनुप्रयोगों पर विस्तार से जानकारी देने के बाद व्यावहारिक सिद्धांतों पर प्रकाश डाला।जबकि दूसरे प्रशिक्षण सत्र में दोनों विशेषज्ञ प्राध्यापकों के द्वारा सेंपल तैयार करके ‘‘प्रोटीन एस्टीमेशन एंड बायोकेमिस्ट्री एनालाइजर” के परीक्षण का सफल प्रदर्शन करके व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रोटीन एस्टीमेशन एंड बायोकेमिस्ट्री एनालाइजर की क्षमताओं और सीमाओं पर बुनियादी ज्ञान प्रदान करने में सफल रहा। जो फुड इंडस्ट्री,डेयरी इंडस्ट्री, फार्मेक्यूलिकल इंडस्ट्री, आटोमोबाइल इंडस्ट्री, पालीमर और प्लास्टिक इंडस्ट्री, पेट्रोलियम, केमिकल एवं एग्रीकल्चर इंडस्ट्री के लिए बहुत उपयोगी है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को उसके विभिन्न अनुप्रयोगों पर विस्तृत प्रशिक्षण देने के साथ-साथ सैद्धांतिक पहलुओं पर व्याख्यान, प्रदर्शन और नयी तकनीक की जानकारी प्रदान की गयी। उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न संस्थाओं से आए हुए प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंत में जंतु विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज सिंह ने उपस्थित अतिथि और प्रतिभागियों के लिए औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन दिया। इसके साथ ही इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ। उक्त एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला समापन समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर श्रीधर, महानिदेशक डॉ बैजू जॉन, समस्त अधिष्ठाता और संबंधित विभाग के समस्त प्राध्यापक उपस्थित थे।