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  • नोरा फतेही ने टाइट मरून शिमरी बॉडीकॉन ड्रेस पहनकर दिखाए हुस्न के लाखों रंग

    नोरा फतेही ने टाइट मरून शिमरी बॉडीकॉन ड्रेस पहनकर दिखाए हुस्न के लाखों रंग

    मुंबई,08 नवम्बर 2022\ लेटेस्ट फोटोशूट में नोरा फतेही  मरून कलर की शिमरी गाउन पहने नजर आ रही हैं. नोरा की ये ड्रेस इतनी ज्यादा टाइट है कि उसमें उनका परफेक्ट फिगर साफ नजर आ रहा है.

    नोरा की ये ड्रेस हाई थाई स्लिट है और ड्रेस का गला हद से ज्यादा डीप है. इस ड्रेस को नोरा ने ब्रालेस होकर पहना है जिसमें उनकी क्लीवेज नजर आ रही है.

    अपने लुक को पूरा करने के लिए नोरा ने गले में गोल्डन कलर की मोटी सी चेन पहनी हुई है. इसके साथ ही कान में गोल्डन कलर के इयररिंग्स पहने हुए हैं. साथ ही बालों को ओपन किया हुआ है.

    नोरा फतेही की ये गाउन ट्रांसपेरेंट है जिसमें उनका बदन साफ झलक रहा है. इस रिवीलिंग ड्रेस को पहनकर नोरा फतेही कैमरे के सामने अपने हुस्न का बलखाती हुई नजर आ रही हैं.

    इन तस्वीरों को नोरा फतेही ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर शेयर किया है. एक्ट्रेस ने जैसे ही अपने इस बोल्ड लुक की फोटो शेयर की तो फैंस उनके लुक की जमकर तारीफ करने लगे. आपको बता दें, नोरा फतेही लगातार एक के बाद बोल्ड तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करती रहती हैं. इन तस्वीरों में एक्ट्रेस अक्सर हद से ज्यादा रिवीलिंग कपड़ों में नजर आती हैं. कर नोरा फतेही कैमरे के सामने अपने हुस्न का बलखाती हुई नजर आ रही हैं.

    इन तस्वीरों को नोरा फतेही ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर शेयर किया है. एक्ट्रेस ने जैसे ही अपने इस बोल्ड लुक की फोटो शेयर की तो फैंस उनके लुक की जमकर तारीफ करने लगे. आपको बता दें, नोरा फतेही लगातार एक के बाद बोल्ड तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करती रहती हैं. इन तस्वीरों में एक्ट्रेस अक्सर हद से ज्यादा रिवीलिंग कपड़ों में नजर आती हैं.

  • छावला गैंगरेप केस के तीनों आरोपी किस आधार पर हुए बरी, पुलिस की लापरवाही से नहीं हो सका न्याय?

    छावला गैंगरेप केस के तीनों आरोपी किस आधार पर हुए बरी, पुलिस की लापरवाही से नहीं हो सका न्याय?

    नई दिल्ली,08 नवम्बर 2022\ सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के छावला इलाके में 2012 में 19 साल की लड़की से सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में तीन लोगों को बरी कर दिया, जिन्हें इस मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। तीनों पर फरवरी 2012 में लड़की का अपहरण करने, उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने और उसकी नृशंस हत्या करने का आरोप है। लड़की का क्षत-विक्षत शव उसके अपहरण के तीन दिन बाद मिला था। इस मामले में निचली अदालत ने 2014 में तीन आरोपियों को मौत की सजा सुनाई थी और मामले को ‘दुर्लभ से दुर्लभतम’ करार दिया था। बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसले को बरकरार रखा।

    SC ने आरोपियों को ‘संदेह का लाभ’ देते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष इनके खिलाफ अपना मामला साबित करने में विफल रहा है। चीफ जस्टिस यूयू ललित की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि निचली अदालत ने उन्हें दोषी ठहराते हुए ‘निष्क्रिय अंपायर’ की तरह काम किया। एससी ने कहा कि आरोपियों की पहचान अभियोजन पक्ष की ओर से स्थापित नहीं की गई थी। कोर्ट ने इस मुकदमे में इसे एक बड़ी कमजोरी बताया। 49 गवाहों में से 10 का क्रॉस एग्जामिन ही नहीं किया गया।

    कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?
    रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि जांच के दौरान ASI की ओर से मृतक के शरीर के जो बाल मिला था, वो काफी संदिग्ध है। अदालत ने इसका भी जिक्र किया कि लड़की का फील्ड में जो शव मिला था, वो सड़ा नहीं था। साथ ही बेंच ने यह भी सवाल उठाया कि तीन दिनों तक शव फील्ड में पड़ा रहा, लेकिन किसी का भी उस पर ध्यान नहीं गया।

    तीनों आरोपियों के बरी होने के बाद पीड़िता के माता-पिता ने कहा कि हम न केवल जंग हार गए हैं, बल्कि हमारी जीने की इच्छा भी खत्म हो गई है। पीड़िता के पिता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले से उन्हें निराश किया है और 11 साल से अधिक समय तक लड़ाई लड़ने के बाद न्यायपालिका से उनका विश्वास उठ गया है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि ‘सिस्टम’ उनकी गरीबी का फायदा उठा रहा है।

    समझिए पूरा मामला
    अभियोजन पक्ष के अनुसार, गुड़गांव के साइबर सिटी इलाके में काम करने वाली पीड़िता उत्तराखंड की रहने वाली थी। घटना वाले दिन वह अपने दफ्तर से लौट रही थी और अपने घर के पास थी, तभी तीन लोगों ने एक कार में उसका अपहरण कर लिया। लड़की जब घर नहीं लौटी तो उसके माता-पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। बाद में लड़की का शव सड़ी-गली हालत में हरियाणा के रेवाड़ी में एक गांव में मिला।

  • शिक्षा लाभ कमाने का व्यवसाय नहीं, ट्यूशन फीस होनी चाहिए सस्ती; सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

    शिक्षा लाभ कमाने का व्यवसाय नहीं, ट्यूशन फीस होनी चाहिए सस्ती; सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

    नई दिल्ली,08 नवम्बर 2022\ सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि शिक्षा लाभ कमाने का व्यवसाय नहीं है और ट्यूशन फीस हमेशा सस्ती होनी चाहिए। बता दें कि आंध्र प्रदेश सरकार ने फीस 24 लाख रुपये प्रति वर्ष बढ़ाने का निर्णय किया था, जो निर्धारित फीस से सात गुना अधिक थी। इसको बाद में हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने सोमवार को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए यह टिप्पणी की।

    कोर्ट ने आगे कहा कि ट्यूशन फीस का निर्धारण/ समीक्षा करते समय कुछ कारकों पर प्रवेश और शुल्क नियामक समिति (AFRC) द्वारा विचार किया जाना आवश्यक है। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने 6 सितंबर, 2017 के सरकारी आदेश के तहत ट्यूशन फीस की राशि वापस करने के निर्देश जारी करने में कोई गलती नहीं की है। इसलिए, हाई कोर्ट का सरकार के फैसले को रद्द करना बिल्कुल उचित है।

    ‘राशि को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती’
    कोर्ट ने बताया कि प्रबंधन को अवैध सरकारी आदेश दिनांक 06.09.2017 के अनुसार बरामद/एकत्र की गई राशि को बनाए रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। अदालत ने कहा, जैसा कि उसने नोट किया कि मेडिकल कॉलेजों ने कई वर्षों तक राशि का उपयोग किया है और कई वर्षों तक अपने पास रखा है। वहीं, दूसरी ओर छात्रों ने वित्तीय संस्थानों और बैंकों से कर्ज प्राप्त करने के बाद ज्यादा ट्यूशन फीस का भुगतान किया है और उच्च ब्याज दर दी। अदालत ने कहा कि इसलिए, हाई कोर्ट द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार 6 सितंबर, 2017 के सरकारी आदेश के तहत एकत्र की गई ट्यूशन फीस की राशि वापस करने के लिए पहले के निर्धारण के अनुसार देय राशि को समायोजित करने के बाद भी हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है। इन टिप्पणियों के साथ, सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ मेडिकल कॉलेज द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया।

  • EWS कोटे पर थम नहीं रहा सियासी घमासान, अब स्टालिन बुलाई सर्वदलीय बैठक; अगले कदम पर लेंगे फैसला

    EWS कोटे पर थम नहीं रहा सियासी घमासान, अब स्टालिन बुलाई सर्वदलीय बैठक; अगले कदम पर लेंगे फैसला

    नई दिल्ली ,08 नवम्बर 2022\ सामान्य वर्ग के गरीबों को मिलने वाले 10 फीसदी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर के बाद भी इस पर राजनीतिक घमासान थमता नहीं दिख रहा है। खासतौर पर दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु में यह बड़ा मुद्दा बन सकता है। राज्य के सीएम एमके स्टालिन ने EWS आरक्षण का विरोध किया है और इसे 100 साल की सामाजिक न्याय की यात्रा को झटका बताया है। अब उन्होंने इसके खिलाफ रणनीति बनाने के लिए 12 नवंबर को राज्य के सभी दलों की बैठक बुलाई है। इस मीटिंग में उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ अगले कदम पर विचार किया जाएगा। एमके स्टालिन ने पहले ही ऐलान किया है कि वह इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे।

    मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य की सभी पार्टियों के विधायक दल के नेताओं को पत्र लिखा है और मीटिंग की जानकारी दी है। सचिवालय में होने वाली इस मीटिंग में सभी राजनीतिक दलों के दो-दो सदस्यों को आमंत्रित किया गया है। मंगलवार को स्टालिन सरकार की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है, ‘एक संवैधानिक संशोधन केंद्र सरकार की ओर से 2019 में पारित किया गया था। इसके तहत शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। अब इसके खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे सही करार दिया है।’

    स्टालिन सरकार ने अपने पत्र में ईडब्ल्यूएस आरक्षण की व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इसका आधार आर्थिक है। इससे पहले संविधान में सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांत पर कोटे की बात कही गई थी। पत्र में कहा गया है कि EWS कोटे को चुनौती देने के लिए एक बैठक 12 नवंबर को बुलाई गई है। इस मीटिंग की एमके स्टालिन अध्यक्षता करेंगे। इससे पहले सोमवार को फैसले के तुरंत बाद एमके स्टालिन का कहना था कि हम सभी को अब इसके खिलाफ एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि हमने 100 सालों तक सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी है। अब इस लड़ाई में शामिल रही सभी शक्तियों को एक बार फिर से एकजुट होना होगा।

  • सिंघम मैत्रीबाग में नन्हे शावक सिंघम को देखने, लोगों की भीड़ उमड़ी

    सिंघम मैत्रीबाग में नन्हे शावक सिंघम को देखने, लोगों की भीड़ उमड़ी

    दुर्ग,08 नवम्बर 2022। छत्तीसगढ़ में एक ऐसा चिड़ियाघर है, जो सफेद शेरों के लिए जाना जाता है। दुर्ग जिले में भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा निर्मित भारत और रूस की मित्रता के प्रतीक मैत्री बाग जू को सफेद शेरों की नर्सरी भी कहा जाता है। यहां लगभग 7 सफेद शेर और शेरनी हैं। यहां बड़ी संख्या में शावक जन्म लेते हैं। इसी तरह दो महीने पहले पैदा हुए नन्हे शावक सिंघम को अब केज के बाहर छोड़ दिया गया है। यानी सिंघम को देखने के लिए अब पर्यटकों का इंतजार खत्म हो चुका है।

    भिलाई इस्पात संयंत्र के मैत्री बाग में सिंघम को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। सिंघम अपनी मां रोमा के साथ केज के बाहर खुले आसमान में पहली बार बाहर आया। जिसे देखने के लिए स्कूली बच्चों और पर्यटकों की भीड़ लग रही है। दरअसल दो महीने पहले शावक सिंघम को सफदे शेरनी रोमा ने जन्म दिया है। शावक को किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए जू प्रबंधन ने दो माह तक सिंघम का विशेष ध्यान रखा।

