पूर्व विधायक सत्यनारायण शर्मा ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर कहा है कि गिरौदपुरी धाम में जैतखाम को तोड़फोड़ कर अपवित्र करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई किये जाने के लिये सतनामी समाज के लोग शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठा हुए थे. भीड़ में शामिल कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़फोड और आगजनी की गई. जिसके कारण पुलिस असामाजिक तत्वों और समाज के निर्दोष लोगों के बीच भेद न करते हुए पूरे सतनामी समाज को अपराधी ठहरा रही है.
शर्मा ने किसी भी प्रकार की गुंडागर्दी, और ऑर्ट आगजनी का विरोध करते हुए पुलिस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि अराजक लोगों द्वारा किये गए कार्यों के कारण छत्तीसगढ़ पुलिस समस्त सतनामी समाज पर बर्बर तरीके से उन पर अत्याचार कर रही है जो कि अमानवीय और मानव अधिकार का सीधा उल्लंघन है.
सत्यनारायण शर्मा ने इस मामले की उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर तथ्यों की सूक्ष्म जांच कराकर निर्दोष लोगों को फंसाने और उन पर पुलिस द्वारा की जा रही अमानवीय और बर्बर कार्रवाई पर रोक लगाने तथा असामाजिक तत्वों पर कठोर से कठोर कार्रवाई किये जाने की मांग की है.
जानिए क्या है पूरा मामला
बता दें, 15 और 16 मई की दरमियानी रात कुछ असामाजिक तत्वों ने गिरौधपुरी धाम में सतनामी समाज के धार्मिक स्थल के पूज्य जैतखाम में तोड़फोड़ की थी. मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. पुलिस की इस कार्रवाई से समाज के लोग असंतुष्ट थे और न्यायिक जांच की मांग कर रहे थे. इस बीच सोमवार को गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच की घोषणा की. वहीं जैतखाम में तोड़फोड़ के विरोध में हजारों लोग कलेक्ट्रेट के पास एकत्र हुए और जमकर हंगामा किया. जहां प्रदर्शन हिंसक हो गया. जिसके बाद उपद्रवियों ने तांडव मचाते हुए कलेक्टर और एसपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया. इस घटना में वहां मौजूद 20-30 पुलिसकर्मी घायल हो हुए. फिलहाल, शहर में 16 जून तक धारा 144 लागू है. मामले में पुलिस एसआईटी की जांच कर रही है.
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