गोधन न्याय योजना से बस्तर के किसान हो रहे सशक्त


जगदलपुर, 04 जनवरी 2023

छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना ने प्रदेश में एक नई आर्थिक-समाजिक क्रांति का आगाज किया है। बहुत कम समय में इस योजना ने अपनी महत्ता और सार्थकता साबित कर पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। 20 जुलाई 2020 को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गोधन न्याय योजना का शुभारंभ किया गया था जिससे ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के गोपालक को आय का जरिया मिला है। अब तक बस्तर जिले में लगभग एक लाख 92 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। गोबर विक्रेताओं को 02 करोड़ 57 लाख 38 हजार रूपये की राशि का भुगतान किया गया है।
गोधन न्याय योजना के तहत खरीदे गए गोवर से बस्तर के गोठानों में महिला स्व सहायता समूहों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जा रहा है। इसी क्रम में बस्तर जिला के विकासखण्ड बस्तर के ग्राम करमरी के गौठान में कार्यरत मां सरस्वती स्व सहायता समूह का गठन वर्ष 2020 में किया गया है। समूह का संचालन 15 सदस्यों द्वारा किया जा रहा है। गठन से अब तक समूह द्वारा 1438.78 क्विंटल गोबर से 449.20 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण कर विक्रय से राशि 01 लाख 45 हजार 990 रूपए की लाभ समूह को प्राप्त हुआ है। समूह द्वारा काजू संग्रहण का कार्य 02 एकड़ क्षेत्र में वर्ष 2021 से किया जा रहा है। जिससे 36 हजार रूपए की राशि लाभ हुआ। भविष्य में समूह द्वारा मछली पालन हेतु तालाब निर्माण कराया गया है, सब्जी उत्पादन हेतु ड्रिप लगाकर फसल ली जाने की तैयारी की जा रही है, जिससे समूह के आय में बढ़ोतरी होगी। आय और रोजगार के नए अवसर मिले है। गोधन न्याय योजना से समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही है। साथ ही इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार व विकास के नए आयाम विकसित हो रहे है।


Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *