देश के संस्कार, संस्कृति और गौरव को जानने के लिए किताबे पढ़ने का सांसद बृजमोहन अग्रवाल का नई पीढ़ी को आवाहन

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रायपुर।

संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के तहत राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन के द्वारा सार्वजनिक पुस्तकालय कर्मियों के लिए 46वां क्षमता निर्माण कार्यक्रम पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर में शुरू हुआ है। इसका औपचारिक उद्घाटन आज सांसद  बृजमोहन अग्रवाल द्वारा किया गया था। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद अग्रवाल ने किताबे जीवन का आधार है, प्रमाण है बताते हुए, नई पीढी को देश के संस्कार, संस्कृति और गौरव को जानने के लिए किताबे पढ़ने का आवाहन किया । छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल के सार्वजनिक पुस्तकालय पेशेवरों ने इस क्षमता निर्माण कार्यक्रम भाग लिया।

अपनी पुरानी स्मृतियों को याद करते हुए सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने, किताबों की अहमियत और जरूरतों पर विस्तार से बताया, सांसद ने कहां कि अब तो संसद पेपर लेस हो गई है लेकिन आज भी पढ़ने की आदत के कारण कठिनाई होती है, हालांकि प्रिंटेड किताबे प्रमाण होती है क्यों कि आईटी में काट छांट किया जा सकता है लेकिन किताबे एक बार पब्लिश हो जाए तो वो एक सशक्त आधार बन जाती है, आज भी इतिहास को तोड़ने मरोड़ने की कोशिश हो रही है, लेकिन लाइब्रेरी के पुस्तको ने ऐसे इतिहासकारों को आइना दिखाया है और भारत का समृद्ध इतिहास इसी पुस्तकालय और पुस्तको की वजह से संरक्षित है। बुक्स का महत्व कभी समाप्त नही होगा, इतिहास बनेगा तो लिखित माध्यम की वजह से ही बनेगा। इसलिए ज्यादा से ज्यादा कोशिश करे कि पुस्तके पढ़े, और ज्ञान को बढ़ाए।

प्रारंभिक भाषण मे राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन के के परियोजना अधिकारी दीपांजन चटर्जी ने कहा कि क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन के तहत घटकों में से एक है। उन्होंने बताया कि अब तक देश के विभिन्न भागों में 45 राष्ट्रव्यापी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं और 1900 से अधिक पेशेवरों को पुस्तकालय स्वचालन सॉफ्टवेयर, गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे, संसाधनों, अद्यतन आईसीटी उपकरणों और तकनीकों, उभरते रुझानों, पुस्तकालय संसाधनों के संरक्षण और संरक्षण आदि के लिए आधुनिक पुस्तकालय सेवाओं के प्रबंधन के संबंध में प्रशिक्षित किया गया है। राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन के अन्य घटकों में राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन आदर्श पुस्तकालयों की स्थापना, सार्वजनिक पुस्तकालयों का गुणात्मक और मात्रात्मक सर्वेक्षण और भारतीय राष्ट्रीय वर्चुअल लाइब्रेरी का निर्माण शामिल है, जिसे भारतीय संस्कृति पोर्टल के नाम से लॉन्च किया गया है। उन्होंने बताया कि एनएमएल मॉडल लाइब्रेरी योजना की स्थापना के तहत जिला पुस्तकालय, रायगढ़ को 87.00 लाख रुपये की राशि मंजूर की गई है। एनएमएल अनुदान के लिए राज्य केंद्रीय पुस्तकालय के लिए 2 करोड़ 23 लाख रुपये और जिला पुस्तकालय के लिए 87 लाख रुपये का प्रावधान है। उन्होंने यह भी बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय केंद्रीय पुस्तकालय की स्थापना राजा राममोहन राय पुस्तकालय फाउंडेशन (आरआरआरएलएफ) की वित्तीय सहायता से की गई थी।

अन्य गणमान्य व्यक्तियों में एनआईटी, रायपुर के निदेशक डॉ. एन वी रमना राव, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. शैलेंद्र कुमार पटेल, डीपीआई के उप निदेशक ए एन बंजारा, पूर्व राज्य मुख्य पुस्तकालयाध्यक्ष आर एन सिंह, कुंतल गोस्वामी और  पिउली सेनगुप्ता उपस्थित थे।


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