छत्तीसगढ़ सर्वआदिवासी समाज का प्रदर्शन 32 प्रतिशत आरक्षण कानून फिर से लागू करने की मांग की


रायपुर,22 दिसम्बर 2022। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के द्वारा 19 मार्च 2012 को विराट धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन के फल स्वरुप 2012 से लागू आरक्षण नियम को माननीय उच्चतम न्यायलय, बिलासपुर द्वारा 19 सितंबर 2022 को समाप्त कर दिया गया था. जिसके कारण विभिन्न प्रकार कि भर्तियों में आदिवासियों को मिलने वाला 32 प्रतिशत का आरक्षण समाप्त हो गया ।

छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज द्व्रारा राज्य में आदिवासियों के लिए पुनः 32 प्रतिशत आरक्षण लागू करने हेतु नया नियम कानून बनाने के लिये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भेंटकर तत्काल आरक्षण बहाली की मांग कि गई। 32 प्रतिशत आरक्षण हेतु महामहिम राज्यपाल महोदया ने भी कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में जैसे ही विधेयक संकल्प पारित होगा, तो मैं तत्काल अनुमोदन कर दूंगी। फल स्वरुप मुख्यमंत्री भूपेश ने तत्परता दिखाते हुए छत्तीसगढ़ में आरक्षण का नया नियम बनाने हेतु छत्तीसगढ़ विधानसभा में 02 दिसम्बर 2022 को विशेष सत्र बुलाकर सर्व सम्मति से संकल्प पारित किया। महामहिम राज्यपाल महोदया के कथन अनुसार उसी दिन छत्तीसगढ़ शासन के वरिष्ठ मंत्रीगण अनुमोदन हेतु राजभवन गए। लेकिन महामहिम राज्यपाल महोदया जी के द्वारा उक्त आरक्षण संकल्प पत्र पर अनुमोदन हेतु हस्ताक्षर नहीं किया गया और समाचार पत्रों के माध्यम से यह पता चला कि कानून के जानकारों से सलाह लेकर हस्ताक्षर करेंगी।

आज दिनांक तक विधानसभा द्वारा पारित आदिवासी समाज को मिलने वाले 32 प्रतिशत आरक्षण कानून के संकल्प पर महामहिम राज्यपाल महोदया के द्वारा अनुमोदन हेतु हस्ताक्षर नहीं किया जाना आदिवासी हितों पर कुठाराघात है। महामहिम राज्यपाल महोदया के विलंब के कारण उच्चतम न्यायलय, बिलासपुर द्वारा पुराने आरक्षण नियम के हिसाब से विभिन्न उपक्रमों में भर्ती किये जाने हेतु आदेश जारी किया गया है। जिसके कारण आदिवासी समाज को आरक्षण के संबंध में बहुत भारी नुक्सान का सामना करना पड़ेगा। अनावश्यक विलंब के कारण आदिवासी समाज बहुत आक्रोषित है आंदोलित है और अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है।

आदिवासी हितों को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज- युवा प्रभाग निवेदन करता है कि महामहिम राज्यपाल महोदया के द्वारा छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र में दिनांक 02 दिसम्बर 2022 को विधानसभा में पारित इस ऐतिहासिक संकल्प पत्र पर तत्काल अनुमोदन हस्ताक्षर कर इसे कानून का रूप देने में मदद करें। साथ ही नौवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु तुरंत इस संकल्प पत्र को महामहिम राष्ट्रपति महोदया को भेजें। महामहिम राज्यपाल महोदया के द्वारा इस विधेयक पर तीन दिवस के भीतर अनुमोदन हस्ताक्षर नहीं करने की स्थिति में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज – युवा प्रभाग छत्तीसगढ़ राजभवन का घेराव करने के लिए बाध्य हो जायेंगें।


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