श्रेय मिले न मिले, अपना श्रेष्ठतम देना बंद न करें मुख्यमंत्री
भोपाल,11 दिसम्बर 2022 /
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि श्रेय मिले न मिले अपना श्रेष्ठम देना बंद न करें। व्यक्ति अपने निरंतर प्रयास से सब कुछ प्राप्त कर सकता है। श्रीमद भगवतगीता और स्वामी विवेकानन्द मेरे लिए प्रेरणा के मुख्य स्रोत रहे हैं। स्वामी विवेकानन्द के विचार “व्यक्ति ईश्वर का अंश और अमर शक्तियों का भण्डार है” हमें उमंग और उत्साह से भरते हैं। श्रीमद भगवतगीता का निष्काम कर्म का संदेश हमें निराशा से बचाता है। इसमें सात्विक कार्यकर्ता के गुणों का उल्लेख भी है। इसके अनुसार हम राग-द्वेष से मुक्त, अहंकार शून्य, धैर्यशील और उत्साह से परिपूर्ण रहते हुए निरंतर कर्मशील रहने से स्वयं, समाज और देश के लिए उपलब्धियाँ अर्जित कर सकते हैं। समाज और देश के लिए बेहतर करने वालों का सम्मान आवश्यक है। इससे उन्हें प्रोत्साहन और सामाजिक स्वीकृति प्राप्त होती है। साथ ही अन्य लोग भी प्रेरित होते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में एक मीडिया समूह के “प्राइड ऑफ मध्यप्रदेश-2022” कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में समाज-सेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, लघु उद्योग, अधो-संरचना विकास आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले प्रदेश के 41 प्रतिभागियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में मीडिया समूह के श्री पवन अग्रवाल, श्री संजय जोशी, श्री सुमित मोदी, सुश्री उपमिता वाजपेयी तथा श्री विपुल गुप्ता उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सम्मानित प्रतिभागियों से कहा कि आपका योगदान प्रदेशवासियों और राज्य की प्रगति एवं विकास में सहायक है। आपके द्वारा अर्जित उपलब्धियाँ प्रदेश के लिए गर्व और गौरव का विषय है। गाँव, कस्बों और छोटे शहरों से संबंध रखने वाले आप जैसे लोगों के आगे बढ़ने से ही प्रदेश आगे बढ़ेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सम्मानित व्यक्तियों को और अधिक प्रगति एवं सफलता के लिए निरंतर प्रयासरत रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि अब तक की उपलब्धियों को हम एक पड़ाव मनाते हुए आगे की योजना बनाएँ, लक्ष्य तय करें और लगातार अपने कर्म के प्रति समर्पित रहे। हमारा प्रयास रहे कि हमें अपने कर्म से संतोष हो और समाज में हमारी सकारात्मक छवि बनी रहे।