Category: एजुकेशन न्यूज़

  • शिक्षा मण्डल की हेल्पलाईन पर पूछा प्रश्न- तनाव हो रहा है, मेरा रिजल्ट क्या होगा?

    शिक्षा मण्डल की हेल्पलाईन पर पूछा प्रश्न- तनाव हो रहा है, मेरा रिजल्ट क्या होगा?

    रायपुर  ।

     छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा 1 मई से 15 मई तक परीक्षा परिणाम से उत्पन्न तनाव को दूर करने के लिए टोल-फ्री नम्बर 18002334363 पर सुबह 10.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाईन टेली मानस टोल-फ्री नम्बर 14416 पर चौबीस घण्टे सातों दिन निःशुल्क परामर्श दिया जा रहा है। टोल-फ्री हेल्पलाईन पर आज प्रश्न पूछा गया कि रिजल्ट कब तक आयेगा, फिक्स डेट बता सकते हैं क्या? तनाव हो रहा है, मेरा रिजल्ट क्या होगा? कितने नम्बर में पास होते है। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा चिन्हाकिंत मनोवैज्ञानिक, चिकित्सकों, कैरियर काउंसलर द्वारा पूछे गए प्रश्नों और समस्याओं का त्वरित निराकरण किया गया।

    छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल की अध्यक्ष  रेणु जी पिल्ले के संरक्षण में एवं सचिव  पुष्पा साहू के आदेशानुसार हेल्पलाईन नम्बर 18002334363 संचालित है। इस हेल्पलाईन पर राजस्थान, मध्यप्रदेश से भी कैरियर संबंधी और अपने बच्चों की पढ़ाई के संबंध में मार्गदर्शन प्राप्त किए गए है। परीक्षा परिणाम के पूर्व विद्यार्थियों के मन में परीक्षा परिणाम के भय से होने वाले तनाव के प्रबंधन, कैरियर, विषय चयन संबंधी मार्गदर्शन के लिए आज मनोवैज्ञानिक, कैरियर काउंसलर  तरूण कुकरेजा एवं डॉ. वर्षा वरवंडकर, मण्डल के उपसचिव जे.के. अग्रवाल, नोडल अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार साहू के नेतृत्व में सहायक प्राध्यापक प्रीति शुक्ला द्वारा परीक्षार्थियों, अभिभावकों में परीक्षा परिणाम से पूर्व उनके मन में आने वाले विभिन्न प्रकार के प्रश्नों, समस्याओं का त्वरित निराकरण किया गया। मण्डल के हेल्पलाईन नम्बर पर आज कुल 42 फोन कॉल आए। आगामी दिवस 07 मई को प्रातः 10.30 बजे से 01.30 बजे तक डॉ. स्वाती शर्मा एवं अपरान्ह 2 बजे से सायं 5 बजे तक  तरूण कुकरेजा मनोवैज्ञानिक, कैरियर काउंसलर, मनोचिकित्सक के द्वारा समस्याओं का निराकरण किया जाएगा।

  • बोर्ड परीक्षा में परिणाम जो भी आए लेकिन बच्चे रहें तनाव मुक्त – कलेक्टर आकाश छिकारा

    बोर्ड परीक्षा में परिणाम जो भी आए लेकिन बच्चे रहें तनाव मुक्त – कलेक्टर आकाश छिकारा

       जांजगीर-चांपा ।

    माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर द्वारा कक्षा 10वीं एवं 12वीं के परीक्षा परिणाम प्रतिवर्ष घोषित किए जाते हैं विद्यार्थियों के अपेक्षित परिणाम नहीं आने से विद्यार्थी प्रायः तनाव में रहते हैं तथा कुछ विद्यार्थी तो डिप्रेशन में चले जाते हैं। कलेक्टर आकाश छिकारा ने निर्देशन में जिले के सभी हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में पालक शिक्षक बैठक का आयोजन हुआ। इसी तारतम्य में कलेक्टर आकाश छिकारा ने आज नवागढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत धुरकोट हाई स्कूल में आयोजित पालक शिक्षक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सभी बच्चों ने लगन व मेहनत के साथ पढ़ाई करके बोर्ड की परीक्षा दी है। परीक्षा का परिणाम जो भी आये बच्चे उस परिणाम को लेकर किसी भी प्रकार का तनाव न महसूस करें व इसे सहज ग्रहण करें। इसलिए यह बैठक रखा गया है ताकि समन्वय से हम सब बच्चें को तनाव मुक्त रख सकें।

      बैठक में अभिभावकों को अपने बच्चों के परीक्षा परिणाम से उत्पन्न तनाव को दूर करने आवश्यक परामर्श व विचार-विमर्श किया गया एवं परीक्षा परिणाम को लेकर एक सकारात्मक माहौल बच्चों व पालकों के मध्य तैयार कर तनाव से ग्रसित बच्चों के आवश्यक लक्षण को देखते हुए समुचित निगरानी व्यवस्था सुनिश्चित करने संबंधी सुझाव दिए गए। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि परीक्षा परिणाम घोषित होने के पहले या बाद में विद्यार्थियों को निराश होने या तनाव लेने की आवश्यकता नहीं है। पालकों को भी बच्चों से बहुत अधिक अपेक्षा नहीं करनी चाहिए और परीक्षा परिणाम को लेकर अधिक दबाव नहीं देना चाहिए।

