रायपुर 1 दिसंबर 2022/
एवं कुष्ठ रोग के उन्मूलन हेतु बस्तर संभाग के तीन जिले बस्तर,कांकेर, कोंडागांव में 1 दिसंबर से ‘सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान’ चलाया जाएगा। इसके अंतर्गत समुदाय में हर एक मरीज की स्क्रीनिंग एवं उपचार किया जाएगा। अभियान के दौरान मितानिन के द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में घर-घर भ्रमण कर टीबी एवं कुष्ठ रोग के लक्षण के आधार पर संभावित मरीजों की पहचान की जाएगी। अभियान की सार्थकता के लिए वृहद पैमाने पर तैयारी की जा रही है।
इस सम्बंध में सीएमएचओ डॉ.आर.के.चतुर्वेदी ने बताया: “सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान के बारे में स्वास्थ्य सचिव द्वारा आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिले की तैयारियों पर चर्चा की गयी। वर्ष-2023 तक प्रदेश को टीबी और कुष्ठ मुक्त बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए व्यापक रूप से यह सघन जांच अभियान चलाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग, मितानिन, कुष्ठ मित्र एवं टीबी मितान के सहयोग से, संभावित कुष्ठ मरीजों और टीबी रोगियों की खोज की जाएगी और लोगो को जागरूक किया जाएगा। इसी क्रम में ‘सघन टीबी एवं कुष्ठ रोगी खोज अभियान’ दो चरणों में पूर्ण किया जाएगा। प्रथम चरण में 1 से 21 दिसंबर तक घर-घर भ्रमण कर टीबी एवं कुष्ठ रोग के लक्षण के आधार पर संभावित मरीजों की पहचान की जाएगी। वहीं द्वितीय चरण में 2 से 17 जनवरी तक सभी निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम, प्राइवेट प्रैक्टिशनरों व केमिस्टों द्वारा चिन्हांकित टीबी व कुष्ठ रोग के संभावित मरीजों की दैनिक सूची लेकर इसे टीबी व कुष्ठ रोग के पोर्टल में दर्ज किया जाएगा। अगर किसी मरीज को जांच की आवश्यकता हुई तो निःशुल्क जांच के लिए सैंपल एकत्र किया जाएगा।
टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ.सी.आर.मैत्री ने बताया: “सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान के दौरान प्रत्येक घर जाकर सभी व्यक्तियों में लक्षणों का पता लगाया जाएगा। टीबी रोग के बारे में उन्होंने जानकारी देते हुए बताया, टीबी एक संक्रामक बीमारी है जो बैक्टीरिया के कारण फैलता है। इसे तपेदिक या ट्यूबरक्लोसिस भी कहा जाता है। टीबी रोग से पीड़ित व्यक्ति के खाँसने या छीकने से, टीबी के कीटाणु श्वसन के द्वारा स्वस्थ व्यक्ति के शरीर मे प्रवेश करके उसे संक्रमित करता है। यह आमतौर पर फेफड़ों से शुरू होती है। सबसे प्रमुख फेफड़ों की टीबी ही है लेकिन यह ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गला, हड्डी आदि शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है।
संभावित कुष्ठ के लक्षणः
चमड़ी पर दाग, चकत्ते जिसमे सुन्नपन हो। घाव जो भर न रहे हों, चमड़ी पर तेलिया तामिया चमक हो। चमड़ी पर (खासकर चेहरे पर), भौहों के ऊपर, ठुढी पर या कानो मे गठानें, सूजन या मोटापन हो। तंत्रिकाओं में मोटापन। सूजन हो। दबाने से दर्द होता हो। हाथ पैरो में झुनझुनी या सुन्नपन हो।
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