रायपुर, 08 फरवरी 2024 /स्कूल शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की महान विभूति, शिक्षाविद् और समाज सुधारक और जन जागरण के पुरोधा स्वामी आत्मानंद जी के नाम पर तत्कालीन सरकार ने राज्य भर में अंग्रेजी और हिन्दी माध्यम उत्कृष्ट स्कूल खोल कर न सिर्फ शिक्षा और विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है, बल्कि स्वामी आत्मानंद जी के नाम को भी धूमिल किया है। इन स्कूलों के संचालन की जिम्मेदारी कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति के जिम्मे सौंप कर तत्कालीन सरकार ने इसका भविष्य कलेक्टरों की इच्छा पर सौंप दिया है। यह राज्य की शिक्षा व्यवस्था और विद्यार्थियों के भविष्य के लिए किसी भी स्थिति में उचित नहीं है। स्वामी आत्मानंद स्कूलों में शिक्षा की वर्तमान स्थिति, अनियमितता और कुप्रबंधन को देखते हुए हमारी सरकार ने इसके संचालन के लिए कलेक्टरों की अध्यक्षता में गठित समितियों को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का निर्णय लिया है। स्वामी आत्मानंद स्कूलों में शिक्षा-दीक्षा की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी अब शिक्षा विभाग की होगी।शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल आज विधानसभा में स्वामी आत्मानंद स्कूलों के कुप्रबंधन एवं वहां व्याप्त अनियमितता के संबंध में ध्यानाकर्षण का जवाब देने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए उक्त बातें कही। मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि स्वामी आत्मानंद पूरे देश में पूज्यनीय हैं। हम सभी के मन में उनके लिए सम्मान है। पहले ये स्कूल जिन महान हस्तियों के नाम से जाने जाते थे, उनका नाम फिर से स्वामी आत्मानंद से पहले जोड़ा जाएगा।मंत्री श्री अग्रवाल ने यह भी कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूलों को लेकर अगर कोई अनियमितता की शिकायत मिलती है, तो उसकी जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वामी आत्मानंद स्कूलों के पुनर्निर्माण और अन्य मदों में लगभग 800 करोड़ रुपए घोटाले की आशंका है। जहां भी शिकायत प्राप्त होगी, उसकी जांच कराई जाएगी। अकेले राजधानी रायपुर के आर.डी. तिवारी स्कूल में ही लगभग 4.5 करोड़ रुपए बिलिं्डग मरम्मत पर खर्च किए गए, जबकि इतनी राशि में एक नई बिलिं्डग का निर्माण हो जाता।
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कृषि विश्वविद्यालय में नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों एवं विषय वस्तु विशेषज्ञों हेतु 10 दिवसीय प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न
रायपुर, दिनांक 08 फरवरी 2023। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित विभिन्न महाविद्यालयों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों हेतु नवचयनित 56 सहायक प्राध्यापकों एवं 18 विषय वस्तु विशेषज्ञों के लिए आयोजित 10 दिवसीय प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम आज सम्पन्न हुआ। प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह के मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने प्रशिक्षार्थियों से कहा कि वे इस दस दिवसीय प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान का अपने कार्य क्षेत्र में भली-भांति उपयोग करें तथा विश्वविद्यालय के विकास में योगदान दें। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने तीन अलग-अलग सत्रों में प्रतिभागियों को विश्वविद्यालय द्वारा आगामी 25 वर्षां के लिए निर्धारित संकल्पना के बारे में जानकारी देते हुए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को देश के सर्वश्रेष्ठ कृषि विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करने का आव्हान किया। डॉ. चंदेल ने प्रतिभागियों से कहा कि वे अपने विषय से संबंधित अनुसंधान कार्यां को प्राथमिकता दें। मुख्य अतिथि ने इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण सहभागिता प्रमाण पत्र वितरित किये।
कृषि महाविद्यालय रायपुर में संचालित इस 10 दिवसीय प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान नवचयनित प्रशिक्षुओं को शिक्षण, अनुसंधान एवं विस्तार गतिविधियों से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें उनकी सेवा संबंधी नियमों, आचरण संहिता, कार्य व्यवहार आदि से संबंधित विभिन्न विषयों के बारे में तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया गया। यह प्रशिक्षण देश के जाने-माने प्रशिक्षकों – डॉ. के. हनुमंत राव, डॉ. वी.के.जे. राव, डॉ. एम.एम. अनवर आदि द्वारा दिया गया। इसके साथ ही प्रशिक्षणार्थियों को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, विभागाध्यक्षां तथा प्राध्यापकों द्वारा भी विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षकों एवं विश्वविद्यालय प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रतिभागियों द्वारा प्राप्त प्रशिक्षण का मूल्यांकन किया गया इसके साथ ही प्रतिभागियों से अनुसंधान प्रस्ताव भी तैयार करवाये गये। प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर विभिन्न प्रतिभागियों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में फीड बैक भी दिया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के कार्यक्रम निदेशक डॉ. हुलास पाठक, डॉ. जी.के. दास. तथा डॉ. एस.बी. वेरूलकर थे। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. रामामोहन सावू तथा डॉ. नितीश तिवारी थे। प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी, निदेशक प्रक्षेत्र एवं बीज डॉ. एस.एस. टुटेजा, स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विनय पाण्डेय उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शुभा बैनर्जी ने किया। -
वन्यजीव संरक्षण विज्ञान मॉडल की पीएम नरेंद्र मोदी ने की सराहना
कोरबा 07 फरवरी 2024/ पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्र सागर सिंह ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के 7वें एडिशन में वन्यजीव संरक्षण से संबंधित मॉडल प्रस्तुत किया। शिक्षक श्री संतोष चौरसिया ने बताया कि परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का आयोजन गत दिवस दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में आयोजित हुआ। जिसमें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश से चुने हुए विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों व शिक्षकों से चर्चा की। इसमें पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय, कोरबा के कक्षा दसवीं के छात्र सागर सिंह भी सम्मिलित हुए। जिन्होंने प्रधानमंत्री के समक्ष वर्किंग मॉडल का प्रदर्शन किया।
यह मॉडल वन्यजीव संरक्षण से संबंधित विकसित भारत में बढ़ते विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास के संकल्प और वन्यजीवों को अग्नि से संरक्षण के लिए लिए अपना इनोवेशन पर आधारित था जो कि राष्ट्रीय स्तर पर नवोदय विद्यालय समिति की ओर से चुने गए वैज्ञानिक आधारित 12 मॉडलों में से एक है। छात्र सागर सिंह की ओर से बनाया गया मॉडल, विद्यालय के रसायन शिक्षक संतोष चौरसिया और लोकचंद सोनटके के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है।
विद्यालय के विज्ञान संकाय के कक्षा 11वीं के छात्र प्रियांशु यादव द्वारा कला शिक्षक महाबली पोर्ते के मार्गदर्शन में निर्मित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बना मॉडल भी परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में प्रदर्शित हुआ। कार्यक्रम के उपरांत नवोदय विद्यालय समिति के कमिश्नर विनायक गर्ग ने सागर सिंह और शिक्षक चौरसिया को बधाई और अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। प्राचार्या सुश्री शांति मोहंती ने इसे स्कूल की उपलब्धि बताया है और सभी छात्रों और शिक्षकों को शुभकामनाएं दी। उक्ताशय की जानकारी विद्यालय के मीडिया प्रभारी पीजीटी रसायन शिक्षक संतोष चौरसिया ने दी। -
18 से 45 वर्ष के युवाओं को लाईवलीहुड कॉलेज में अल्प अवधि प्रशिक्षण
रायपुर 07 फरवरी 2024/कलेक्टर डॉ गौरव सिंह के निर्देशानुसार लाईवलीहुड कॉलेज जोरा में मुख्यमंत्री कौशल योजना के तहत जिले में 18 से 45 वर्ष के युवाओं को अल्प अवधि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसकी अवधि 3 से 4 माह की होगी। इसके अंतर्गत सोलर पम्प टेक्निशियन, असिस्टेंट इलेक्ट्रीशियन, रिटेल सेल्स एसोसियेट, सेल्फ इम्प्लायड टेलर, माइक्रो इरिगेशन टेक्निशियन, डोमेस्टिक आईटी हेल्पडेस्क अटेंडेंट कोर्स में निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही कम्प्यूटर स्किल, कम्युनिकेशन स्किल, व्यक्तित्व विकास का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें न्यूनतम योग्यता आठवीं एवं दसवीं कक्षा उत्तीर्ण है। अधिक जानकारी के लिए कार्यालय के इस नम्बर पर 0771-2443066 एवं 9109321845, 9399791163 पर संपर्क कर सकते हैं।
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छत्तीसगढ़ी संस्कृति से विदेशी छात्रों का प्रभावित होना गौरव का क्षण: शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल
रायपुर 07 फरवरी 2024 /शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल से साउथ कोरियन छात्रों के प्रतिनिधिमण्डल ने सौजन्य मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान पर्यावरण, मानवाधिकार और जन कल्याण जैसे मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई। श्री अग्रवाल ने कहा कि विदेशी छात्रों का छत्तीसगढ़ी संस्कृति से प्रभावित होना हमारे लिए गौरव का क्षण है। उन्होंने छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
ASEZ साउथ कोरिया छात्रों से मुलाकात के दौरान शिक्षा मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि आज के समय में पर्यावरण संबंधित समस्या सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक है। जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों की कमी जैसी समस्याओं से निपटने के लिए हमें सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। शिक्षण संस्थानों में पर्यावरण जागरूकता पर जोर देकर हम छात्रों को पर्यावरण के महत्व के बारे में शिक्षित कर सकते हैं। इन संस्थानों में वृक्षारोपण अभियान, स्वच्छता अभियान जैसे कार्यक्रमों का आयोजन होना चाहिए। पर्यावरण के अनुकूल बुनियादी ढांचे जैसे कि सौर ऊर्जा का उपयोग, जल संरक्षण और अपशिष्ट प्रबंधन पर हमें विशेष ध्यान देना होगा।
गौरतलब है कि ASEZ विश्वविद्यालय के छात्र स्वयंसेवकों का एक वैश्विक संगठन है। जो दुनियाभर में ‘‘सेव द अर्थ‘‘ मुहिम चलाती है। इसके तहत पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न मुद्दों पर जनजागरूकता के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यह दल पिछले दो सप्ताह से छत्तीसगढ़ के भ्रमण पर है। इस दौरान छात्रों के इस दल ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति और खान-पान की प्रशंसा की। प्रतिनिधि मंडल में साउथ कोरिया के श्री चार्ली, श्री केविन, श्री लुक, एरिक शामिल थे। -
संस्था परिवर्तन तथा संस्था एवं पाठ्यक्रम दोनों परिवर्तन के लिए 07 फरवरी तक आवेदन आमंत्रित
जांजगीर-चांपा, 02 फरवरी 2024/
भारत सरकार के नियमानुसार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (कालेज स्तर) के विद्यार्थियों का पंजीयन, स्वीकृति एवं भुगतान विभागीय पोर्टल https://postmatric-schoarship.cg.nic.in के माध्यम से किया जा रहा है। ऐसे विद्यार्थी जो संस्था परिवर्तन तथा संस्था एवं पाठ्यक्रम दोनों परिवर्तन करना चाहता है, भारत सरकार के नियमानुसार पात्रता रखने वाले ऐसे विद्यार्थी 07 फरवरी तक कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जांजगीर पुराना कलेक्टर परिसर जांजगीर (छात्रवृत्ति शाखा) में आवेदन कर सकते है। जिन विद्यार्थियों द्वारा पूर्व में आवेदन जमा किया जा चुका है। उन्हें आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। अधिक जानकारी के कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जांजगीर पुराना कलेक्टर परिसर पर संपर्क कर सकते हैं।
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स्कूल ऑफ साइंसेज,मैट्स यूनिवर्सिटी रायपुर द्वारा सात दिवसीय वर्कशॉप
रायपुर 04 फरवरी 20024/
स्कूल ऑफ साइंसेज,मैट्स यूनिवर्सिटी रायपुर द्वारा सात दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया। 22 जनवरी, 2024 से 29 जनवरी, 2024 तक सिद्धाचलम प्रयोगशालाओं, रायपुर के सहयोग से स्कूल ऑफ साइंसेज, मैट्स विश्वविद्यालय द्वारा “विज्ञान में प्रयुक्त उपकरण और तकनीक” पर 7 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
कार्यशाला का उद्देश्य विश्लेषण और बेंचमार्किंग तकनीकों के लिए एक सहज दृष्टिकोण बनाना है। कार्यशाला की शुरुआत उद्घाटन समारोह से हुई जहां मुख्य अतिथि डॉ. भावना जैन,निदेशक
सिद्धाचलम प्रयोगशाला, रायपुर थी ।
मैट्स यूनिवर्सिटी के चांसलर श्री गजराज पगारिया ने कार्यशाला के सफल आयोजन पर विभाग को बधाई दी। महानिदेशक, श्री प्रियेश पगारिया ने छात्रों के लाभ के लिए भविष्य में भी ऐसे आयोजनों का आश्वासन दिया।
प्रारंभिक टिप्पणी कार्यशाला के संयोजक डॉ. आशीष सराफ, प्रोफेसर और प्रमुख, स्कूल ऑफ साइंसेज, मैट्स यूनिवर्सिटी, रायपुर द्वारा दी गई।
सह-संयोजक डॉ. प्रशांत मुंडेजा ने कार्यशाला के सत्रों की जानकारी देते हुए छात्रों से बातचीत की।
कुलपति डॉ. केपी यादव ने छात्रों को विज्ञान में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करने के लिए अपने ज्ञानवर्धक शब्दों से छात्रों को संबोधित किया।
रजिस्ट्रार श्री गोकुलानंद पांडा ने इस तरह के कार्यक्रमों में भाग लेने के दौरान एक छात्र के रूप में अपने पिछले समय के अनुभव को साझा किया।
डॉ. भावना जैन ने विद्यार्थियों को प्रेरित किया और स्टार्टअप के लिए आह्वान किया।
पूरी कार्यशाला में विभिन्न तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। पहले तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ. विश्वप्रकाश रॉय ने की, जिसमें नियमित व्यावहारिक सत्रों में आवश्यक विभिन्न उपकरणों के बारे में एक सामान्य विचार शामिल था। कार्यशाला में 50 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। कार्यशाला का संचालन डॉ. जीतेन्द्र कुमार एवं डॉ. सौनक सरकार ने किया। कार्यक्रम की एंकरिंग डॉ. मेघना श्रीवास्तव ने की। विभाग के अन्य संकाय, डॉ. संध्यारानी पांडा, डॉ. राधाकृष्णन, डॉ. भाग्यश्री देशपांडे,डॉ. मनोज कुमार बंजारे, डॉ. बिंदुश्री बघेल, डॉ. जसमीत कौर सोहल, डॉ. सुनील कश्यप, डॉ. प्रीतिका चटर्जी, डॉ. जागृति चंद्राकर और डॉ. स्नेहलता दास भी उपस्थित थे। -
