Category: एजुकेशन न्यूज़

  • तक्षशिला लाइब्रेरी पहुँच कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने विद्यार्थियों से लिया फीड बैक

    तक्षशिला लाइब्रेरी पहुँच कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने विद्यार्थियों से लिया फीड बैक

    रायपुर ।  कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह आज मोतीबाग परिसर स्थित “तक्षशिला” पुस्त्कालय का निरीक्षण करने पहुँचे। उन्होंने लाइब्रेरी में अध्ययनरत युवाओं से लाइब्रेरी में जुड़े सुविधाओं एवं व्यवस्थाओं पर चर्चा किया।कलेक्टर ने सभी युवाओं को बारी बारी सुना एवं उनके सुझाओं पर अमल करने की बात कही। सभी युवाओं ने एक स्वर में माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह का तक्षशिला लाइब्रेरी प्रारंभ करने पर उनका धन्यवाद किया। कलेक्टर ने कहा कि यहाँ पर रीडिंग ज़ोन के साथ ही पुस्तकालय का भी सुविधा है। आप सभी के भविष्य एवं आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की किताब उपलब्ध कराई गई। अभी भी यदि कोई किताब अगर उपलब्ध नहीं है तो आप अपना सुझाव पूर्ण विवरण के साथ दीजिए हम उस पर यथासंभव  आवश्यक कार्यवाही  करेंगे। निरीक्षण के दौरान अध्ययनरत युवाओं ने कलेक्टर से कुछ किताबों की माँग की थी जिसको रोजगार अधिकारी एवम  नोडल अधिकारी   केदार पटेल  द्वारा कलेक्टर के निर्देश पर कुछ समय के अंतराल पर ही लॉ सहित अन्य किताबों को उपलब्ध करा दिया गया।

    उन्होंने कहा कि इस लाइब्रेरी की कुछ सुविधा नई है और जब कोई नई सुविधा प्रारंभ होती है तब उसको मूर्त रूप में आने के लिए समय लगता है। शासन-प्रशासन की कोशिश और आप सभी युवाओं के सुझाव से तक्षशिला लाइब्रेरी को हमेशा बेहतर से भी बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे। डॉ सिंह ने कहा कि परिसर में साफ-सफाई रखी जाए और गर्मी को देखते हुए पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करें। साथ ही परिसर में संचालित कैंटिन में उपयुक्त दरों पर नाश्ता और बैठने की व्यवस्था भी की जाए। इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा, रोजगार अधिकारी  एवं लाइब्रेरी के नोडल अधिकारी केदार पटेल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

  • सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में प्रोजेक्ट पंख के तृतीय बैच का शुभारंभ आज

    सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में प्रोजेक्ट पंख के तृतीय बैच का शुभारंभ आज

    कलेक्टर अवि प्रसाद के निर्देशन में ज़िला खनिज प्रतिष्ठान एवं ज़िला ई गवर्नेंस सोसायटी कटनी द्वारा ड्रोन, यूएव्ही तकनीक के क्षेत्र में जिले के युवाओं को प्रशिक्षित कर तकनीक की मुख्य धारा से जोड़ने हेतु जिले के नवाचार प्रोजेक्ट पंख के तृतीय बैच का शुभारंभ शुक्रवार 15 मार्च को प्रातः 11 बजे से विष्णुदत्त शर्मा, सांसद खजुराहो एवं हिमांद्री सिंह सांसद शहडोल के मुख्य आतिथ्य में शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज कटनी में किया जा रहा है।कार्यक्रम में विधायक विजयराघवगढ़ संजय सत्येंद्र पाठक, विधायक मुड़वारा संदीप प्रसाद जायसवाल, विधायक बहोरीबंद श्री प्रणय प्रभात पांडे एवं विधायक बड़वारा धीरेन्द्र बहादुर सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे।इस दौरान अतिथि के रूप में नगरनिगम महापौर प्रीति संजीव सूरी, जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता मेहरा, नगर निगम अध्यक्ष मनीष पाठक सहित भाजपा जिला अध्यक्ष दीपक टंडन सोनी की  मौजूदगी रहेगी।ज़िला खनिज प्रतिष्ठान एवं ज़िला ई गवर्नेंस सोसायटी ने छात्रों एवं नागरिकों से आयोजित कार्यक्रम में पहुंचने की अपील की है।

  • 17 मार्च 2024 को बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक मूल्याकंन परीक्षा का आयोजन

    17 मार्च 2024 को बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक मूल्याकंन परीक्षा का आयोजन

    झाबुआ।

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के तहत राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग शिक्षा मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के असाक्षरों को साक्षर करने हेतु “उल्लास-नवभारत साक्षरता कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। सर्वे अनुसार झाबुआ जिले में 169355 असाक्षरों को 2026-27 तक पूर्ण साक्षर किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।

    कार्यक्रम अन्तर्गत भारत सरकार के निर्देशानुसार झाबुआ जिले में 17 मार्च 2024 को प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 तक जिले के 1305 परीक्षा केन्द्रों पर ‘बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक मूल्याकंन परीक्षा’ का आयोजन किया जा रहा है। उक्त परीक्षा हेतु राज्य शिक्षा केन्द्र, भोपाल द्वारा 34,767 नवसाक्षरों को परीक्षा में सम्मिलित कराने का लक्ष्य प्रदाय किया गया है। नवागत कलेक्टर नेहा मीना जिले में शिक्षा के क्षेत्र में विशेष कर बालिका शिक्षा एवं महिला साक्षरता पर उल्लेखनीय कार्य करना चाहती है। इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रेखा राठौर द्वारा जिले के समस्त बीईओ, बीआरसी एवं विकासखंड सहसमन्वयक (साक्षरता) की बैठक कलेक्टर सभाकक्ष में ली गई। जिसमें जिला प्रौढ शिक्षा अधिकारी जगदीश सिसोदिया ने परीक्षा की तैयारी के संबंध में एवं लक्ष्य प्राप्ति की रणनीति के बारे में अवगत कराया गया। जिला परियोजना समन्वयक रालू सिंह सिंगार द्वारा परीक्षा व्यवस्थित रूप से संचालित की जाने हेतु निर्देशित किया गया।

    बैठक में मूल रूप से महिलाओं को परीक्षा में सम्मिलित करने एवं पात्रता अनुसार व्यवस्थित परीक्षा संचालन के निर्देश दिये गये। जिला स्तर विकासखंड स्तर से परीक्षा केन्द्रों के अवलोकन हेतु दल बनाये जाने एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को अनुविभाग का नोडल बनाया गया है। परीक्षा में शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने हेतु निर्देश दिये गये। समाज के प्रत्येक शिक्षित व्यक्ति को जोडने एवं साक्षरता परीक्षा केन्द्र पर लाने हेतु निर्देशित किया गया।

  • प्रदेश के सरकारी स्कूलों में एआई तकनीक आधारित स्वयंसिद्धि बॉट का उपयोग

    प्रदेश के सरकारी स्कूलों में एआई तकनीक आधारित स्वयंसिद्धि बॉट का उपयोग

    प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को घर पर भी रुचिकर पढ़ाई के साथ डिजिटल होम-लर्निंग को प्रोत्साहन देने के लिये पिछले दिनों स्वयंसिद्धि बॉट को लांच किया गया है। बॉट आधुनिक तकनीक का वह साधन है, जो एक एप की भाँति कार्य करता है। इसे किसी भी एक विशेष कार्य या गतिविधि के लिये तैयार किया जाता है। इसकी समस्त जानकारियाँ इसमें पूर्व से उपलब्ध रहती हैं। इस बॉट के माध्यम से विद्यार्थी घर बैठे स्कूल में पढ़ाई गई अवधारणाओं का अभ्यास कर दक्षता हासिल कर सकता है।

    स्वयंसिद्धि बॉट एआई आधारित चेटबॉट है, जो कि स्विफ्ट चेट एप पर उपलब्ध है। यह बॉट मध्यप्रदेश के कक्षा-1 से 12 तक के विद्यार्थियों को साप्ताहिक अभ्यास प्रश्न भेजता है। इस एप में वीडियो लायब्रेरी, मेथ्स प्रेक्टिस और अन्य सुविधा उपलब्ध हैं। यह बॉट बच्चों को घर बैठने की सुविधा देने के साथ उन्हें नये आयामों से भी जोड़ता है। अभ्यास पूरा करने के बाद बच्चे को उत्तर कुंजी भी मिलती है।

