पेसा एक्ट में दिये अपने अधिकारों के बारे में जाने ग्रामीण मुख्यमंत्री

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भोपाल,02 नवम्बर 2022 /
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जल, जंगल और ज़मीन से जुड़े फ़ैसले अब भोपाल से नहीं गाँव की चौपाल से किए जाएँगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में पेसा एक्ट किसी गैर जनजातीय समाज के खिलाफ नहीं है। यह जनजातीय भाई-बहनों को और मजबूत करने के लिए है। प्रदेश के 89 जनजातीय बहुल विकासखण्डो में इसे लागू किया गया है। पेसा एक्ट जनजातीय भाई-बहनों को जल, जंगल, जमीन, श्रमिकों के अधिकारों का विशेष ध्यान एवं स्थानीय संस्थाओं, परंपराओं और संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्धन का अधिकार प्रदान करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन और शासकीय कार्यों में किसी भी सूरत में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनपद सेंधवा के सीईओ को ऐसी ही शिकायत के चलते निलंबित किया जाता है।

मैं देश में समान नागरिक संहिता का पक्षधर

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश में एक समान नागरिक संहिता लागू करने के पक्ष में हूँ। प्रदेश में इसके लिये कमेटी बनाई जा रही है। भारत में अब समय आ गया है कि एक समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए। एक से ज्यादा शादी क्यों करे कोई। एक देश में दो विधान क्यों चले, एक ही होना चाहिए। समान नागरिक संहिता में एक पत्नी रखने का अधिकार है, तो एक ही पत्नी होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज विकासखण्ड सेंधवा के ग्राम चाचरिया में पेसा एक्ट जागरूकता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज मैं भाषण देने नहीं, पेसा एक्ट पढ़ाने आया हूँ। जिन विकासखण्डों में पेसा एक्ट लागू किया गया है, वहाँ के लोगों को इसके प्रावधान और अपने अधिकारों की जानकारी होना जरूरी है। एक्ट के प्रावधानों को लागू करने के लिये ग्राम सभाओं का गठन होगा। सभी ग्राम सभाओं को अधिकार सम्पन्न बनाया जाएगा। ग्राम सभाएँ सामाजिक समरसता के साथ बने, यह हम सबके प्रयास होना चाहिए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार भी बिना ग्राम सभा की मर्ज़ी के सीधे ज़मीन नहीं ले सकेगी। धोखाधड़ी कर जमीन हड़पने और अपने नाम करवाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पेसा एक्ट के चलते अब कोई छल, कपट और बल पूर्वक किसी की जमीन हड़प नहीं सकेगा। यदि कोई ऐसा करता है तो ग्राम सभा को हस्तक्षेप कर उसे वापस करवाने का भी अधिकार होगा। उन्होंने कहा कि अधिसूचित क्षेत्र में रेत, मिट्टी, पत्थर या कोई अन्य खदान का पट्टा बिना ग्राम सभा की अनुमति के सरकार नहीं दे सकेगी।


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