रायपुर,12 अगस्त 2023। मैटस विशवविद्यालय के मैटस स्कूल ऑफ लाइब्रेरी साइंस विभाग द्वारा राष्ट्रीय पुस्तकालय अध्यक्ष दिवस का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी विद्यार्थियों के लिए भाषण स्पर्धा का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने बड़े उत्साह के साथ भागीदारी की और अपने भाषण कला का प्रदर्शन किया। उल्लेखनीय है कि प्रथम भारतीय विश्वविद्यालय पुस्तकालय अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. एस आर रंगनाथन के जन्मदिवस पर प्रतिवर्ष 12 अगस्त को पुस्तकालय अध्यक्ष दिवस मनाया जाता है । पुस्तकालय विज्ञान के जनक पद्ममश्री डॉ. एस आर रंगनाथन के 132 वीं जयंती के अवसर पर पुस्तकालय एवं सूचना विभाग द्वारा प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी जन्म दिवस बड़े उत्साह से मनाया गया जिसमें विश्वविद्यालय के छात्रों सहित प्राध्यापकगण मौजूद रहे ।कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. कल्पना चंद्राकर विभागाध्यक्ष मैटस स्कूल ऑफ लाइब्रेरी साइंस विभाग द्वारा किया गया । विशिष्ट अतिथि के रूप में मैट्स विश्वविद्यालय के कुलसचिव गोकुल नंदा पंडा , शैक्षणिक अधिष्ठाता डॉ. विजय भूषण नाग उपस्थित थे । भाषण प्रस्तुतीकरण में छात्रों द्वारा पुस्तकालय विज्ञान में डॉक्टर रंगनाथन महोदय के जीवन के चुनिंदा पहलुओं के बारे में विवरण बताया गया। पुस्तकालय विज्ञान के 5 नियम एवं उनके विभिन्न कृतिव पर व्याख्यान दिया गया, जो पाठकों के लिए आज भी प्रासंगिक है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव गोकुल नंदा पंडा ने सूचना उपयोगकर्ताओं की आवश्यकताओं को पूरा करने और आने वाली चुनौतियों से निपटने की तैयारी के बारे में विस्तार से अपने उद्बोधन में स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जो भौतिक ग्रंथ है उससे अधिक आभासी पुस्तकालय का स्वरूप दिखाई दे रहा है जिसमें सूचना आवश्यकता और सूचना प्रदाता दोनों के लिए भविष्य की राह आसान होगी, उन्होंने कहा कि हम सभी को आज आने वाली तकनीकी संसाधनों के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। साथ ही नए शैक्षणिक सत्र में प्रवेशित विद्यार्थियों को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मैट्स विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री गजराज पगारिया, महानिदेशक श्री प्रिये पगारिया, कुलपति प्रोफेसर डॉ. के पी यादव, उपकुलपति डाॅ. दीपिका ढांढ, कुलसचिव श्री गोकुल नंदा पंडा, लाइब्रेरी कमेटी के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत मुंडेजा ने इस आयोजन की सराहना की एवं विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर लाइब्रेरी साइंस विभाग के शिक्षकगण श्री राम प्रसाद कुर्रे, सहायक प्राध्यापक श्री संजय साहजीत, सहायक प्राध्यापक लाकेश कुमार साहू, सहायक ग्रंथपाल श्रीमती संध्या शर्मा एवं श्री गिरधारी लाल का कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभाग अध्यक्ष एवं प्राध्यापक गण भी उपस्थित थे।
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मैट्स यूनिवर्सिटी, पंडरी के अंग्रेजी विभाग द्वारा गुरुवार को नए छात्रों के स्वागत के लिए इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन किया
रायपुर,03 अगस्त 2023। अंग्रेजी विभाग के एमए और बीए छात्रों के नए बैच का उनके वरिष्ठों ने तिलक और गुलाब से स्वागत किया। इस अवसर पर अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. रंजना दास सर्खेल ने नवागंतुकों का स्वागत भाषण दिया। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्हें विभाग और पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी दी। डॉ. दास ने उन्हें आनंदपूर्वक अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार श्री जी.एन. पांडा ने अपने आशीर्वाद और सकारात्मक शब्दों से नवागंतुकों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि प्रबंधन छात्रों की बात सुनने के लिए हमेशा उपलब्ध रहेगा. उन्होंने छात्रों से अपने छात्र जीवन के इस चरण की सराहना करने और इसका आनंद लेने के लिए भी कहा।
प्रो वीसी डॉ. दीपिका ढांड ने भी विद्यार्थियों का अभिनंदन एवं स्वागत किया। उन्होंने एक छात्रा के रूप में अपने अनुभवों के बारे में बताया और छात्रों से अपने प्रति हमेशा ईमानदार और जिम्मेदार रहने को कहा। उन्होंने युवा छात्रों को एक विषय के रूप में अंग्रेजी की भविष्य की संभावनाओं के बारे में भी मार्गदर्शन किया।
