‘बेशर्म रंग’ विवाद पर बोले जावेद अख्तर, ‘सभी धर्मों का सेंसर बोर्ड होना चाहिए’


नई दिल्ली, 10 जनवरी 2023\ जाने-माने गीतकार, शायर और लेखक जावेद अख्तर पर हिंदी में लिखी और अंग्रेजी में भाषांतरित की गयी (दोनों) किताब ‘जादूनामा’ लोगों के सामने पेश की गई और अपनीलिखी इस बुक का लॉन्च करने के दौरान फिल्मकार गुलजार स्पेशल गेस्ट के तौर पर वहां पर मौजूद थे. ऐसे में शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म ‘पठान’ पर बढ़ते विवाद के बाद सीबीएफसी ने मेकर्स को इस गाने के कुछ शॉट्स बदलने के निर्देश दिए थे और अब इसी बीच लिरिसिस्ट-राइटर जावेद अख्तर ने अपना विचार रखा है और उन्होंने हर बार की तरह बेहद बेबाकी से कुछ बातें कही हैं. जावेद अख्तर ने पठान कंट्रोवर्सी पर बोलते हुए तंज कसा है.

जावेद अख्तर ने पठान कंट्रोवर्सी पर बोलते हुए तंज कसा और जावेद अख्तर ने कहा- अगर वे (मंत्री नरोत्तम मिश्रा) सोचते हैं कि मध्य प्रदेश के लिए अलग सेंसर बोर्ड होना चाहिए, तो उन्हें अलग जाकर फिल्म देखनी चाहिए. अगर वे केंद्र के फिल्म सर्टिफिकेशन से नाखुश हैं तो हमें उनके बीच नहीं आना चाहिए. ये उनके और सरकार के बीच की बात है’ इसके बाद जावेद अख्तर से हाल ही में बने ‘धर्म सेंसर बोर्ड’ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा ‘मध्य प्रदेश में एक ही सेंसर बोर्ड है. फिर केंद्र का अलग से एक सेंसर बोर्ड है. इसमें क्या दिक्कत है? हमारे पास 4-5 अहम धर्म हैं और उनके खुद के सेंसर होने चाहिए. शायद तब मौलवी फिल्में देखना शुरू करेंगे’.

पठान के बेशरम रंग गाने के विवाद पर जावेद अख्तर ने भी अपनी टिप्पणी साझा की है उन्होंने कहा, ‘फिल्म मेकर्स को फिल्म सर्टिफिकेशन बॉडी जिसके पास यह तय करने का अधिकार है कि लास्ट कट क्या होगा और क्या नहीं होगा. इसपर ‘भरोसा’ करने की जरूरत है’. आगे उन्होंने कहा, ‘यह आपके और मेरे लिए नहीं है कि हम तय करें कि क्या सही है और क्या गलत है। हमारी एक एजेंसी है, सरकार के लोग हैं और समाज का एक क्रॉस-सेक्शन फिल्म देखता है और तय करता है कि क्या पास होगा और क्या नहीं होगा’.


Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *