करंट से हाथी की मौत मामले में लाईनमेन के खिलाफ पीओआर

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कोरबा।

जिले के कुदमुरा व पसरखेत रेंज की सीमा पर विद्युत करंट लगने से नर हाथी की मौत के मामले में वन विभाग ने प्रथम दृष्टया बिजली विभाग के लाईन मेन को दोषी मानते हुए उसके खिलाफ पीओआर दर्ज किया है। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक विभाग द्वारा बिजली विभाग को क्षेत्र में लूज कनेक्शन तथा तरंग प्रभावित तार के काफी निकट होने की सूचना दी गई थी और इसे ठीक करने को कहा गया था। जिस पर क्षेत्र में पदस्थ लाईन मेन आम्टे ने आकर मौका निरक्षण किया था। निरीक्षण के पश्चात् उसने लापरवाही बरती और तार को ठीक करने में रूची नहीं दिखाई।

बार-बार कहने पर भी उसने तार को ठीक नहीं किया। फलस्वरूप यह घटना घटित हुई और करंट प्रभावित तार की चपेट में आ जाने से क्षेत्र में विचरण कर रहे एक नर हाथी की मौत हो गयी। इसलिए वनविभाग प्रारंभिक तौर पर लाईनमेन को इसके लिए जिम्मेदार मानते हुए उसके खिलाफ भारतीय वन अधिनियम के तहत पीओआर दर्ज कर आगे की कार्यवाही शुरू कर दी है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार मामले की जांच जारी है और इसमें विद्युत विभाग के अन्य लोगों को भी दोषी पाये जाने पर उन पर भी कार्रवाई किये जाने की संभावना है। ज्ञात रहे कि कोरबा वनमंडल के समरकना व गीतकुंवारी गांव के बीच जंगल में एक नर हाथी की करंट की चपेट में आने से मौत हो गयी थी और लाश कल सुबह तालाब में मिली थी।

जिससे वन विभाग ने हडक़म्प मच गया था। आनन-फानन में अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल शुरू की। इस दौरान मृत हाथी के सुड़ में करंट लगने के निशान दिखाई दिये थे। पोस्टमार्टम में भी हाथी की मौत करंट से होने की पुष्टि हुई थी, जिस पर अधिकारियों ने हाथी की मौत के लिए विद्युत विभाग को जिम्मेदार मानते है। लाईनमेन के खिलाफ पीओआर दर्ज किया। वहीं मृत हाथी का पोस्टमार्टम करने के बाद क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं ग्रामीणों की मौजूदगी में कफन-दफन कर दिया गया था। इस बीच हाथियों का दल गीतकुंवारी पहुंच गया है। इस दल में 26 की संख्या में हाथी बताये जा रहे है। हाथियों का दल कल रात भर यहां के जंगल में मण्डराता रहा।


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