इस अवसर पर अन्य विभागों के प्रमुख, संकाय सदस्य और विभाग के छात्र उपस्थित थे। माननीय कुलाधिपति श्री गजराज पगारिया जी, कुलपति प्रो. (डॉ.) के.पी. यादव एवं महानिदेशक श्री प्रियेश पगारिया जी ने भी विभाग के नये विद्यार्थियों को अपना आशीर्वाद प्रेषित किया।
धन्यवाद ज्ञापन अंग्रेजी विभाग की सहायक प्रोफेसर सुश्री दर्शिका चौधरी ने दिया
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गुरुकुल महिला महाविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित
रायपुर, 21 जुलाई 2023। भातखण्डे ललित कला शिक्षा समिति द्वारा संचालित गुरुकुल महिला महाविद्यालय कालीबाड़ी रोड़, रायपुर द्वारा आयोजित 02 दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन समारोह आज महाविद्यालय के गुरुकुल प्रेक्षागृह में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम का शुभांरभ सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्वलन से हुआ।
इस नैक स्पॉन्सर्ड राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय बैंचमार्किंग एक्सेलेंस इन रिसर्च एण्ड इनोवेशन है। उद्घाटन एवं प्रथम सत्र में डॉ. अरूणा पलटा, कुलपति, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग, मुख्य अतिथि एव चेयरपर्सन के रूप में उपस्थित रही। इन्होंने आयोजक महाविद्यालय को सेमीनार आयोजन की बधाई देते हुए अपने व्याख्यान में कहा कि आज रिसर्च में क्वालिटी की जगह क्वांटिटी को प्राथमिकता दी जा रही है। उनका मानना है आज जो रिसर्च हो रहे है वो क्वालिटी के आधार पर होना चाहिए, साथ ही युवा वर्ग को रिसर्च के क्षेत्र में भागीदारी देनी चाहिए। आज जो रिसर्च हो रहा है वो समाज को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए ताकि समाज के लोग लाभान्वित हो सके। उन्होने ये भी कहा कि नवीन विचारों को आगे लाने की बात कही।
मुख्य वक्ता डॉ. उषा किरण अग्रवाल, विभागाध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग, शास. दू.बं. कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय रायपुर ने ’’क्वालिटी एजुकेशन कान्सेप्टस एण्ड इम्पलीमेन्टेशन’’् विषय पर व्याख्यान दिया एवं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शोध संहिता की आवश्यकता को बताते हुए इस विषय से संबंधित सभी आवश्यक पहलुओं पर प्रकाश डाला।
प्रथम दिवस द्वितीय सत्र की अध्यक्षता डॉ. मोनिका सेठी, कुलपति, के.के. मोदी विश्वविद्यालय दुर्ग ने किया। इन्होंने उच्च शिक्षा में रचनात्मकता और अनुसंधान डिजाईन, चुनौतिया और सुविधा प्रदान करने वाले कारक की जानकारी दी और कहा कि अगले पांच साल में वो स्वयं को कहा देखना चाहते है, इसके सपने देखना शुरु करे एवं खुद के स्ट्रेन्थ को पहचाने एवं स्किल डेवेलप करे, रोडमैप रेडी करे जो आपको अपने सपनों तक पहुँचाये।
द्वितीय सत्र में डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव, डीन, स्टुडेन्ट वेलफेयर, दुर्ग ने उच्च शिक्षा संस्थान निर्माण औैर नवीन उद्यमशीलता आयाम विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा सोच को बदलिए पर पॉजीटिव तरीके से और तब तक संघर्ष करिए जब तक सफलता ना मिल जाये। असफलता से घबराना नही चाहिए। आप जितने धैर्यवान होंगे उतना सफल होंगे। उच्च शिक्षा की भूमिका के बारे में जानकारी दी और कहा कि उच्च शिक्षा में नवाचार पॉजीटिव होना चाहिए। उन्होंने राइट ऑफ एजुकेशन, डाइंमेशन ऑफ इनोवेशन, 04 टाइप्स ऑफ इनोवेशन इन इंटरप्रेन्योंरशिप, न्यु इनोवेशन आईडिया इन एजुकेशन सेक्टर के बारे में जानकारी दी।
इस सेमिनार में छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उड़िसा राज्यों से शिक्षाविद् शोध छात्र प्रतिभागी के रूप एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं के छात्राओं ने हिस्सा लिया।
महाविद्यालय के अध्यक्ष अजय तिवारी, समिति सचिव श्रीमती शोभा खण्डेलवाल, प्राचार्य डॉ. संध्या गुप्ता, डॉ. तपेश चन्द्र गुप्ता, डीन, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, डॉ. देवाशीष मुखर्जी, प्राचार्य, महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय, रायपुर, डॉ. युलेन्द्र कुमार राजपुत, अग्रसेन महाविद्यालय, रायपुर, भट्टाचार्य सर एवं महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं छात्रायें इस सेमीनार में उपस्थित थे। इस सेमीनार के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेेटरी डॉ. राजेश अग्रवाल एवं कंवेनर डॉ. अदिती जोशी है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सिमरन वर्मा द्वारा किया गया। -
मैट्स स्कूल ऑफ़ फैशन डिजाइनिंग एंड टेक्नोलॉजी में तीन दिवसीय “दी डिज़ाइन फेस्ट-2023” का शुभारंभ
रायपुर। मैट्स विश्वविद्यालय के मैट्स स्कूल ऑफ़ फैशन डिजाइनिंग एंड टेक्नोलॉजी विभाग द्वारा 14 जुलाई से 16 जुलाई तक आयोजित तीन दिवसीय दी डिज़ाइन फेस्ट-2023 का शुभारंभ हुआ। इस प्रदर्शनी में विद्यार्थियों द्वारा डिडाइन किये गये वन बीएचके घर, मल्टीपरपस फर्नीचर्स, रेस्टारेंट और वस्त्रों की श्रेष्ठ डिजाइन का प्रदर्शन किया गया है।
मैट्स स्कूल ऑफ़ फैशन डिजाइनिंग एंड टेक्नोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष श्रीमती परविंदर कौर ने बताया कि इस प्रदर्शनी का उद्घघाटन फैशन हाउस रायपुर के संचालक मनु लाल अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर कुलाधिपति गजराज पगारिया, महानिदेशक प्रियेश पगारिया, मैट्स विश्वविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमति प्रियंका पगरिया, कुलपति प्रो. के.पी. यादव, उपकुलपति डॉ. दीपिका ढांड, कुलसचिव श्री गोकुलानंदा पंडा सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
फैशन डिजाइनिंग विभाग के बैचलर ऑफ़ साइंस इंटीरियर डिजाइनिंग के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने आकर्षक वन बीएचके घर डिज़ाइन किया जिसमें मॉडर्न स्टूडियो, अपार्टमेंट, ओपन किचन गार्डन, मल्टीपरपस फर्नीचर, कलर व्हील, स्टडी के रूप में उपयोग में लाया जाने वाला डाइनिंग टेबल आकर्षण का केंद्र रहा। बैचलर ऑफ़ साइंस इंटीरियर डिजाइनिंग के द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों ने इंडियन आर्किटेक्चर जिसे अभ्यर्थना नाम दिया है, की थीम में रेस्टोरेंट डिज़ाइन किया। इसमें सम्पूर्ण इंटीरियर और एक्सटेरियर को डिज़ाइन किया गया है। इनमें आउटडोर सिटिंग, रिसेप्शन, इनडोर लोअर सिटिंग, किचन काउंटर, दीवार पर हैंडमेड पेंटिंग, कार्विंग विशेष रूप से आकर्षित करती है। इंडियन प्रिंट के वाल हैंगिंग और मीणा कारी लैंप के साथ ग्रीनरी का मिश्रण भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। क्ले आर्ट और मिरर आर्ट ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
बैचलर ऑफ़ साइंस इंटीरियर डिजाइनिंग के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों ने डिज़ाइन के सिद्धांतों से प्रेरित होकर गाजीबो को ग्रास और आर्टिफीसियल फ्लावर का उपयोग करके एक कार्नर को प्राकृतिक रूप दिया है। विद्यार्थियों ने फायर एक्सटीन्गुइशेर को भी आकर्षक स्वरूप प्रदान किया है। कलर थीम को ध्यान में रखते हुए दीवारों को बेहतरीन लुक दिया गया है। आर्टिफीशियल वस्तुओं का उपयोग करते हुए एक कार्नर को गार्डन की तरह दिखाकर सीटिंग फर्नीचर भी डिज़ाइन किया गया है। विद्यार्थियों ने वेस्ट इस बेस्ट का प्रयोग करते हुए अऩेक इंटीरियर प्रोडक्ट बनाये हैं जो उनकी अद्भुत रचनात्मकता को प्रदर्शित करता है। इस प्रदर्शनी में राजस्थान की संस्कृति भी आकर्षण का केंद्र है। विभागाध्यक्ष श्रीमती कौर ने बताया कि इस प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने अपने कौशल और परिश्रम के बल पर फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में रोजगार एवं स्वरोजगार की नई संभावनाओं को भी प्रमाणित किया है। विद्यार्थियों ने ग्लिटर और फर्र निटवियर, एक ट्रेंच कोर्ट, फैब्रिक स्वचेश दुपट्टा, कोसा सिल्क में ब्राइडल वेयर एवं बनारसी स्कर्ट कुरता पैजामा, टाई एंड डाई साड़ी ड्रेसेस का भी प्रदर्शन किया है। इस प्रदर्शनी के शुभारंभ अवसर पर उपस्थित सभी अतिथियों ने विद्यार्थियों की प्रतिभा और उनके प्रदर्शन की मुक्त कण्ठ से सराहना की। इस अवसर पर फैशन डिजाइनिंग एंड टेक्नोलॉजी विभाग के सभी प्राध्यापकगण एवं विद्यार्थीगण भी उपस्थित थे। -
ऑनलाईन काउंसलिंग की सूचना मिलेगी स्कूल शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर
रायपुर, 9 जुलाई 2023/ स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत बस्तर एवं सरगुजा संभाग में रिक्त सहायक शिक्षक, शिक्षक एवं व्याख्याता के 12 हजार 489 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया के अंतर्गत ऑनलाईन काउंसलिंग के माध्यम से अभ्यर्थियों को उनकी चयन की प्राथमिकता के अनुसार शालाओं का आबंटन करने का प्रावधान किया गया है। ऑनलाईन काउंसलिंग प्रारंभ होने की सूचना स्कूल शिक्षा विभाग की वेबसाइट https://eduportal.cg.nic.in पर तथा समाचार पत्रों के माध्यम से दी जाएगी। इसके साथ ही ऑनलाईन काउंसलिंग के लिए व्यापम की मेरिट अनुसार सूची भी स्कूल शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर जारी की जाएगी। चिप्स द्वारा (व्यापम फार्म अनुसार) संबंधित के मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से सूचना दी जाएगी।
