भाजपा सांसद कंगना रनौत की शर्मनाक और झूठी टिप्पणियां घोर निन्दनीय है तेजराम विद्रोही

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 रायपुर।

भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा एक साक्षात्कार में की गई अपमानजनक और तथ्यात्मक रूप से गलत और बेहद ही निंदनीय है। यह बहुत दुखद है कि किसानों को गाली देने की आदत रखने वाली इस सांसद ने अब भारतीय किसानों को हत्यारा, बलात्कारी, साजिशकर्ता और देशद्रोही कहने का चरम कदम उठाया है। यह आश्चर्य की बात नहीं है कि यह सांसद इस तरह की बातें कर रहे हैं, क्योंकि दिल्ली की सीमाओं पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में ऐतिहासिक कॉरपोरेट विरोधी किसान आंदोलन का अपमान और बदनामी करना भाजपा की लंबे समय से चली आ रही नीति रही है। अपमान और जानबूझकर उकसावे के बावजूद, एसकेएम ने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के किसान विरोधी कानूनों और कॉरपोरेट समर्थक नीतियों के खिलाफ किसानों का विरोध शांतिपूर्ण, वैधानिक और भारत के संविधान में निहित मौलिक अधिकारों के अनुसार हो। किसान आंदोलन की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि इसका विशाल चरित्र और 736 शहीदों का सर्वोच्च बलिदान था। इनमें लखीमपुर खीरी हत्याकांड के पांच पीड़ित शामिल थे, जिसमें चार किसान और एक पत्रकार को कंगना रनौत की पार्टी के नेता और पूर्व गृह राज्य मंत्री अजय कुमार टेनी और उनके बेटे की चलती गाड़ी के नीचे कुचल दिया गया था, जिन पर हत्या के आरोप में मुकदमा चल रहा है। राजधानी शहर के आसपास किसानों के संघर्ष की पूरी अवधि के दौरान किसान आंदोलन के कारण हुई किसी भी हिंसा में एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई। किसान आंदोलन ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ भारतीय लोगों के महान उपनिवेशवाद विरोधी संघर्ष का उत्तराधिकारी है और अभी भी साम्राज्यवाद द्वारा संचालित कॉर्पोरेट ताकतों और नीतियों के खिलाफ लड़ रहा है। बेहतर होगा कि कंगना रनौत भारत में किसान आंदोलन को राष्ट्र विरोधी कहने से पहले इसके इतिहास और राजनीति को जानने की कोशिश करें। वह भारतीय इतिहास को कभी जानने की कोशिश ही करती इसलिए वह भारत की आजादी को 2014 बताती है जबकि भाजपा आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है जो कंगना के मुंह पर जोरदार तमाचा है।

कंगना रनौत के किसानों के प्रति अपमानजनक टिपण्णी का निंदा करते हुए भारतीय किसान यूनियन छत्तीसगढ़ के महासचिव तेजराम विद्रोही ने मांग किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अपनी पार्टी के एक सांसद द्वारा की गई निंदनीय और असत्य टिप्पणियों के लिए भारत के किसानों से माफी मांगें। यह सही समय है कि प्रधानमंत्री भारत के अन्नदाताओं के साथ खड़े हों और अपनी पार्टी और उसके सदस्यों को देश को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने वालों के साथ दुर्व्यवहार करने की अनुमति न दें। यह न केवल प्रधानमंत्री का संवैधानिक कर्तव्य है, बल्कि भारत के लोग उनसे इससे कम की उम्मीद नहीं करते हैं।विद्रोही ने कहा है कि भाजपा सांसद कंगना रनौत अपने अनुचित और गलत बयानों के लिए भारत के किसानों से तुरंत बिना शर्त माफी मांगें और अपने पद की गरिमा बनाए रखें।


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