Category: एजुकेशन न्यूज़

  • सारागांव स्कूल में मेगा पालक शिक्षक बैठक में शामिल हुए विधायक और संभागायुक्त

    सारागांव स्कूल में मेगा पालक शिक्षक बैठक में शामिल हुए विधायक और संभागायुक्त

    रायपुर  ।

    छत्तीसगढ़ सरकार की पहल पर पूरे प्रदेश में आज से शुरू हुए मेगा पालक शिक्षक बैठक अभियान के तहत आज जिले के सारागांव स्कूल में विधायक पद्मश्री  अनुज शर्मा और रायपुर संभाग आयुक्त  महादेव कावरे शामिल हुए। बैठक में सारागांव सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पालक भी मौजूद रहे। इस बैठक में शाला के हर एक विद्यार्थी की पूरी रिपोर्ट शिक्षकों ने उनके पालकों को दी। बैठक में विद्यार्थियों की पढ़ाई-लिखाई से लेकर उनके व्यक्तित्व विकास समय प्रबंधन, आत्मविश्वास बढ़ाने से लेकर शासकीय योजनाओं से लाभ लेने तक के विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस बैठक को संबोधित करते हुए विधायक  अनुज शर्मा ने कहा कि विद्यार्थी बड़े सपने बुने और उन्हें साकार करने के लिए अभी से कड़ी मेहनत करना शुरू कर दें।  शर्मा ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर अब सरकारी स्कूलों में भी पैरेट्स-टीचर्स मीटिंग शुरू हो गई है। अब हर विद्यार्थी की पूरी रिपोर्ट उसके पालकों को दी जाएगी। इससे विद्यार्थियों में पढ़ाई के प्रति गंभीरता बढ़ने के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व विकास पर भी सकारात्मक प्रभाव होगा। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़कर भी आईएएस, आईपीएस अधिकारी, अच्छे राजनीतिज्ञ और अन्य दूसरे क्षेत्रों में भी भविष्य बनाया जा सकता है। सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को मन लगाकर पढ़ने और आत्मविश्वास के साथ मेहनत करने की जरूरत है। विधायक  शर्मा ने इस अवसर पर स्कूल में एनसीसी की एयरविंग शुरू करने के लिए जरूरी प्रयास करने का भरोसा भी दिलाया। उन्होंने कक्षा 10 वीं में सारागांव स्कूल के विद्यार्थी ऋषभ देवांगन के प्रावीण्य सूची में नौंवा स्थान प्राप्त करने पर 10 हजार रूपए का पुरस्कार देने की भी घोषणा की। इस अवसर पर शाला विकास समिति के अध्यक्ष  दीपक वर्मा, विधायक प्रतिनिधि  राजेंद्र विश्वकर्मा, सारागांव ग्राम पंचायत की सरपंच   पुन्नी देवांगन सहित स्कूल के शिक्षक, स्थानीय जनप्रतिनिधि भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

    सरकारी स्कूलों, आश्रम-शालाओं में पढ़ने वाले भी आईएएस, आईपीएस बन सकते हैं-संभागायुक्त  कावरे

    सारागांव शासकीय स्कूल में आयोजित संकुल स्तरीय पालक शिक्षक बैठक में संभागायुक्त  महादेव कावरे ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि प्राइवेट स्कूलों के ही नहीं, बल्कि सरकारी स्कूलों और आश्रम-शालाओं में रहकर पढ़ने वाले वनांचलों के विद्यार्थी भी आईएएस, आईपीएस जैसे बड़े अधिकारी बन सकते हैं। बच्चों से बात करते हुए संभागायुक्त कावरे ने अपने बचपन की कई घटनाएं और पढ़ाई से जुड़े अनुभव भी साझा किए उन्होंने बताया कि बीजापुर जैसे दूरस्थ वनांचल में रहकर सरकारी स्कूल में पढ़कर भी वे आज आईएएस अधिकारी के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले ऐसी पालक-शिक्षक बैठकें नहीं होती थीं। शिक्षकों की पूरी जिम्मेदारी विद्यार्थियों को पढ़ाने की थी और शिक्षक विद्यार्थियों को अपने तरीको से पढ़ाते थे। कावरे ने सभी विद्यार्थियों को लक्ष्य निर्धारित कर खूब मेहनत करने की समझाईश दी। उन्होंने शिक्षा के विकास और विस्तार के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों और कार्यक्रमों-योजनाओं की जानकारी भी पालकों को दी।  कावरे ने शासकीय योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने की अपील विद्यार्थी और पालकों से की।


    एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत शाला परिसर में हुआ पौधरोपण, नफीसा बनीं विधायक प्रतिनिधि-
    एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत विधायक  अनुज शर्मा और संभागायुक्त  महादेव कावरे ने सारागांव शासकीय स्कूल परिसर में पौधरोपण भी किया।  शर्मा ने स्कूल की छात्रा कुमारी नफीसा को स्कूल के लिए अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया। उन्होंने नफीसा के नेतृत्व में सभी विद्यार्थियों को स्कूल परिसर में लगाए गए पौधों की देखभाल करने, उन्हें खाद पानी देकर बड़ा वृक्ष बनाने की जिम्मेदारी भी सौंपी।

    55 छात्राओं को मिली साइकिलें, सचेत होकर साइकिल चलाने विधायक ने दी समझाईश-

    सारागांव सरकारी स्कूल में आयोजित पालक-शिक्षक बैठक में विधायक अनुज शर्मा ने 55 छात्राओं को सरस्वती साइकिल योजना के तहत निःशुल्क साइकिलें भी दी। उन्होंने छात्राओं को सचेत होकर, संभलकर साइकिल चलाने की समझाईश दी। शर्मा ने कहा कि विद्यार्थी देश का भविष्य हैं। हर एक विद्यार्थी अपने परिवार, गांव, प्रदेश और देश की आस है। इसलिए स्वयं को सुरक्षित रखना और मन लगाकर पढ़ना, देश के विकास में भागीदारी बनना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है।

    इन्हें मिले पुरस्कार

     
    सारागांव शासकीय स्कूल में आयोजित पालक-शिक्षक बैठक के दौरान मेघावी विद्यार्थियों सहित आदर्श शिक्षकों और पालकों को भी पुरस्कृत किया गया। स्कूल के मेघावी विद्यार्थी कुमारी दुर्गा साहू, कुमारी धरा पाल, प्रतीक वर्मा, पूर्वी वर्मा को पुरस्कृत किया गया। आदर्श पालक के रूप में  आक्रमण सिंह और आदर्श शिक्षकों के रूप में  बिसौहा देवांगन एवं  मंगलराम साहू को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान स्कूल में पढ़ने वाले सेरीब्रल पाल्सी रोग से पीड़ित 6 वीं कक्षा के विद्यार्थी शिवम कुमार साहू को पढ़ाई के लिए विशेष किट भी प्रदान की गई।
  • शहीद स्मारक स्कूल के मेगा पालक-शिक्षक बैठक कार्यक्रम में कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह हुए शामिल

    शहीद स्मारक स्कूल के मेगा पालक-शिक्षक बैठक कार्यक्रम में कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह हुए शामिल

    रायपुर  ।

    मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय की पहल पर शासकीय स्कूलों में मेगा पैरेट्स-टीचर मीट प्रारंभ किए गए है। कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह आज मौदहापारा स्थित शहीद स्मारक उच्चर माध्यमिक स्कूल के पैरेट्स-टीचर मीट में शामिल हुए। कलेक्टर डाॅ. सिंह ने पालकों से संवाद किया और उनकी समस्याओं का समाधान करते हुए अपने अनुभव भी साझा किए। कलेक्टर डाॅ. सिंह ने कहा कि निजी स्कूलों की तर्ज पर जिले के शासकीय स्कूलों में मेगा पैरेट्स-टीचर मीट की शुरूआत की गई है। मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय की पहल पर पढ़ाई के स्तर को बेहतर करने के लिए नई शुरूआत है। इस मीटिंग के जरिए स्कूल के विकास में पालकों के सुझाव पर चर्चा होगी और इससे बच्चों की समस्या भी दूर करने में यह बैठक महत्वपूर्ण होगी।

    मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने भी आज पालकों से शासकीय स्कूलों में बातचीत की। ऐसे कार्य संवेदनशील मुख्यमंत्री ही कर सकते है। इस मीटिंग के माध्यम से पालकों के अनुभव साझा होते है और स्कूल की गुणवत्ता, सुगमता और बच्चों के भविष्य को संवारने में मदद मिलती है। डाॅ. सिंह ने कहा कि बच्चे अपनी प्रतिभा को लेकर पैदा होते है और उनकी नैसर्गिंक प्रतिभा को पहचानना भी आवश्यक है। बच्चों के साथ मित्रता होनी भी जरूरी है, ताकि वह हर बातों को साझा कर सकें। डाॅ. सिंह ने कहा कि बच्चों की इच्छा जानने जरूरी है, इसके बाद ही बेहतर भविष्य का निर्माण किया जाए। शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की प्रतिभाओं में भी कोई कमी नहीं है। शासकीय स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाती है।इस कार्यक्रम में कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह ने पैरेट्स बच्चों को लेकर सवाल किए। इस पर कलेक्टर ने गंभीरता से जवाब दिए। साथ ही पैरेट्स ने स्कूल व पढ़ाई की प्रसंशा की। इस अवसर पर कलेक्टर ने अपने पुराने अनुभव भी पैरेट्स मीटिंग में साझा किए। इस कार्यक्रम में जिला पंचायत सीईओ  विश्वदीप, जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल, स्कूल प्राचार्य, शिक्षक, बड़ी समय में पालकगण, छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

  • कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह से मिले रायगढ़ के जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्राओं से

    कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह से मिले रायगढ़ के जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्राओं से

    रायपुर  ।

    कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह से आज कलेक्टर सभाकक्ष में रायगढ़ के जवाहर नवोदय विद्यालय के 12 वीं कक्षा की छात्राओं ने मुलाकात की। कलेक्टर डाॅ. सिंह ने छात्राओं से बातचीत की और उन्हें प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। कलेक्टर ने सभी छात्राओं को स्वामी विवेकानंद की रचित किताब भेंट किये।  कलेक्टर ने अपने पुराने अनुभव को छात्राओं से साझा किया। कलेक्टर डाॅ. सिंह ने छात्रों से रायगढ़ के भौगोलिक स्थिति के बारे में अवगत कराया और प्रसिद्ध स्थलों की जानकारी दी। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ विश्वदीप, जिला रोजगार अधिकारी  केदार पटेल उपस्थित थे। रायपुर भ्रमण पर आए छात्राओं ने रायपुर के एनआईटी पहुंचे और एनआईटी में लाइब्रेरी को देखा। नालंदा लाइब्रेरी को भी देखा। इसके अलावा रायपुर के काॅल सेंटर व कला केंद्र को भी देखा।

  • शिक्षा स्तर में सुधार होने पर ही बनेगा विकसित भारत : श्रम मंत्री  लखन लाल देवांगन

    शिक्षा स्तर में सुधार होने पर ही बनेगा विकसित भारत : श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन

    रायपुर ।

    देश की शिक्षा बेहतर से बेहतर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नई शिक्षा नीति लागू की है। प्रदेश के मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय की भी सोच यही है कि हमारे प्रदेश के बच्चे बेहतर शिक्षा प्राप्त करके अच्छे नागरिक बनें और देश की सेवा करें। इसके लिए आज से प्रदेश सहित कोरबा जिले के सभी 248 संकुल स्तर पर मेगा पालक-शिक्षक बैठक आयोजित की गई है। प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य रखा है। शिक्षा के स्तर में सुधार होने पर ही हमारा देश विकसित भारत बन पाएगा। उक्त उद्गार वाणिज्य, उद्योग, व्यापार एवं श्रम मंत्री  लखन लाल देवांगन ने मंगलवार को कोरबा के शासकीय कन्या शाला विद्यालय में आयोजित संकुल स्तरीय मेगा पालक-शिक्षक बैठक में व्यक्त किए।

         देवांगन ने कहा कि हर एक बच्चा बड़ा होकर आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर बनने का सपना देखता है। यदि वह मन लगाकर ईमानदारी से मेहनत करता है और अच्छी शिक्षा प्राप्त करता है तो वह अपनी मंजिल पा लेता है। उन्होंने कहा कि स्कूल की शिक्षा के साथ ही पालक अपने बच्चों को घर पर पढ़ाएं। अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए ज्यादा समय दें। बच्चा जितना शिक्षित होगा, हमारा देश उतना ही आगे बढ़ेगा। प्राइवेट स्कूलों में फीस महंगी होती है, जहां पर सभी बच्चों का पढ़ना संभव नहीं हो पाता। इसलिए छत्तीसगढ़ शासन-प्रशासन के द्वारा मानक स्तर की अच्छी स्कूलों की व्यवस्था की जा रही है। भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सतत् प्रयास किए जा रहे हैं। स्कूलों में छात्रों को छात्रवृत्ति, पुस्तकें, गणवेश, कम्प्युटर शिक्षा आदि सुविधाएं दी जा रही है, जिसके माध्यम से पिछड़े वर्ग के बच्चे भी आईएएस बन रहे हैं। इन शिक्षा सुविधाओं का लाभ लेने के लिए पालक और शिक्षक अन्य लोगों को भी प्रेरित करें। मंत्री  देवांगन ने एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत विद्यालय परिसर में पौधरोपण किया तथा सभी को पौधरोपण हेतु प्रेरित किया।

        इस अवसर पर कलेक्टर अजीत वसंत ने कहा कि इस मेगा पालक-शिक्षक बैठक का उद्देश्य अपने बच्चों की पढ़ाई, उनके सर्वांगीण विकास में पालकों की व्यवस्थित तरीके से भागीदारी बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि बच्चों को अपने पालकों से अच्छा मार्गदर्शन मिलना आवश्यक है।इस हेतु पालकों को बच्चों की शिक्षा के लिए ज्यादा से ज्यादा समय देना होगा। आज की दुनिया तेजी से बदल रही है। कलेक्टर ने कहा कि पालकों के द्वारा शिक्षा व्यवस्था के लिए दिए सुझावों को जिला प्रशासन द्वारा अमल में लाने का प्रयास किया जाएगा। कलेक्टर ने सभी पालकों से आव्हान किया कि हर पालक अपने बच्चों को ज्यादा से ज्यादा समय देवें तथा बच्चों का गुणात्मक विकास करें। कार्यक्रम में पालक  माधवलाल साहू ने सुझाव देते हुए कहा कि घर में बच्चों के लिए माता-पिता कम ही समय दे पाते हैं। बच्चों के लिए शिक्षा आज मानसिक बोझ की तरह है, इसमें सुधार की आवश्यकता है। सैद्धांतिक शिक्षा की साथ ही बच्चों को टेक्नीकल, व्यवसायिक, शिक्षा भी दी जाए, जिससे की बच्चे केवल नौकरी पर ही निर्भर न रहें और अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकें।इस अवसर पर मंत्री  देवांगन एवं कलेक्टर अजीत वसंत ने विद्यालय के बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभावान मेधावी छात्राओं   तस्मया खातुन, धनेश्वरी साहू, नेहा कर्ष, ऊषा नेताम को स्मृति चिन्ह देकर प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी टी. पी. उपाध्याय, बीईओ संजय अग्रवाल, शासकीय साडा कन्या विद्यालय के प्राचार्य  सिंह सहित शिक्षक, पालक, छात्राएं उपस्थित थे। जिले के विद्यालयों में विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में संकुल स्तरीय मेगा पालक शिक्षक बैठक का आयोजन किया गया एवं पालको को बच्चों के सर्वांगीण विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने हेतु प्रेरित किया गया।

  • बच्चों ने मुख्यमंत्री को पोस्टर एक्सप्लेन कर दी ‘पालक-शिक्षक मीटिंग’ के एजेंडा की जानकारी

    बच्चों ने मुख्यमंत्री को पोस्टर एक्सप्लेन कर दी ‘पालक-शिक्षक मीटिंग’ के एजेंडा की जानकारी

    रायपुर ।

    मेगा पालक शिक्षक बैठक में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय को स्कूली बच्चों ने पोस्टर के माध्यम से पालक शिक्षक मीटिंग के उद्देश्य और गतिविधियों की रूपरेखा और इससे छात्रों को होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से बताया। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा विभाग द्वारा 13 बिंदु पालक शिक्षक मीटिंग के लिए निर्धारित किए गए हैं, अलग अलग बच्चों ने इन बिंदुओं के बारे में बताया। मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने सभी गतिविधियों के बारे में जानकारी ली और बच्चों से इन सभी का अच्छे से लाभ उठाने के लिए कहा। उन्होंने बच्चों से उनके करियर प्लान भी पूछे और खूब मेहनत कर अपने सपनों को पूरा करने की सीख दी। उन्होंने कहा जीवन में श्रेष्ठता हासिल करने का एक मात्र माध्यम शिक्षा है। आप करियर में जिस क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते उसके लिए लगन और मेहनत से पढ़िए जिससे आप अपना उज्ज्वल भविष्य गढ़ सकें। इस दौरान मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी  कौशल्या साय और स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी भी इस दौरान साथ रहे।

