प्रधानमंत्री महंगाई पर बात करने का साहस क्यों नहीं दिखा रहे – दीपक बैज


रायपुर ।

 प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बढ़ती महंगाई, बढ़ती बेरोजगारी पर चर्चा करने से भाग रहे है। देश की जनता का महंगाई से बुरा हाल है। मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है, महंगाई से देश के नागरिकों की कमर टूटती जा रही है। महंगाई को लेकर कांग्रेस प्रदेश में जनआंदोलन छेड़ेगी। मोदी राज में रोजमर्रा की जरूरतों के दाम बेतहाशा बढ़ गये है। 2014 में जो गैस का सिलेंडर 410 रु. का था, आज वह 1000 रु. के पार है। पेट्रोल के दाम 70 रु. प्रति लीटर से बढ़कर 100 रु. प्रति लीटर के पार हो गए हैं जबकि डीजल के दाम 55 रु. प्रति लीटर से बढ़कर 95 रु. प्रति लीटर के करीब पहुंच गए हैं। अंतरराष्ट्रीय मार्केट में क्रूड आयल का दाम लगातार कम हो रहे है। 2014 की तुलना में वर्तमान में क्रूड आयल आधे रेट में मिल रहा है, लेकिन उसका लाभ आम जनता को नही मिल रहा है। खाने के तेल और दाल की कीमत 70 रु. और 60 रु. प्रति किलो थी, वह 200 रू. प्रति किलो को पार कर गई है। इतना ही नहीं, बीते दिनों जीएसटी की बर्बर मार से दही, पनीर, लस्सी, आटा, सूखा सोयाबीन, मटर व मुरमुरे भी बच नहीं सके, उन पर भी 5 फीसदी जीएसटी लगा दिया गया। होटल के 1,000 रु. के कमरे पर 12 प्रतिशत जीएसटी, अस्पताल के आईसीयू बेड पर 5 प्रतिशत जीएसटी। जीने के लिए सभी आवश्यक चीजों पर जीएसटी लगाकर चैन नहीं मिला तो श्मशान घाट के निर्माण पर भी जीएसटी बढ़ा दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें लगातार घट रही है। मगर मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम नहीं कर रही है। बीते 10 सालों में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर कर लगाकर 29 लाख करोड़ रुपए जनता की जेब से निकाले गए हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को नियंत्रित करने में असफल और नकारा साबित हुई है। अभी हाल ही में देश भर में हुई सर्वे में एक बात सामने आई है कि मोदी सरकार की गलत नीतियों, रोजगार देने में असफलता, पेट्रोल, डीजल में मनमाना एक्साइज ड्यूटी, रेल यात्रा का महंगा होना, सड़कों पर टोल टैक्स के दरों में वृद्धि एवं आवश्यक वस्तुओं पर भी लगाई गई जीएसटी के चलते आम लोगों के आय एवं बचत घटी है और मुखिया को घर चलाने के लिए घर की आवश्यकताओं को पूर्ति करने के लिए 77 प्रतिशत तक के ऋण लेने पड़े है, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार को कोई वास्ता नहीं।


2013 में कांग्रेस की मनमोहन सरकार के समय राशन सामग्री और पेट्रोल, डीजल के दाम और वर्तमान मोदी सरकार के समय आवश्यक वस्तुओं की कीमतें

  2013
2024
आटा (10 किलो)   210 रुपये   440 रुपये
चावल 30-36 रू. किलो 50-65 रू. किलो
फुल क्रीम दुध 39  रुपये 66 रुपये
देसी घी   300 रुपये   875 रुपये
सरसों तेल   52 रुपये   260 रुपये
अरहर दाल 70-80 रुपये 160-170 रुपये
रसोई गैस 410 रुपये 1000 रुपये
पेट्रोल 66 रुपये 100 रुपये
डीजल   52 रुपये   95 रुपये
रिफाइंड तेल   68 रुपये 148 रुपये
फल्लीदाना   60 रुपये 135 रुपये
उड़ददाल 64 रुपये 120 रुपये
मूंग दाल 62 रुपये    130 रुपये
मसूर दाल   47 रुपये   90 रुपये
चना दाल   40 रुपये   80 रुपये
जीरा   220 रुपये   1450 रुपये
गेहूं   22 रुपये   36-40 रुपये
विभिन्न साबुनों में 22 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुआ
दवाई में 32 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो गया

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था लगातार गर्त में जा रही है। देश की जीडीपी 8.2 से गिरकर 5.7 हो गयी है। विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापार संतुलन बिगड़ने से आयात पर निर्भरता तेजी से बढ़ रही है। देश पर कुल कर्ज का भार 3 गुना बढ़ चुका है। विगत 12 महीनों में डॉलर के मुकाबले रुपए का मूल्य 12 प्रतिशत से ज्यादा गिर चुका है। मोदी राज में विगत एक माह में ही विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 26 मिलियन डॉलर कम हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 2014 की तुलना में 20 प्रतिशत कम होने के बावजूद डीजल और पेट्रोल 30 से 40 रूपए प्रति लीटर महंगे बेचे जा रहे हैं। थोक और खुदरा महंगाई दर आरबीआई द्वारा तय सीमा से लगातार ऊपर है लेकिन मोदी सरकार का फोकस केवल चंद पूंजीपतियों के मुनाफे पर केंद्रित है।


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