    कलेक्टर ने कहा कि पैरेन्टस् टीचर मीटिंग के माध्यम से हम सभी अभिभावकों को जोड़ना है। बोर्ड के परीक्षा परिणाम के तनाव से बच्चों को मुक्त रखना है और उन्हें बताना है कि जिन्दगी में हमेशा दूसरा मौका भी मिलता है इसलिए हमे निराश नहीं होना है और सकारात्मक सोंच के साथ आगे बढ़ना है। उन्होंने पालकों से कहा कि परीक्षा परिणाम आने के बाद बच्चों के व्यवहार पर हमेशा नजर रखें। बच्चों के साथ बाते साझा करें और हर कदम उनके साथ रहें। उन्होंने कहा कि बच्चें ऐसा कोई कदम न उठाये जिससे हमे बाद में परेशानी का सामाना करना पड़े। कलेक्टर ने कहा कि हमे परीक्षा परिणाम से हताश और निराश नहीं होना है। इस दौरान उन्होंने बहुत सारे भी बच्चों और अभिभावकों को सफलता और असफलता को उदाहरण देकर बताया। इस दौरान उन्होंने पालकों एवं विद्यार्थियों के प्रश्नों का समाधान भी किया। इस दौरान संयुक्त कलेक्टर  ममता यादव, जिला शिक्षा अधिकारी अश्वनी कुमार भारद्वाज, डीएमसी आर के तिवारी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

    बोर्ड परीक्षा परिणाम का हो तनाव तो हेल्पलाईन का ले मदद –
    माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर द्वारा कक्षा 10वीं एवं 12वीं के परीक्षा परिणाम प्रतिवर्ष घोषित किए जाते हैं विद्यार्थियों के अपेक्षित परिणाम नहीं आने से विद्यार्थी प्रायः तनाव में रहते हैं तथा कुछ विद्यार्थी तो डिप्रेशन में चले जाते हैं। जब भी ऐसा लगे तो विद्यार्थी, पालक हेल्पलाईन नंबर 18002334363 पर संपर्क कर अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। इसके साथ ही मानसिक स्वस्थ्य से संबंधित जानकारी के लिए 14416 पर संपर्क सकते है।

  • ब्रह्मकुमारी संस्था द्वारा चिल्ड्रेन्स पर्सनॉलिटी डेवलपमेंट का निःशुल्क समर कैंप, 5 से 15 मई तक अनेक आयोजन

    ब्रह्मकुमारी संस्था द्वारा चिल्ड्रेन्स पर्सनॉलिटी डेवलपमेंट का निःशुल्क समर कैंप, 5 से 15 मई तक अनेक आयोजन

    छत्तीसगढ़
    कोरबा।

    प्रजापिता ब्र‌ह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय सेवाकेंद्र विश्व सद्भावना भवन टी. पी. नगर में दस दिवसीय चिल्ड्रेन्स पर्सनॉलिटी डेवलपमेंट समर कैंप 5 से 15 मई तक आयोजित किया जा रहा है। शिविर में विविध प्रकार के प्रशिक्षण मेडिटेशन, इम्प्रुव सेल्फ कॉन्फिडेंस, आर्ट एण्ड क्राफ्ट, एरोबिक्स डांस, फायरलेस कुकिंग, क्विज कॉम्पिटिशन और भी कई एक्टिविटीज कराए जाऐगें जिससे बच्चो का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और विशेष रूप से आध्यात्मिकता का विकास हो।

    वर्तमान समय में बच्चे हर क्षेत्र में पारंगत हो जाते हैं लेकिन आत्म बल व आध्यात्म बल की कमी के वजह से उनकी आत्मशक्ति क्षीण हो जाती है और सही निर्णय नहीं ले पाते है। संस्था की संचालिका ब्रह्माकुमारी रुक्मणी दीदी ने बताया कि ये शिविर कई मायनो में बच्चो के लाभकारी है। मेडिटेशन मानव की आवश्यकता हो गई है। छोटे हो या बड़े सभी को आजकल डिप्रेशन होता जा रहा है। मेडिटेशन ऐसी कला है जिससे आत्मा के गुणो का संपूर्ण विकास होता है। उन्होने नगर के सभी बच्चो से इस शिविर का लाभ लेने की अपील की है। प्रवेश पूर्णतः निःशुल्क है।

  • अब ‘जादुई पिटारा’ से शिक्षा-दीक्षा

    अब ‘जादुई पिटारा’ से शिक्षा-दीक्षा

    रायपुर ।

    आगामी शिक्षण सत्र 16 जून 2024 से छत्तीसगढ़ के तीन से आठ वर्ष की आयु के सभी बच्चों अर्थात् बालबाड़ी तथा कक्षा 1 व 2 में ‘जादुई पिटारा’ के माध्यम से पढ़ाई-लिखाई कराने की कार्ययोजना और रणनीति बनायी जा रही है ।स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने राज्य के सभी बालबाड़ी शिक्षकों, प्राथमिक शाला के शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की महत्वपूर्ण उद्देश्यों में से एक और प्रमुख ‘जादुई पिटारा’ (खेल-आधारित शिक्षण संसाधन प्रणाली) से जुड़ने एवं संसाधनों के आधार पर नवाचार करते हुए आगामी शिक्षा सत्र से दक्षतापूर्वक क्रियान्वयन व संचालन हेतु आव्हान किया है। उन्होंने कहा है कि ‘जादुई पिटारा’ के क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों तथा विशेष सहयोग प्रदान करने वाले स्थानीय लोक कलाकारों, तकनीकी कार्यकर्ता को राज्य स्तर पर उनके योगदान के लिए विशेष रूप से पुरस्कृत किया जायेगा ।इसी अनुक्रम में – राज्य के सभी प्राथमिक शालाओं के प्रधान पाठकों सहित सभी बीआरसी, सीआरसी और आँगनबाड़ी शिक्षक और कार्यकर्ताओं के प्रारंभिक तौर पर क्षमता विकास और उन्मुखीकरण हेतु राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, छत्तीसगढ़ द्वारा कल दिनांक 2 मई को प्रातः 10 बजे से ऑनलाईनदक्षता विकास हेतु राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन भारत सरकार के एनसीईआरटी के विशेषज्ञों और शिक्षाविदों के सहयोग से किया जा रहा है ।

    उल्लेखनीय है कि नई शिक्षा नीति-2020 में अनुंशसित ‘जादुई पिटारा’ अत्याधुनिक बालकेंद्रितशिक्षण दर्शन पर आधारित है, जो 3 से छह 6 की उम्र के बच्चों (नर्सरी, लोअर किंडरगार्टन (एलकेजी) और अपर किंडरगार्टन (यूकेजी) के साथ पाठ्यपुस्तकों के न्यूनतम उपयोग का परामर्श देता है । इसके अलावा यह खेल, जीवित अनुभव और किसी की मातृभाषा के उपयोग के आधार पर सीखने को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित की अनुशंसा करता है ।नई शिक्षा नीति-2020 के तहत राष्ट्रीय स्तर पर विचार-विमर्श करते हुए तथा पंचकोश तैत्तिरीय उपनिषद से प्रेरणा लेते हुए, ‘जादुई पिटारा’ की अवधारणा को शामिल किया गया है और इसमें शारीरिक विकास, सामाजिक,भावनात्मक और नैतिक विकास के लिए मूलभूत चरण के लिए पहचाने गए डोमेन और पाठ्यचर्या लक्ष्यों के साथ विभिन्न कोषों – अन्नमय, प्राणमय, मनोमय, विज्ञानमय और आनंदमय को शामिल किया गया है । शिक्षाशास्त्रियों के अनुसार इस पद्धति से  संज्ञानात्मक विकास, भाषा और साक्षरता विकास, सौंदर्य और सांस्कृतिक विकास, और पाठ्यचर्या विकास के आधार के रूप में सकारात्मक सीखने की आदतों का विकास जैसे बुनियादी उद्देश्यों की प्राप्ति की अपेक्षा और आकलन किया गया है।

    इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक जे.पी.रथ ने बताया है कि – ‘जादुई पिटारा’ 3-8 आयु समूह के मूलभूत चरण अर्थात् नन्हें विद्यार्थियों के पाठ्यपुस्तक की जगह स्वयं में पाठ्यक्रम या पाठ्यवस्तु है, जो मूलतः खेल-आधारित शिक्षण-शिक्षण की एक किट (बॉक्स)के रूप में स्वीकृत और मानकीकृत होगी । इस किट में खिलौने, पहेलियाँ, कठपुतलियाँ, पोस्टर, फ्लैश कार्ड, वर्कबुक, पोस्टर, शिक्षक की मार्गदर्शिका पुस्तिका आदि शामिल होंगी ।इसमें प्रत्येक स्कूलों को स्थानीय आधार पर जादुई पिटारा को पाठ्यक्रम को आवश्यकता, संस्कृति, स्थानीय संसाधनों और संदर्भ के अनुसार संशोधित, और बेहत्तर बनाने का विकल्प (छूट) भी दिया जा सकेगा । परिमाण स्वरूप कक्षा शिक्षकों को जादुई पिटारा में इन सामग्रियों के निर्माण हेतु नवाचार कर अपनी उत्कृष्टता को साबित करने का अवसर मिल सकेगा, जिसका परीक्षण और मूल्याँकन कर राज्य स्तर पर भी एक समान लागू करने का प्रयास किया जायेगा । जादुई पिटारा बुनियादी तौर पर रचनात्मक प्रक्रियाओं की एक श्रृंखला को आत्मसात करने के लिए प्राथमिक शाला के शिक्षकों का प्रोत्साहन और उन्हें अवसर उपलब्ध कराना है ताकि वे बच्चे और शिक्षक को भाषा के विकास के लिए खोज-बीन करने, खुलकर बात करने, कहानियाँ पढ़ने, पहेलियाँ सुलझाने का अवसर भी प्राप्त हो सके । बच्चे आलोचनात्मक सोच के लिए परिस्थितियाँ बनाने, अपने खिलौने, कविताएँ, चित्र आदि बनाने के लिए स्वतः प्रोत्साहित हो सकें ।

    ‘जादुई पिटारा’ योजना की एक मुख्य विशेषता यह भी होगी कि न केवल स्कूल शिक्षा विभाग, शिक्षक, प्रशिक्षक बल्कि विद्यार्थियों के माता-पिता, स्कूल, कला, संस्कृति और तकनीक के क्षेत्र में कार्य करी स्वयंसेवी संस्थाएँ भी स्थानीय खिलौने, खेल और कठपुतलियाँ, स्थानीय स्वाद वाली गतिविधि पुस्तकें, स्थानीय कहानी की किताबें और कार्ड, स्वयं के पोस्टर बनाकर, स्थानीय कविताओं को एकत्रित करके अपना खुद का ‘जादुई पिटारा’ बना कर विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध करा सकते हैं ।  केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय, एनसीईआरटी द्वारा जादुई पिटारा को दीक्षा प्लेटफॉर्म-पोर्टल पर भी डिजिटल रूप से उपलब्ध कराया जा रहा है और डिजिटल सामग्री, डाउनलोड और ऑडियो आदि के लिए इसे पूरी तरह से एक्सेस किया जा सकता है । राज्य शासन के मंशानुरूप स्थानीय एससीआरटी द्वारा ई-जादुई पिटारा निर्माण की कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है ताकि बच्चे ऑनलाइन जादुई पिटारा का उपयोग कर अपनी समझ विकसित कर सकें ।

  • ’परीक्षा परिणाम से उत्पन्न तनाव एवं डिप्रेशन को दूर करने दक्षता विकास एवं अभिप्रेरणा प्रशिक्षण संपन्न’

    ’परीक्षा परिणाम से उत्पन्न तनाव एवं डिप्रेशन को दूर करने दक्षता विकास एवं अभिप्रेरणा प्रशिक्षण संपन्न’

    रायपुर। माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर द्वारा कक्षा 10वीं एवं 12वीं के परीक्षा परिणाम प्रतिवर्ष घोषित किए जाते हैं विद्यार्थियों के अपेक्षित परिणाम नहीं आने से विद्यार्थी  प्रायः तनाव में रहते हैं तथा कुछ विद्यार्थी तो डिप्रेशन में चले जाते हैं, राज्य शासन ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल एवं SCERT के सहयोग से आज ऑनलाइन दक्षता विकास एवं अभिप्रेरणा प्रशिक्षण आज आयोजित की गई।

    अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेनू पिल्ले ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम शीघ्र बोर्ड  परीक्षा परिणाम घोषित करने जा रहे हैं। परीक्षा परिणाम घोषित होने के पहले या बाद में विद्यार्थियों को निराश होने या तनाव लेने की आवश्यकता नहीं है। पालकों को भी बच्चों से बहुत अधिक एक्सपेक्टेशन नहीं करनी चाहिए।

    उन्होंने कहा कि यदि किसी भी बच्चे में यह प्रवृत्ति पायी जाती है या इस संदर्भ में कोई भी सूचना मिलती है तो स्वास्थ्य विभाग के टोल फ्री नंबर “104 आरोग्य सेवा निःशुल्क परामर्श” पर सूचित किया जा सकता है । यह टोल फ्री नंबर 24×7 संचालित रहेगा । सूचना प्राप्त होने पर विद्यार्थियों के हित में तत्काल समाधान उपलब्ध कराया जा सकेगा  ।

    स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने कहा कि कई बच्चे अपेक्षा अनुसार परिणाम नहीं ला पाते इस स्थिति में तनाव नहीं लेना चाहिए। कम नंबर लाने का मतलब यह नहीं है कि नॉलेज कम है ,कई व्यक्तित्व ऐसे हैं जो अपने बचपन में अच्छे नंबर नहीं ला पाए पर आगे जाकर उन्होंने बहुत ख्याति प्राप्त की। श्री परदेसी ने सभी विभागीय व मैदानी अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिए।

    खनिज विभाग के संयुक्त सचिव श्री सुनील जैन ने महासमुंद जिले के अनुभव और पूर्व में किये गये नवाचार स्वयंसेवी अभियान को नवजीवन के बारे में विस्तार से बताते हुए प्रत्येक ग्राम में एक जन सहयोग आधारित कार्यक्रम, स्वयंसेवी की मदद लेने की प्रक्रिया और क्रियान्वयन के बारे में प्रशिक्षणार्थियों को मार्गदर्शन दिया।

    विषय विशेषज्ञ डॉ.स्वाति शर्मा ने कुछ ऐसे व्यक्तित्व का उदाहरण दिया – जिनके प्रारंभिक जीवन में चुनौतियां थी परंतु बाद में भी सफल हुए। उदाहरण के लिए बिल गेट्स,अल्बर्ट आइंस्टीन, थॉमस एडिसन । साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों को हमेशा इनकरेज करना चाहिए , फैमिली एनवायरमेंट हमेशा पॉजिटिव होना चाहिए, बच्चों को अन्य बच्चों के साथ कंपेयर नहीं करना चाहिए और हमेशा बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताना चाहिए।

    मेडिकल कॉलेज रायपुर के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. प्रीति सिंह ने अपने उद्बोधन में बताया कि बहुत बार ऐसा देखा गया है कि बहुत अच्छे रिजल्ट लाने वाले बच्चों का परिणाम खराब हो जाता है  तो ऐसे बच्चे अपने रिजल्ट को एक्सेप्ट नहीं कर पाते ,ऐसे बच्चे तनाव ग्रसित हो जाते हैं कभी-कभी अपने बड़े भाई या बहनों के साथ कंपैरिजन करने पर भी वह अपने आप को कुंठित महसूस करते हैं।

    कैरियर काउंसलर डॉ.वर्षा वरवंडकर ने अपने उद्बोधन में बताया कि कैरियर काउसिंलिंग विद्यार्थियों के लिए अत्यंत आवश्यक है उन्होंने बताया कि वर्तमान में बच्चों के लिए 5000 से अधिक करियर के ऑप्शन है तथा बच्चों में 21 वीं सदी सेंचुरी स्किल विकसित करने की अत्यंत आवश्यकता है।अतिरिक्त संचालक श्री जे.पी.रथ ने अपने उद्बोधन में कहा कि परीक्षा के बाद बच्चे तनाव ग्रसित हो जाते हैं तथा गलत रास्ते पर चले जाते हैं अतः इस हेतु तनाव प्रबंधन करना अत्यंत आवश्यक है।

    गौरतलब है कि पहली बार राज्य में परीक्षा परिणाम से विद्यार्थियों में उत्पन्न विभिन्न अवसाद और अन्य जानलेवा समस्याओं से निजात पाने तथा उन्हें पहचान कर नियंत्रित करने, समाज, पालक, स्वयसेवियों, शिक्षकों के माध्यम से निगरानी प्रणाली विकसित करने यह दक्षता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस ऑनलाइन प्रशिक्षण से लगभग 30,000 से अधिक यानी बड़ी संख्या में सरकारी व निजी स्कूलों के 10-12 वीं कक्षा शिक्षक, पालक, आँगनबाड़ी कार्यकर्ता, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं बीईओ, बीआरसीसी, सीआरसी आदि ने स्वेच्छा से प्रशिक्षण प्राप्त किया। पूर्णतः स्वेच्छा पर आधारित इस अभियान के प्रशिक्षित व स्वयंसेवी सदस्य स्कूल शिक्षा विभाग तथा विशेष कर छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा चिन्हांकित समाजशास्त्रियों, मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों के माध्यम से 10-12 वीं परीक्षा परिणाम घोषित होने के पूर्व व पश्चात निरंतर अपना योगदान देंगे।

  • परीक्षा होंगे परिणाम जल्द घोषित,  बच्चों में ना हो तनाव, शिक्षा विभाग ने जारी किया टोल फ्री नंबर

    परीक्षा होंगे परिणाम जल्द घोषित, बच्चों में ना हो तनाव, शिक्षा विभाग ने जारी किया टोल फ्री नंबर

    रायपुर ।

    बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएंगे। परीक्षा परिणाम घोषित होने के पूर्व तनाव एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, किन्तु कई बार बच्चे उस तनाव के चलते अवसाद ग्रस्त हो जाते हैं। यह समय बच्चों एवं पालकों के लिए बहुत ही संवेदनशील होता है तथा तनाव में रहने के कारण विद्यार्थी द्वारा कोई अप्रिय निर्णय लिए जाने की आशंका बढ़ जाती है।

    परीक्षा परिणामों को लेकर कई बार पालकों की भी नकारात्मक भूमिका सामने आई है। यदि किसी भी विद्यार्थी में तनाव के लक्षण दिखाई देते हैं और परामर्श की आवश्यकता प्रतीत होती है, तो छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के टोल फ्री नंबर 18002334363 पर एक मई से 15 मई तक सुबह 10.30 बजे से शाम 5 बजे तक मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाईन टेलीमानस टोल फ्री नंबर 14416 पर चौबीस घंटे सातों दिन संपर्क कर निःशुल्क परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।
    परीक्षा परिणाम आशा अनुरूप न होना, जीवन का कोई अंतिम परिणाम नहीं

    स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने सभी समस्त कलेक्टर, समस्त जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, बीआरसीसी और सीआरसीसी को पत्र जारी कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने कहा है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि परीक्षा परिणाम से उत्पन्न तनाव को दूर करने के लिए जनजागरण एवं सकारात्मक महौल, बच्चों एवं पालकों के मध्य लाया जाए, जिससे पालक, बच्चों पर अनावश्यक दबाव न बनाएं और न ही नकारात्मक प्रतिक्रिया दी जाए। किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सार्थक प्रयास किया जाए, इसके लिए यह बात विद्यार्थियों, माता-पिता तथा पालकों तक पहुंचाना है कि परीक्षा परिणाम आशा अनुरूप न होना, जीवन का कोई अंतिम परिणाम नहीं है। हमारे सम्मुख बहुत से ऐसे उदाहरण है, जिन्होंने शिक्षा के दौरान अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है, किन्तु वे जीवन में अत्यंत सफल रहे हैं तथा वे हमारे प्रेरणा-स्त्रोत रहे हैं। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि तनाव ग्रसित बच्चों में पूर्व से भी कुछ लक्षण दिखने लगते हैं, यथा शांत (मौन) रहना, अकेले गुमसुम रहना, किसी काम में मन न लगना, चिड़चिड़ापन, भूख नहीं लगना आदि इन तथ्यों के आधार पर बच्चों की समुचित निगरानी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

  • सीबीआई करेगी छत्तीसगढ़ पीएससी परीक्षा 2021 की भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता की जांच

    सीबीआई करेगी छत्तीसगढ़ पीएससी परीक्षा 2021 की भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता की जांच

    रायपुर ।

    छत्तीसगढ़ पीएससी परीक्षा 2021 में हुई अनियमितता की जांच सीबीआई करेगी। केन्द्र सरकार द्वारा इस मामले में आज विधिवत अधिसूचना आज जारी कर दी गई है। विधानसभा चुनाव के दौरान यह मामला राज्य में काफी गरमाया हुआ था। पीएससी परीक्षा 2021 में की हुई अनियमितता को लेकर राज्य के युवाओं में बेहद आक्रोश था और इसको लेकर युवा सड़कों पर उतर आए थे। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य के युवाओं के आक्रोश को देखते हुए इस मामले की जांच कराने और दोषी लोगों के विरूद्ध कार्यवाही की गारंटी दी थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की  राज्य के युवाओं से की गई यह गारंटी भी अब सीबीआई के सुपुर्द होते ही पूरी हो गई है।

    मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में नवगठित सरकार ने भी पीएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ी और युवाओं की शिकायत के मद्देनजर 03 जनवरी 2024 कैबिनेट बैठक में इस मामले की सीबीआई से जांच कराने का निर्णय लिया था। राज्य सरकार की सहमति मिलने के बाद केन्द्र सरकार ने जांच के लिए अधिसूचना जारी कर यह मामला अब सीबीआई के सुपुर्द कर दिया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ पीएससी परीक्षा 2021 में राज्य के 12 विभागों के लिए 170 पदों पर भर्ती के लिए चयन सूची जारी की गई थी। चयन सूची जारी होते ही प्रतिभागी युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा था। युवाओं ने चयन प्रक्रिया में भाई-भतीजावाद और गड़बड़ी को लेकर कई शिकायतें की और इस मामले में एफआईआर भी दर्ज की गई थी। एन्टीकरप्शन ब्यूरो/आर्थिक अपराध ब्यूरो ने भी इस मामले में अपराध दर्ज किया था।

    गौरतलब है कि राज्य की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा राज्य में घटित होने वाले गंभीर से गंभीर अपराधों की जांच-पड़ताल सीबीआई से कराने को लेकर किनारा कर लिया गया था। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान घटित कई मामलों में सीबीआई से जांच कराने की मांग को न सिर्फ सिरे से खारिज कर दिया गया था, बल्कि राज्य में सीबीआई को आने को लेकर ही रोक लगा दी गई थी। केन्द्र और राज्य में भाजपा की सरकार होने से गंभीर प्रकृति के अपराधों की जांच-पड़ताल सीबीआई से कराने का रास्ता खुल गया है। बिरनपुर हत्याकांड की भी जांच सीबीआई से कराने का निर्णय विष्णु देव सरकार ने लिया है। शीघ्र ही यह मामला भी सीबीआई के जिम्मे होगा।

    केन्द्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम की धाराओं में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अपराध संख्या 28/2024 से संबंधित मामलों की खोज और जांच करने के लिए पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के सदस्यों की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र का विस्तार किया है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार गृह विभाग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2021 की अनियमितताओं की जांच सीबीआई से कराने के संबंध में अधिसूचना 16 फरवरी 2024 एवं संशोधित अधिसूचना दिनांक 10 अप्रैल 2024 को जारी की गई थी।

    राज्य सेवा परीक्षा, 2021 की भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता की शिकायतें, आईपीसी की धारा 420, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7/7-ए और 12 के तहत पुलिस स्टेशन-अर्जुंदा, जिला-बालोद में दर्ज की गईं थी। (यथा संशोधित 2018) और आईपीसी की धारा 120 बी, 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7/7-ए और 12 के तहत जिला-रायपुर के एसीबी/ईओडब्ल्यू पुलिस स्टेशन में अपराध क्रमांक 05/2024 दर्ज किया गया है। (2018 में यथा संशोधित) और ऐसे अपराध (अपराधों) के संबंध में और/या उसी लेनदेन के दौरान किए गए या समान तथ्यों से उत्पन्न किसी अन्य अपराध के लिए कोई भी प्रयास, उकसावे और/या साजिश शामिल हैं।

  • परीक्षा परिणाम से उत्पन्न तनाव को दूर करने माध्यमिक शिक्षा मंडल के टोल फ्री नंबर 18002334363 पर निःशुल्क मिलेगा परामर्श

    परीक्षा परिणाम से उत्पन्न तनाव को दूर करने माध्यमिक शिक्षा मंडल के टोल फ्री नंबर 18002334363 पर निःशुल्क मिलेगा परामर्श

    रायपुर ।

    आने वाले समय में विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएंगे। परीक्षा परिणाम घोषित होने के पूर्व तनाव एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, किन्तु कई बार बच्चे उस तनाव के चलते अवसाद ग्रस्त हो जाते हैं। यह समय बच्चों एवं पालकों के लिए बहुत ही संवेदनशील होता है तथा तनाव में रहने के कारण विद्यार्थी द्वारा कोई अप्रिय निर्णय लिए जाने की आशंका बढ़ जाती है। परीक्षा परिणामों को लेकर कई बार पालकों की भी नकारात्मक भूमिका सामने आई है। यदि किसी भी विद्यार्थी में तनाव के लक्षण दिखाई देते हैं और परामर्श की आवश्यकता प्रतीत होती है, तो छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के टोल फ्री नंबर 18002334363 पर एक मई से 15 मई तक सुबह 10.30 बजे से शाम 5 बजे तक मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाईन टेलीमानस टोल फ्री नंबर 14416 पर चौबीस घंटे सातों दिन संपर्क कर निःशुल्क परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा चिन्हांकित मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों, कैरियर सलाहकार तथा एससीईआरटी के विशेष अकादमिक सहयोग से ऑनलाईन दक्षता विकास प्रशिक्षण का आयोजन 29 अप्रैल को दोपहर 12 बजे से किया जा रहा है। जिसका वेबलिंक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, बीआरसीसी, छत्तीसगढ़ के माध्यम से सर्वसंबंधित शिक्षकों को भेजा जाएगा।

    इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने सभी समस्त कलेक्टर, समस्त जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, बीआरसीसी और सीआरसीसी को पत्र जारी कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने कहा है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि परीक्षा परिणाम से उत्पन्न तनाव को दूर करने के लिए जनजागरण एवं सकारात्मक महौल, बच्चों एवं पालकों के मध्य लाया जाए, जिससे पालक, बच्चों पर अनावश्यक दबाव न बनाएं और न ही नकारात्मक प्रतिक्रिया दी जाए। किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सार्थक प्रयास किया जाए, इसके लिए यह बात विद्यार्थियों, माता-पिता तथा पालकों तक पहुंचाना है कि परीक्षा परिणाम आशा अनुरूप न होना, जीवन का कोई अंतिम परिणाम नहीं है। हमारे सम्मुख बहुत से ऐसे उदाहरण है, जिन्होंने शिक्षा के दौरान अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है, किन्तु वे जीवन में अत्यंत सफल रहे हैं तथा वे हमारे प्रेरणा-स्त्रोत रहे हैं। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि तनाव ग्रसित बच्चों में पूर्व से भी कुछ लक्षण दिखने लगते हैं, यथा शांत (मौन) रहना, अकेले गुमसुम रहना, किसी काम में मन न लगना, चिड़चिड़ापन, भूख नहीं लगना आदि इन तथ्यों के आधार पर बच्चों की समुचित निगरानी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

  • महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय में बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर के साहित्य पढ़ने पर रोक!

    महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय में बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर के साहित्य पढ़ने पर रोक!

    मुंबई। 

    महाराष्ट्र का महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविध्यालय, वर्धा आजकल कईं कारणों से चर्चा में हैं, पहला तो इस कारण से कि कुलपति के रूप में दलित स्कालर प्रोफेसर लेल्ला कारूण्यकरा को हटाया जाना.क्योंकि वे अंबेडकरवादी हैं और जेएनयू से पढ़े लिखे दलित प्रोफेसर है,यह संघी विचारधारा की सरकार को बर्दाश्त नहीं है,ख़बर है कि न केवल उन्हें कुलपति पद से हटा दिया गया है बल्कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के पत्र के आधार पर मंगलवार 23 अप्रैल 2024 को विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की आपातकालीन बैठक में उन्हें निलम्बित करने का फैसला भी कर लिया गया है!