    पालक शिक्षक संवाद में पालकों को बच्चों के लिए यथासंभव घर में पढ़ाई के लिए मेरा कोना-स्टडी कॉर्नर के रूप में एक निश्चित स्थान तय करने की बात बताई गई। इसी प्रकार छात्रों के लिए एक आदर्श दिनचर्या कैसी हो इसकी जानकारी दी गई।बच्चों ने आज क्या सीखा के तहत पालकों की सहभागिता बढ़ाने के साथ उनकी प्रोग्रेस मॉनिटर करने में सहायता मिलेगी। ‘‘बच्चा बोलेगा बेझिझक’’ से बच्चों के अंदर स्टेज में बोलने के भय को दूर करना और पब्लिक स्पीकिंग और लीडरशिप क्वालिटी बढ़ाने पर काम होगा। बच्चों की अकादमिक प्रगति एवम परीक्षा पर चर्चा का उद्देश्य पालकों और छात्रों को परीक्षा के दौरान होने वाले तनाव को दूर करना और अच्छे अंक लाने के लिए प्रोत्साहित करना है। पुस्तक की उपलब्धता सुनिश्चित करना, बस्ता रहित शनिवार के अंतर्गत अन्य ज्ञानवर्धक गतिविधियों से छात्रों को जोड़ना, विद्यार्थियों के आयु/कक्षा अनुरूप स्वास्थ्य परीक्षण एवम पोषण की जानकारी देना, न्योता भोज के माध्यम से सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना, विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से शिक्षा हेतु पालकों एवम छात्रों को अवगत कराना, विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं/छात्रवृत्ति एवम विभागीय योजनाओं की जानकारी प्रदान करने के साथ जाति/आय/निवास प्रमाण पत्र निर्माण और नई शिक्षा नीति के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

  • पत्रकारिता विश्वविद्यालय में दीक्षारंभ समारोह आयोजित

    पत्रकारिता विश्वविद्यालय में दीक्षारंभ समारोह आयोजित

    रायपुर।

    कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए दीक्षारंभ समारोह का आयोजन किया गया।समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए विधायक रायपुर उत्तर विधानसभा पुरंदर मिश्रा ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य व्यक्तित्व का निर्माण है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि व्यक्ति को नशे जैसी सामाजिक बुराई से बहुत दूर रहना चाहिए।साथ ही उन्होंने युवाओं को एकाग्रता का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि मोबाइल का प्रयोग आवश्यकता अनुसार करना चाहिए। मोबाइल का अधिक प्रयोग स्वास्थ एवं समय की बर्बादी का कारक बनता है। युवाओं को अच्छे नागरिक के रूप में समाज के सभी आदर्शों को अपनाते हुए मितव्ययता के साथ रहना चाहिए।समारोह में दीक्षारंभ के अवसर पर रायपुर ग्रामीण विधानसभा के विधायक मोतीलाल साहू ने कहा कि पत्रकारिता का क्षेत्र बहुत व्यापक है। आज सोशल मीडिया बहुत प्रभावी माध्यम बन गया है। विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने में पत्रकारिता की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थियों के बेहतर व्यक्तित्व निर्माण में सहायक है।समारोह में वन एवं औषधि बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष श्री रामप्रताप ने कहा कि भारत को विकास की ओर ले जाने में पत्रकारिता की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। विद्यार्थियों को सफलता प्राप्ति के लिए अपने अंदर सकारात्मक दृष्टिकोण को विकसित करना आवश्यक है।

    कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा ने कहा कि शिक्षा का अर्थ वास्तव में जीवनमूल्यों का विकास है। शिक्षा समाज के प्रति दायित्व बोध को बताती है। उन्होंने कहा कि दीक्षारंभ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को समस्त पाठ्यक्रम के अनुशासन से अवगत कराना है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि समाज निर्माण, लोग जागरण और लोक कल्याण का माध्यम ही पत्रकारिता है।इस मौके बीए जनसंचार से रामकुमार एवं खुशी सोनवानी, बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से कृपा कावड़े एवं देवनारायण चौधरी, बीबीए से दुर्गा साहू एवं दंतु पोयाम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति दूत नियुक्त किया गया।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव सुनील शर्मा, पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष पंकज नयन पाण्डेय, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नरेन्द्र त्रिपाठी, जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र मोहंती, विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आशुतोष मंडावी, समाजकार्य विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नृपेंद्र शर्मा, आईटी विभाग के विभागाध्यक्ष शैलेन्द्र खंडेलवाल समेत नवप्रवेशित विद्यार्थी और पालक उपस्थित रहे।

  • कृषि विश्वविद्यालय के प्रदर्शन प्रक्षेत्रों में अब भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा तय कृषि पद्धतियों का प्रयोग होगा

    कृषि विश्वविद्यालय के प्रदर्शन प्रक्षेत्रों में अब भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा तय कृषि पद्धतियों का प्रयोग होगा

    रायपुर ।

    इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के अंतर्गत संचालित सभी कृषि प्रदर्शन प्रक्षेत्रों में अब भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा तय कृषि पद्धतियों का उपयोग किया जाएगा। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा भारतीय मान ब्यूरो के मध्य इस संबंध में आज यहां एक अनुबंध किया गया जिसके तहत कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित सभी प्रदर्शन प्रक्षेत्रों में भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा अनुशंसित मानक पद्धतियों का अनुसरण किया जाएगा। अनुबंध पत्र पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल तथा भारतीय मानक ब्यूरो के उप महानिदेशक  दिव्येंदु चक्रवर्ती ने हस्ताक्षर किये। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय भारत का दूसरा कृषि विश्वविद्यालय है जहां भारतीय मानक ब्यूरो तय मानकों का उपयोग किया जाएगा। अनुबंध के तहत भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा कृषि विश्वविद्यालय में अनुसंधान करने वाले शोधार्थियों को मानक अनुसंधान क्रियाओं का प्रयोग करने हेतु वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी जिससे अनुसंधान कार्यां की गुणवत्ता बढ़ेगी और शोधार्थियों को प्रोत्साहन प्राप्त होगा।

    इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में विभिन्न अंचलों में अलग-अलग कृषि पद्धतियां एवं क्रियाओं का उपयोग किया जाता है जिसकी वजह से इसमें विविधताएं पाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित विभिन्न प्रदर्शन प्रक्षेत्रों में भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा अनुशंसित कृषि पद्धतियों एवं प्रक्रियाओं का उपयोग करने से कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में वृद्धि होगी तथा उत्पादन में इजाफा होगा, इससे यहां होने वाले प्रदर्शनों का अवलोकन कर छत्तीसगढ़ के किसान भी लाभान्वित होंगे। डॉ. चंदेल ने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, पंत नगर कृषि विश्वविद्यालय, उत्तराखण्ड के बाद देश का ऐसा दूसरा विश्वविद्यालय बन गया है जहां भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा अनुशंसित कृषि पद्धतियों का अनुसरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम रायपुर स्थित प्रदर्शन प्रक्षेत्र में इन मानकों का उपयोग किया जाएगा और धीर-धीरे विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित समस्त प्रदर्शन प्रक्षेत्रों को मानक पद्धतियों के अंतर्गत लाया जाएगा। भारतीय मानक ब्यूरो के उप महानिदेशक श्री दिव्येंदु चक्रवर्ती ने इस अवसर पर कहा कि आज का दिन इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा भारतीय मानक ब्यूरो दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण है जब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा अपने प्रक्षेत्रों में ब्यूरो द्वारा निर्धारित मानकों के उपयोग हेतु समझौता किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में 22 हजार से ज्यादा मानक निर्धारित किये गये हैं जिनमें अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी, खाद्य प्रौद्योगिकी, खाद्य उत्पाद, ग्राहक सेवाएं, कृषि अनुसंधान आदि क्षेत्र शामिल हैं। भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा विभिन्न उत्पादों एवं प्रक्रियाओं के लिए आई.एस.आई., हॉलमार्क जैसे मानक निर्धारित किये गये हैं जिससे ग्राहकों एवं उपयोगकर्ताओं को उत्पादों एवं सेवाओं के मानकीकृत होने का भरोसा मिलता है। उन्होंने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा देश के 100 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों के साथ में शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्रों में अनेक अनुबंध किये गये हैं।

    इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान विवेक कुमार त्रिपाठी ने स्वागत भाषण उद्बोधन में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा भारतीय मानक ब्यूरो के मध्य संपादित अनुबंध के बारे में जानकारी दी। भारतीय मानक ब्यूरो के राज्य प्रमुख  सुरेश कुमार ने ब्यूरो द्वारा संचालित गतिविधियों एवं उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. जी.के. दास, निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एस.एस. टुटेजा, निदेशक प्रक्षेत्र एवं बीज डॉ. राजेन्द्र लाकपाले, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय शर्मा, कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विनय कुमार पाण्डेय, खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. ए.के. दवे एवं विभिन्न विभागा के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, वैज्ञानिक सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

  • खेल, कला और व्यावसायिक कौशल में दक्ष बने विद्यार्थी: खाद्य मंत्री बघेल

    खेल, कला और व्यावसायिक कौशल में दक्ष बने विद्यार्थी: खाद्य मंत्री बघेल

    रायपुर।

    खाद्य मंत्री  दयाल दास बघेल ने आज बेमेतरा जिलें के नवागढ़ विकासखण्ड के शासकीय कोदूराम दलित महाविद्यालय के दीक्षारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए। महाविद्यालय के नवप्रवेशित विद्यार्थियों कोे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के संबंध में जानकारी दी गई । इस दौरान खाद्य मंत्री ने परिसर में पौधारोपण भी किया।मंत्री  बघेल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मुख्य उद्देश्य, प्रावधान, विशेषता और विभिन्न प्रकार के संकायों की जानकारी दी गई। शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों द्वारा चयन किये जाने वाले विषय जेनेरिक-इलेक्टिव का समूह तथा बैल्यू एडिशन कोर्स के समूह की व्याख्या किया। विद्यार्थियों को शिक्षा के लिए एक समग्र और बहुविषयक दृष्टिकोण पर अधिक जोर देना है, ताकि विद्यार्थी विषयों के साथ-साथ खेल, कला और व्यावसायिक कौशल में दक्ष हो सकें।

    शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों को क्रेडिट आधारित कोर्सेस, सतत् आंतरिक मूल्यांकन एवं अंत सेमेस्टर परीक्षा से संबंधित प्रावधानों के बारे में समझाया गया है। विद्यार्थियों अथवा पालकों कीे शंकाओं का भी समाधान किया गया। इस अवसर पर नगर पंचायत नवागढ़ के अध्यक्ष  मंजूलता रात्रे, नगर पार्षद जाहिद बैग, शासकीय के.आर.डी. महाविद्याालय के प्राचार्य  एम बंजारा और महाविद्यालय के परिवार के सदस्यगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

  • प्रयास आवासीय विद्यालय परीक्षा में लोकेश  चयनित

    प्रयास आवासीय विद्यालय परीक्षा में लोकेश चयनित

    रायपुर।

    प्रयास आवासीय विद्यालय में कक्षा नवमीं में सत्र 2024 मैं प्रवेश हेतु परीक्षा में शा० पूर्व मा. शाला. सिरसिदा विकासखण्ड – गुण्डरदेही जिला – बालोद के छात्र लोकेश कुमार पिता गोविन्द पटेल का चयन हुआ।ज्ञात हो कि यह परीक्षा मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजनांतर्गत संचालित प्रयास विद्यालय ( सत्र 2024-25 ) में प्रवेश हेतु दिनांक 09/06/24 को आयोजित की गई थी, जिसमें लोकेश ने 61 अंक प्राप्त कर सफलता अर्जित की तथा चयन सूची में अपना स्थान बनाया। लोकेश की इस सफलता पर प्रधान पाठक, स्टॉफ, smc के सडाच, संकुल समन्वयक तथा वि. खं. शिशका अधिकारी ने बधाई उज्जवल भविष्य री शुभकामनाएं दी ।

  • कबीरधाम जिले के नए स्कूलों के निर्माण, जीर्णाेद्धार और उन्नयन कार्यों से 856 स्कूलों की बदल रही तस्वीर

    कबीरधाम जिले के नए स्कूलों के निर्माण, जीर्णाेद्धार और उन्नयन कार्यों से 856 स्कूलों की बदल रही तस्वीर

    रायपुर।

    मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता और भवनों की स्थिति को बेहतर बनाने विशेष जोर दिया जा रहा है। कबीरधाम जिले के शासकीय स्कूलों का विशेष प्राथमिकता के साथ मरम्मत एवं जीर्णाेद्धार होने से विद्यार्थियों को शिक्षा का बेहतर वातावरण मिल रहा है। कबीरधाम जिले के स्कूलों के मरम्मत एवं जीर्णाेद्धार के लिए 42 करोड़ 19 लाख 88 हजार रूपए की स्वीकृति प्राप्त हुए है। वर्तमान शिक्षा सत्र में 653 स्कूलों का आवश्कता अनुसार मरम्मत एवं जीर्णाेद्धार किया गया है। इसके साथ ही 203 स्कूलों का कार्य प्रगतिरत हैं।उपमुख्यमंत्री  विजय शर्मा के प्रयासों से कबीरधाम जिले के स्कूलों का उन्नयन कार्य किया जा रहा है। इसके माध्यम से छात्रों को एक सुरक्षित स्वच्छ और प्रेरणादायक शैक्षणिक वातावरण भी मिलता है। कलेक्टर द्वारा इन कार्यों की लगातार समीक्षा की जा रही है और इसकी मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए है। नवीनीकरण कार्यों के तहत स्कूलों में कई नई सुविधाएं जोड़ी गई है। इनमें स्वच्छ पेयजल की सुविधा, शौचालय, कम्प्यूटर शामिल है। ये सुविधाएं न केवल छात्रों की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करती है बल्कि उनकी पढ़ाई में भी सहायता करती है।

