Category: एजुकेशन न्यूज़

  • 4 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को मिला व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का लाभ

    4 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को मिला व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का लाभ

    भोपाल,29 नवम्बर 2022 /
    राष्ट्रीय शिक्षा नीति अंतर्गत मध्य प्रदेश में शैक्षणिक सत्र 2021-22 में स्नातक प्रथम वर्ष के 4 लाख 15 हजार 136 विद्यार्थी ने परपंरागत विषयों के साथ अपनी पसंद के व्यावसायिक पाठ्यक्रम की भी शिक्षा प्राप्त की है। यह पाठयक्रम उन्हें रोजगार एवं स्व-रोजगार के नए अवसर प्राप्त करने में सहयोगी होगा। यही नहीं इसके अध्ययन से उन्हें अपने कॅरियर की दिशा निर्धारित करने में भी सहायता मिलेगी। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में एमएसएमई विभाग के साथ एमओयू किया गया था। भविष्य में विद्यार्थियों को रोजगार के सुगम अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से पर्यटन और खनिज विभाग के साथ भी अनुबंध किया जायेगा।

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में स्नातक प्रथम वर्ष में 25 व्यावसायिक पाठ्यक्रम को शामिल किया गया है। इसमें सभी विद्यार्थियों को निर्धारित विषयों में से किसी एक विषय में एक साल का डिप्लोमा पूर्ण करना होगा।

    पाठयक्रम के लिए शिक्षकों को दिया गया प्रशिक्षण

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति में व्यावसायिक विषय के पाठयक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी उच्च शिक्षा विभाग के उन विषय विशेषज्ञों को दी गई थी, जिनके मूल विषय में इन पाठ्यक्रमों की आधारभूत विषय-वस्तु आती है।शासन के निर्देशानुसार महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को इन विषयों का अध्ययन कराने वाले शिक्षकों को विभाग द्वारा इसके लिए नरोन्हा प्रशासन अकादमी में वरिष्ठ एवं अनुभवी विषय-विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। इसके लिए 5 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण सत्र 28 फरवरी से एक अप्रैल तक किया गया, जिसमें कुल 2100 शिक्षक ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इन शिक्षकों द्वारा संबंधित विषयों के विद्यार्थियों को अध्ययन कराया गया है।

    यह है प्रमुख विषय

    निर्यात-आयात प्रबंधन, जीएसटी के साथ ई–एकाउंटिंग और कराधान, वित्त सेवाएँ और बीमा, खुदरा प्रबंधन, डिजिटल मार्केटिंग, ब्रिकी कौशल, एकाउंटिंग और टैली कोर्स, जैविक खेती, बागवानी, वर्मी कम्पोस्टिंग, डेयरी प्रबंधन, चिकित्सा निदान, डेस्कटॉप प्रकाशन (डीटीपी), सौंदर्य और स्वास्थ्य कल्याण, औषधीय पौधे, पोषण और आहार, वेब डिजाइनिंग, इलेक्ट्रिकल टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रानिक टेक्नोलॉजी, सुरक्षा सेवाएँ, हस्तशिल्प, खाद्य संरक्षण और प्र-संस्करण, व्यक्तित्व विकास, पर्यटन-परिवहन और यात्रा सेवाएँ, कार्यालय प्रक्रिया और व्यवहार।

  • तहसीलों में काम करने वाले स्कूल शिक्षा विभाग के लिपिकों को नोटिस जारी

    तहसीलों में काम करने वाले स्कूल शिक्षा विभाग के लिपिकों को नोटिस जारी

    बिलासपुर ,28 नवम्बर 2022 /
    बिलासपुर जिला के राजस्व विभाग के तहसीलों में काम करने वाले स्कूल शिक्षा विभाग के लिपिकों को नोटिस जारी किया गया है। साथ ही अपने मूल स्थान पर वापस जॉइन करने के निर्देश दिए हैं।ये लिपिक तहसील कार्यालयों में कई सालों से पदस्थ हैं। साथ ही राजस्व संबधी काम कर ये लिपिक तहसील कार्यालयों में कई सालों से पदस्थ हैं। साथ ही राजस्व संबधी काम कर रहे हैं। दूसरी तरफ शिक्षा विभाग में स्टाफ की कमी के कारण कई प्रकार के विभागीय कार्य लंबित है। तहसील में काम करने वाले बाबुओं को शिक्षा विभाग से वेतन जारी किया जा रहा है।

    बिलासपुर तहसील में शिक्षा विभाग के बाबू पेशी की तारीख देने का ही काम कर रहे हैं। बहुत लंबे समय से बाबू तहसील में पदस्थ हैं। लेकिन अब तक किसी अफसर ने ध्यान ही नहीं दिया।

    बीते माह कलेक्टर सौरभ कुमार ने आदेश जारी कर लंबे समय से एक ही विभाग में पदस्थ लिपिकों की सूची बनाने के निर्देश दिए थे। तब पता चला कि स्कूल विभाग के कुछ बाबू तहसील में काम कर रहे हैं। बिलासपुर तहसील में अभी सहायक ग्रेड दो और सहायक ग्रेड तीन के पांच-पांच पद हैं। यह सभी पद में स्टाफ नियुक्त हैं। ऐसे में कर्मचारियों की जरूरत पड़ने का दावा नहीं किया जा सकता। इस स्थिति में भी बिलासपुर तहसील में शिक्षा विभाग के पांच-पांच बाबूओं यहां काम कर रहे हैं। इसके बारे में न तो शिक्षा विभाग को इससे मतलब है और न ही तहसील के अफसरों ने इसे अब तक संज्ञान में लिया है। कलेक्टर सौरभ कुमार ने आदेश जारी एक ही टेबल पर जमे रहने वाले बाबूओं को बदलने का आदेश जारी किया था। मंशा साफ थी कि टेबल पर बाबूओ को तबादले से काम में पारदर्शिता आएगी। यहां तो विभाग का मामला है। तहसील में पर्याप्त कर्मचारियों के रहते हुए भी शिक्षा विभाग के बाबूओं को क्यों संलग्न रखा गया है। जिन बाबूओं को शिक्षा विभाग के काम निपटाना था वह पक्षकारों को पेशी की तारीख देने का काम कर रहे हैं।

  • सुपर इंडियंस राजस्थान चैप्टर में सिने स्टार गोविंदा के हाथों सम्मानित हुए मैट्स यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति गजराज पगारिया

    सुपर इंडियंस राजस्थान चैप्टर में सिने स्टार गोविंदा के हाथों सम्मानित हुए मैट्स यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति गजराज पगारिया

     

    रायपुर। राजस्थान के उदयपुर में फस्र्ट इंडिया न्यूज़ राजस्थान और भारत 24 न्यूज़ चैनल द्वारा आयोजित सुपर इंडियंस राजस्थान चैप्टर में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान और समाज सेवा के लिए मैट्स यूनिवर्सिटी, रायपुर के कुलाधिपति गजराज पगारिया का सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम में सिने अभिनेता गोविंदा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में गजराज पगारिया सहित विभिन्न क्षेत्रों के सुपर स्टार्स से गोविंदा ने चर्चा की एवं उनके प्रयासों की सराहना की।
    कुलाधिपति गजराज पगारिया ने ’नींव नये भारत की’ विषय पर पैनल डिस्कशन में विषय विशेषज्ञ के रूप में चर्चा की। गजराज पगारिया के उच्च शिक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में विकास के लिए दिये गए सुझावों की गोविंदा सहित अन्य विषय विशेषज्ञों ने सराहना की। राजस्थान के उदयपुर के पांच सितारा होटल में 27 नवंबर को आयोजित इस कार्यक्रम में गजराज पगारिया को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। सिने स्टार गोविंदा ने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञों के साथ तीन अलग-अलग सत्रों में पैनल डिस्कशन किए और महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की।

    गजराज पगारिया ने मैट्स यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धन विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रतिवर्ष दी जा रही चांसलर स्काॅलरशिप एवं अन्य सुविधाओं तथा यूनिवर्सिटी की उपलब्धियों से अवगत कराया जिसकी सभी विषय विशेषज्ञों ने सराहना की। श्री पगारिया ने बताया कि मैट्स यूनिवर्सिटी छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ कैरियर की अपार संभावनाएं उपलब्ध करा रहा है। हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है। इन््हीं उद्देश्यों के मद्देनजर भारत सरकार के राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नेक) ने बी प्लस प्लस ग्रेड प्रदान किया। यह ग्रेड प्राप्त करने वाला मैट्स विश्वविद्यालय राज्य का प्रथम निजी विश्वविद्यालय है। इस कार्यक्रम में राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी, चैनल हेड डॉक्टर जगदीश चंद्र, राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव, मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ और अन्य गणमान्य अतिथिगण उपस्थित थे।

  • लोकतंत्र की आत्मा है संविधान – कुलपति प्रो. निगम

    लोकतंत्र की आत्मा है संविधान – कुलपति प्रो. निगम

    भिलाई,28 नवम्बर 2022। श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भिलाई द्वारा आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत दो दिवसीय संविधान दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। आयोजन के प्रथम दिवस 26 नवंबर 2022 को यूनिवर्सिटी के कुलसचिव पी. के. मिश्रा द्वारा यूनिवर्सिटी परिवार के सदस्यों को संविधान का प्रस्तावना का वाचन कराया गया।तत्पश्चात विद्यार्थियों के लिए भाषण प्रतियोगिता, पोस्टर, रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस अवसर पर कुलसचिव मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि संविधान 26 नवंबर संधिधन दिवस मानाने का मुख्य उद्देश्य भारत के नागरिकों मेंमौलिक अधिकारों और कर्तव्यों की समझ विकसित करने के लिये संवैधानिक मूल्यों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही यह नागरिकों को गौरवशाली संवैधानिक यात्रा से परिचित कराने और जीवन के अधिकार, व्यक्तिगत स्वतंत्रता एवं गोपनीयता के मुद्दों सहित देश के सर्वोच्च कानून की समझ विकसित करना है. कार्यक्रम के दुसरे दिन दिनांक 28 नवंबर 2022 को पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों को पुरस्कार कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. (डॉ.) एल. एस. निगम द्वारा प्रदान किया गया। इस अवसर पर प्रो. निगम ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वतंत्रता के बाद भारत का लोकतंत्र कितना सफल रहा, यह देखने के लिये इन वर्षों का इतिहास, देश की उपलब्धियाँ, देश का विकास, सामाजिक-आर्थिक दशा, लोगों की खुशहाली आदि पर गौर करने की ज़रूरत है। भारत का लोकतंत्र बहुलतावाद पर आधारित राष्ट्रीयता की कल्पना करता है। यहाँ की विविधता ही इसकी खूबसूरती है। उन्होंने बताया कि सिर्फ दक्षिण एशिया को ही लें, तो भारत और क्षेत्र के अन्य देशों के बीच यह अंतर है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और श्रीलंका में उनके विशिष्ट धार्मिक समुदायों का दबदबा है। लेकिन धर्मनिरपेक्षता भारत का एक बेहद सशक्त पक्ष रहा है। सूचकांक में भारत का पड़ोसी देशों से बेहतर स्थिति में होने के पीछे यह एक बड़ा कारण है। इसमें कोई शक नहीं कि देश का विकास तो हुआ है, लेकिन देखना यह होगा कि विकास किन वर्गों का हुआ और सामाजिक समरसता के धरातल पर विकास का यह दावा कितना सटीक बैठता है। दरअसल, किसी लोकतंत्र की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि सरकार ने गरीबी, निरक्षरता, सांप्रदायिकता, लैंगिक भेदभाव और जातिवाद को किस हद तक समाप्त किया है। लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति कैसी है और सामाजिक तथा आर्थिक असमानता को कम करने के क्या-क्या प्रयास हुए हैं। कुलपति प्रो. निगम ने कहा कि। लोकतंत्र की कामयाबी के लिये ज़रूरी है कि सरकार अपने निहित स्वार्थों से ऊपर उठकर जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने की कोशिश करे। विकास के तमाम दावों के बावजूद देश में गरीबी, भुखमरी, बेरोज़गारी आदि बेहद गंभीर समस्याएँ है लोकतांत्रिक व्यवस्था को लेकर बुनियादी सवाल कहीं पीछे छूट गए हैं और लोकतंत्र में जनता की भागीदारी और लोकतांत्रिक संस्कृति को विकसित करने के लिये पहले बुनियादी समस्याओं को हल किया जाना ज़रूरी है ताकि लोकतांत्रिक व्यवस्था को सफल बनाया जा सके। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत की खूबियों और खामियों के किसी भी आकलन में एक निष्कर्ष साफ तौर पर उभरता है कि भारत ने अपनी क्षमताओं और संभावनाओं का पूरा उपयोग नहीं किया है। ऐसे में हमें एक सुनियोजित व संकल्पित प्रयास की ज़रूरत है ताकि हमारा तंत्र कारगर और आधुनिक हो सके। संयुक्त रूप से उक्त कार्यक्रम का संयोजन डॉ. प्राची निमजे, अधिष्ठाता छात्र एवं डॉ. रविन्द्र कुमार यादव, कार्यक्रम अधिकारी, राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा किया गया। इस अवसर पर यूनिवर्सिटी परिवार के विद्यार्थियों, प्राध्यापकों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों की गरिमामई उपस्थिति रहीं।

  • सैनिक स्कूल अम्बिकापुर में कक्षा 6वीं में प्रवेश हेतु आवेदन आमंत्रित

    सैनिक स्कूल अम्बिकापुर में कक्षा 6वीं में प्रवेश हेतु आवेदन आमंत्रित

    दंतेवाड़ा, 23 नवम्बर 2022\ शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए सैनिक स्कूल अम्बिकापुर में कक्षा 6वीं में प्रवेश हेतु अखिल भारतीय सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा 08 जनवरी 2023 (रविवार) को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (छज्।) द्वारा आयोजित की जायेगी। जिसमें जिले के इच्छुक छात्र-छात्राओं द्वारा राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की आधिकारिक वेबसाईट
    https://aissee.nta.nic.ac.in
    पर जाकर 30 नवम्बर 2022 शाम 05 बजे तक आवेदन कर सकते है।

  • मैट्स विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय पुस्तकालय सप्ताह के मौके पर विविध प्रतियोगिता आयोजित

    मैट्स विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय पुस्तकालय सप्ताह के मौके पर विविध प्रतियोगिता आयोजित

    रायपुर। मैंट्स विश्वविद्यालय के मैट्स स्कूल आफ लाइब्रेरी साइंस विभाग द्वारा राष्ट्रीय पुस्तकालय सप्ताह का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों के लिए विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमें विद्याार्थियों ने बड़े उत्साह से कार्यक्रम में भागीदारी की और अपने कला का प्रदर्शन किया। विभाग की ओर से 15 नवम्बर को बुकमार्क, 16 नवम्बर को स्लोगन लेखन स्पर्धा का आयोजन किया गया। 17 नवम्बर को कैलीग्राफी और 18 नवम्बर को कोलाज मेकिंग का आयोजन हुआ। 19 नवम्बर को विभाग की ओर से पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के विद्यार्थियों को रायपुर स्थित सेन्ट्रल लाइब्रेरी एवं नालंदा लाइब्रेरी का भ्रमण कराया गया जिसमें विद्यार्थियों ने लाइब्रेरी से संबंधित अऩेक नवीन जानकारियाँ प्राप्त कीं। विद्यार्थियों को पुस्तकालय परिचालन पद्धति एवं ई-लाइब्रेरी से अवगत कराया गया। जिसमें नालंदा लाइब्रेरी में फुली आटोमेटेड आरएफआईडी तकनीक व डिजिटल लाइब्रेरी संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
    मैट्स स्कूल आॅफ लाइब्रेरी साइंस विभाग की विभागाध्यक्ष डाॅ. कल्पना चंद्राकर ने बताया कि भारतवर्ष में राष्ट्रीय पुस्तकालय सप्ताह का आयोजन प्रतिवर्ष 14 से 20 नवम्बर के मध्य मनाया जाता है। इसी तारतम्य में लाइब्रेरी साइंस विभाग द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। विभागाध्यक्ष डाॅ.कल्पना चन्द्राकर ने बच्चों को प्रोत्साहित किया तथा लाइब्रेरी कमेटी के अध्यक्ष डाॅ.प्रशांत मुंडेजा ने इसी तरह से कार्यकमों में भाग लेने के लिए छात्रों को अभिप्रेरित किया। इस अवसर पर लाइब्रेरी साइंस विभाग के शिक्षकगण सहायक प्राध्यापक श्री संजय शाहजीत, श्री लाकेश कुमार साहू एवं सहायक ग्रथपाल श्री गिरधारी लाल पाल सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकगण एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे। मैट्स विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री गजराज पगारिया, महानिदेशक श्री प्रियेश पगारिया, कुलपति प्रो. के.पी. यादव, उपकुलपति डाॅ. दीपिका ढांढ, कुलसचिव श्री गोकुलानंदा पंडा ने इस आयोजन की सराहना की एवं विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया।

  • बदलती परिस्थितियों में नवाचार बहुत जरूरी : राज्यपाल

    बदलती परिस्थितियों में नवाचार बहुत जरूरी : राज्यपाल

     

    नया रायपुर,18 नवंबर 2022।

    कलिंगा विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह का आयोजन 18 नवंबर 2022 को संपन्न हुआ। जिसमे डिप्लोमा, स्नातक, स्नाकोत्तर और पी.एच.डी. के विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गयी। समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ शासन की राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके ने की। विशिष्ठ अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल और छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. उमेश कुमार मिश्रा उपस्थित थें।

    नया रायपुर स्थित विश्वविद्यालय प्रांगण में आयोजित इस भव्य समारोह के अवसर पर सभी प्राध्यापकों ने कुलाध्यक्ष महामहिम के साथ, गणवेश धारण किए हुए शोभायात्रा के रूप में दीक्षांत स्थल में प्रवेश किया। समारोह का शुभारंभ कुलाध्यक्ष सुश्री अनुसुइया उइके, अति विशिष्ट अतिथि शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. उमेश कुमार मिश्रा, – कलिंगा विश्वविद्यालय अध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, कुलाधिपति डॉ. संदीप अरोरा, उपकुलाधिपति डॉ. सज्जन सिंह, ट्रस्टी डॉ. सीमा अरोरा, ट्रस्टी डॉ. शर्मिला, कुलपति डॉ आर. श्रीधर, महानिदेशक डॉ. बायजू जॉन, कुलसचिव डॉ. संदीप गाँधी और अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. आशा अंभईकर और डीन अकादमिक मामलों प्रोफ़ेसर राहुल मिश्रा की उपस्थिति में माँ सरस्वती के मूर्ति पर दीप प्रज्जवलित कर किया गया।

     

    समारोह के प्रथम चरण में कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर. श्रीधर के द्वारा दीक्षांत संदेश प्रस्तुत किया गया। उसके पश्चात दीक्षार्थियों को डिप्लोमा, स्नातक, स्नाकोत्तर और शोधार्थियों को पी.एच.डी से अलंकृत किया गया। अति विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल ने दीक्षार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि- उपाधिधारक विद्यार्थी अपने भविष्य के उद्देश्य को केन्द्रित करते हुए परिश्रम और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़े। मार्ग जीवन के प्रत्येक मार्ग में कठिनाईयाँ भी आती हैं किन्तु मजबूत इरादों के साथ उन्हे परास्त किया जा सकता है।

    विश्वविद्यालय की कुलाध्यक्ष और राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि- कलिंगा विश्वविद्यालय ने स्थापना के कुछ वर्षो में ही मध्य भारत के अग्रणी विश्वविद्यालयों में अपना स्थान बना लिया है। उन्होने विश्वविद्यालयों मे प्रदान की जाने वाली अनुसंधानपरक और उच्च गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ विश्व स्तरीय अधोसंरचना के लिए विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी।

    उन्होने कहा कि दीक्षांत समारोह, विश्वविद्यालय का बहुप्रतीक्षित गौरवशाली अवसर है जिसका प्रत्येक विद्यार्थी को इंतजार रहता है। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि मुझे पुरी उम्मीद है कि आज उपाधि प्राप्त करने वाले “वसुधैव कुटुम्बकम“ की भावना को स्वीकार करके अपने ज्ञान का प्रसार, समाज, राष्ट्र और मानव जाति के कल्याण कें लिए करेंगे। उन्होंने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि बदलती परिस्थितियों में नवाचार बहुत जरूरी है। विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों में अनुसंधान करें और ज्ञान से हम सभी लाभान्वित हों।

    कार्यक्रम के अंतिम चरण मे विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संदीप गाँधी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। मंच संचालन कपिल केलकर विभागाध्यक्ष (फैशन डिजाइनिंग विभाग) और श्रीमती श्रेया द्विवेदी सहायक प्राध्यापक, (पत्रकारिता एवं जनसंपर्क विभाग) ने किया। इस अवसर पर कलिंगा विश्वविद्यालय के सभी संकायों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, शासी निकाय एवं प्रबध्ं मंडल के सदस्य, अभिभावकजन, विद्यार्थी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थें।

  • काउंसिल ऑफ बोर्ड ऑफ स्कूल एज्युकेशन की वार्षिक कॉन्फ्रेन्स 17 से 19 नवम्बर तक

    काउंसिल ऑफ बोर्ड ऑफ स्कूल एज्युकेशन की वार्षिक कॉन्फ्रेन्स 17 से 19 नवम्बर तक

    भोपाल,16 नवंबर 2022 /
    मध्यप्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड एवं महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान द्वारा 17 से 19 नवम्बर तक काउंसिल ऑफ बोर्डस ऑफ स्कूल एज्युकेशन की तीन दिवसीय 51वीं वार्षिक कॉन्फ्रेन्स भोपाल में होगी। इसमें नेपाल, यूएसए, मॉरिशस आदि देशों सहित भारत के 32 राज्य शिक्षा बोर्ड के लगभग 70 प्रतिनिधि सम्मिलित होंगे।

    कॉन्फ्रेन्स में ऑनलाइन एज्युकेशन और कॉमन यूनिवर्सिटी इंट्रेन्स टेस्ट के आयोजन के विषयों सहित नवीन शिक्षा नीति के प्रकाश में विभिन्न अकादमिक विषयों पर चर्चा की जायेगी।

    कॉन्फ्रेन्स का शुभारंभ 17 नवम्बर को नूर उस सबा पैलेस में सुबह 10 बजे होगा। होटल पलाश के विमर्श हॉल में 18 नवम्बर को प्रथम सत्र में बाहर से आये प्रतिनिधियों का ग्रुप डिस्कशन होगा। बैठक सत्र का समापन 19 नवम्बर को श्री इन्दरसिंह परमार, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के मुख्य आतिथ्य में होगा।

  • कलिंगा विश्वविद्यालय में शोधपत्र लेखन कार्यशाला एवं प्रतियोगिता का तीन दिवसीय आयोजन संपन्न

    कलिंगा विश्वविद्यालय में शोधपत्र लेखन कार्यशाला एवं प्रतियोगिता का तीन दिवसीय आयोजन संपन्न

    नया रायपुर- कलिंगा विश्वविद्यालय में शहीद वीरनारायण सिंह शोधपीठ के तत्वावधान में छत्तीसगढ़ की कला,संस्कृति,साहित्य,इतिहास,राजनीति, जनजातीय समाज,जैव विविधता, वाणिज्य एवं तकनीकी विकास के विशेष संदर्भ में तीनदिवसीय शोधपत्र लेखन कार्यशाला एवं प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।जिसमें विभिन्न विषय के विद्वान प्राध्यापकों ने विद्यार्थियों को शोधपत्र लेखन की बारीकियों से अवगत कराया।यह कार्यशाला स्नातक स्तर के विद्यार्थियों को विशेष ध्यान में रखते हुए आयोजित की गयी थी। जिसमें विश्वविद्यालय के विभिन्न संकाय के विद्यार्थियों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।

    विदित हो कि विद्या और ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित कचना धुरवा महाविद्यालय छुरा,रायपुर के निदेशक एवं प्राचार्य डॉ.दिनेश साहू ,कलिंगा विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की अध्यक्ष डॉ.सुषमा दूबे एवं अन्य अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण के पश्चात कार्यशाला का शुभारंभ किया गया।शहीद वीरनारायण सिंह शोधपीठ के अध्यक्ष डॉ.अजय कुमार शुक्ल ने कार्यशाला की रुपरेखा को स्पष्ट करते हुए बताया कि इस कार्यशाला में विभिन्न विद्वान प्राध्यापकों के द्वारा विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने के बाद उन्हें आज से बीस दिन के उपरांत अपने प्राध्यापकों की मदद से शोधपत्र तैयार करके जमा करना होगा।जिसमें सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र तैयार करने वालों को प्रमाणपत्र एवं पुरस्कृत करने के साथ-साथ उनके शोधपत्र का प्रकाशन किया जाएगा।इसके अतिरिक्त शोधपत्र लिखकर जमा खरने वाले सभी विद्यार्थियों के शोधपत्र का प्रकाशन स्कोपस रिसर्च जर्नल सूची में संलग्न न्यूरोक्योन्टीलॉजी जर्नल के विशेष संस्करण में किया जाएगा।जिसके लिए विश्वविद्यालय के द्वारा समस्त सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी।

    कार्यशाला के पहले दिन सिविल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.एन.के.धापेकर ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि शोध एक खोजपूर्ण और तथ्यपरक व्याख्या है। इसका प्रस्तुतिकरण और भी महत्वपूर्ण है। लेखन एक कला है। शोध लेखन उसका उच्चतम बिंदु है। वैश्विक स्तर पर कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते हमारा ज्ञान सदैव समतुल्य होना आवश्यक है। किसी भी शिक्षक एवं विद्यार्थी के लिए यह बहुत जरूरी है कि वह सदैव अपने ज्ञान को अपडेट करते रहें।उन्होंने बताया कि एक अच्छा शोध पत्र लिखने के लिए हमें महत्वपूर्ण बिंदुओं की गंभीर समझ होनी जरूरी है।उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि केवल शोधपत्र लिखना महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि उसे ठीक से प्रस्तुत करने की कला भी शोधार्थियों में होनी चाहिए।

    भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.ए.राजशेखर ने कहा कि शोध पत्र लिखते समय सबसे महत्वपूर्ण है शीर्षक चयन,उसके बाद विषय से संबंधित ज्ञान का विश्लेषण और फिर समस्या का समाधान।शोधपत्र,समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में बड़ी भूमिका अदा करते हैं। शोध पत्र लेखन में गुणवत्ता, अच्छी भाषा शैली, नया विषय एवं क्षेत्र विशेष को ध्यान में रखना चाहिए।इसी क्रम में अंग्रेजी विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ.विजयभूषण ने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों को शोध लेखन व रिसर्च पेपर से संबंधित विषयों पर तकनीकी ज्ञान से अवगत कराया।जिसके अंतर्गत उन्होंने बताया कि शोध पत्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण विषय “नवीनता” है |उन्होंने शोधपत्र के प्रारुप पर विद्यार्थियों को विस्तार से जानकारी दिया।

