कोयला कर्मियों को मिलेगा बोनस 93,750 रूपये,उम्मीद थी एक लाख मिलने की.. CIL में वितरण होगा 1,963 करोड़ रूपये

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नई दिल्ली ।

देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) की मानकीकरण समिति की बैठक आज 29 सितम्बर को नई दिल्ली में हुई इस बैठक में कोल इंडिया और उसकी अनुषंगी कंपनियों में केवल बोनस की ही चर्चा उपरांत बोनस की राशि कामगारों को कितनी दी जानी है इस पर निर्णय ले लिया गया है। वर्ष 2023 में दुर्गा पूजा के मौके पर कामगारों को 85,000 रूपये का बोनस मिला था. पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष बोनस कितना अधिक मिलेगा इसकी चर्चा कोयला कामगारों के मध्य चल रही थी अब इस चर्चा में विराम लग जायेगा। सूत्रों के अनुसार इस वर्ष बोनस 93,750 रू मिल सकता है। बता दे की 1 अगस्त 2024 की स्थिति में कोल इंडिया में दो लाख नो हजार तीन सौ पच्चपन कामगार नियोजित है.इस लिहाज से एक हजार 962 करोड़ 70 लाख 31 हजार 250 रुपए बतौर बोनस का वितरण होगा। हालांकि यह राशि और अधिक होगी। क्योंकि इसमें 30 जुलाई, 2024 तक सेवानिवृत्त हुए कामगारों के आंकड़े सम्मिलित नहीं हैं।
सीआईएल और अनुषांगिक कंपनीवार बोनस वितरण की राशि :
👉ECL 430,17,18,750
👉BCCL 292,78,12,500
👉CCL 296,57,81,250
👉WCL 286,41,56,250
👉SECL 337,64,06,250
👉MCL 181,78,12,500
👉NCL 111,90,93,750
👉NEC 4,74,37,500
👉CMPDIL 18,24,37,500
👉CIL HQ 2,43,75,000
कामगारों को उम्मीद थी बोनस एक लाख से अधिक मिलेगा

बता दे की इधर, कोल इंडिया का मुनाफा भी बढ़ रहा है. ऐसे में कर्मचारियों को भरोसा था कि उन्हें अधिक बोनस मिलेगा.और उनका अनुमान था कि एक लाख तक बोनस मिलेगा,लेकिन जो बोनस की राशि मिलने वाली है उससे कामगारों को लगने लगा है की इसके लिए चारों श्रमिक संगठनों को एक साथ दबाव बनाते तो कोई बड़ी बात नहीं है की कोल इंडिया उनके दबाव में नहीं आती. यहां यह बात भी उल्लेखनीय है की कोयला उद्योग में कोयला मजदूरों का संगठन अब धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है. पहले वाली बात नहीं रह गई है.
बता दे की चार श्रमिक संगठन बीएमएस, एचएमएस, एटक और सीटू मानकीकरण की बैठक में शामिल होते है. इंटक पिछले एक दशक से मानकीकरण की बैठक में शामिल नहीं हो पा रही है. तकनीकी कारणों से इंटक को बैठक से अलग कर दिया गया है.
अब तक कोयलाकर्मियों को मिले बोनस पर एक नजर –
👉2023 -85 ,000
👉2022 -76 ,500
👉2021- 72,500
👉2020- 68,500
👉2019- 67,700
👉2018 -60,700
👉2017- 57,000
👉2016 -54,00
👉2015- 48,500
👉2014 -40,000
👉2013 -31,500
👉2012 -26,000


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