विश्वविद्यालय छात्रों द्वारा वस्त्र और पुस्तक का वितरण
विकसित भारत/2047 अभियान के परिप्रेक्ष्य में हुआ आयोजन
रायपुर। मैट्स विश्वविद्यालय के मैट्स स्कूल आॅफ लाइब्रेरी साइंस विभाग द्वारा पाठ्यक्रमेत्तर गतिविधि के तहत जरूरतमंदों के लिए एक विकसित भारत की संकल्पना के साथ यह आयोजन किया गया। पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के छात्रों द्वारा ‘‘वस्त्र दान‘‘ एवं ‘‘पुस्तक दान‘‘ कार्यक्रम संपन्न हुआ। विकसित भारत के तहत वस्त्र दान एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल है जो कि छात्रों को दान के महत्व एवं सामाजिक जिम्मेदारी विकसित करने में सहायक है। देशभर में विकसित भारत 2047 अभियान एक विजन लेकर किया जा रहा हैं।
मैट्स स्कूल आॅफ लाइब्रेरी साइंस विभाग की विभागाध्यक्ष डाॅ. कल्पना चंद्राकर ने बताया कि पुस्तकालय विज्ञान के छात्रों द्वारा ऐसे गतिविधियों का आयोजन हर वर्ष किया जाता है जिसमें छात्रों की ज्यादा भागीदारी होती हैं। सामाजिक सहभागिता में छात्रों द्वारा ‘‘वस्त्र दान‘‘ के तहत नेकी की दीवार में दान के लिए लाए वस्त्रों को जरूरतमंदों में वितरण किया गया, साथ ही छात्रों ने केंद्रीय पुस्तकालय रायपुर में प्रतियोगी परीक्षा अध्ययन करने वाले जरूरतमंद छात्रों को नए पुस्तकों का वितरण किया गया जिसमें स्नातक स्तर के पाठ्य पुस्तकें एवं युपीएससी परीक्षा स्तर के पुस्तकें दान की गयी।
इस अवसर पर लाइब्रेरी साइंस विभाग के शिक्षकगण सहायक प्राध्यापक डाॅ. भुलेश्वरी साहू, श्री संजय शाहजीत, श्री लाकेश कुमार साहू एवं सहायक ग्रंथपाल श्री गिरधारी लाल पाल की छात्रों के साथ भागीदारी रही। मैट्स विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री गजराज पगारिया, महानिदेशक श्री प्रियेश पगारिया, कुलपति प्रो. के.पी. यादव, उपकुलपति डाॅ. दीपिका ढांढ, कुलसचिव श्री गोकुलानंदा पंडा ने इस आयोजन की सराहना की एवं विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया।
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विश्व मंच पर हिंदी को स्थापित करने के लिए वैश्विक हिंदी संस्थाओं के संगठित प्रयासों की आवश्यकता: प्रो. आशा शुक्ला
भोपाल। हिंदी को विश्व मंच पर स्थापित करने के लिए शुरुआत हमें अपने घर से करनी होगी. हिंदी भाषा का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय फलक पर संयुक्त राष्ट्र संघ का मुद्दा बने इसी पर पर हमें एकजुट होकर कार्य करने की जरुरत है. अपनी निज भाषा के बगैर कोई राष्ट्र समृद्ध नहीं हो सकता. भाषा के समग्र विकास पर हमें सदैव चिंतन करना चाहिए. प्रौद्योगिकी का विकास अपनी निज भाषा से ही संभव है. भाषा संस्कारों को विकसित करती है. हिंदी वैश्विक स्तर पर विकसित हो इसके लिए विश्व मंच इकट्ठे होने की जरुरत है. हिंदी लोगों के आत्मीयता के संपर्क की भाषा है. उक्त बातें डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो. आशा शुक्ला ने कहा आशा पारस का पीस एंड हार्मनी फाउंडेशन, भारत, सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई पत्रिका, ऑस्ट्रेलिया एवं मध्य प्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में ‘विश्व हिंदी दिवस’ के अवसर पर ‘विश्व मंच पर हिंदी : व्यक्तिगत एवं संस्थागत प्रयास’ विषय आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर अध्यक्ष कही.
त्रिपुरा केंद्रीय विश्वविद्यालय त्रिपुरा एवं पूर्व महासचिव, हिंदी सचिवालय, मारीशस से मुख्य अतिथि के रूप में जुड़े प्रो. विनोद कुमार मिश्र ने कहा कि किसी समाज को अपनी ही भाषा से वंचित करना यह दुर्भाग्य पूर्ण है. भाषा संस्कृति का सहारा होती है. नई शिक्षा नीति ने हमें अपनी भाषाई आत्मनिर्भरता पर जोर दिया है. विश्व मंच पर स्थापित होने के लिए अपनी भाषा को समृद्ध की जरुरत है. हमें हिंदी को चिंतन एवं व्यवहारिकता में लाना होगा. हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का चिंतन-मंथन निरंतर किया जा रहा है. हिंदी समाज कैसे आगे बढ़े तथा व्यक्ति का सर्वांगीण विकास हो इसकी पूरी कोशिश नीति में किया गया. भारत की कई हिंदी सेवी संस्थाएं महात्मा गाँधी के हिंदी चिंतन को अपने पाठ्यक्रमों में निहित कर समाज को विकसित करने का प्रयास कर रही हैं.
वक्ता के रूप बोलती हुए पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष एवं अधिष्ठाता भाषा संकाय, केरल प्रो. एस. तंकमणि अम्मा ने कहा कि दक्षिण भारत में हिंदी समृद्ध हो रही है यहाँ पर त्रिसूत्रीय स्तर पर तीन भाषाएँ विद्यार्थियों को सिखाई जाती है. राष्ट्रीय भाषा के रूप में सभी विद्यार्थी पढ़ते हैं. इसी की बदौलत भरत के विभिन्न हिस्सों में उनको हिन्दी भाषा को बोलने समझने और पढ़ने में कठिनाई नहीं होती है. पूर्वोत्तर के क्षेत्रों में भाषाएँ चिंतन का विषय है. वैविध्यपूर्ण देश में पूर्ण मानव क्षमता को प्राप्त करने एवं मानव के न्याय संगत विकास के आधार विश्व स्तर पर हिंदी को संकल्पित किया जा सकता है.
वक्ता के रूप बोलते हुए मंत्री संचालक, छत्तीसगढ़ राष्ट्र भाषा प्रचार समिति, रायपुर छत्तीसगढ़ के डॉ. सुधीर शर्मा ने कहा कि भाषा के विकास से आशय मन तथा आत्मा के सर्वांगीण विकास से है. मातृभाषा मनुष्य को विकसित करती है. हिंदी भाषा तथा अपनी मातृभाषा को समृद्ध करने पर जोर दिया गया है. विश्व मंच पर हिंदी के संवर्धन से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
उद्बोधन में वक्ता के रूप में बोलते हुए महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. सुनील कुमार सुमन ने कहा कि हिंदी भाषा के विद्यार्थियों को भारतीय भाषा को सीखने की जरुरत है. भारतीय लोक भाषाओं के अनुकरण से ही हम हिंदी को विश्व मंच पर स्थापित कर सकते हैं. अपनी मातृभाषा के गौरव प्राप्ति के लिए हमें प्रयास करना होगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भाषा का मुद्दा बहुत प्रभावी है.
कार्यक्रम का प्रस्तावना वक्तव्य और संचालन सृजन आस्ट्रेलिया ई पत्रिका एवं आई.जे. एच. ई. आर. के प्रधान संपादक डॉ. शैलेश ने करते हुए वैश्विक स्तर पर हिन्दी भाषियों की संख्या से जुड़े आँकड़े तथा मुद्दों को रखा।तथा धन्यवाद ज्ञापन द एशियन थिंकर जर्नल के प्रधान संपादक डॉ. रामशंकर ने किया। तकनीकी संयोजन संस्था के मैनेजर लव चावडीकर ने किया। इस अवसर पर देश- विदेश के हिंदी के नामचीन एवं साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे जिनमें श्री ब्रसील नागॉड वितान श्रीलंका, अलीना आर्मेनिया आदि उपस्थित रहे।