रायपुर। ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच द्वारा मोदी सरकार के बजट को जन विरोधी व संकुचनकारी निरूपित करते हुए 9 अगस्त को देश भर में विरोध कार्यवाहियां आयोजित की गई । राजधानी रायपुर के अंबेडकर चौक में संध्या सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस, संयुक्त ट्रेड यूनियन कौंसिल, सेंट्रल ज़ोन इंश्योरेंस एम्पलाईज् एसोसिएशन, रायपुर डिवीजन इंश्योरेंस एम्पलाईज यूनियन, सेल्स प्रमोशन रिप्रेजेंटेटिव यूनियन, पोस्टल यूनियन,बी एस एन एल एम्पलाईज यूनियन से जुड़े सदस्यों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए सी जेड आई ई ए के महासचिव काम. धर्मराज महापात्र ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव के परिणामों से कोई सबक नहीं लिया है और कार्पोरेट घरानों के हितों को आगे बढ़ाने की अपनी नीति को जारी रखे हुए है । उन्होंने इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, फसल बीमा, कृषि सब्सिडी, खाद्य व ईंधन सब्सिडी, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन विकास, श्रम कल्याण कोष, ग्रामीण विकास निधि जैसे बुनियादी क्षेत्रों में बजटीय आबंटन में कटौती का तीखा विरोध किया। उन्होंने कहा कि इस बजट में बीमा प्रिमियमो से जी एस टी हटाने, किसानों को एम एस पी की गारंटी देने, पुरानी पेंशन योजना बहाल किये जाने तथा 8 वा वेतन आयोग गठित किये जाने की लोकप्रिय माँगों पर कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
दूसरी ओर यह बजट विदेशी कार्पोरेट घरानों हेतु टैक्स में छूट बढ़ाने के साथ ही सार्वजनिक कोष का उपयोग निजीकरण व ई पी एफ की आड़ में कार्पोरेट घरानों के लाभ के लिये कर रहा है। इस बजट से बेरोजगारी व महंगाई बढ़ेगी। सभा में संयुक्त ट्रेड यूनियन कौंसिल के सचिव काम. एस सी भट्टाचार्य ने मांग की कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ वित्त मंत्री के बजट पूर्व किये गये विचार – विमर्श के अनुरूप सार्वभौमिक पेंशन योजना लागू करने, सरकारी क्षेत्र में नई भर्ती आरंभ करने, मनरेगा के तहत 200 दिनों का काम सुनिश्चित करने, चार श्रम संहिताओं को निरस्त करने, 26000 रुपये प्रतिमाह न्यूनतम वेतन प्रदान करने, सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण पर रोक लगाने, योजना कर्मियों को नियमित करने जैसे मुद्दों पर यह बजट मौन है।
कुल मिलाकर यह बजट पूंजीपतियों व कार्पोरेट घरानों को छूट व आम जनता की लूट वाला बजट है। देश की मेहनतकश जनता इस जनविरोधी बजट का जबर्दस्त विरोध कर रही है।
प्रदर्शन में राजेश पराते, सुरेंद्र शर्मा, संदीप सोनी, करण सोनकर, मारुति डोंगरे, अजय कन्नौजे, ज्योति पाटिल, अनुसुइया ठाकुर, गजेंद्र पटेल , ऋषि मिश्रा, ललित वर्मा, डी सी पटेल, सुभाष साहू, निसार अली, साजिद रजा, मसूद अंसारी, मयंक लौतरे, हर्षवर्धन शर्मा, पंचू यादव, आरिफ दगिया, नश्कर , राजेंद्र सिंह ठाकुर प्रमुख रूप से उपस्थित थे ।
सभा के अंत में आज 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस व अगस्त क्रांति दिवस के महत्व को निरूपित करते हुए इन दोनों अवसरों पर जारी विभिन्न आयोजनों के साथ एकजुटता व्यक्त की गई।
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