आरंग ब्लॉक के बीईओ द्वारा पिछले दिनों रसोइयों से अभद्रता पूर्ण व्यवहार का मामला सामने आया था। इसके बाद से प्रदेश अध्यक्ष नीलू ओगरे के नेतृत्व में सभी रसोइयों का बीईओ के खिलाफ प्रदर्शन जारी था। मामले में बीईओ ने रायपुर कलेक्टर के समक्ष माफी मांग ली है। बीई‌ओ आरंग के माफीनामा के बाद प्रदर्शन को स्थगित कर दिया गया है। अब आरंग के रसोइयों को 2 माह के लंबित मानदेय का इंतजार है। प्रदेश अध्यक्ष नीलू ओगरे ने कहा कि तीजा का त्योहार को देखते हुए अतिशीघ्र लंबित मानदेय दिया जाए। इसके लिए आरंग विधायक गुरु खुशवंत सहाब से मुलाकात कर समस्या से अवगत कराते हुए मानदेय भुगतान कराने का आग्रह किया गया है। चूंकि बीईओ ने मामले में माफी मांग ली है लेकिन लंबित मानदेय जिसे नहीं दूंगा कहा था,ऐसे में अब भी यह सुलझा नहीं है कि उनके द्वारा माफी मांगने के साथ क्या वे जल्द मानदेय भी देंगे जिसकी सभी को आशा है ! हमें ऐसा ही लग रहा है कि जल्द भुगतान भी कर दिया जाएगा,जिसकी सभी प्रतीक्षा कर रहे हैं। यदि जल्द भुगतान नहीं होता तो रसोइयों को आर्थिक परेशनियों से जूझना पड़ेगा।

3 सितंबर  को रसोइया संघ की प्रदेश अध्यक्ष नीलू ओगरे से आरंग बीईओ ने खेद प्रकट किया और कभी इस प्रकार की घटना दोबरा नहीं होने की बात की है।लिखित रूप में माफी मांगी है।  श्रमिक विकास संगठन के प्रदेश महासचिव चुम्मन लाल साहू भी अनियमित कर्मचारी संघ के प्रांत अध्यक्ष रवि गड़पाले शामिल थे।
प्रदेश के सभी रसोइया एवं आरंग ब्लॉक के रसोइया 4 सितंबर से बीईओ कार्यालय का घेराव एवं आंदोलन पर जाने वाले थे लेकिन माफीनामा के बाद आंदोलन स्थगित कर दिया गया।

 

मामले में मध्यान्ह भोजन रसोईया महासंघ छत्तीसगढ़ ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर आरंग विकासखंड की तीन सूत्रीय मांगों से अवगत कराया था। 4 सितंबर को कम बंद धरना प्रदर्शन की सूचना दी थी। निवेदन किया गया था कि आरंग विकासखंड में रसोइयों का विगत दो माह से मानदेय लंबित है। सामने तीजा का पर्व है इसे देखते हुए आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है,तुरंत मानदेय भुगतान की मांग की गई थी। साथ ही मांग की गई थी कि आरंग विकासखंड की रसोइया दीदी विद्यालय में खाना बनाते समय दुर्घटना का शिकार हो गई थी। उनको उचित मुआवजा दिया जाए। वही विकासखंड शिक्षा अधिकारी दिनेश शर्मा  द्वारा संघ के पदाधिकारी और सदस्यों के साथ किया गया था। इस पर बीईओ के खिलाफ उचित कार्रवाई कर बर्खास्त करने की मांग की गई थी।