मध्य प्रदेश समेत तीन राज्यों की जानकारी से संतुष्ट नहीं संसदीय समिति, 15 दिन में दोबारा मांगा ब्योरा

0

नईदिल्ली  ।

वक्फ संशोधन विधेयक की समीक्षा कर रही संयुक्त संसदीय समिति ने राज्य के प्रतिनिधियों से मौखिक साक्ष्य रिकॉर्ड किए। मगर समिति कर्नाटक, राजस्थान और मध्य प्रदेश की ओर से वक्फ संपत्ति की स्थिति को लेकर दिए गए जवाबों से संतुष्ट नहीं है। अब संसदीय समिति ने तीनों राज्यों के प्रतिनिधियों को जवाब देने के लिए 15 दिन का वक्त दिया है। वक्फ संपत्ति की स्थितियों को लेकर संसदीय समिति ने राज्यों के प्रतिनिधियों से चर्चा की। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि हमने राज्यों से वक्फ संपत्तियों के बारे में ब्योरा मांगा है। इसमें सरकार के पास संपत्तियों का पंजीकरण, संपत्तियों का उपयोगकर्ता और रजिस्ट्री के आधार पर सूचीकरण और ऐसी संपत्तियों से होने वाली आय और उनकी प्रकृति को बदलने के उपाय की जानकारी मांगी गई है।मगर तीन राज्यों के प्रतिनिधियों की ओर से दिए गए जवाब संतोषजनक नहीं थे, हमने उन्हें जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया है। आवश्यकता पडऩे पर उन्हें दोबारा बुलाया जाएगा। इन राज्यों ने अल्पसंख्यक कार्य विभाग की ओर से जारी किए गए प्रारूप में जवाब नहीं दिए। अध्यक्ष पाल ने कहा कि समिति 18 से 20 जनवरी तक कोलकाता, पटना और लखनऊ का दौरा करेगी और विभिन्न हितधारकों से बात करेगी।उन्होंने कहा कि कुछ सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर जाने की इच्छा व्यक्त की है। इस बारे में निर्णय लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से परामर्श के बाद लिया जाएगा। वक्फ संशोधन विधेयक के लिए गठित समिति का कार्यकाल बजट सत्र 2025 के आखिरी दिन तक बढ़ाया गया है। लोकसभा ने इस प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी। समिति को इस सप्ताह के अंत तक रिपोर्ट देनी थी। मामले में समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल का कहना है कि समिति के सभी सदस्य इस बात पर सहमत हैं कि जेपीसी का कार्यकाल बढ़ाया जाना चाहिए।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *