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  • समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को परेशानी नहीं होनी चाहिए, सीएम भूपेश बघेल

    समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को परेशानी नहीं होनी चाहिए, सीएम भूपेश बघेल

    रायपुर,30 अक्टूबर 2022। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि धान बेचने वाले किसानांे को समितियां और उपार्जन केन्द्रों में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। धान खरीदी की सभी व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखने के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में जिलों के प्रभारी सचिव और कलेक्टर मुस्तैद रहें। उन्होंने कहा कि समिति स्तर पर 1 नवम्बर को किसानों की बैठक ली जाए और किसानों से धान आवागमन की प्लानिंग समिति स्तर पर की जाए।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश के कारण धान कटाई पूरे तरीके से शुरू नही हुई है। किसानों को धान को सुखाकर लाने के लिए सेंसिटाईस करें, ताकि उन्हें धान बेचने में परेशानी न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक वर्ष खरीदे जाने वाले धान में नमी का प्रतिशत 17 प्रतिशत से कम होना चाहिए। इसका किसानों के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।

    मुख्यमंत्री ने धान की मिलिंग के लिए राईस मिलों के पंजीयन के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, वित्त सचिव अलरमेलमंगई डी., मुख्यमंत्री के सचिव  डी.डी. सिंह, खाद्य सचिव  टोपेश्वर वर्मा, मुख्यमंत्री के उप सचिव सौम्या चौरसिया एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

    मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में किसानों के पंजीयन की स्थिति, बारदाना व्यवस्था, धान परिवहन की तैयारियों, संग्रह केन्द्रों में की गई तैयारियों और मिलों के पंजीयन की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में जानकारी दी गई कि धान परिवहन की व्यवस्था पूर्ण कर ली गई है। नवगठित सभी पांच जिलों में डीएमओ, सहायक लेखा अधिकारी व क्षेत्र सहायक की पदस्थापना की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सीमावर्ती राज्यों से धान के अवैध परिवहन को रोकने के लिए अंतर्राज्यीय सीमाओं पर जांच चौकियां सक्रियता से काम करें।

    पंजीकृत किसानों और धान के रकबे में बढ़ोतरी

    बैठक में जानकारी दी गई कि खरीफ वर्ष 2022-23 में एक लाख 29 हजार नये किसानों के एक लाख 9 हजार हेक्टेयर रकबे का नवीन पंजीयन किया गया है। इस प्रकार खरीफ वर्ष 2022-23 में धान खरीदी के लिए 25 लाख 23 हजार किसानों के 29.42 लाख हेक्टेयर रकबे का पंजीयन किया जा चुका है। गौरतलब है कि पिछले खरीफ वर्ष में धान खरीदी के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या 24 लाख 5 हजार थी।

    बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि धान खरीदी के लिए वर्तमान में लगभग 3 लाख 92 हजार गठान नये, पुराने बारदाने उपलब्ध हो चुके हैं। इसके अलावा नये बारदानों की प्राप्ति तथा पुराने बारदानों के संकलन एवं सत्यापन का कार्य सतत रूप से प्रक्रियाधीन है। राज्य स्तरीय समिति के निर्णय के अनुसार सभी जिलों में धान परिवहन हेतु परिवहनकर्ताओं से अनुबंध किया जा चुका है, साथ ही धान परिवहन हेतु अन्य आवश्यक तैयारियां भी पूर्ण की जा चुकी हैं।

    मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि मिलरों द्वारा समितियों से धान के अधिकतम उठाव को सुनिश्चित करने के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि समितियों को धान खरीदी हेतु अग्रिम राशि उपलब्ध कराई जाए। बैठक में बताया गया कि विपणन संघ द्वारा धान खरीदी के संबंध में प्रदेश स्तर पर जिलों के सभी मास्टर ट्रेनर्स तथा मास्टर ट्रेनरों द्वारा धान खरीदी में संलग्न अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

  • छत्तीसगढ़ की फेमस सिंगर आरू का विरोध, सोशल मीडिया पर किया जा रहा ट्रोल

    छत्तीसगढ़ की फेमस सिंगर आरू का विरोध, सोशल मीडिया पर किया जा रहा ट्रोल

    रायपुर,30 अक्टूबर 2022। छत्तीसगढ़ की सिंगर और लोक कलाकार 14 साल की आरू का विरोध किया जा रहा है। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के पदाधिकारी और कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर इस बच्ची काे ट्रोल कर रहे हैं। हैशटैग बॉयकाट आरू साहू लिखी पोस्ट साझा की जा रही है। वजह ये है कि इस बच्ची ने छठ पर्व से जुड़ा गीत गाया है। आरू का विरोध करने वाले इसे दूसरे प्रदेश की संस्कृति को प्रमोट करने और इससे छत्तीसगढ़िया संस्कृति के नुकसान होने का दावा कर रहे हैं। इस बवाल पर दैनिक भास्कर से आरू और उनके पिता शीतकुमार साहू ने खास-बातचीत की।

    आरू साहू के पिता शीतकुमार ने कहा- सोशल मीडिया पर आरू के गाए छठ गीत का वीडियो आते ही विरोध होने लगा। मैंने छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना से जुड़े और कुछ अन्य लोगों की आईडी से आरू साहू के बॉयकाट वाले पोस्ट देखे। हम गांव के सीधे-साधे लोग हैं। हम इससे डर गए हैं। जान का डर तो सबको होता है। मैं छोटा सा किसान हूं, हम तो बस कोशिश करते हैं कि बेटी में टैलेंट है तो उसे राष्ट्रीय स्तर पर मंच मिले।

    हम रुकेंगे नहीं

    ये पूछे जाने पर कि क्या आगे अन्य प्रदेशों के गाने आरू गाएंगी, इस पर उनके पिता ने जवाब में कहा – हां हम रुकेंगे नहीं, जो विरोध हुआ है उसे देखकर दुख हुआ हमें भी। लता मंगेश्कर जी ने भी छत्तीसगढ़ के गाने गाए उनका तो महराष्ट्र में विरोध नहीं हुआ था। वैसे देखेंगे तो भगवान राम और कृष्ण उत्तर भारत के हैं मगर पूजे पूरे भारत में जाते हैं। वहां भेद नहीं होता।

    छत्तीसगढ़िया संस्कृति का पूरा सम्मान

    आरू ने इस मामले में कहा कि मेरी पहचान छत्तीसगढ़िया संस्कृति, बोली और संगीत है। मैं इसी के दम पर आगे बढ़ने का प्रयास कर रही हूं। मेरे गाए छठ गीत से मेरा मकसद किसी को आहत करना नहीं रहा। यदि किसी को मेरे काम से ठेस पहुंची है तो मैं क्षमा चाहती हूं। छत्तीसगढ़िया संस्कृति का मैं पूरा सम्मान करती हूं।

    छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के स्थानीय पेज और इस संगठन से जुड़े कुछ पदाधिकारियों ने छठ गीत गाने की वजह से आरू को ट्रोल किया है। इन पोस्ट में आगे नुकसान होने जैसी बातें लिखी हैं। साहू समाज के भी एक पदाधिकारी ने आरू के खिलाफ पोस्ट किया।

    जब सोशल मीडिया में आरू के खिलाफ पोस्ट दिखने लगी तो कुछ लोगों ने आरू का साथ दिया। बच्ची के प्रति बिगड़ते माहौल काे भांपकर कई विरोधियों ने अपनी पोस्ट को डिलीट भी कर दिया। इस पर रायपुर के अजय वर्मा ने सोशल मीडिया में लिखा कि – छत्तीसगढ़ी लोक गायिका आरु साहू ने छठ पर्व के लिए एक भोजपुरी गाना क्या गा दिया, कुछ लोगों की त्योरियां चढ़ गई। उसे साहू समाज सहित छत्तीसगढ़ी समाज से खदेड़ने की मांग करने लगे। आरु साहू अभी बालिका है। उसने लोकगीतों को गाकर उसे अपनी आजीविका का साधन बनाया है। लोग उन्हें पसंद करते हैं उन्हें स्टेज मिलता है, लोक कलाकार प्रायः आर्थिक रूप से पिछड़े लोग होते हैं। धन के अभाव में उन्हें तिल तिल कर मरते तक देखा जाता है। आरू को अन्य प्रदेशों के गाने के ऑफर हैं तो ये अच्छी बात है।

    वायरल वीडियो ने बनाया लिटिल स्टार

    आरू का कुछ साल पहले एक वीडियो सामने आया था। अपने रिश्तेदार के घर एक कार्यक्रम में बच्ची ने छत्तीसगढ़ी लोक गीत गाया था। ये वीडियो वायरल हो गया। आरू की आवाज को पसंद किया गया। महज 14 साल की आरू छत्तीसगढ़ का नाम पूरे भारत में रोशन कर रही है। जिस उम्र में बच्चे माइक पकड़ने से घबराते हैं। उस उम्र में छोटी सी बेटी आरू ने छत्तीसगढ़ी गीतों को नई पहचान देकर नाम रोशन किया है।

    आरू साहू अब तक 50 से ज्यादा छत्तीसगढ़ी गीत गा चुकी हैं। इसके अलावा हिंदी गाने भी आरू ने खुद की आवाज में गाकर लोगों तक पहुंचाया है। 2019 के छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में आरू साहू द्वारा उद्घाटन समारोह में छत्तीसगढ़ का राजकीय गीत ‘अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार…।’ गाकर सबका मन मोह लिया था।

  • भालू के हमले से दो ग्रामीण हुए घायल,  इलाके दहशत का माहौल

    भालू के हमले से दो ग्रामीण हुए घायल, इलाके दहशत का माहौल

    रायपुर,30 अक्टूबर 2022\ जिले के कोमाखान तहसील क्षेत्र के ग्राम टेमरी में खेत में काम कर रही एक महिला और युवक पर भालू ने हमला कर दिया। जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। बताया जाता है कि मादा भालू के साथ दो शावक भी है। जो इस क्षेत्र में लगातार कई दिनों से घुम रहे हैं। इस घटना के बाद से लोगों में दहशत है।

    बताया जा रहा है कि टेमरी निवासी दशोदा बाई पति चंदेलाल 45 वर्ष जो आज सुबह खेत में काम करने गई हुई थी, अचानक भालू आ गया, जिससे महिला भाग नहीं पाई और उस पर भालू ने हमला कर दिया। वहीं लोचन 35 वर्ष पर भी भालू ने हमला किया है। हमले के बाद गंभीर रूप से महिला को बागबाहरा सामुदायिक केंद्र पहुंचाया गया है।

    वहीं लोचन को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि शाम होते ही भालू गांव में दस्तक देता है, और सुबह होते ही वापस जंगल लौट जाता है। लेकिन आज भालू जंगल नहीं लौट, जिससे वह ग्रामीणों पर हमला कर दिया।

  • पार्टी लाइन से बाहर बयानबाजी और सोशल मीडिया में टिप्पणी करने पर होगी कार्रवाई

    पार्टी लाइन से बाहर बयानबाजी और सोशल मीडिया में टिप्पणी करने पर होगी कार्रवाई

    रायपुर,30 रायपुर 2022। पार्टी लाईन से हटकर बयानबाजी, सोशल मीडिया में पोस्ट / अर्नगल टिप्पणी, वरिष्ठ नेताओं के प्रोटोकाल / सम्मान का उल्लंघन करने वाले कार्यकर्ताओं / पदाधिकारियों पर तत्काल अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महामंत्री संगठन अमरजीत चावला ने सभी जिलाध्यक्षों व ब्लाक अध्यक्षों को पत्र लिखा है। कोई पदाधिकारी/कार्यकर्ता अनुशासनहीता करता है, तो उस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करने कहा गया है।

    अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के छत्तीसगढ़ प्रभारी पी.एल. पुनिया, प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, एआईसीसी सचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी डॉ. चंदन यादव की उपस्थिति में 28 अक्टूबर 2022 को राजीव भवन, रायपुर में सम्पन्न प्रदेश पोलिटिकल अफेयर कमेटी की प्रथम बैठक में निर्णय लिया गया है की पार्टी लाईन से हटकर बयानबाजी, सोशल मीडिया में पोस्ट / अर्नगल टिप्पणी, वरिष्ठ नेताओं के प्रोटोकाल / सम्मान का उल्लंघन करने वाले कार्यकर्ताओं / पदाधिकारियों पर तत्काल अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाएगा।

  • एनआईटी रायपुर में 21वी सदी के ‘हाउसिंग चैलेंजेस

    एनआईटी रायपुर में 21वी सदी के ‘हाउसिंग चैलेंजेस

    रायपुर,30 अक्टूबर 2022\ राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर के वास्तुकला विभाग द्वारा इक्कीसवीं सदी में आवास की चुनौतियों, नीतियों और रणनीतियों पर 29 और 30 अक्टूबर, 2022 को दो दिवसीय ऑनलाइन इंटरनेशनल कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है । कार्यक्रम के उदघाटन अवसर पर एन. आई. टी. रायपुर के डीन (अकादमिक)डॉ. श्रीश वर्मा और डीन(छात्र कल्याण) डॉ. पी. वाई. ढेकने सम्माननीय अतिथि रहे। इस दौरान आर्किटेक्चर विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. स्वस्ति स्थापक भी उपस्थित रही |

    आर्किटेक्चर विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. देवाशीष सान्याल, इस कार्यक्रम के अध्यक्ष रहे। आर्किटेक्चर विभाग की सहायक प्राध्यापक, डॉ. वंदना अग्रवाल,  श्रुति एस. नगदेवे, और सायोन परमाणीक इस आयोजन के सचिव रहे।

    शहरी और क्षेत्रीय विकास संस्थान वरसाव , माज़ोविकी, पोलैंड की उप निदेशक डॉ. अलेक्जेंड्रा जादाच सेपियोलो, और यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रोनिंगन, नीदरलैंड्स के योजना विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. सी. (क्रिस्चन) जुइदेमा इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रहे। गीतम स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर के निदेशक, डॉ. मोहन के., एनआईटी तिरुचिरापल्ली के प्रोफेसर, डॉ. जी सुब्बायन, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर डॉ. निर्मिता मेहरोत्रा, और एमएनआईटी जयपुर की एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. कल्पना पंडित कार्यक्रम के विशेषज्ञ वक्ता रहे।

    इस कांफ्रेंस की शुरुआत सभी प्रतिभागियों और सम्मानीय अतिथियों के स्वागत से हुई , जिसके बाद डॉ. श्रीश वर्मा ने कांफ्रेंस के सफल आयोजन के लिए आयोजन समिति को अपनी शुभकामनाएं दी और डॉ पी. वाई. ढेकने ने वर्तमान आवास व्यवस्था से जुड़े हुए अपने महत्वपूर्ण विचार सभी के साथ साझा किये | इसके बाद इस कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. देवाशीष सान्याल ने कांफ्रेंस की रूपरेखा के बारे मैं सभी को जानकारी दी |

    इस कांफ्रेंस की मुख्य वक्ता शहरी और क्षेत्रीय विकास संस्थान वरसाव , माज़ोविकी, पोलैंड की उप निदेशक डॉ. अलेक्जेंड्रा जादाच सेपियोलो ने 21वी सदी की शहरी आवास व्यवस्था से जुड़े हुए विभिन्न पहलुओं और चुनोतियों पर प्रकाश डाला | उन्होंने शहरों मैं बढती जनसँख्या , आवास के लिए उपयुक्त भूमि की कमी , और निर्माण सामग्रियों के बढ़ते दाम और इसकी निरन्त कमी को वर्तमान समय की चुनौती बताया | विश्व के विभिन्न शहरों पर किये गए अपने शोध के आधार पर उन्होंने आवास सम्बन्धी इन समस्याओं के निवारण हेतु कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए | उन्होंने सस्ते और रियायती घरों के निर्माण सभी घरों मैं रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम , ईको फ्रेंडली घरों का निर्माण और ऊर्जा खपत कम करने वाली तकनीकों का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग का सुझाव दिया |

    इस कांफ्रेंस मैं देश भर के विभिन्न आई. आई. टी. और एन.आई टी. सहित प्रतिष्ठित संस्थाओं के 45 प्रतिभागी शामिल हुए और अपने शोधपत्र प्रस्तुत किये | इस कांफ्रेंस को चार ‘ट्रैक (सत्रों) ‘ में विभाजित किया गया । पहले ट्रैक में वृद्धिशील आवास, परिवर्तनीय आवास पर चर्चा की गई। दूसरे ट्रैक में आवास और नियोजन व्यवस्था पर छोटे और लंबे प्रभाव पर चर्चा की गई। तीसरे ट्रैक में मॉड्यूलर हाउसिंग, कंटेम्पररी हाउसिंग और वैकल्पिक निर्माण सामग्री और तकनीकों पर चर्चा की गई।अंतिम ट्रैक में जलवायु रेसिलैन्स, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों, के बारे में चर्चा की गई।

  • धान खरीदी पर कलेक्टर ने दिए निर्देश, समुचित व्यवस्था के निरीक्षण और पर्यवेक्षण के लिए बनाए 116 नोडल अधिकारी,

    धान खरीदी पर कलेक्टर ने दिए निर्देश, समुचित व्यवस्था के निरीक्षण और पर्यवेक्षण के लिए बनाए 116 नोडल अधिकारी,

    सक्ती,30 अक्टूबर 2022। प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप ज़िले में भी आगामी एक नवंबर से 31 जनवरी 2023 तक समर्थन मूल्य में धान खरीदी किसानों से की जाएगी।

    धान खरीदी व्यवस्थित और बिना किसी दिक्कत के 116 उपार्जन केंद्रों में की जा सके इसके लिए कलेक्टर  नूपुर राशि पन्ना ने 116 नोडल अधिकारी बनाए हैं। आज इन अधिकारियों की बैठक लेकर कलेक्टर ने उन्हें सौंपे गए दायित्व से ना केवल वाकिफ कराया, बल्कि इसका सही तरीके से निर्वहन करने के भी निर्देश दिए हैं। बैठक में जिला मुख्य रूप से चेक लिस्ट के आधार पर खरीदी केंद्रों में व्यवस्था, जिसमें खरीदी केंद्रों की साफ सफाई, विद्युत व्यवस्था, कंप्यूटर सेट/ प्रिंटर चालू हालत में हो, जनरेटर, यू.पी.एस./ इंटरनेट की व्यवस्था, आर्द्रतामापी यंत्र, नाप तौल के लिए पर्याप्त कांटा-बांट, बारदाना सुतली, हमाल की उपलब्धता, तारपोलिन, चबूतरा, डैनेज, टोकन जारी करने की स्थिति पर नोडल अधिकारी को निगाह रखनी होगी।

    संबंधित उपार्जन केन्द्रों में जाकर हफ्ते भर की धान खरीदी की मॉनिटरिंग

    कलेक्टर  पन्ना ने इस मौके पर सभी नोडल को निर्देशित किया कि हर शनिवार को उनका जिम्मा होगा कि वे संबंधित उपार्जन केन्द्रों में जाकर हफ्ते भर की धान खरीदी की मॉनिटरिंग करें। यह भी निर्देशित किया कि सभी नोडल अनिवार्य रूप से केंद्र का निरीक्षण करेंगे, ताकि धान खरीदी की व्यवस्था में दिक्कत ना हो। गौरतलब है कि ढाई एकड़ तक के रकबा वाले किसानों को एक ही टोकन जारी होगा। जबकि पांच एकड़ तक के किसान दो बार और पांच से अधिक एकड़ के रकबे वाले किसान को तीन बार टोकन जारी होगा। प्रति एकड़ में 15 क्विंटल ही धान खरीदी की जानी है। हर उपार्जन केन्द्र में समर्थन मूल्य दर्शाते बैनर का प्रदर्शन किया गया है यह सुनिश्चित करना है।

    धान का समर्थन मूल्य 2060 रूपये प्रति क्विंटल

    इस बार मोटा धान 2040 रुपये प्रति क्विंटल और पतला/सरना धान का समर्थन मूल्य 2060 रूपये प्रति क्विंटल है। इसका प्रदर्शन हर उपार्जन केन्द्र में बैनर पोस्टर में किया जाना है। कलेक्टर ने हर हाल में उपार्जन केन्द्रों में इन व्यवस्थाओं पर निगाह रखने नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया है।  बैठक में संबंधित विभाग और सभी नोडल अधिकारी मौजूद रहे।

  • मुख्यमंत्री बघेल की संवेदनशीलता, प्रशांत की स्पाइनल सर्जरी के लिए, साढ़े तीन लाख रुपये की आर्थिक सहायता

    मुख्यमंत्री बघेल की संवेदनशीलता, प्रशांत की स्पाइनल सर्जरी के लिए, साढ़े तीन लाख रुपये की आर्थिक सहायता

    रायपुर,30 अक्टूबर 2022। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज शाम यहां उनके निवास कार्यालय में स्पाइनल रोग से जूझ रहे प्रशांत वर्मा के परिजनों ने मुलाकात की। दुर्ग जिले के निवासी बृजमोहन वर्मा ने मुख्यमंत्री बताया कि उनके पुत्र प्रशांत वर्मा रीढ़ की हड्डी के रोग से जूझ रहा है।

    मुख्यमंत्री को  वर्मा ने बताया कि पुत्र की सर्जरी में लगभग साढ़े तीन लाख रुपये का खर्च आएगा, जिसके लिए उन्हें आर्थिक सहायता की जरूरत है। संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रशांत के बेहतर इलाज के लिए तत्काल साढ़े तीन लाख रुपये की आर्थिक मदद मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से स्वीकृत की। प्रशांत के परिजनों ने इस आर्थिक मदद के लिए मुख्यमंत्री  बघेल का आभार जताया।

  • शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती बोले-ईसा मसीह थे हिन्दू? आरक्षण पर भी कही बड़ी बात

    शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती बोले-ईसा मसीह थे हिन्दू? आरक्षण पर भी कही बड़ी बात

    रायपुर,30 अक्टूबर 2022\ शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने एक ऐसा बयान दिया है।जिसके बाद उनके बयान की चर्चा हर जगह हो रही है। दरअसल निश्चलानंद सरस्वती ने दावा किया है कि ईसा मसीह हिन्दू थे।

    उन्होंने ये भी कहा कि राजनेताओं ने सवर्ण,sc-st जैसे शब्द दिए हैं।क्या ये शब्द व्यवस्था सनातन धर्म की देन हैं? और इन्हीं शब्दों के चलते सनातनी हिंदू आपस में लड़ते हैं।नेता अपने फायदे के लिए इस तरह के काम करते हैं।लोगों को समझना चाहिए कि यह नेताओं की चाल और उनके बहकावे में न आएं।

    दुर्भाग्य है कि भारत को धर्म निरपेक्ष राष्ट्र की संज्ञा दी जाती

    बातचीत में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि दुनिया में कितने ही देश हैं। सभी अपने-अपने धर्म को खुलकर मानते हैं। दुर्भाग्य है कि भारत को धर्म निरपेक्ष राष्ट्र की संज्ञा दी जाती है। असल में ऐसा कहकर हिंदुओं को बेवकूफ बनाया जा रहा है। भला कोई वस्तु अपने गुण-धर्म से अलग कैसे हो सकती है! दीये का काम है रोशनी देना। दीया रोशनी न दे तो उसकी क्या उपयोगिता। यही बात राष्ट्र पर भी लागू होती है।

    क्या आदिवासी हिन्दू नहीं है ?

    भारत में आदिवासियों का एक बड़ा वर्ग ऐसा है, जो स्वयं को हिंदू नहीं मानता है। आदिवासी खुद को प्रकृति पूजक मानते हैं। इस विषय पर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद महाराज ने सवाल उठाते हुए कहा कि जो प्रकृति के पूजक हैं,क्या उनको प्रकृति की परिभाषा आती है ? वह खुद को हिन्दू नहीं मान रहे हैं ,लेकिन मनुष्य और प्राणी तो मानते हैं न ? अगर खुद को मनुष्य मानते रहे हैं तो मानवोचित शील कहा से लाएंगे ?

  • किसानों की सहूलियत के लिए `एन्ड्रॉयड एप` टोकन तुंहर हाथ

    किसानों की सहूलियत के लिए `एन्ड्रॉयड एप` टोकन तुंहर हाथ

    रायपुर,30 अक्टूबर 2022।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर अब समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को धान विक्रय के लिए घर बैठे ऑनलाइन टोकन प्राप्त करने की सुविधा  करवा रहे है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पंजीकृत किसान को धान विक्रय हेतु टोकन जारी करने की प्रक्रिया के सरलीकरण एवं सुव्यवस्थित प्रबंधन के उद्देश्य से एन.आई.सी. द्वारा एन्ड्रॉयड एप ”टोकन तुंहर हाथ” विकसित किया गया है। ”टोकन तुंहर हाथ” एप की सहायता से प्रत्येक पंजीकृत किसान संबंधित उपार्जन केन्द्र में स्वयं के द्वारा निर्धारित तिथि में धान विक्रय हेतु टोकन प्राप्त कर सकेंगे। इस एप द्वारा किसान को समिति द्वारा दर्ज किसान की जानकारी पंजीकृत रकबा, बैंक खाता, टोकन एवं धान खरीदी आदि की सभी नवीनतम जानकारियां प्राप्त होंगी। इस एप के उपयोग से पंजीकृत किसानों द्वारा संबंधित समिति उपार्जन या उपार्जन केन्द्रों में आगामी 7 दिवस तक टोकन प्राप्त किया जा सकता है।

    एप के माध्यम से संबंधित समिति या उपार्जन केन्द्र में प्रत्येक दिन की खरीदी क्षमता के 30 प्रतिशत की सीमा तक ऑनलाइन टोकन प्राप्त किया जा सकेगा। उक्त सीमा में भी सीमांत, लघु व दीर्घ कृषकों को उनकी पंजीकृत संख्या के अनुपात में टोकन हेतु समान अवसर उपलब्ध होगा। संबंधित समिति उपार्जन केन्द्र में शेष 70 प्रतिशत खरीदी क्षमता की मात्रा ऑफलाइन टोकन हेतु उपलब्ध रहेंगी। ताकि जो किसान एप के माध्यम से टोकन प्राप्त करने में असुविधा महसूस करते हैं। उन्हें पूर्व वर्षों की भांति समिति मॉड्यूल से टोकन प्राप्त हो सके। एप के माध्यम से टोकन जारी करने की व्यवस्था पूर्व वर्षों में समिति माड्यूल से टोकन जारी करने की व्यवस्था करने की प्रक्रिया के अलावा अतिरिक्त रूप से की जा रही है। इस प्रकार कृषकों को ऑनलाइन एवं ऑफलाईन दोनों माध्यमों से टोकन प्राप्त हो सकेगा। उक्त एप के उपयोग से निम्नलिखित लाभ संभावित हैं- समिति/उपार्जन केन्द्रों में टोकन प्राप्त करने हेतु किसानों की भीड़ में कमी आएगी। किसानों को घर बैठे धान बेचने हेतु टोकन प्राप्त हो सकेगा, उन्हें समिति, उपार्जन केन्द्रों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। किसानों को अपनी पंजीयन संबंधित जानकारी जैसे व्यक्तिगत, भूमिगत/खाता/धान खरीदी एवं भुगतान की जानकारी भी सुगमता से प्राप्त हो सकेगी।

  • कोबरा के डसने पर बच्चे ने दांत से सांप को काटकर मौत के घाट उतारा

    कोबरा के डसने पर बच्चे ने दांत से सांप को काटकर मौत के घाट उतारा

    जशपुर,30 अक्टूबर 2022।  जिले से हैरान कर देने वाला खबर सामने आया है। यहां एक 8 वर्षीय पहाड़ी कोरवा बच्चे ने कोबरा सांप को काट लिया। जिससे सांप की मौत हो गई है। बताया जा रहा है बच्चा खेल रहा था,उसी समय जहरीले कोबरा ने उसे काट लिया। जिसके बाद गुस्से में आकर बच्चे ने सांप को काटकर मौत के घाट उतार दिया। बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ्य है।

    मिली जानकारी के अनुसार घटना बगीचा विकासखंड के पंडरापाठ इलाके का है। यहां रहने वाला पहाड़ी कोरवा बालक दीपक राम घर से कुछ दूर खेल रहा था। उसी समय एक सांप ने उसके हाथ को डस लिया। इसके बाद गुस्से में दीपक राम ने भी सांप को पकड़कर उसे अपने दांतों से काट लिया। इस दौरान सांप ने दीपक के हाथों को बुरी तरह जकड़ लिया। बच्चे के काटने से सांप की मौत हो गई है। जिसके बाद उसकी दीदी को घटना की जानकारी लगी तो उसने तत्काल दीपक को उपचार के लिए अस्पताल ले गई। उपचार के बाद दीपक अभी पूरी तरह स्वस्थ्य है।

    जिला चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रंजीत टोप्पो ने बताया कि सर्पदंश के मामले से निपटने के लिए जिले के सभी सीएचसी और पीएचसी केंद्रों में एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ ही जागरूकता के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है।