    मैत्री बाग जू में एक-एक कर सफेद बाघ की मौत के साथ इनकी संख्या घटती जा रही थी। ऐसे में पैदा हुआ नया शावक कई सालों बाद काफी खुशी लेकर आया है। इससे पहले जू प्रबंधन सफेद शेरनी सोनम और सुल्तान की ब्रीडिंग कराता था। लेकिन उसके दूसरे जू चले जाने से सुल्तान अकेला पड़ गया था। इस बीच उसकी दोस्ती जू की नई शेरनी रोमा के साथ हुई। इस जोड़े को एक साथ केज में रखा गया। उनकी ब्रीडिंग करवाई गई। यह प्रयोग सफल रहा और जू में फिर से सफेद शेर का कुनबा बढ़ने लगा है। जू के इंजार्ज डॉ. एनके जैन ने बताया कि मैत्री बाग में 4 सालों बाद कोई शेर पैदा हुआ है। इससे पहले 2018 में सफेद बाघ के शावक रक्षा और आजाद की किलकारी गूंजी थी। सिंघम को दो माह तक पर्यटकों से दूर रखा गया और आज सिंघम को पर्यटकों के लिए बाड़ा के बाहर छोड़ा गया। यह पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र होगा।

  • कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक खत्म, भानुप्रतापपुर उपचुनाव के लिए आए 14 नाम, हाईकमान जल्द लेगा निर्णय

    कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक खत्म, भानुप्रतापपुर उपचुनाव के लिए आए 14 नाम, हाईकमान जल्द लेगा निर्णय

    रायपुर,08 नवम्बर 2022। कांग्रेस प्रदेश चुनाव समिति की कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में कहल रही बैठक खत्म हो गई है। भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए 14 लोगों के नाम चुनाव समिति को दिए गए। इस बैठक में भानुप्रतापपुर उपचुनाव के लिए 14 दावेदारों के नामों पर चर्चा की गई है। इसमें स्वर्गीय मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी का नाम भी शामिल है जो सबसे आगे है। पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा कि 15 तारीख को नामों पर फिर से प्रदेश चुनाव समिति की बैठक होगी और उस दिन प्रत्याशी का नाम पर मुहर लगेगी।

    मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा प्रदेश इलेक्शन कमेटी की बैठक हुई। भानूप्रतापपुर विधानसभा में जो उपचुनाव होने वाला है उसके बारे में बैठक आयोजित की गई जिसमें 14 नाम आए हैं और इन सभी 14 नामों में से पीएल पुनिया जी को सौंप दिया है और हाईकमान को अधिकृत किया है उसमें वे निर्णय लें।

    प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा प्रदेश चुनाव समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें भानूप्रतापपुर उपचुनाव को लेकर प्रत्याशियों के नाम पर विचार किया गया। भानूप्रतापपुर विधानसभा से 14 नाम आए हैं। 14 नामों पर विचार किया गया और निर्णय लिया गया कि फिर से 14 नामों पर हम सर्वे कराएंगे। संगठन भी सर्वे करा रहा है। उस सर्वे के आधार पर हम नामों पर विचार करेंगे यह निर्णय लिया है और हमें लगता है कि 15 तारीख से पहले एक बार फिर से प्रदेश चुनाव समिति की बैठक होगी। इस बैठक में सर्वे में जो नाम आएगा, उस नाम पर प्रदेश चुनाव समिति मुहर लगाएगी।

  • जिले में अब तक 1288.80 क्विंटल धान की हुई खरीदी

    जिले में अब तक 1288.80 क्विंटल धान की हुई खरीदी

    रायगढ़, 08 नवम्बर 2022\ खरीफ  विपणन वर्ष 2022-23 में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन सहकारी समितियों में किया जा रहा है। इस वर्ष राज्य शासन द्वारा किसानों को राहत देने के उद्देश्य से 01 नवंबर से ही धान खरीदी प्रारंभ कर दिया गया है। धान खरीदी के 7 वे दिन जिले में 1288.80 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। जिले के 7 ब्लाकों में 95 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से धान खरीदी की जा रही है। यहां किसानों के लिए पेयजल और बैठने की सुविधा उपार्जन केंद्रो में की गई है। शासन द्वारा इस वर्ष किसानों की सुविधा के लिए ‘टोकन तुंहर हाथ’ एप तैयार किया गया है, किसान अब घर बैठे ऑनलाइन टोकन कटवा सकते है। जिससे किसानों में उत्साह है और वे घर बैठे अब टोकन प्राप्त कर रहे है। धरमजयगढ़ के खरीदी केन्द्र में धान बेचने आये किसानों का उपार्जन केन्द्र में तिलक लगाकर स्वागत किया गया। यहां किसानों में भी भारी उत्साह देखने को मिला। धान बेचने आये किसानों ने कहा हमें यहां किसी प्रकार की कोई तकलीफ  नहीं हुई, खरीदी केन्द्र में अच्छी व्यवस्था है। रायगढ़ ब्लॉक के ग्राम जुर्डा निवासी श्री मोती राम पटेल ने बताया कि उन्होंने 20 क्विंटल धान विक्रय किया है। उन्होंने बताया कि समिति के माध्यम से टोकन काटा गया, खरीदी में किसी प्रकार की समस्या नहीं हुई। धान विक्रय का पैसा भी अकाउंट में आ चुका है।समिति प्रबंधकों का कहना है कि इस वर्ष धान की फसल कटाई पिछडऩे के कारण धान खरीदी केन्द्रों में धान की आवक अपेक्षाकृत कम देखने को मिल रही है। वहीं आगामी दिनों फसल कटाई पश्चात धान में तेजी होगी।

  • उच्च शिक्षामंत्री उमेश पटेल ने शहीद स्व. नंदकुमार पटेल की जयंती पर उन्हें किया नमन

    उच्च शिक्षामंत्री उमेश पटेल ने शहीद स्व. नंदकुमार पटेल की जयंती पर उन्हें किया नमन

    रायगढ़, 08 नवम्बर 2022\ उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने अपने पिता एवं पूर्व गृहमंत्री शहीद स्व. नंदकुमार पटेल को उनकी जयंती के अवसर पर नंदेली स्थित ‘शांति बगिया’ समाधि स्थल में नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों व स्थानीय निवासियों ने भी उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।

  • गुरुजी कब आएंगे 5 साल से 6 टीचर का इंतजार

    गुरुजी कब आएंगे 5 साल से 6 टीचर का इंतजार

    भाटापारा,08 अक्टूबर 2022 /
    भाटापारा- देखते हैं। करते हैं। कर रहे हैं। बहुत जल्द होगी पदस्थापना। अब ताजा जवाब, प्रक्रिया चालू की जा चुकी है। ऐसी बातें सुनते-सुनते 5 साल बीत गए लेकिन नहीं मिले टीचर। फलस्वरूप रामसागर पारा पूर्व माध्यमिक विद्यालय, हेडमास्टर को मिलाकर महज तीन टीचर के भरोसे चल रहा है। नई योजना के बीच स्कूलें, जिस तरह प्रयोगशाला में बदल रही हैं, उसकी मिसाल है, शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय रामसागरपारा। ज्यादा से ज्यादा बच्चों को स्कूल से जोड़ने के प्रयासों के बाद इस स्कूल में भी दर्ज संख्या साल-दर-साल बढ़त ले रही है लेकिन जिस अनुपात में शिक्षक होने चाहिए उसे लेकर न खंड शिक्षा विभाग को चिंता है, ना जिला शिक्षा विभाग प्रयास कर रहा है। फलतः जैसे-तैसे करके अध्ययन-अध्यापन का काम चल रहा है। 6 टीचर की कमी
    शा. पूर्व माध्यमिक विद्यालय रामसागर पारा। दर्ज संख्या 275। मानक के अनुसार हेडमास्टर को मिलाकर आठ टीचर होना चाहिए लेकिन कुल जमा संख्या 3 पर आकर अटकी हुई है। विडंबना यह है कि गणित, अंग्रेजी और विज्ञान जैसे विषयों के टीचर, हैं ही नहीं। महज हिंदी और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों के भरोसे कैसे गुणवत्ता कायम रखी जाती होगी? यह सवाल जिम्मेदार अधिकारियों से पूछे जा रहे हैं।
    इसलिए यह व्यवस्था
    जिन विषयों के टीचर नहीं हैं, उनकी पढ़ाई के लिए स्कूल प्रबंधन ने अपने स्तर पर उच्च शिक्षा प्राप्त 3 बेरोजगार युवक और युवतियों की व्यवस्था की है। बाकायदा समन्वयक की अनुमति से चल रही यह व्यवस्था, दर्ज संख्या के अनुपात में टीचर की तैनाती के दावों की पोल ही खोलती है क्योंकि खंड शिक्षा क्षेत्र की कई स्कूलों में ऐसी ही व्यवस्था की गई है।
    सदाबहार जवाब
    नियमित भेजी जाने वाली जानकारी में स्कूल प्रबंधन बाकायदा दर्ज संख्या के अनुपात में टीचरों की मांग करता है। जिस पर, देखेंगे। करते हैं। कर रहे हैं। बहुत जल्द होगी पदस्थापना और प्रक्रिया चालू कर दी गई है, जैसे जवाब मिलते हैं। यह सदाबहार जवाब पिछले 5 साल से मिल रहे हैं लेकिन नतीजा शून्य ही है। होगी पदस्थापना, इसकी उम्मीद भी अब नहीं करता स्कूल प्रबंधन।