ऑनलाईन काउंसलिंग में भाग लेने के लिए काउंसलिंग के पूर्व सभी अभ्यर्थियों को व्यापम पोर्टल पर बनाए गए अपने प्रोफाइल का आधार वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। अभ्यर्थी व्यापम पोर्टल पर बनाए गए अपने आईडी, पासवर्ड से लोक शिक्षण संचालनालय के ऑनलाईन काउंसलिंग पोर्टल पर लॉगिन कर सकेंगे। लॉगिन करने पर स्क्रीन पर डेस बोर्ड दिखेगा, जिसमें अभ्यर्थी द्वारा दिए गए भर्ती परीक्षाओं सहायक शिक्षक, शिक्षक, व्याख्याता की जानकारी होगी।
सर्वप्रथम व्याख्याता पद की ऑनलाईन काउंसलिंग प्रारंभ की जाएगी। केवल प्रारंभिक रूप से चयनित अभ्यर्थी ही ऑनलाईन काउंसलिंग में भाग ले पाएंगे। अभ्यर्थी द्वारा पोर्टल पर साइन इन करने पर दस्तावेज सत्यापन का राउण्ड, प्रीफेंस फिलिंग विडों, प्रीफेंस स्टेटस, एक्शन प्रदर्शित होगा। राउण्ड का आशय दस्तावेज सत्यापन का चरण, प्रीफेंस फिलिंग विडों में ऑनलाईन काउंसलिंग खुले रहने की अवधि, प्रीफेंस स्टेटस में अभ्यर्थी द्वारा अब तक चयन किए गए शालाओं की सूची होगी तथा एक्शन में जाकर अभ्यर्थी अपने पसंद की शालाओं का चयन कर सकेंगे।
एक्शन में फिल प्रीफ में इंटर करने पर अभ्यर्थी के स्क्रीन पर दूसरा विंडो खुलेगा जिसमें अभ्यर्थी का फोटो, प्रोफाइल आईडी, रजिस्ट्रेशन नंबर, नाम, प्राप्तांक आदि की जानकारी प्रदर्शित होगी। इसके नीचे दिए गए दो बॉक्स में से प्रथम बॉक्स में सेलेक्ट योर प्रायोरिटी के अंतर्गत जिला एवं ब्लॉक का नाम तथा पदांकन हेतु उपलब्ध विद्यालयों की सूची उपलब्ध होगी। इस सूची से अभ्यर्थी अपनी पसंद की शालाओं का चयन करेंगे, जो द्वितीय बॉक्स में योर सेलेक्टेड प्रायोरिटी के अंतर्गत प्रदर्शित होगी। अभ्यर्थी इसमें सूचीबद्ध शालाओं की सूची में शालाओं का क्रम अपनी पसंद अनुसार ऊपर-नीचे कर सकते हैं। अभ्यर्थियों से अपेक्षा की गई है कि वह सेलेक्ट योर प्रायोरिटी में दी गई शालाओं की सूची से अधिकतम या समस्त शालाओं को चयनित करें। यदि अभ्यर्थी द्वारा कुछ विद्यालयों का चयन नहीं किया जाता है तो, अभ्यर्थियों द्वारा चयनित विद्यालयों के अगले क्रम पर चयन से शेष रह गये स्कूलों को सॉफ्टवेयर द्वारा पोर्टल में दर्शित सूची अनुसार क्रमशः स्वतः क्रम आबंटित कर दिया जाएगा। अगले विंडो पर अभ्यर्थी का विवरण सहित उसके द्वारा चयनित शालाओं की सूची प्रदर्शित होगी, जिसमें प्रायोरिटी अपडेटेड ऑन अंकित होगा। अभ्यर्थी अपने चयनित शाला का प्रिंट आउट भी ले सकते हैं। काउंसलिंग के अंतिम दिवस के पूर्व अभ्यर्थी अपने चयनित विकल्पों में बदलाव कर सकते हैं, अंतिम दिवस पोर्टल स्वतः लॉक हो जाएगा। यदि कोई अभ्यर्थी स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल पर लॉगिन नहीं करता है तथा अपने चयन हेतु शालाओं को प्राथमिकता क्रम प्रदान नहीं करता है, तो ऐसी स्थिति में सॉफ्टवेयर द्वारा उसे स्वतः रेन्डमली स्कूल आबंटित कर दिया जाएगा।
काउंसलिंग के प्रथम चरण पूर्ण होने पर अभ्यर्थी के लॉगिन पर विद्यालय का आबंटन प्रदर्शित होगा, जिसमें उसे आबंटित स्कूल का नाम, यूडाइस कोड, जिला एवं ब्लॉक का नाम अंकित होगा। अभ्यर्थी को इस आबंटन को स्वीकार करना अनिवार्य होगा, अन्यथा वह चयन प्रक्रिया से बाहर हो जाएगा। आबंटन स्वीकार करने पर दस्तावेज सत्यापन के लिए आमंत्रण पत्र प्रदर्शित होगा, जिसका अभ्यर्थी प्रिंटआउट ले सकेंगे। इस पत्र में दस्तावेज सत्यापन हेतु अंतिम तिथि तथा स्थल जहां उपस्थित होना है, उसका विवरण दर्ज रहेगा। दस्तावेज सत्यापन का कार्यालयीन समय एवं दिवस में किया जाएगा।
व्याख्याता पद के लिए नियुक्तिकर्ता प्राधिकारी- संचालक लोक शिक्षण संचालनालय, शिक्षक पद के लिए नियुक्तिकर्ता प्राधिकारी-संबंधित संयुक्त संचालक एवं सहायक शिक्षक पद के लिए नियुक्तिकर्ता प्राधिकारी-संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी हैं। अभ्यर्थी निर्धारित समयावधि में नियुक्तिकर्ता प्राधिकारी के कार्यालय में उपस्थित होकर दस्तावेज सत्यापन कराएंगे। पात्र-अपात्र की जानकारी सत्यापनकर्ता प्राधिकारी द्वारा भरकर अपलोड की जाएगी, जिसे अभ्यर्थी अपने लॉगिन पर देख सकेंगे, जो अभ्यर्थी अपात्र होंगे उनका अपात्रता संबंधी पत्र सत्यापनकर्ता अधिकारी के हस्ताक्षर सहित प्रिंट होगा, जिसमें अपात्र होने का कारण दर्शाया जाएगा। अपात्र अभ्यर्थी अपात्र होने के 7 दिवस के भीतर दावा आपत्ति संचालक लोक शिक्षण को प्रस्तुत कर सकेंगे। जो अभ्यर्थी पात्र होंगे उन्हें पत्र दिया जाएगा, जिसमें उल्लेखित होगा कि दस्तावेज सत्यापित कर लिया गया है। -
स्कूल बस और यात्री बस में लगेंगे जीपीएस और पैनिक बटन
रायपुर, 9 जुलाई 2023/
छत्तीसगढ़ में यात्री बसों में महिलाओं एवं स्कूल बसों में विद्यार्थियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पैनिक बटन लगाने की तैयारी है। पैनिक बटन लगने से बस में किसी प्रकार की दुर्घटना, छेड़छाड़ होने पर पैनिक बटन दबाने से तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना मिल जाएगी। इसके साथ ही बसों का लोकेशन, स्पीड आदि का भी पता चलता रहेगा। इससे चालकों की मनमानी पर रोक लगने के साथ हादसे की आशंका भी कम हो जाएगी। जीपीएस सिस्टम का कंट्रोल रूम डायल 112 के कार्यालय में बनाया गया है।
परिवहन विभाग छत्तीसगढ़ से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस व्यवस्था के शुरू होने से जनता को किसी तरह के खतरे तथा अनहोनी से निपटने में काफी सहूलियत होगी। वर्तमान में प्रदेश में कुल 12 हजार बसें संचालित हो रही हैं, जो अलग-अलग रूट से प्रदेश के कोने-कोने तक जा रही हैं। इसी तरह राज्य में लगभग 6000 स्कूल बस भी संचालित है। बसों में पैनिक बटन और जीपीएस के लगने से बसों की पल-पल की जानकारी मिलेगी।
गौरतलब है कि राज्य में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा सुगम यातायात व्यवस्था के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे है। इस संबंध में परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नवीन व्यवस्था के तहत स्कूल बस के रूट में भी मैप रहेगा ताकि स्कूल बस यदि बच्चों को लेकर निर्धारित रूट के अलावा कहीं जाये तो ऑटोमैटिक अलर्ट आ जाये। इसके लिए कंट्रोल रूम में शिफ्ट के हिसाब से चार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी जो लगातार सभी बस को मॉनिटर करते रहेंगे और इमरजेंसी की स्थिति में पुलिस विभाग को सूचित करेंगे।
बसों में लगेगा पैनिक बटन, दुर्घटना की तुरंत लगेगी जानकारी
क्या है पैनिक बटन
पैनिक बटन लगने से दुर्घटना या कोई समस्या होने पर बस में सवार यात्री पैनिक बटन को दबाएंगे। बटन के दबते ही पुलिस कंट्रोल रूम व परिवहन कंट्रोल रूम को जानकारी मिलेगी और नजदीकी पुलिस थाने के कर्मचारी तुरंत बस तक पहुंचकर यात्रियों की मदद करेंगे।
दिल्ली में हुए निर्भया प्रकरण के बाद से ही केंद्र सरकार ने महिला सुरक्षा की दिशा में कदम उठाने के लिये निर्देश दिए थे ताकि इस तरह के प्रकरण की पुनरावृत्ति न हो। इसी के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में निर्भया फण्ड के अंतर्गत सभी यात्री वाहनो को ट्रैक करने के लिए यात्री वाहनों में जीपीएस लगा कर व्हीकल ट्रैकिंग प्लेटफ़ार्म के माध्यम से ट्रैकिंग करने का निर्णय लिया गया। व्हीकल ट्रैकिंग सॉफ्टवेर को चिप्स के माध्यम से बनाया गया है और समस्त गाड़ी के लाइव ट्रैकिंग देखने और त्वरित कार्यवाही करने के लिए सिविल लाइंस रायपुर में स्थित डायल 112 भवन में ही कमांड और कंट्रोल सेंटर भी बनाया गया है।
जानिए क्या है जीपीएस
ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम यानी जीपीएस एक ऐसा उपकरण है, जिसे अगर गाड़ी में फिट कर दिया जाए तो एक निर्धारित सर्वर पर गाड़ी का लोकेशन पता लगाया जा सकता है। जीपीएस सिस्टम लगने से आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगेगा। बसों के सही रूट की जानकारी मिल सकेगी। महिला और बच्चों के सुरक्षा के लिए राज्य के सभी स्कूल बस और यात्री बस को पैनिक बटन सुसज्जित जीपीएस के माध्यम से मॉनिटर किया जायेगा। इसके लिए निर्भया कमांड सेंटर बन कर तैयार हो चुका है।
वर्जन
प्रदेश में चलने वाली निजी बसों में जीपीएस सिस्टम और पैनिक बटन लगाने का निर्णय लिया गया है। इससे बस की पल-पल की जानकारी मिल सकेगी।
-दीपांशु काबरा, आयुक्त, परिवहन विभाग, छत्तीसगढ़ -
खेल और शिक्षा को बढ़ावा देने का लगातार किया जा रहा है प्रयास : बघेल
रायपुर 9 जुलाई 2023/
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महात्मा गांधी स्टेडियम के अंतर्गत स्थित खेलो इंडिया मल्टीपरपज इनडोर स्टेडियम हाॅल सहित विभिन्न निर्माण कार्यों का शिलान्यास, भूमि पूजन और लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में उप मुख्यमंत्री श्री टी. एस. सिंहदेव, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया भी शामिल रहे। जिले में कार्यक्रम स्थल पर नगर निगम अम्बिकापुर महापौर डॉ अजय तिर्की, सभापति श्री अजय अग्रवाल, स्थानीय जनप्रतिनिधि, नगर निगम आयुक्त सुश्री प्रतिष्ठा ममगई, अधिकारी-कर्मचारी एवं खिलाड़ी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि खेल और शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लगातार खेल व शिक्षा के क्षेत्र में सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। इसके साथ ही क्षेत्र के समावेशी विकास के लिए लगातार सार्थक प्रयास राज्य शासन द्वारा किए जा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री श्री टीएस सिंहदेव ने क्षेत्रवासियों को सुसज्जित व सर्वसुविधायुक्त इनडोर स्टेडियम मिलने पर बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने खेल प्रेमियों के लिए इसे बहुत ही सुंदर उपहार बताया। उन्होंने कहा खेल, समग्र विकास के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है और इससे निसंदेह नगर वासियों को लाभ प्राप्त होगा।
लोकार्पण तथा शिलान्यास के प्रमुख कार्य-
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने यहां 4 करोड़ 37 लाख 64 हजार रुपये की लागत से निर्मित इस सर्वसुविधायुक्त मल्टीपरपज इण्डोर हॉल का लोकार्पण किया। जहां खिलाड़ियों हेतु 04 बैडमिंटन कोर्ट, 03 टेबल टेनिस, बास्केट बॉल एवं व्हॉलीबॉल कोर्ट की सुविधा है। हॉल का आकार 150.00×65.00 फिट है। मल्टीपरपज इंडोर हॉल में महिला एवं पुरूष खिलाड़ियों हेतु पृथक-पृथक चेजिंग रूम, वॉशरूम, क्लॉक रूम, खेल उपकरण कक्ष, प्रथम तल में सीटिंग एरिया उपलब्ध है। यहां भविष्य हेतु स्कवैश कोर्ट, शूटिंग रेंज इत्यादि की भी योजना है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री बघेल ने केशवपुर, सोहगा, राजापुर, बिलासपुर तथा निम्हा में 6 करोड़ 86 लाख 11 हजार की लागत से निर्मित स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट विद्यालयों का लोकार्पण किया। वहीं 5 करोड़ 39 लाख 47 हजार रुपए के लागत के कार्यों का भूमिपूजन किया गया। भूमिपूजन के कार्यों में 3 करोड़ 39 लाख 22 हजार रुपए से महात्मा गांधी स्टेडियम का उन्नयन कार्य, पीजी कॉलेज ग्राउण्ड में एक करोड़ 25 हजार रुपए की लागत से मूलभूत सुविधाओं का विस्तार कार्य तथा नगर पालिक निगम, अम्बिकापुर के समस्त वार्डो में एक करोड़ रुपए की लागत से विद्युतीकरण कार्य शामिल है।
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कलिंगा विश्वविद्यालय में जूनियर एमबीए का सफल आयोजन
रायपुर, 12 जून 2023।
वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय ने कलिंगा विश्वविद्यालय के डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर के सहयोग से पांच दिवसीय जूनियर एमबीए प्रोग्राम का सफल आयोजन किया। कलिंगा विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ में पहली बार जूनियर एमबीए का एक नया कॉसेप्ट ले कर आयी जिसमें कक्षा 12वी में अध्ययनरत तथा उत्तीर्ण विद्यारहथियों को प्रबंधन की पढाई के विषय में सारगर्भित जानकारी प्रदान की जाती है तथा उन्हें प्रबंधन क्षेत्र में आनेवाली चुनौतियों तथा अवसरों से विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के द्वारा अवगत करायाजाता है । सत्र में रायपुर, दुर्ग सहित आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने भाग लिया। कलिंगा विश्वविद्यालय, नया रायपुर के वातानुकूलित सभागार में सत्र काआयोजन किया गया। छात्रों ने विभिन्न मनोरंजक गतिविधियों में भाग लिया और समापन दिवस पर विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।पहले दिन के सत्र में 85 से अधिकछात्रों ने भाग लिया और कलिंगा विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ संदीप गांधी ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने पहली बार आयोजित जूनियर एमबीए के पांच दिवसीय सत्र के पीछे के विचार की जानकारी दी और प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं दीं।