    इसके अलावा दूसरा प्रहार इसी विश्वविध्यालय में दो साल से चलाए जा रहे अम्बेडकर स्टडी सर्कल पर किया गया है,अब इसे वहाँ के संघी मानसिकता रखने वाले कार्यकारी कुलसचिव डॉ धरवेश कठेरिया द्वारा आदेश देकर बंद कर दिया गया है, ताकि लोग बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर के भारत सरकार एवं महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रकाशित साहित्य को बाबा साहेब की प्रतिमा के सामने न पढ़ सके.यह बाबा साहब के लेखों व भाषणों पर खुली चर्चा पर रोक लगाने के लिए किया गया है. बाबा साहब डॉ अम्बेडकर की दुहाई देने वाली सरकार का यह असली चेहरा है, इतना ही नहीं बल्कि अम्बेडकर विचारों के पाठ के आरोप में इस अम्बेडकर स्टडी सर्किल से जुड़े सात शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस भी कुलसचिव धरवेश कठेरिया ने जारी कर दिया गया है और सभी कारण बताओ नोटिस इनकी व्यक्तिगत फाइल में भी लगवाए हैं, जबकि इनमें से चार के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की गई है. इस स्टडी सर्कल के संयोजक डॉ शैलेश मर्जीकदम का ट्रांसफर विश्वविद्यालय के अमरावती जिले में स्थित रिद्धपुर केन्द्र पर कर दिया गया है. ग़ौरतलब है कि विश्वविद्यालय के सात अम्बेडकरवादी दलित प्रोफेसर्स ने फरवरी 2022 में यूनिवर्सिटी में अंबेडकर स्टडी सर्कल इंडिया की शुरुआत की थी. इसकी बैठक हर गुरुवार को शाम 6 बजे के बाद विश्वविद्यालय में अंबेडकर की प्रतिमा के सामने होती थी और केंद्र और महाराष्ट्र सरकारों द्वारा प्रकाशित उनके एकत्रित कार्यों को पढ़ा जाता था और उन पर चर्चा की जाती थी.प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले दो सालों में करीब 61 सत्र आयोजित किए गए.वहीं इस साल जनवरी में रजिस्ट्रार इंचार्ज धरवेश कठेरिया ने इन सत्रों को बंद करने का आदेश दिया.कठेरिया ने सात शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा कि अंबेडकर के कार्यों को पढ़ने से सुरक्षा समस्याएं पैदा होंगी और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा खराब होगी. राजनीतिक सभाओं और मंचों पर डॉ अम्बेडकर का गुणगान चल रहा है, परंतु उनके विचारों पर विमर्श को प्रतिबंधित किया जा रहा है,अम्बेडकरवादी स्कालर कुलपति नहीं बन पाए और अगर बन जाये तो न केवल उनको हटाया जा रहा है बल्कि निलम्बित करके कार्यवाही की जा रही है, बाबा साहब अम्बेडकर के लेखों और भाषणों पर चर्चा सत्र को ख़तरा बता कर रोका जा रहा है. शिक्षा के उच्च इदारों की यह हालत निराशाजनक है और इन पर किसी तरह की चर्चा और प्रतिरोध का नहीं होना और अधिक निराशा व चिंता की बात है।

  • जेईई मेन सेशन 2 के 10 लाख स्टूडेंट्स का रिजल्ट NTA ने किया घोषित,जनरल कटऑफ 93.23% रहा

    जेईई मेन सेशन 2 के 10 लाख स्टूडेंट्स का रिजल्ट NTA ने किया घोषित,जनरल कटऑफ 93.23% रहा

    नई दिल्ली।

    राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) 2024 (JEE Main 2024) के अप्रैल में आयोजित दूसरे सत्र (Session 2) के नतीजे घोषित कर दिए। एजेंसी द्वारा परिणाम (JEE Main 2024 Result) बुधवार, 24 अप्रैल को घोषित किए गए।

    NTA ने JEE मेन अप्रैल 2024 में सम्मिलित 10 लाख से अधिक उम्मीदवारों में पूरे अंक (100 पर्सेटाइल) अंक प्राप्त करने वाले 56 उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी है। इन 100 पर्सेटाइल प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स में 2 लड़कियां भी शामिल हैं।

    • गजारे नीलकृष्ण निर्मलकुमार (महाराष्ट्र)
    • दक्षेश संजय मिश्रा (महाराष्ट्र)
    • आरव भट्ट (हरियाणा)
    • आदित्य कुमार (राजस्थान)
    • हुंडेकर विदित (तेलंगाना)

    JEE Main 2024 State Toppers: दिल्ली के 6 और यूपी 1 स्टूडेंट को 100 पर्सेंटाइल

    इसी प्रकार, राज्यवार टॉपर्स की बात करें तो कुल 56 में से 15 स्टूडेंट्स अकेले तेलंगाना राज्य से हैं। दिल्ली के 6 स्टूडेंट्स को 100 पर्सेटाइल प्राप्त हुए हैं, जबकि उत्तर प्रदेश के सिर्फ एक स्टूडेंट हिमांशू यादव (रोल नंबर 240310073377) को 100 पर्सेटाइल प्राप्त हुआ है।NTA द्वारा 4, 5, 6, 8 और 9 अप्रैल 2024 को आयोजित JEE मेन अप्रैल 2024 में सम्मिलित हुए थे, वे अपना स्कोर और रैंक पोर्टल पर एक्टिव लिंक या नीचे दिए गए डायरेक्ट लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके लिए स्टूडेंट्स को परिणाम पेज पर अपने अप्लीकेशन नंबर और डेट ऑफ बर्थ की डिटेल से लॉग-इन करना होगा।