    इस बॉट पर रजिस्टर करना बहुत आसान है। विद्यार्थी अपनी समग्र आई.डी. का उपयोग कर बॉट पर पंजीकरण कर सकते हैं और इस पर कार्य शुरू कर सकते हैं। इस बॉट से इंटरनेट लिंक (Swayam Siddhi Bot link-https://bit.ly.swayamsiddhi) के माध्यम से भी जुड़ सकता है। अप्रैल-2023 माह में इस बॉट में कक्षा-4 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिये स्टेट अचीवमेंट सर्वे-2023 कराया गया। इसमें 20 लाख 3 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता दर्ज की। कक्षा-9 के विद्यार्थियों के साथ अगस्त-2023 में स्टेट अचीवमेंट सर्वे करवाया गया, जिसमें 4 लाख एक हजार से अधिक बच्चों ने प्रतिभागिता दर्ज की। माह अक्टूबर-2023 में कक्षा-3, 5 और 9 के विद्यार्थियों के लिये अचीवमेंट सर्वे की तैयारी भी इसी बॉट के माध्यम से कराई गई। इसमें 5 लाख 73 हजार 700 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया था। स्कूल शिक्षा विभाग स्वयंसिद्धि बॉट को और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिये प्रयास कर रहा है।

  • एमिटी विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल

    एमिटी विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल

    रायपुर । राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन आज एमिटी विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने विद्यार्थियों से समाज व समग्र मानवता के लाभ के लिए अपने ज्ञान का पूर्ण उपयोग करने हेतु संकल्प लेने का आहृवान किया। उन्होंने कहा कि समाज के गरीब व वंचित लोगों के लिए विद्यार्थियो को काम करना है।

    पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित दीक्षांत समारोह में राज्यपाल हरिचंदन ने 22 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, 16 को रजत पदक और 5 को कांस्य पदक प्रदान किए। समारोह में  वर्ष 2023 बैच के 681 विद्याार्थियों को स्नातक एवं स्नातकोत्तर की उपाधियां वितरित की र्गइं। विश्वविद्यालय द्वारा डीएआरई के सचिव और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक को मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई । कार्यक्रम की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने की।

    इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह का यह दिन विद्यार्थियों के जीवन का महत्वपूर्ण चरण है। सभी ने अपने विषयों में ज्ञान प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि डिग्रियों से अधिक, जो ज्ञान और मूल्य यहां हासिल किया है वह पूरे जीवन में उनका मार्गदर्शन करेगा। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरा है। आज दुनिया की नजरों में भारत के प्रति धारणा उल्लेखनीय रूप से बदल गई है, कई देशों के साथ आपसी सहयोग के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण सामने आया है। इस देश के युवा के रूप में हमारी अर्थव्यवस्था के विकास और राष्ट्र के समग्र विकास के अग्रदूत बनने जा रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि जीवन के हर विषय में मूल्य-आधारित शिक्षा, रचनात्मकता, नवाचार, अनुसंधान और विकास के माध्यम से ही हम समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं और गरीबी, बीमारियों, बेरोजगारी, भूख और पर्यावरणीय चुनौतियों सहित  कई समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।

    राज्यपाल ने कहा कि यह गर्व विषय है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों ने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में जगह बनाने के लिए लगातार प्रयास किए। शैक्षणिक पाठ्यक्रम गतिशील होना चाहिए, यह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों के बराबर होना चाहिए और उद्योग-केंद्रित और अनुसंधान उन्मुख होना चाहिए। सरकार ने वित्तपोषण और उद्यमिता तथा नौकरी सृजन को बढ़ावा देने के लिए ‘स्टार्ट-अप इंडिया‘ अभियान शुरू किया है। राज्यपाल ने विद्यार्थियो से उद्यमी बनने का आग्रह किया।

    उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने अपने संबोधन में विद्यार्थियो से आग्रह किया कि वे एक लक्ष्य निर्धारित कर उसे प्राप्त करने तक सीमित न रहे बल्कि अपने लिए खुला आसमान रखें और ऊंची उड़ान भरे । कड़ी मेहनत और लगन से अपने सपनों को पूरा करें।

    समारोह को छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष प्रो. कर्नल उमेश कुमार मिश्रा भी ने भी संबोधित किया। कुलाधिपति डॉ. डब्ल्यू सेल्वामूर्ति ने विश्वविद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया ।

    इस अवसर पर विश्विद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अशोक के चौहान, अध्यक्ष डॉ. असीम के चौहान, कुलपति डॉ. पियूष कांत पाण्डे, फैकल्टी मेंम्बर्स, डीन, प्राध्यापक, छात्र-छात्राएं एवं उनके परिजन भी उपस्थित थे।

  • पढ़ाई के लिए मांगी थी मदद दृष्टिबाधित अजय को कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने दिलाया लैप टॉप

    पढ़ाई के लिए मांगी थी मदद दृष्टिबाधित अजय को कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने दिलाया लैप टॉप

    रायपुर । आप अगर वैश्वीकरण के साथ कदमताल करते हुए आगे चलना चाहते हैं तो यह तकनीक का इस्तेमाल से ही संभव कर सकते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में हो या व्यवसाय के क्षेत्र में आज तकनीकी ज्ञान का होना बेहद आवश्यक है। तकनीकी ज्ञान ने हमारे जीवन को सरल भी किया है तो वही इसका सही उपयोग कर अपने दैनिक जीवन की बाधाओं को दूर भी करने में सहायक सिद्ध हुआ है। आज हम बात कर रहे हैं रायपुर ज़िला अंतर्गत ग्राम बनरसी (माना) के रहने वाले अजय ओगरे की। अजय ओगरे आंशिक रूप से नेत्रहीन हैं जिसने कलेक्टर डॉ गौरव सिंह से पढ़ाई के लिए मोबाइल दिलाने का आग्रह किया था कलेक्टर ने अजय को विगत दिनों ही मोबाईल फोन उपलब्ध करा दिया। लेकिन अजय को अपने महाविद्यालयीन अध्ययन के साथ ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी हेतु लैपटॉप की आवश्यकता थी इसलिए अजय ने लैपटॉप की माँग रखी। कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह शिक्षा के लिए बेहद संजीदगी से मदद करने के लिए तत्परता दिखाई और समाज कल्याण विभाग से अजय को लैपटॉप उपलब्ध करायी गई।

    बता दें कि अजय की आंखों में केवल बीस प्रतिशत विजिबिलिटी है पर इस कमी को उसने अपनी पढ़ाई में कभी बाधा नहीं बनने दिया। अजय आगरे बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहा हैं और तकनीक के इस्तेमाल से वह अपने दैनिक जीवन की बाधाओं को पार कर अपना भविष्य उज्ज्वल करने में लगा हुआ है।
    तकनीक के इस युग में अजय ने अपनी शिक्षा को आसान बनाने के लिए लैपटॉप की सहायता से अपनी पढ़ाई करेगा। अजय कहता है कि पहले गणित की पढ़ाई में दिक्कत होती थी पर इस तेज प्रोसेसर वाले लैपटॉप के मिलने से वह यूट्यूब पर उपलब्ध वीडियोज़ के माध्यम से अपने डाउट क्लियर कर पाएगा। सॉफ्टवेयर से वॉयस कमांड देकर वह अपने पढ़ाई की सामग्री ढूंढ सकता है साथ ही ऑनलाइन कोर्स के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेगा। अजय बताते हैं की कैमरे लेंस के माध्यम से वह पुस्तकों के टेक्स्ट को स्पीच के फॉर्म में कन्वर्ट करता है और इन औडियो फाइल्स को दोबारा सुनकर अपनी पढ़ाई करता है।  साथ ही फोटो और स्क्रीनशॉट के माध्यम से टेक्स्ट को बड़ा करके वह आसानी से उनको पढ़ सकता है, पीडीएफ फाइल को टेक्स्ट रीडर के माध्यम से सुनकर वह अपनी पढ़ाई करता है।

    अब लैपटॉप मिल जाने पर अजय को बहुत खुशी है वह कहता है कि इससे  आगे की पढ़ाई में आसानी होगी। साथ ही भविष्य मे प्रतियोगी परीक्षाओं और जॉब की तैयारी के लिए भी भी सहूलियत मिलेगी। इसके लिए उसने कलेक्टर के प्रति आभार प्रकट किया।

  • विशेष लेख : नई शिक्षा नीति से संवरेगा बच्चों का भविष्य

    विशेष लेख : नई शिक्षा नीति से संवरेगा बच्चों का भविष्य

    रायपुर । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने सुशासन और विकास का संकल्प लेकर काम करना प्रारंभ कर दिया है। छत्तीसगढ़ सरकार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटियों को पूरा करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के लोगों के खुशहाली के सपने को साकार कर रही है।  मुख्यमंत्री साय का कहना है कि शिक्षा विकास का मूलमंत्र है। इसके लिए नई शिक्षा नीति के अनुरूप छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कर बच्चों को आने वाले जीवन के लिए तैयार करेंगे। प्रधानमंत्री ने सबका साथ, सबका विकास के ध्येय वाक्य के साथ विकसित भारत बनाने का लक्ष्य दिया है। इसे प्राप्त करने के लिए हम शिक्षित और विकसित छत्तीसगढ़ बनाएंगे।

    ‘प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राईजिंग इंडिया’ प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत की परिकल्पना के आधार पर छत्तीसगढ़ के 211 स्कूलों में पीएम   योजना में शामिल किया गया है, जिसके तहत 2-2 करोड़ प्रति स्कूल राशि खर्च कर स्कूलों को बड़े शहरों और विश्व स्तर के आदर्श स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। पीएम योजना में छत्तीसगढ़ के चयनित 211 स्कूलों में एलीमेन्ट्री स्तर पर 193 और सेकेंडरी स्तर पर 18 स्कूल शामिल हैं। विद्यार्थियों को इन स्कूलों में आईसीटी, डिजिटल क्लास रूम के माध्यम से प्रदान की जाएगी। इन स्कूलों के विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा एवं स्थानीय उद्योगों के साथ इंटर्नशिप, उद्यमिता के अवसरों से जोड़ा जाएगा। पीएम योजना के द्वितीय चरण में छत्तीसगढ़ की अपेक्षाओं के अनुरूप अधिक से अधिक स्कूलों को शामिल किया जाएगा।

    नई शिक्षा नीति 2020 में कक्षा 8वीं तक बच्चों को मातृभाषा और स्थानीय भाषा में शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए केन्द्र सरकार सरकारी चैनल शुरू करेगी, जिसमें छत्तीसगढ़ी सहित हल्बी, गोंडी, भतरी, सरगुजिया जैसी भाषाएं भी शामिल होंगी। नई शिक्षा नीति में कौशल विकास और टेक्नालॉजी पर विशेष जोर दिया गया है। कक्षा 6वीं से 12वीं तक सभी विद्यार्थियों को भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, आर्ट, स्पोर्टस, पेंटिंग, संगीत-नृत्य जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे। स्कूली बच्चों को 10 दिनों का शैक्षणिक भ्रमण कराया जाएगा।

    प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए 33 हजार शिक्षकों की भर्ती अगले सत्र में की जाएगी। समग्र शिक्षा के अंतर्गत 1086 नये पदों का सृजन किया जाएगा। स्कूलों के रखरखाव और अधोसंरचना विकास के लिए बजट में 265 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र सूरजपुर एवं गरियाबंद में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के साथ ही जिला कोण्डागांव, सुकमा एवं बलरामपुर के विकासखण्ड कुसमी के बाइट को उन्नत करते हुए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बनाया जाएगा।

    प्रदेश के 25 हजार स्कूलों में पहली से लेकर 12वीं तक एक सेक्शन इंग्लिश मीडियम स्थापित किया जाएगा। प्रदेश के स्कूलों में स्मार्ट क्लास के तहत इंटरनेट प्रोजेक्टर की सहायता से शिक्षा प्रदान की जाएगी। स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति, शिक्षकों द्वारा अध्ययन, अध्यापन, शैक्षणिक मूल्यांकन की नियमित एवं त्वरित मॉनिटरिंग के लिए केन्द्रीयकृत विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित किया जाएगा। सरस्वती सायकल योजना के तहत अब 9 वीं कक्षा के सभी छात्राओं को निःशुल्क सायकल मिलेगी। राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति योजना के तहत अनुसूचित जाति वर्ग को मिलने वाली छात्रवृत्ति संत शिरोमणि गुरू घासीदास, अनुसूचित जनजाति वर्ग की छात्रवृत्ति को वीर गुण्डाधुर के नाम पर किए जाने का निर्णय लिया है।

    प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना की तर्ज पर स्कूल अवधि में बच्चों को गर्म पका भोजन उपलब्ध कराने ’न्यौता भोजन’ शुरू किया गया है। यह सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 21 फरवरी को अपना जन्मदिन अपने पैतृक गांव बगिया के बालक आश्रम शाला के बच्चों के बीच पहुंचे और बच्चों के साथ ’न्योता भोज’ किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक परंपरा की शुरुआत की है जिसमें प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना को सामुदायिक सहयोग से और अधिक पोषक बनाने की पहल की गई है।

    छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बोर्ड परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के हित में एक बड़ा निर्णय लिया गया है। राज्य शासन के निर्णय अनुसार एक शैक्षणिक सत्र में दो बार बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित की जाएगी। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल रायपुर द्वारा प्रथम मुख्य परीक्षा मार्च माह में आयोजित हो रही है एवं द्वितीय मुख्य परीक्षा जून-जुलाई में आयोजित की जायेगी। स्वामी आत्मानंद स्कूलों का संचालन अब शिक्षा विभाग द्वारा किया जाएगा।
    छत्तीसगढ़ राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने ’राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ को लागू करने का निर्णय लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के तहत प्रदेश के विद्यार्थियों को कॉलेज आने-जाने के लिए मासिक ट्रैवल्स अलाउंस दिया जाएगा। प्रदेश के तीन लाख विद्यार्थियों को 6000 रूपए प्रतिवर्ष डीबीटी से सीधे उनके खाते में भुगतान की जाएगी। प्रदेश के विद्यार्थियों को नियमित अध्ययन के साथ-साथ विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं एवं राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा जैसे- यूपीएससी, पीएससी, सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा की कोचिंग की व्यवस्था भी सरकार करने जा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय दूधाधारी  राजेश्री महंत वैष्णव दास स्नातकोत्तर संस्कृत महाविद्यालय रायपुर को विश्वविद्यालय में अपग्रेड करने का संकल्प लिया है।

    प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में 4200 से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी। राज्य के 15 शासकीय महाविद्यालयों में नवीन स्नातक विषय संकाय एवं 23 शासकीय महाविद्यालयों में नवीन स्नातकोत्तर संकाय प्रारंभ किए जाएंगे। प्रदेश के 12 महाविद्यालयों के भवन का निर्माण और 9 महाविद्यालयों में अतिरिक्त कक्ष निर्माण किया जाएगा। शासकीय महाविद्यालय दुर्गकोंदल जिला-कांकेर एवं भोपालपट्नम् जिला बीजापुर में छात्रावास भवन के निर्माण के साथ ही 50 शासकीय महाविद्यालयों में शौचालय निर्माण किया जाएगा। प्रदेश के विश्वविद्यालयों के वार्षिक अनुदान राशि में वृद्धि की गई है।

  • प्रायवेट स्कूलों के नवीन मान्यता आवेदन विलंब शुल्क के साथ 15 मार्च तक

    प्रायवेट स्कूलों के नवीन मान्यता आवेदन विलंब शुल्क के साथ 15 मार्च तक

    कटनी। 

    प्रदेश में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में प्रायवेट स्कूलों के नवीन और नवीनीकरण मान्यता संबंधी आवेदन विलंब शुल्क के साथ 15 मार्च, 2024 तक किये जा सकेंगे। इस संबंध में राज्य शिक्षा केन्द्र ने कलेक्टर्स और जिला परियोजना समन्वयक को पत्र लिखा है। शिक्षण संस्थाएँ अपने आवेदन 5 हजार रुपये विलंब शुल्क के साथ जमा कर सकेंगी। नियत तिथि के बाद संबंधित अधिकारियों को जिले में अशासकीय स्कूल बगैर मान्यता के संचालित न हो सकें, इसके लिये भी आवश्यक निर्देश दिये गये हैं।पी.एम. विद्यालयों में अटल टिंकरिंग लैबप्रदेश में पी.एम. योजना के अंतर्गत 112 विद्यालयों में अटल टिंकरिंग लैब स्थापना के लिये लोक शिक्षण संचालनालय ने निविदा आमंत्रित की हैं। निविदा की अंतिम तिथि एक अप्रैल, 2024 तय की गई है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी tkudkjh https//gem-gov पर देखी जा सकती है।

  • नई शिक्षा नीति की मंशा अनुरूप प्रत्येक बच्चे को मिलेगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा : स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह

    नई शिक्षा नीति की मंशा अनुरूप प्रत्येक बच्चे को मिलेगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा : स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह

    भोपाल

    स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि मध्यप्रदेश में नई शिक्षा नीति को प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है। नवीन शिक्षा नीति में प्रदेश के प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाई जायेगी। स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह मंत्रालय में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के तहत प्रायवेट स्कूलों में निःशुल्क प्रवेश के लिये ऑनलाइन लॉटरी का शुभांरभ करने के बाद जिला मुख्यालयों पर उपस्थित पालकों को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण राज्य शिक्षा केन्द्र के यू-ट्यूब चैलन पर भी किया गया। स्कूल शिक्षा मंत्री ने सिंगल क्लिक के माध्यम से 30 जिलों के 33 लाख छात्रों को गणवेश की राशि करीब 137 करोड़ रुपये बैंक खातों में अंतरित की। इस मौके पर स्कूल शिक्षा विभाग के उल्लास कार्यक्रम के लिये तैयार किये गये मोबाइल एप की शुरूआत भी की गई।

    कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से देशभर में नई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दे रहे हैं। इस कार्यक्रम में भी उन्नत तकनीक का उपयोग करते हुए करीब एक लाख 25 हजार बच्चों को प्रायवेट स्कूल में प्रवेश-पत्र उपलब्ध कराये गये हैं। संचालक एस धनराजू ने बताया कि प्रदेश में ऑनलाइन प्रक्रिया वर्ष 2016-17 से प्रारंभ कि गयी है। इस प्रक्रिया में पालकों को अपने पड़ोस में ही अच्छे प्रायवेट स्कूल में बच्चों के प्रवेश की सुविधा दी जा रही है। प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता रखी गयी है।

    प्रायवेट स्कूलों में बच्चों को मिला प्रवेश

    कार्यक्रम में बताया गया कि इस वर्ष एक लाख 48 हजार बच्चों द्वारा आधार सत्यापन कर ऑनलाइन आवेदन जमा किये गये। इनमें 77 हजार 473 बालक तथा 71 हजार 22 बालिकाओं के आवेदन प्राप्त हुए। नर्सरी की कक्षाओं के लिये 92 हजार 398, के.जी.-1 के लिये 42 हजार 509, के.जी.-2 के लिये 1712 तथा कक्षा-1 के लिये 11 हजार 876 आवेदन मिले हैं। इन बच्चों से फार्म भरने के लिये कोई शुल्क नहीं लिया गया। दस्तावेज सत्यापन के बाद एक लाख 24 हजार 386 बच्चे पात्र पाये गये। इन बच्चों को इस वर्ष 23 मार्च तक अनिर्वाय रूप से प्रवेश दे दिया जायेगा।

    उल्लास कार्यक्रम

    कार्यक्रम में बताया गया कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नवभारत साक्षरता में उल्लास कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में विशेष कक्षा लगाकर चयनित व्यक्तियों को साक्षर किया जा रहा है। इसके लिये प्रदेश में 2 बार मूल्यांकन परीक्षा आयोजित की जा रही है। आज तैयार एप कार्यक्रम को और गति देगा।

  • कलेक्टर सिंह ने सभी अशासकीय विद्यालयों में पुस्तकें, यूनीफार्म तथा अन्य सामग्री विक्रय पर अंकुश लगाये जाने किये आदेश जारी

    कलेक्टर सिंह ने सभी अशासकीय विद्यालयों में पुस्तकें, यूनीफार्म तथा अन्य सामग्री विक्रय पर अंकुश लगाये जाने किये आदेश जारी

    भोपाल।

    कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, भोपाल कौशलेन्द्र विकम सिंह ने दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा-144 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए जन सामान्य के हित में सभी अशासकीय विद्यालयों में पुस्तकें एवं यूनीफार्म तथा अन्य सामग्री विक्रय कराई जाने पर अंकुश लगाये जाने के संबंध में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए है।

    जारी आदेश अनुसार भोपाल जिले में संचालित सभी अशासकीय विद्यालय, जों माध्यमिक शिक्षा मण्डल, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अथवा आई.सी.एस.ई. बोर्ड से सम्बद्ध हैं। इन सभी विद्यालयों को मध्यप्रदेश राजपत्र असाधारण 2 दिसम्बर 2020 स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल में उल्लेखित निर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य होगा।

    सभी अशासकीय विद्यालयों के लिये यह अनिवार्य है कि वे आगामी शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के पूर्व लेखक एवं प्रकाशक के नाम तथा मूल्य के साथ कक्षावार पुस्तको की सूची विद्यालय के सूचना पटल पर प्रदर्शित करें और शाला के विद्यार्थियों को ऐसी सूची मांगने पर उपलब्ध कराई जाना चाहिए ताकि विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकगण इन पुस्तकों को उनकी सुविधा अनुसार खुले बाजार से क्रय कर सके। प्रत्येक स्कूल प्रबंधक, प्राचार्य अपने रूकूल में प्रत्येक कक्षा में लगने वाली पाठ्य पुस्तकों तथा प्रकाशक की जानकारी को वेबसाइट E-Mail ID deobho- mp@nic.in पर अनिवार्यतः प्रेषित करें। किसी भी प्रकार की शिक्षण सामग्री पर विद्यालय का नाम अंकित नही होना चाहिये। विद्यालय के सूचना पटल पर यह भी अंकित किया जाए कि किसी दुकान विशेष से सामग्री क्रय करने की बाध्यता नही है। कही से भी पुस्तकें / यूनिफार्म व अन्य आवश्यक सामग्री क्रय की जा सकती है। पुस्तकों के अतिरिक्त शालाओं द्वारा यूनीफार्म, टाई, जूते, कापियों आदि भी उन्ही की शालाओं से उपलब्ध, विक्रय कराने का प्रयास नहीं किया जाएगा। विद्यालय की स्टेशनरी, यूनिफार्म पर विद्यालय का नाम प्रिन्ट करवाकर दुकानों से क्रय करने अथवा एक विशिष्ट दुकान से यूनिफार्म, पाठ्य पुस्तके बेचना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। संबंधित एसडीएम एवं जिला शिक्षा अधिकारी इस आदेश का पालन सुनिश्चित करायेंगें ।

    यह आदेश आम जनता को संबोधित है चूंकि वर्तमान में मेरे समक्ष ऐसी परिस्थितियां नहीं है और न ही यह संभव है कि इस आदेश की पूर्व सूचना प्रत्येक व्यक्ति / प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान को दी जाए। अतः यह आदेश एक पक्षीय पारित किया जाता है। आदेश से व्यथित व्यक्ति दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (5) के अंतर्गत अद्योहस्ताक्षरकर्ता के न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा, अत्यंत विशेष परिस्थितियों में अद्योहस्ताक्षरकर्ता के संतुष्ट होने पर आवेदक को किसी भी लागू शर्त सें छूट दी जा सकेगी।

    यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, विद्यालय के प्राचार्य, प्रबंधक के विरुद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी।