प्रयागराज,04 अक्टूबर 2022 /
देश के प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान में शुमार मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) में शिक्षकों की कमी जल्द दूर हो जाएगी। असिस्टेंट प्रोफेसर के 113 पदों देश के प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान में शुमार मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) में शिक्षकों की कमी जल्द दूर हो जाएगी। असिस्टेंट प्रोफेसर के 113 पदों के लिए नवंबर में इंटरव्यू शुरू होगा। जल्द ही इंटरव्यू की तिथि घोषित कर प्रवेश पत्र जारी कर दिए जाएंगे। शिक्षक भर्ती के लिए तकरीबन पांच हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। स्क्रीनिंग का काम पूरा हो गया है। शिक्षक भर्ती के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर लेवल-11 एवं 12 के तहत नियुक्ति होगी। असिस्टेंट प्रोफेसर लेवल-11 में कुल 47 पद हैं। इसमें सामान्य वर्ग के 19, ईडब्ल्यूएस के पांच, ओबीसी के 12, एससी के सात, एसटी के चार, पीडब्ल्यूडी के दो पद हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर लेवल-12 में कुल 68 पद हैं। इसमें सामान्य वर्ग के 22, ईडब्ल्यूएस के 11, ओबीसी के 18, एससी के 11, एसटी के छह, पीडब्ल्यूडी के चार पद हैं। यानी दोनों को मिलाकर असिस्टेंट प्रोफेसर के कुल 113 पद हैं। विदित हो कि इससे पहले सितंबर 2019 में असिस्टेंट प्रोफेसर के 108 पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन लिया गया था। कोविड-19 के चलते भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी थी। संस्थान ने दोबारा वर्ष 2021 के आरंभ में असिस्टेंट प्रोफेसर के 113 पदों के लिए विज्ञापन जारी कर 20 फरवरी से 15 मार्च तक ऑनलाइन आवेदन लिया। कोरोना के चलते फिर आवेदन की तिथि बढ़ाकर 25 जून 2021 की गई। रजिस्ट्रार डॉ. सर्वेश तिवारी ने बताया कि नवंबर में इंटरव्यू होगा। जल्द इंटरव्यू कार्यक्रम घोषित कर प्रवेश पत्र जारी कर दिया जाएगा।
नॉन टीचिंग के 13 पदों के लिए स्क्रीनिंग शुरू
एमएनएनआईटी में शिक्षक भर्ती के साथ ही नॉन टीचिंग के 13 पदों पर भर्ती होगी। इसके लिए स्क्रीनिंग चल रही है। इसमें उप कुलसचिव के दो, पुस्तकालाध्यक्ष के एक, उप पुस्तकालाध्यक्ष के एक, प्रधान वैज्ञानिक के एक, वरिष्ठ वैज्ञानिक के एक, तकनीकी अधिकारी के दो, अधीक्षण अभियंता के एक, वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता के एक, चिकित्सा अधिकारी और सहायक निदेशक के एक-एक पद हैं।
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जल्द दूर होगी शिक्षकों की कमी, इंटरव्यू शीघ्र
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मुख्यमंत्री से निगम-मंडल-आयोग के नवनियुक्त पदाधिकारियों ने की सौजन्य मुलाकात
रायपुर, 04 नवम्बर 2022/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज शाम यहां उनके निवास कार्यालय में विभिन्न निगम, मंडल और आयोग के नवनियुक्त पदाधिकारियों ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री बघेल ने सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को हार्दिक बधाई देते हुए पदेन दायित्वों के कुशलतापूर्वक निर्वहन के लिए शुभकामनाएं दी। इनमें मुलाकात के दौरान अरपा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभय नारायण राय व सदस्य महेश दुबे, नरेन्द्र बोलर, आशा पाण्डेय, केश शिल्प बोर्ड के उपाध्यक्ष चित्रकांत श्रीवास, उर्दू अकादमी के सदस्य अब्दुल शाहिद कुरैशी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति आयोग के सदस्य ज्योति कश्यप तथा अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य रमेश पैगवार शामिल रहे।
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मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय गोंडवाना गोंड महासभा द्वारा अनुसूचित जनजाति के हित संबंधी सौंपा गया प्रस्ताव
रायपुर, 04 नवम्बर 2022/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राष्ट्रीय गोंडवाना गोंड महासभा की ओर से छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य शासन के विचार हेतु एक सामाजिक प्रस्ताव सौंपा गया है। इसमें अनुसूचित जनजाति समुदाय के हित संबंधी विभिन्न बिन्दुओं को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री बघेल ने इनकी मांगों पर त्वरित पहल करते हुए कहा कि शासकीय विभागों में रोस्टर के पालन के संबंध में जांच के लिए प्रकोष्ठ गठित होगा। साथ ही सहकारिता विभाग में हर समुदाय के लोगों को उचित प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए आवश्यक कार्यवाही किए जाने भी आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव के अन्य बिन्दुओं पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार के लिए आश्वस्त किया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुलाकात के लिए राज्य भर से आदिवासी समाज के प्रमुख 01 नवम्बर को राजधानी रायपुर पहुंचे थे।
इस दौरान राष्ट्रीय गोंडवाना गोंड महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सोनऊराम नेताम द्वारा समाज की ओर से दिए गए इस प्रस्ताव में सहकारिता विभाग में अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को अधिनियम के अनुसार प्रतिनिधित्व प्रदान करने और संविधान के अनुच्छेद 16 (4) के तहत प्रदत्त उपबंध अनुसार विभिन्न सेवाओं, पदोन्नति, शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के अवसर उपलब्ध कराना शामिल है। इसी तरह छत्तीसगढ़ में रोस्टर प्रणाली को लागू करने एक समिति गठित करने और मंत्रालय में इसके निगरानी के लिए एक प्रकोष्ठ स्थापित करने का प्रस्ताव दिया गया है।
इसके अलावा प्रस्ताव भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन अनुसूचित जनजाति समुदाय के लिए घातक बताते हुए इसमें छत्तीसगढ़ शासन को विचार करने और छत्तीसगढ़ में अनुच्छेद 342 में उल्लेखित अनुसूचित जनजाति समुदाय को आदिवासी, ट्रायबल, इंडिजिनियस प्यूपुल्स समुदाय के रूप में मान्यता देने हेतु पहल शामिल है। राज्य में टीएसपी के तहत आबंटित 21 हजार करोड़ के लक्ष्य को मार्च 2023 तक पूरा करने आदिम जाति विभाग से विशेष अभियान चलाया जाना प्रस्तावित है। खनिज उत्खनन, बांध एवं उद्योग आदि परियोजना से प्रभावित ग्रामवासियों को राहत, पुनर्वास एवं बेरोजगार युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने संबंधी बिन्दु शामिल है।
इस अवसर पर गोंड़ समाज, उरांव, भुईंया, कंवर, मुण्डा, पंडो, मंझवार, नगेसिया, नागवंशी आदि विभिन्न समाजों के प्रतिनिधिमंडल में सर्वश्री रामसाय, भानुप्रताप सिंह मरकाम, रघुनाथ, तुलसीराम, चतुर सिंह तारम, सुश्री तारा मंडावी, महावती कोमरे, शेर सिंह आचला, बाल सिंह, निलकंठ सिंह ठाकुर, पन्नालाल धु्रव, शिवप्रसाद, कौशल ठाकुर, पुनीत राम, मनोज भगत, रविन्द्र पैकरा, शरण सिंह, सोमार साय, सीताराम, बिहारी राम पैकरा, शिवराम पण्डो, बबलू कुमार, राजेश, मलकू राम, रविशंकर तथा रामचन्द्र मुण्डा आदि शामिल थे।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुंगेली व्यापार मेला के ब्रोशर का किया विमोचन
रायपुर, 04 नवंबर 2022/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज शाम यहां अपने निवास कार्यालय में वीर शहीद धनंजय सिंह स्टेडियम मुंगेली में 8 से 13 दिसम्बर 2022 तक आयोजित मुंगेली व्यापार मेला के ब्रोशर का विमोचन किया। उन्होंने इस अवसर पर मेला के सफल आयोजन के लिए आयोजित समिति को शुभकानाएं दी।
यह मेला मुंगेली जिले के व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और मुंगेली जिले को व्यापारिक केन्द्र के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से स्टार्स ऑफ टूमारो वेल्फेयर सोसायटी मुंगेली के तत्वाधान में आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर सोसायटी के पदाधिकारी सीमा वर्मा तथा सर्वश्री हेमेन्द्र गोस्वामी, रामपाल सिंह, राहुल कुर्रे तथा गौरव जैन आदि उपस्थित थे।
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कलेक्टर डॉ. भुरे ने जल विहार कॉलोनी रोड़ मरम्मत कार्य का किया निरीक्षण
रायपुर, 03 नवम्बर 2022/ कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज यहां जल विहार कॉलोनी के मुख्य मार्ग के सुदृढ़ीकरण एवं डामरीकरण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने सड़क की मोटाई एवं डामर मिक्स मटेरियल का टेंपरेचर भी जांच किया।
कलेक्टर भुरे ने मरम्मत एवं डामरीकरण कार्य की गुणवत्ता परीक्षण उपरांत सड़कों के गड्ढे में सामग्री भरने के बाद कंप्रेसर मशीन से व्यवस्थित रूप से समतल करने निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि जिले की सड़कों का पेंच रिपेयरिंग और संधारण कार्य शुरू हो गया है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को तेजी से सड़कों की मरम्मत कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने विभागीय अधिकारियों से कहा कि सड़कों के मरम्मत का कार्य पूरी गुणवत्ता के साथ किया जाना चाहिए। इस कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इस अवसर पर पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। -
मंत्री डॉ. टेकाम का दौरा कार्यक्रम
रायपुर, 04 नवम्बर 2022/ आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम 4 और 5 नवम्बर को सरगुजा, सूरजपुर और बलरामपुर जिले के प्रवास पर रहेंगे और वहां आयोजित स्थानीय कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
मंत्री डॉ. टेकाम 3 नवम्बर को रात 9.30 बजे रायपुर से प्रस्थान कर 4 नवम्बर को सुबह 7.30 बजे अम्बिकापुर सर्किट हाउस पहुंचेंगे और वहां से सुबह 9 बजे वाड्रफनगर के लिए प्रस्थान करेंगे। मंत्री डॉ. टेकाम सुबह 11 बजे वाड्रफनगर पहुंचकर वहां स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होंगे। वाड्रफनगर से वे शाम 6.30 बजे प्रस्थान कर रात्रि 8 बजे सूरजपुर जिले के प्रतापपुर पहुंचेंगे।
मंत्री डॉ. टेकाम 5 नवम्बर को प्रतापपुर में सुबह 11 बजे स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होंगे और रात्रि 9.30 बजे प्रतापपुर से अम्बिकापुर के लिए प्रस्थान करेंगे। डॉ. टेकाम 5 नवम्बर को रात्रि 10.20 बजे अम्बिकापुर से रायपुर के लिए प्रस्थान करेंगे।
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विकास प्रदर्शनी में दिखी महिला सशक्तिकरण की झलक
रायपुर, 04 नवंबर 2022/ राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित राज्योत्सव में जहां प्राचीन जनजाति नृत्य संस्कृति संस्कृति से लोग परिचित हुए वहीँ विकास प्रदर्शनी में युवा छत्तीसगढ़ के बढ़ते वैभव को भी लोगों ने देखा। यहां तेजी से बढ़ते छत्तीसगढ़ के साथ महिला सशक्तिकरण की झलक भी दिखाई दी। यह झलक न सिर्फ महिलाओं के चेहरों में दिखी बल्कि उनकी सोच में भी नजर आई। यह आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की चमक है ,जो छत्तीसगढ़ की स्वयंसिद्धा महिलाओं को उनकी मेहनत और आगे बढ़ने के जज़्बे से मिली है।
महिला बाल विकास विभाग के स्टॉल में जांजगीर=चांपा जिले से आई भारती महिला स्व सहायता समूह की श्रीमती सीमा खरे ने बताया कि उनका समूह सेनेटरी नैपकिन बनाता है। समूह में 10 सदस्य हैं। वो प्रेस मशीन की सहायता से जैली वाला सेनेटरी पैड बनाते हैं,जिसका नाम उन्होंने सहेली रखा है। इसके विक्रय से समूह को अच्छी आमदनी हो जाती है।
उनके समूह ने महिला बाल विकास विभाग के महिला कोष से 30 हजार और आजीविका मिशन से एक लाख रुपये लोन लेकर सेनेटरी पैड बनाने का काम शुरू किया था। उन्होंने खुश होकर बताया कि उन्होंने अब पूरा लोन चुकता कर दिया है। उन्होंने बताया कि उनके समूह की महिलाएं सेनेटरी पैड बनाने के साथ गाँव में महिलाओं को शारीरिक स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए जागरूक भी करती हैं। इससे बहुत सी महिलाओं में जागरुकता आई है।जशपुर से आई उरांव जनजाति की बालमुनी ने बताया कि वह हरियाली स्व सहायता महिला समूह की सदस्य हैं और 10 वीं तक पढ़ी हैं। पहले वह कोई काम नहीं करती थी, फिर राज्य सरकार के माध्यम से टोकरी बनाने की ट्रेनिंग ली। उनके गाँव में 8 समूह इस काम में लगे हैं। हर समूह में 10 सदस्य हैं। उनके समूह को महीने में 70 से 80 हजार की कमाई हो जाती है।
इनके साथ ही कई महिलाएँ छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजन, सजावटी और पूजा के समान,मसाले,आभूषण और इसी तरह हाथ से बने कई समानों का विक्रय करती नजर आई। -
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का रंगारंग समापन
रायपुर, 4 नवम्बर, 2022। तीसरे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में देश-विदेश के कलाकारों ने एक साथ मंच साझा किया। तीन दिवसीय महोत्सव में बड़ी संख्या में आदिवासी कलाकारों ने अपनी कला और संस्कृति को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। फसल कटाई की श्रेणी में प्रथम स्थान पर छत्तीसगढ़ के करमा नृत्य को, दूसरे स्थान पर ओडिशा के ढेंगसा नृत्य को और तीसरे स्थान पर हिमाचल प्रदेश के गद्दी नृत्य को पुरस्कृत किया गया। तो वहीं विवाह संस्कार एवं अन्य श्रेणी में पहला स्थान सिक्किम को, दूसरा स्थान ओडिशा को और तीसरा स्थान झारखंड को मिला। विशेष ज्यूरी सांत्वना सम्मान असम और गुजरात को मिला। इसके अलावा विदेश से आये कलाकारों का भी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने सम्मान किया।
पुरुस्कार वितरण के बाद देश के साथ-साथ विदेशों से आये कलाकारों का नृत्य हुआ। आदिवासी कलाकारों ने अपनी संस्कृति और लोक नृत्य की झलक पेश की है। छत्तीसगढ़ में गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है। गुलाबी ठंड के बीच राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में आए लोग देर रात तक जमे रहे हैं। गीत, संगीत और नृत्य ने अतिथियों को कार्यक्रम में डटे रहने के लिए मजबूर किया। आदिवासी कलाकारों ने नृत्य के जरिए पूरे कार्यक्रम में समां बांध दिया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेलऔर झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने कार्यक्रम का लुत्फ उठाया है। इस दौरान देश-विदेश से आए आदिवासी कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी है। रसियन दल ने वरेन्का नृत्य के साथ शानदार शुरुआत की, इस नृत्य के जरिए रूसी संस्कृति को प्रस्तुत किया गया। रशियन कलाकारों ने गालिया और कोसेंग सूट नृत्य की प्रस्तुति दी। कोसेंग नृत्य विजय के बाद अपनी परंपरा और शौर्य को दर्शाने के लिए किया जाता है। रशियन कलाकारों ने प्रेम, संगीत, परिधान और परंपरा चारो एक ही डांस में और शारीरिक संतुलन का अद्भुत प्रदर्शन किए।आदिवासी नृत्य महोत्सव में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले सिक्किम के कलाकारों द्वारा तमांग सेलो नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी गयी। पारंपरिक अवसर और अनुष्ठानों में किये जाने वाले इस नृत्य से दर्शकों में उत्साह भर दिया। टोगो से आये कलाकारों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों पर अनोखी प्रस्तुति दी। फसल कटाई के अवसर पर किए जाने वाले श्रेणी में छत्तीसगढ़ के जिस नृत्य दल को करमा नृत्य को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ उसकी प्रस्तुति देखकर दर्शको में उत्साह दिखा। फ्यूज़न डांस में देश-विदेश के कलाकारों के साथ संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत के साथ साथ जनप्रतिनिधियों ने बस्तरिया और छत्तीसगढ़िया गाना में जमकर नाचे।
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में करीब 4 हजार किलोमीटर दूर सर्बिया से आये कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नृत्य कौशल को देख दर्शक काफी उत्साहित हूये। सर्बिया के कलाकार ट्रेडिशनल डांस का प्रदर्शन किए। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2022 में अंतिम प्रस्तुति के रूप में मोजांबिक के कलाकार अपनी सांस्कृतिक नृत्य की प्रस्तुति दी। -
के.पी. खण्डे जी को अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष बनाए जाने का सतनामी समाज ने किया स्वागत.
रायपुर 4 नवंबर 2022/
रायपुर/ गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के प्रदेश अध्यक्ष व सेवानिवृत्त डिप्टी कलेक्टर, अधिवक्ता के.पी. खण्डे साहब को छ.ग. शासन द्वारा (संवैधानिक पद) अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष बनाए जाने पर सतनामी समाज के लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए इसका स्वागत किया है….
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रविवार को बड़ी संख्या में सतनामी समाज के लोगों ने छ.ग. प्रभारी मान.पी.एल पुनिया जी, नगरीय प्रशासन मंत्री मान. डॉ. शिव कुमार डहरिया जी व नवनियुक्त अध्यक्ष के.पी. खण्डे जी से भेंटकर उनका मुंह मीठा कराते हुए बुके व पुष्पहार से जोरदार स्वागत किया । इस दौरान लगातार जय-जय सतनाम की जयघोष होती रही।
💥इस दौरान श्री खण्डे ने अपने नियुक्ति के लिए प्रभारी श्री पी.एल. पुनिया जी, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी व नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया जी का आभार जताते हुए कहा कि वे अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान व हितों की रक्षा के साथ-साथ उन्हें न्याय दिलाने सदैव तत्पर रहेंगे…..
🌷💐 स्वागत कर आभार जताने वालों में वालों में डॉ. जे.आर .सोनी, सुंदरलाल जोगी, चेतन चंदेल, जी. आर. बाघमारे, श्रीमती शकुन डहरिया, श्रीमती पुष्पा पाटले, आर.के. पाटले ,प्रकाश बांधे, उतित भारद्वाज, टिकेन्द्र बघेल, सुखनंदन बंजारे ,अगम अनंत, पं. अंजोर दास बंजारे, सनत डहरिया, घासीदास कोसले ,अरुण मंडल, रघुनाथ भारद्वाज, डी.डी. भारती ,कृष्णा बरमाल, प्रो. डी.एन. खुटे ,बाबा डहरिया, मनमोहन कुर्रे, प्रेम बघेल, मानसिंह गिलहरें, मेलाराम डांडे ,हेमंत कुर्रे, आसाराम लहरे, राधेश्याम बंजारे, इंदु डहरिया ,धनेश्वरी डांडे, आशा पात्रे, ममता कुर्रे सहित अनेकों लोग उपस्थित थे । -
वैज्ञानिक दृष्टिकोण क्यों ज़रूरी है?
रायपुर 4 नवंबर 2022/
वैज्ञानिक दृष्टिकोण मूलतः एक ऐसी मनोवृत्ति या सोच है जिसका मूल आधार किसी भी घटना की पृष्ठभूमि में उपस्थित कार्य-करण को जानने की प्रवृत्ति है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण हमारे अंदर अन्वेषण की प्रवृत्ति विकसित करती है तथा विवेकपूर्ण निर्णय लेने में सहायता करती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण की शर्त है बिना किसी प्रमाण के किसी भी बात पर विश्वास न करना या उपस्थित प्रमाण के अनुसार ही किसी बात पर विश्वास करना।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तात्पर्य है कि हम तार्किक रूप से सोचे।जनसामान्य में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करना हमारे *संविधान के अनुच्छेद 51, ए के अंतर्गत मौलिक कर्तव्यों में से एक है।इसलिए प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास के लिए प्रयास करे।*
दुनिया भर में वैज्ञानिक चेतना की बदौलत हो रहे समाज विकास व भारत में अंधविश्वासों, रूढ़ियों, पाखण्डों द्वारा समाज के विकास के रास्ते में डाले जा रहे अवरोधों को दूर करने, एक विवेकशील समाज बनाने के उद्देश्य से ही हमारे संविधान में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को मौलिक कर्तव्यों की सूची में शामिल किया गया। इसका मक़सद भविष्य में वैज्ञानिक सूचना एवं ज्ञान में वृद्धि से वैज्ञानिक दृष्टिकोण युक्त चेतनासम्पन्न समाज का निर्माण करना था, परंतु वर्तमान सत्य इससे परे है।
जब अपने कार्यक्षेत्र में विज्ञान की आराधना करने वाले वैज्ञानिकों का प्रत्यक्ष सामाजिक व्यवहार ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विपरीत हो, तो बाकी बुद्धिजीवियों तथा आम शिक्षित-अशिक्षित लोगों के बारे में क्या अपेक्षा कर सकते हैं!
आज भी हमारा समाज कई तरह के अंधविश्वासों, पाखण्डों की जकड़ में गिरफ़्त है। जातिवादी भेदभाव, धार्मिक भेदभाव, ढोंगी बाबाओं का प्रभाव, डायन-चुड़ैल के नाम पर महिलाओं की हत्याएँ, हर काम करने से पहले मुहूर्त देखना, कर्म के बजाय राशि व पूर्व निर्धारित भाग्य पर भरोसा करना, आधुनिक विज्ञान के नियमों को आधार बनाकर वैज्ञानिक चेतना फैलाने के बजाय धार्मिक ग्रंथों में विज्ञान ढूँढना, आधुनिक चिकित्सा पद्धति के बजाय तांत्रिकों, ओझाओं, पीर-फ़क़ीरों से इलाज/समाधान की उम्मीद करना आदि आदि।वैज्ञानिक दृष्टिकोण का संबंध तर्कशीलता से है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार वही बात ग्रहण के योग्य है जो प्रयोग और परिणाम से सिद्ध की जा सके, जिसमें कार्य-कारण संबंध स्थापित किये जा सकें। चर्चा, तर्क और विश्लेषण वैज्ञानिक दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण अंग है। गौरतलब है कि निष्पक्षता, मानवता, लोकतंत्र, समानता और स्वतंत्रता आदि के निर्माण में भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण कारगर सिद्ध होता है।
आओ तर्कवादी, विवेकशील, वैज्ञानिक दृष्टिकोण युक्त समाज निर्माण करने की ओर आगे बढ़ें। किसी भी देश व समाज का विकास विज्ञान व तकनीकी के विकास व उसका मानवता के हित में उपयोग करने। समाज के तर्कशील व अंधविश्वास मुक्त होने से ही हो सकता है।