होमगार्ड, निष्काम सेवा के प्रति संकल्पित स्वयंसेवियों का आदर्श बल

0

भोपाल, 06 नवम्बर 2022 /
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि संकट की घड़ी में मददगार के “मैं हूँ ना” के शब्दों का चमत्कारी प्रभाव होता है। इन शब्दों को सुन कर पीड़ित व्यक्ति में जीवन के प्रति नई आशा और विश्वास पैदा हो जाता है। संभवतः इसीलिए कुदरत ने मानव को वाणी की शक्ति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि होमगार्ड बल की नागरिक सुरक्षा, सेवा भावना, अनुशासन कौशल और आपदा प्रबंधन के विवरण और प्रस्तुतियाँ उसे निष्काम सेवा के प्रति संकल्पित स्वयं-सेवियों के आदर्श बल के रूप में स्थापित करती हैं।

राज्यपाल श्री पटेल आज होमगार्ड लाइन्स में मध्यप्रदेश होमगार्ड के 76वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा और पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर सक्सेना भी मौजूद थे।

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि मानव जीवन की सफलता मानवता की सेवा में है। जीवन रक्षा से बड़ा कोई पुण्य का कार्य नहीं है। होमगार्ड्स सौभाग्यशाली है कि उन्हें इस पुनीत कार्य के लिए चुना गया है। कार्य की कुशलता के साथ ही आचरण में सहनशीलता और संवेदनशीलता का होना बहुत जरूरी है। राज्यपाल श्री पटेल ने अतिवृष्टि की स्थिति में बल द्वारा किये गये बचाव एवं राहत कार्यों की सराहना की। राज्यपाल ने बल द्वारा दुर्घटना से बचाव और सुरक्षा के उपायों के अभ्यास के साथ समय-समय पर सामान्य सावधानियों के कड़ाई से पालन के संबंध में जन-जागृति के कार्य भी व्यापक स्तर पर किए जाने की ज़रूरत बताई।

प्रारंभ में राज्यपाल श्री पटेल ने परेड का निरीक्षण कर मार्चपास्ट की सलामी ली। बाढ़, आगजनी, भूकंप की घटनाओं में राहत एवं आपदा प्रबंधन के प्रदर्शनों का अवलोकन किया। स्थापना दिवस पर होमगार्ड्स के मेधावी बच्चों को पुरस्कृत किया।

महानिदेशक होमगार्ड श्री पवन जैन ने नागरिक सुरक्षा, आपदा प्रबंधन से जुड़ी घटनाओं का विवरण दिया। उन्होंने बताया कि बल द्वारा 16 हज़ार 798 जीवन की रक्षा की गई। उन्होंने कहा कि बल पुलिस के साथ आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा के कार्य कंधे से कंधा मिला कर कर रहा है। अपर महानिदेशक श्री डी. पी. गुप्ता ने आभार माना।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *