बता दें कि अंबिकापुर जिला मुख्यालय से लगे नवानगर दरिमा उप स्वास्थ्य केन्द्र में 8 जून 2024 की सुबह एक 25 वर्षीय गर्भवती महिला ने फर्श पर बच्चे को जन्म दिया था. प्रसव पीड़ा होने पर उक्त महिला मितानिन सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता के साथ उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची, लेकिन वहां कोई डॉक्टर और नर्स नहीं थे. परिजन व मितानिन ने कई बार डॉक्टर व नर्स को फोन लगाया पर किसी ने नहीं उठाया. डॉक्टर और नर्स नहीं होने से प्रसूता और नवजात शिशु को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल सकी. प्रसव के बाद की देखभाल भी गांव की पारंपरिक दाई ने की. क्योंकि उक्त स्वास्थ्य केंद्र पर केवल एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उपलब्ध था. मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि यह बहुत खेदजनक स्थिति है. जब राज्य सरकार राज्य के दूरदराज के इलाकों में रहने वाली जनता को चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए भारी मात्रा में धन खर्च कर रही है तो ऐसी स्थिति क्यों बन रही है.
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