बजट में भी महंगाई को नियंत्रित करने कोई योजना नहीं थी


रायपुर/04 फरवरी 2023। दूध के दाम में 3 रू. प्रति लीटर वृद्धि होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 100 दिनों में महंगाई कम करने का दावा कर सत्ता में आये मोदी सरकार 9 साल में महंगाई को नियंत्रित करने में असफल साबित हुयी है। मोदी सरकार के 9 साल के कार्यकाल में महंगाई कम होने के बजाये महंगाई में चौतरफा वृद्धि हुआ हैं। बीते 1 साल में दूध के दाम में लगभग 8 रु. से अधिक की वृद्धि हुई है। बजट के दूसरे दिन ही दूध के दाम में प्रति लीटर 3 रु. की वृद्धि हो गई है। दूध, दही से लेकर पुस्तक, कापी तक खाद्यय सामाग्रीयो के दामों में हुयी वृद्धि के प्रमुख कारण मोदी सरकार द्वारा लगायी गयी जीएसटी है। दूध दही पर लगाए गए 5 पर्सेंट जीएसटी के चलते दूध दही के दाम में लगातार वृद्धि हो रही है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि यूपीए शासन काल में एलपीजी सिलेंडर वर्ष 2014 में 410 रू. प्रति सिलेंडर थी जो वर्ष 2023 में 1153 प्रति सिलेंडर कीमत में 170 प्रतिशत की वृद्धि, पेट्रोल 2014 में 71 रू. प्रति लीटर थी जो वर्ष 2023 में 102 रू. प्रति लीटर, कीमत में 41 प्रतिशत की वृद्धि, डीजल वर्ष 2014 में 57 रू. प्रति लीटर थी जो वर्ष 2023 में 95 रू. प्रति लीटर कीमत में 75 प्रतिशत की वृद्धि, सरसों तेल वर्ष 2014 में 90 रू. प्रति किलो थी, जो वर्ष 2023 में 200 रू. प्रति किलो कीमत में 122 प्रतिशत की वृद्धि, आटा वर्ष 2014 में 22 रू. प्रति किलो थी जो वर्ष 2023 में 35-40 रू. प्रति किलो कीमत में 81 प्रतिशत की वृद्धि, दूध वर्ष 2014 में 35 रू. प्रति लीटर थी जो 2023 में 60 रू. प्रति लीटर कीमत में 71 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी तरह सब्जियों की कीमतों में 35 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। नमक 41 प्रतिशत महंगा हुआ है। दालें 60-65 प्रतिशत तक महंगी हो गई है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि कोई भी ऐसी चीज नहीं है जिसकी कीमत इस सरकार में न बढ़ी हो। मोदी सरकार महंगाई को तो नियंत्रित कर नहीं पा रही है उल्टा पहले से ही परेशान जनता पर टैक्स का बोझ डाल कर अपना खजाना भरने में लगी है। भाजपा के सत्ता में आने से पहले 2014 में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रू. प्रति लीटर था और डीजल पर 3.56 रू. प्रति लीटर। मोदी सरकार ने इसे बढ़ाकर पेट्रोल पर 32.98 रू. प्रति लीटर और डीजल पर 31.83 रू. प्रति लीटर कर दिया। ये सरकार यूपीए की तुलना में पेट्रोल-डीजल पर 186 प्रतिशत ज्यादा टैक्स वसूल रही है। 2021-22 में देश का कुल कर संग्रह भी 34 फीसदी बढ़कर 27.07 लाख करोड़ हो गया, जो बजट में लगाए गए 22.17 लाख करोड़ के अनुमान से 5 लाख करोड़ ज्यादा है। इसमें एक बड़ा हिस्सा जीएसटी का है। सरकार पहले ही जीएसटी से इतना पैसा कमा रही है फिर भी इसकी भूख शांत नहीं हो रही। अब आटा, दही, पनीर, जैसी रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दी गई है।  


Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *