असफलता से कभी हार नहीं माननी चाहिए बल्कि उससे सीखकर आगे बढ़ना चाहिए: गुरु खुशवंत साहेब
रायपुर।
असफलता से कभी हार नहीं मानना चाहिए। असफलता से सीखकर आगे बढ़ने की प्रेरणा लेनी चाहिए ताकि भविष्य में और बेहतर अवसर मिलें। यह बातें आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने शनिवार को आंजनेय विश्वविद्यालय के पहले स्थापना दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए दिया। उन्होंने कहा कि जब आप विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, तो पहले दिन से ही परीक्षाओं के लिए भी तैयारी करते रहें ताकि परीक्षा के समय किसी प्रकार का दबाव महसूस न हो इसलिए निरंतर तैयारी करते रहें। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर सभी को शुभकामनाएं दीं।
साहेब ने कहा कि यह विश्वविद्यालय जिस उद्देश्य से गरीब और ग्रामीण बच्चों की सहायता कर रहा है, वह विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह विश्वविद्यालय भविष्य में पूरे भारत के शीर्ष दस विश्वविद्यालयों में अपनी जगह बनाएगा।
स्थापना दिवस के मौके पर विश्वविद्यालय के माननीय कुलाधिपति अभिषेक अग्रवाल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस उद्देश्य के साथ विश्वविद्यालय की नींव रखी गई थी, वह लगातार अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहकर शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय ने अपने पहले वर्ष में ही अकादमिक और शैक्षणिक कार्यों में उत्कृष्टता का परिचय दिया है। “एक छात्र, एक खेल” की नीति पर भी कार्य किया जा रहा है। हमारा विश्वविद्यालय शोध कार्यों में भी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है और साथ ही कमजोर से कमजोर वर्ग की शिक्षा पर भी ध्यान दे रहा है, ताकि शिक्षा के क्षेत्र से कोई भी वंचित न रह सके।
डायरेक्टर जनरल डॉ. बी. सी. जैन ने अपने विद्यार्थियों को आशीर्वचन दिए और स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने विश्वविद्यालय के विज़न और मिशन को रखते हुए विद्यार्थियों से कहा कि जो सपने आपने देखे हैं, उन्हें पूरा करने में आंजनेय विश्वविद्यालय आपकी मदद करेगा। बड़े सपनों के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी, जिसके लिए आपको अपनी क्षमता के अनुसार स्वयं को विकसित करना होगा। लगातार प्रयासरत रहें और सफलता के लिए अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर आने की आवश्यकता है।
माननीय कुलपति डॉ. टी. रामा राव ने विद्यार्थियों से कहा कि विश्वविद्यालय ने एक वर्ष की यात्रा पूरी कर ली है, जो कि एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। हमारे विश्वविद्यालय का विज़न ‘विद्या परम बलम’ है और उसी तरह आप सभी को अपने ज्ञान को सर्वोच्च स्तर तक पहुंचाना है। इसके लिए हमें संकल्पित होकर प्रयास करने की आवश्यकता है।
स्थापना दिवस के अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थियों ने छत्तीसगढ़ी से लेकर बॉलीवुड फिल्मों के गानों और संगीत की प्रस्तुतियाँ दीं। इस दौरान छत्तीसगढ़ के करमा नृत्य की मधुरता दिखाई दी, वहीं बॉलीवुड डांस में “हम न मिलेंगे कभी” और “चांस पर डांस मार ले” जैसे ग्रुप डांस हुए। संगीत के कार्यक्रम में “क्या हुआ तेरा वादा”, “लिख जो खत तुझे” जैसी मधुर धुनों के साथ ही गिटार पर “वैसे तो मन मेरा” की सुंदर धुनें सुनाई दीं।
कार्यक्रम के दौरान वर्षभर की अकादमिक, सांस्कृतिक और खेलकूद प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किए गए। कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम की संयोजिका एवं डीन, स्टूडेंट वेलफेयर, डॉ. प्रांजलि गनी ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, अधिकारीगण, संकाय सदस्य और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।