बाप हो तो ऐसे तिरंदाज बेटे-बेटी के लिए पिता ने खेत बेचकर खरीदे 6 लाख के धनुष


 

छत्तीसगढ़.

तीरंदाजी के प्रति जुनून देखकर एक पिता ने अपने बेटे और बेटी को अत्याधुनिक धनुष बाण दिलवाने के लिए खेत बेच दिया। रेलवे में क्लर्क चरोदा निवासी राजेश कुमार साहू ने अपने पुत्र पूर्व कुमार और पुत्री खुशबू साहू को 3-3 लाख रुपए कीमत के आधुनिक धनुष और बाण दिलाया है। वे अपने बच्चों को इस महंगे खेल में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

विदेश से आता है पार्टस

धनुष और बाण की कीमत अधिक इस वजह से है, क्योंकि इसके पार्ट्स देश में नहीं मिलते। इसके पार्ट्स अमेरिका, चीन और दक्षिण कोरिया से भारत आता है। इसके बाद भारत में पार्ट्स को लाकर असेंबल किया जाता है। साहू का कहना है कि धनुष लेने के बाद बाण लगातार लेते रहना पड़ता है। एक बाण की कीमत 3-3 हजार रुपए तक होती है।

अच्छी कंपनी के 12 बाण करीब 50 हजार का आता है। मणिपुर से इंडियन धनुष लाया जाता है, इसकी कीमत 10 हजार होती है। इसके एक-एक बाण की कीमत 100-100 रुपए होती है। आर्थिक तौर पर कमजोर परिवार इस धनुष बाण का उपयोग करता है।

नेशनल में हिस्सा लेने के काबिल हुए बच्चे

संभाग स्तर पर कम उम्र के खिलाड़ियों का चयन किया गया है उसमें भी दुर्ग जिले से पूर्व कुमार साहू का चयन हुआ है। जिले के चयनित अन्य बच्चों में मोहित, सूर्यांश साहू, शैली यादव, निशा, ए उपाशु राव, वेदांत शर्मा, उनीश साहू, हरणव साहू, भूमित शामिल हैं। वे राजनांदगांव में 5 अगस्त से होने वाले खेल में हिस्सा लेंगे। केवी टू केवी के लिए खुशबू, अभिनव और भावेश का चयन हुआ है। यह खेल राजानांदगांव में होना है।

पुत्र ने स्टेट में जीता मेडल, नेशनल खेलेंगे

पूर्व कुमार साहू चरोदा के रेलवे स्कूल का विद्यार्थी है। इस स्कूल में 2019 से तीरंदाजी का खेल शुरु किया गया। बीएमवाय चरोदा, रेलवे अस्पताल के सामने मैदान में रेलवे अधिकारियों की मदद से इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पूर्व कुमार स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) में 2021-22 के दौरान स्टेट लेवल पर खेलने कोंडागांव गए।

वहां उन्होंने ब्रॉज मेडल जीता। इसी स्कूल के मोहित कुमार मस्तावर ने भी एसजीएफआई 2023 में राज्य स्तर तीरंदाजी में ब्रॉज मेडल प्राप्त किया। ए उपांशु राव ने 20 से 30 मीटर नीरंदाजी खेल में आंध्र प्रदेश के राजमंड्रि में हिस्सा लिया।

खेल को प्रोत्साहित करने में इनकी रही अहम भूमिका- पूर्व पूर्व फौजी उमेश बघेल बच्चों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। ग्राउंड मैनेजमेंट राजेश कुमार साहू कर रहे हैं। मैदान उपलब्ध करवाने में कॉर्डिनेटर डी विजय कुमार, सीनियर डीपीओ राहुल गर्ग, एसएससी समीर श्रीवास्तव की भूमिका रही।


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