    कबीरधाम जिले में स्कूल शिक्षा मद, समग्र शिक्षा मद, सीएसआर और पीएश्री मद से 2022-23 एवं 2023-24 के लिए शाला भवन मरम्मत, नवीनीकरण, आहता, शौचालय, पेयजल, वाटर हारर्वेस्टिंग रैम्प हैंडरेल एवं जीर्णाेद्धार कार्य के साथ अतिरिक्त कक्ष निर्माण कराया जा रहा है, जिसके लिए राज्य शासन से इन कार्यों की स्वीकृति प्राप्त हुई है। स्कूल मरम्मत, जीर्णाेद्धार, अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए 23 करोड़ 26 लाख 07 हजार रूपए की लागत से 561 कार्य स्वीकृत किए गए है। इसमें 409 कार्य पूर्ण कर लिए गए है और 22 कार्य प्रगतिरत है। इसी तरह स्कूल शिक्षा मद के तहत अतिरिक्त कक्ष, जीर्णाेद्धार, आहता निर्माण के लिए 01 करोड़ 92 लाख 91 हजार रूपए की लागत से 24 कार्य स्वीकृत किए गए है। इसमें 23 कार्य पूर्ण कर लिए गए है और 01 कार्य प्रगतिरत है।समग्र शिक्षा मद के तहत प्राथमिक, माध्यमिक शाला भवन निर्माण, मरम्मत, अतिरिक्त कक्ष निर्माण, बालक-बालिका शौचालय, पेयजल के लिए 13 करोड़ 23 लाख 34 हजार रूपए की लागत से 366 कार्य स्वीकृत किए गए है। इसमें 188 कार्य पूर्ण कर लिए गए है और 158 कार्य प्रगतिरत है। समग्र शिक्षा मद के तहत हाई, हायर सेकेंण्डरी स्कूल में अतिरिक्त कक्ष निर्माण, मरम्मत, शौचालय, कम्प्यूटर के लिए 02 करोड़ 06 लाख 78 हजार रूपए की लागत से 28 कार्य स्वीकृत किए गए है। इसमें 14 कार्य पूर्ण कर लिए गए है और 13 कार्य प्रगतिरत है। सीएसआर मद के तहत शाला भवन निर्माण के लिए 1 करोड़ 14 लाख 80 हजार रूपए की लागत से 10 कार्य स्वीकृत किए गए है। इसमें 10 कार्य पूर्ण कर लिए गए है है। पीएमश्री मद के तहत शौचालय, वाटर हारर्वेस्टिंग रैम्प हैंडरेल, अतिरिक्त कक्ष निर्माण, मरम्मत के लिए 55 लाख 98 हजार रूपए की लागत से 18 कार्य स्वीकृत किए गए है। इसमें 09 कार्य पूर्ण कर लिए गए है और 09 कार्य प्रगतिरत है।

    कलेक्टर द्वारा बैठक लेकर योजनाओं के तहत स्वीकृत प्रगतिरत कार्याे की नियमित समीक्षा की जा रही है और कार्याे को शीघ्रता से पूरा करने के निर्देश दिए है। इसकी नियमित मानिटरिंग भी की जा रही है। कलेक्टर ने अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य के लिए सतत निगरानी करने निर्देशित किया गया है तथा कार्य एजेंसी विभाग को समय सीमा में गुणवत्तापूर्ण कार्य पूर्णता के लिए निर्देश दिए गए है।उल्लेखनीय है कि स्कूल शिक्षा मद, समग्र शिक्षा मद, सीएसआर और पीएश्री मद से शाला भवन मरम्मत, नवीनीकरण, आहता, शौचालय, पेयजल, वाटर हारर्वेस्टिंग रैम्प हैंडरेल एवं जीर्णाेद्धार कार्य के साथ अतिरिक्त कक्ष निर्माण कराया जा रहा है। जिससे कि बच्चों को शिक्षा के लिए बेहतर वातावरण मिल सके। गौरतलब है कि स्वीकृत सभी कार्यों को जिला पंचायत, आरईएस, ग्राम पंचायत द्वारा निर्माण कराया जा रहा है जिनमें से बहुत से कार्य पूर्ण होकर स्कूल प्रारंभ किया जा चुका है। शेष बचे कार्य भी लगभग पूर्णता की ओर है। स्कूलों का संचालन नियमित रूप से किया जा रहा है एवं जिन स्थानों में मरम्मत का कार्य प्रगति पर है वहां वैकल्पिक व्यवस्था के तहत स्कूल का संचालन निरंतर जारी है।