पहले सत्र को श्री अलक्षेंद्र मोगरे, मोटिवेशनल स्पीकर और ट्रेनर ने संबोधित किया और दूसरे सत्र में टीम बिल्डिंग एक्टिविटी हुई, जिसमें प्रतिभागियों ने सीमित संसाधनों के साथ पेपर टावर का निर्माण किया। दूसरे दिन पहला सत्र महानिदेशक, डॉबायजू जॉन द्वारा ‘अमीर कैसे बनें? उसी दिन दूसरा सत्र कलिंगा लाइफ’ विषय पर रील मेकिंग प्रतियोगिता पर था, जहां प्रतिभागियों ने विश्वविद्यालय परिसर में रील बनाई और विश्वविद्यालय के अधिकारियों के पेज को टैग करते हुए इसे अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया। ग्रुप को भारी संख्यामें लाइक और व्यूज मिल रहे हैं। पसंद किए जाने की संख्या के आधार पर विजेताओं कानिर्णय किया गया और समापन दिवस पर उन्हें पुरस्कृत किया गया।तीसरे दिन के दौरान पहले सत्र को श्री पंकजतिवारी, निदेशक कॉर्पोरेट संबंध और दूसरे सत्र को वाइस चांसलर डॉ आर श्रीधर ने संबोधित किया। उन्होंने कलिंगा विश्वविद्यालय का अवलोकन प्रस्तुत किया। दिन का तीसरा सत्र ‘स्क्वीड गेम’ था और प्रतिभागियों ने समूह के आधार पर उन्हें दिए गए निर्देशों के आधार पर खेल खेला। चौथे दिन के पहले सत्र को डॉ जैस्मिन जोशी, डीनस्टूडेंट वेलफेयर (डीएसडब्ल्यू) द्वारा ‘बॉलीवुड से प्रबंधन के सबक’ परसंबोधित किया गया और दूसरे सत्र को विश्वविद्यालय परिसर में खेला गया मजेदार ‘ट्रेजरहंट’ था। तीसरा सत्र ‘ओपन माइक’ था, जिसमें प्रतिभागियों ने सोलो डांस, ग्रुप डांस, कविता, कहानी सुनाने और मिमिक्री जैसी विभिन्न गतिविधियों का प्रदर्शन किया। अंत में पांचवें दिन की शुरुआत मजेदार गतिविधिके साथ हुई, जहां छात्रों ने ब्रांड, फिल्म और पहेलियों का अनुमान लगाया, इसके बाद दोपहर का भोजन और विदाई हुई।सभी गतिविधियों के विजेताओं को कुलपति डॉ. आर श्रीधर और सुश्री शिंकी के पांडे,प्रबंधन विभाग के प्रमुख और डॉ. संपदा भावे, वाणिज्य विभाग के प्रमुख की उपस्थिति में सम्मानित किया गया। संकाय सदस्य डॉ कोमल गुप्ता, श्री देबाशीष मोहंती, श्री राम गिरधर, सुश्री स्वाति तिवारी, सीएमएसुजाता थे, एंकरिंग सुश्री रिया गोयल और श्री सात्विक जैनने की। इस आयोजन के दौरान सक्रिय मार्केटिंग टीम के सदस्यों में श्री यश शर्मा,मोहम्मद तौकीर, श्री यशवंत जंघेल, श्री पंकज और अन्य शामिल थे। सर्टिफिकेट मिलने के बाद छात्र-छात्राएं ने बॉलीवुड के आकर्षक गानों पर थिरक कर अपना हर्ष व्यक्त किया ।
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सहकारिता की भावना आदिवासी समाज की बड़ी शक्ति – सरजियस मिंज
रायपुर, 10 जून 2023/ भारतीय सामाजिक अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘‘आज़ादी के 75 वर्ष और जनजातीय पारंपरिक संस्कृति का संरक्षण एवं विघटन की स्थिति’’ के तीसरे दिन समापन समारोह का आयोजन हुआ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष सर्जियस मिंज ने कहा कि मानव के साथ मानव का संबंध ही संस्कृति है। आज भी आदिवासी समुदाय के लोग सहज, सरल और सहृदय है। उनमें सहकारिता की भावना है जिसके कारण वे किसी भी कार्य को सामूहिक रूप से करते हैं। हमारा समाज आज सामूहिकता से व्यक्तिवादिता की ओर बढ़ रहा है। यह बदलाव आदिवासी समुदाय में भी देखने को मिल रहा है। सहकारिता की भावना हमारी शक्ति है इसे किसी तरह भी कम नहीं होने देना चाहिए। श्री मिंज ने कहा कि किसी भी समुदाय के ज्ञान को कमतर नहीं आंकना चाहिए। आईक्यू अभ्यास से जुड़ा हुआ है, इसका संबंध जाति, समुदाय, धर्म विशेष से नहीं है। आदिवासियों को उनकी पहचान देने की ज़िम्मेदारी समाज वैज्ञानिकों की है ताकि उनके विकास को सही दिशा दिया जा सके। आदिवासी समाज को मुख्यधारा में लाना है और उनकी विशेषताओं को बनाए रखते हुए ऐसा करना बड़ी चुनौती है।टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई से आए विशिष्ट अतिथि प्रो. विपिन जोजो ने कहा कि हमें विकास को देखने के नजरिए में बदलाव लाने की जरूरत है। अगर देश, दुनिया और सम्पूर्ण मानवता को बचाना है तो आदिवासियों से सीखने की जरूरत है। वैश्विक स्तर पर विकास के नए फ्रेम वर्क में आदिवासी नजरिए को शामिल करना होगा। हमें अपने शोधों में आदिवासी ज्ञान, परंपरा को भी सहेजने की जरूरत है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पं. रविवि प्रख्यात अर्थशास्त्री प्रो. आर. के. ब्रम्हे ने कहा कि आज दुनिया में सबसे सरल होना ही सबसे कठिन है, और यही सरलता हमें आदिवासी समाज में देखने को मिलती है। विश्वभर में राज्यों के निर्माण से पहले आदिवासी समाज रहा है और निश्चित तौर पर विभिन्न ज्ञान परंपरा आदिवासी समाज से जुड़ी रही है। आज की बड़ी चुनौती अपने संस्कृति के साथ विकास की ओर अग्रसर होना है। सांस्कृतिक अस्थिरता के कारण हो रहे बदलावों का सबसे नकारात्मक प्रभाव हाशिए के समाजों पर पड़ता है और वह समाज अपने जड़ों से कट जाता है।
कार्यक्रम में अतिथियों का समाजशास्त्र एवं समाज कार्य अध्ययनशाला के अध्यक्ष व संगोष्ठी के संयोजक प्रो. निस्तर कुजूर, प्रो. एल. एस. गजपाल व असोसिएट प्रो. हेमलता बोरकर वासनिक के द्वारा राजकीय गमछा व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. एल. एस. गजपाल के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नरेश कुमार साहू के द्वारा किया गया।
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ईको-फ्रेंडली कैंपस के रूप में विकसित हो रहा खैरागढ़ विश्वविद्यालय, प्रत्येक शनिवार को पेट्रोल-डीजल चलित वाहन प्रतिबंधित
खैरागढ़, 2 जून 2023। इंदिरा कला संगीत विशविद्यालय खैरागढ़ में ग्रीष्मकालीन अवकाश की अवधि का पूरा सदुपयोग किया जा रहा है। विश्वविद्यालय परिसर की साफ-सफाई के लिए वैसे तो नियमित व्यवस्था सक्रिय है, लेकिन जैसे ही ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रारंम्भ हुआ, वैसे ही परिसर की स्वच्छता, सौन्दर्यीकरण और पर्यावरण की दृष्टि से ज़रूरी विभिन्न गतिविधियां तेज कर दी गई हैं। ताकि शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के बाद इन कार्यों के कारण शैक्षणिक गतिविधियां बाधित न हों और विद्यार्थियों को असुविधा का सामना न करना पड़े। इसी कड़ी में, विश्वविद्यालय परिसर के लगभग 10 भवनों का नामकरण करते हुए उन भवनों के द्वार पर आकर्षक एलईडी बोर्ड लगाए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय की कुलपति पद्मश्री डॉ. ममता (मोक्षदा) चंद्राकर की मंशानुसार कैम्पस में इको-फ्रेंडली वातावरण बनाए रखने के लिए विभिन्न प्रकार के उपक्रम नियमित रूप से जारी हैं। इसके अंतर्गत स्वच्छता और पेड़-पौधों की देखभाल पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विशविद्यालय के भवन निर्माण प्रभाग के द्वारा पर्यावरण के अनुुकुल सौन्दर्यीकरण के कार्य कराये जा रहे हैं। इसी कड़ी में विश्वविद्यालय के 10 भवनों के द्वार पर आकर्षक एलईडी बोर्ड लगाए गए हैं। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी विनोद डोंगरे ने बताया कि कला, संस्कृति और साहित्य की महान विभुतियों को समर्पित करते हुए विश्वविद्यालय के इन भवनों का नामकरण किया गया है।
विदित हो कि 06 मार्च 2023 को कुलपति डॉ. चन्द्राकर की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी, जिसमें कुलसचिव, सभी अधिष्ठाता और विभागाध्यक्ष मौजूद थे। उक्त बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों में यह भी शामिल था कि विश्वविद्यालय परिसर को पर्यावरण के अनुकुल बनाने की दिशा में और भी जरूरी कदम उठाए जाएँ तथा नियमित रूप से उनकी समीक्षा की जाए। उक्त निर्णय के परिपेक्ष्य में कुलसचिव प्रो. डॉ. आईडी तिवारी ने एक आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक अब प्रत्येक शनिवार को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय-1 में पेट्रोल/डीजल से चलित वाहनों का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा, किन्तु साइकिल की अनुमति होगी। यह आदेश समस्त/शिक्षक/अधिकारी/संगतकार/कर्मचारी एवं विद्यार्थियों के लिए लागू होगा। कार्बन उत्सर्जी उपकरणों के इस्तेमाल पर नियंत्रण रखते हुए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में विश्वविद्यालय प्रबंधन का यह एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम है।
कला के विविध रूपों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए पूरे एशिया में विख्यात इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति भी सजगता और तत्परता का एक अनुकरणीय उदाहरण है। जनसंपर्क अधिकारी विनोद डोंगरे ने बताया कि यहाँ क्लाइमेट चेंज और उसके प्रभावों पर केंद्रित दो-दो राष्ट्रीय संगोष्ठियां आयोजित की गयीं। ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ और ‘जी-20 भारत 2023’ की परिकल्पना के अनुरूप विश्वविद्यालय के हिन्दी, अंग्रेजी और आजीवन शिक्षा विभाग द्वारा दो नेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित कराए गए। कई पर्यावरण विशेषज्ञ, एनवायरनमेंट एक्टिविस्ट, टीचर्स, स्टूडेंट्स और रिसर्चर्स इन आयोजनों के साक्षी बने। इसके अलावा विश्वविद्यालय परिवार समय-समय पर सामाजिक संस्थाओं के साथ सहभागी होकर ऐसे अभियानों में अपनी अग्रणी भूमिका दर्ज कराता रहा है।