    कार्यशाला के दूसरे दिन कला एवं मानविकी संकाय की अधिष्ठाता डॉ.शिल्पी भट्टाचार्य ने शोधपत्र लेखन के सामान्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि एक अच्छा शोध पत्र लिखने के लिए हमें महत्वपूर्ण बिंदुओं की गंभीर समझ होनी जरूरी है।इसी क्रम में राजनीति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ.अनिता सामल ने रिसर्च की पूरी रूपरेखा को सविस्तार बताया। उन्होंने शोधार्थियों को ऐसे रिसर्च टॉपिक लेने को प्रेरित किया,जिससे वे लगाव महसूस करते हों।कार्यशाला के तीसरे दिन अंग्रेजी विभाग की प्राध्यापक डॉ.विनीता दीवान ने छत्तीसगढ़ राज्य के संदर्भ में जानकारी देते हुए कहा कि रिसर्च वर्क के समय प्राथमिक स्त्रोत की जानकारी बहुत जरुरी है।अपने आस पास के जाने-पहचाने विषय पर आप अपना रिसर्च पेपर तैयार कर सकते हैं।

    उन्होंने बताया कि शोध पत्र लेखन में नैतिक एवं सामाजिक पक्षों का ध्यान रखा जाना चाहिए। शोध का विषय समाज को परिवर्तन देने वाला हो। नये विचार और नयी खोज पर विशेष ध्यान देते हुए कापी-पेस्ट से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि शोधार्थियों को साहित्यिक चोरी और नकली जर्नल्स से बचते हुए ईमानदारीपूर्वक शोध कार्य करना चाहिए। ज्ञान एवं समाज के विकास के लिए शोधकार्य बहुत जरूरी है। इसी क्रम में जैव प्रौद्योगिकी विभाग की अध्यक्ष डॉ.सुषमा दूबे ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि शोध का विषय समाज को परिवर्तन देने वाला होना चाहिए,जिससे संपूर्ण मानव जाति का फायदा हो सके।उन्होंने विश्वविद्यालय में उपलब्ध ई-संसाधनों के प्रभावी उपयोग के द्वारा अच्छे शोध पत्र लिखने की विभिन्न तकनीकों के बारे में बताया तथा शोधपत्र में प्लेगरिज्म चेक की आवश्यकता के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्रदान किया।

    उक्त तीनदिवसीय कार्यशाला का संचालन हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ.अजय शुक्ला के द्वारा एवं आभार प्रदर्शन इतिहास विभाग के सहायक प्राध्यापक श्री चंदन सिंह राजपूत ने किया।इस अवसर पर कला एवं मानविकी संकाय की डीन डॉ.शिल्पी भट्टाचार्य, डॉ.ए.राजशेखर, डॉ.एन.के. धापेकर, डॉ. अनिता सामल, डॉ.विजय भूषण, डॉ.सुषमा दूबे, श्री पीयूष दास, सुश्री वफी अहमद खान, श्री चंदन सिंह राजपूत, सुश्री मधुमिता दास, सुश्री एल. ज्योति रेड्डी एवं विभिन्न संकाय के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थें।

     

  • साइंस कॉलेज के “हीरक जयंती कार्यक्रम” 12 जनवरी 2023 से

    साइंस कॉलेज के “हीरक जयंती कार्यक्रम” 12 जनवरी 2023 से

    रायपुर/

    साइंस कॉलेज, रायपुर के “हीरक जयंती कार्यक्रम” के आयोजन की तैयारी, विगत चार माह से जारी है। इस कार्यक्रम में देश विदेश से, लगभग 10,000 पूर्व छात्रों को आमंत्रित किया जा रहा है।
    इस हेतु ‘एल्यूमिनी एसोसिएशन’ द्वारा 18 समितियों का गठन किया गया है। सभी समितियां लगातार महाविद्यालय स्थित ‘कंट्रोल रूम’ से निर्देशानुसार कार्य कर रहे हैं।
    मुख्य कार्यक्रम 12,13 और 14 जनवरी 2023 को दीनदयाल उपाध्याय सभा गृह, साइंस कॉलेज में होगा। इस हेतु अब तक किए गए कार्यों की जानकारी से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अवगत कराया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूरे कार्यक्रम को बहुत ही उत्साह से मनाने का भरोसा दिलाया है तथा अब तक हुए कार्य की प्रगति पर, संतोष जाहिर किया है।
    आज  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ हुए बैठक में गिरीश देवांगन, अंजय शुक्ला, शकील साजिद, प्रो गिरीश कांत पांडेय, डॉ विकास पाठक एवं संतोष साहू सम्मिलित रहे।