  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी बधाई और शुभकामनाएं

    मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी बधाई और शुभकामनाएं

    रायपुर 08 नवंबर 2022\ छत्तीसगढ़ की प्रख्यात अंतर्राष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ी  किरण अग्रवाल को अखिल भारतीय शतरंज महासंघ ने भारतीय शतरंज टीम का कोच नियुक्त किया है। किरण आगामी 13 नवम्बर से 23 नवम्बर तक श्रीलंका में आयोजित होने जा रही कामनवेल्थ चेस चौम्पियनशिप में शामिल होने वाली 16 सदस्यीय भारतीय टीम में बतौर कोच शिरकत करेंगी। कोच बनाए जाने पर मुख्यमंत्री  ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी और कहा कि उनके खेल कौशल और अनुभव का लाभ भारतीय टीम को मिलेगा। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल ने उन्हें बधाई दी और कहा की नई खेल प्रतिभाओं को तराशने में उनका अहम योगदान रहा है। उनके मार्गदर्शन में भारतीय शतरंज टीम अपना अच्छा प्रदर्शन अवश्य करेगी। इससे पूर्व 2004 में दुर्ग जिले के भिलाई की किरण अग्रवाल ने भारतीय शतरंज टीम की कोच बनने का गौरव हासिल किया था।

    किरण अग्रवाल को कोच बनाये जाने पर प्रदेश के शतरंज खिलाडियों में हर्ष व्याप्त है। उल्लेखनीय है कि शतरंज ओलंपियाड के समय छत्तीसगढ़ में टॉर्च रिले लाया गया था तथा टॉर्च थामने का सौभाग्य भी किरण को मिला था। किरण के अलावा प्रवीण थिप्से, व्ही रविचंद्रन एवं प्रसन्नजीत दत्ता भी भारतीय शतरंज टीम के कोच बनाए गए हैं।

    किरण अग्रवाल की उपलब्धियां
    किरण अग्रवाल प्रदेश की एकमात्र महिला शतरंज खिलाड़ी है, जिन्हें वीमेन फीडे मास्टर का टाइटल विश्व शतरंज महासंघ द्वारा प्रदत्त किया गया है। किरण ने लंदन, दुबई, जर्मनी, यूगोस्लाविया, बांग्लादेश, दोहा (कतर) जैसे लगभग 15 से अधिक प्रमुख देशों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने प्रदर्शन से प्रतिद्वंदियों को लोहा मनवा चुकी हैं। इनकी उपलब्धियों को देखते हुए तात्कालीन मध्यप्रदेश सरकार ने 1986 में उन्हें विक्रम एवार्ड से नवाजा था।