उत्तर प्रदेश ।
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे मंगलवार चार जून को आ गए इसके तहत उत्तर प्रदेश । में भाजपा नीत एडीए का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। जबकि कांग्रेस-सपा के इंडिया ब्लॉक का प्रदर्शन पिछली बार के मुकाबले सुधरा है। इसमें सपा ने सबसे ज्यादा 37 सीटों पर जीत दर्ज की। जबकि कांग्रेस ने भी 6 सीटें जीती हैं। भाजपा और एनडीए के खाते में 36 सीटें आई हैं। जबकि एक सीट आजाद समाज पार्टी (कांशी राम) के खाते में गई है। इसी बीच अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के दो मंत्रियों की इस्तीफा देने की चर्चा तेज हो गई है। आइए जानते हैं योगी सरकार के वो दो मंत्री कौन हैं, जिनके इस्तीफा देने की चर्चा ने जोर पकड़ा हैं
मोदी कैबिनेट में यूपी के प्रतिनिधित्व पर चर्चाओं का बाजार गर्म
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे घोषित होने के बाद अब सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई है। बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में मंत्रिमंडल कैसा होगा। इसपर सबकी नजरें हैं। इस दौरान चर्चा यह भी कि यूपी में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बावजूद मोदी के मंत्रिमंडल में किसी को जगह मिलेगी या नहीं? पार्टी के वरिष्ठ सूत्रों की मानें तो यूपी में खराब प्रदर्शन के बाद मोदी कैबिनेट में यूपी के मंत्रियों की संख्या पिछली बार से कम रह सकती है। दरअसल, साल 2019 में सहयोगी दलों के साथ मिलकर बीजेपी ने यूपी से 64 लोकसभा सीटें जीती थीं। इसी वजह से केंद्रीय मंत्रिमंडल में यूपी को प्रतिनिधित्व देते हुए प्रधानमंत्री समेत 14 मंत्री बनाए गए थे
मौजूदा हालतों को देखते हुए अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल का तीसरी बार मंत्री बनना तय है। जबकि RLD प्रमुख जयंत चौधरी भी यूपी के कोटे और सहयोगी दल के मुखिया होने के नाते केंद्र में मंत्री बन सकते हैं। इसके अलावा NDA का कोई अन्य सहयोगी (ओपी राजभर- संजय निषाद) एक भी सीट नहीं जीत सका है। इसलिए बीजेपी को अपने कोटे से उन्हें मंत्री पद देना पड़ सकता है। वहीं, जातीय समीकरण बनाने के लिए पुराने मंत्रियों (चुनाव हारने वाले) की जगह उनकी ही जाति के नए चेहरों को जगह दी जा सकती है।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल यानी साल 2019 में महेंद्रनाथ पांडे, अजय मिश्रा टेनी ब्राह्मण चेहरा थे। इस बार ये दोनों नेता चुनाव हार गए हैं। ऐसे में उनकी जगह कम से कम एक ब्राह्मण मंत्री यूपी से जरूर रखा जाएगा। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है। जितिन प्रयासद ने पीलीभीत से चुनाव जीता है
अगर ऐसा होता है तो लखीमपुर खीरी जिले की धौरहरा विधानसभा सीट पर दोबारा उपचुनाव कराया जाएगा। इसके अलावा राज्यसभा सांसद और पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा या पूर्व मंत्री महेश शर्मा को भी मोदी मंत्रिमंडल में ब्राह्मण चेहरे की वजह से जगह मिल सकती है। यूपी के सीनियर बीजेपी लीडर लक्ष्मीकांत वाजपेयी का नाम भी इस लिस्ट में शामिल हो सकता है
मोदी कैबिनेट में उत्तर प्रदेश से कम से कम दो दलित समाज के मंत्री बनाए जा सकते हैं। आगरा से चुनाव जीते एसपी सिंह बघेल के अनुभव को देखते हुए उनको मोदी कैबिनेट में मौका मिला सकता है। जबकि हाथरस से चुनाव जीते अनूप वाल्मीकि को भी मोदी के मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। अगर अनूप वाल्मीकि मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होंगे तो खैर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा। यानी उन्हें खैर विधानसभा के विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ेगा।
इसके अलावा ओबीसी फैक्टर का ध्यान भी मोदी 3.0 सरकार बनाते समय रखना होगा। लिहाजा बुलंदशहर से चुनाव जीते भोला सिंह, महराजगंज से चुनाव जीते पंकज चौधरी और बरेली से चुनाव जीते छत्रपाल गंगवार में से किसी को मंत्री बनाया जा सकता है।
पिछली सरकार में महिला मंत्रियों में स्मृति ईरानी, साध्वी निरंजन ज्योति और अपना दल की अनुप्रिया पटेल थीं, लेकिन इस बार सिर्फ दो महिलाएं यूपी से चुनकर संसद पहुंची हैं। अनुप्रिया पटेल और हेमा मालिनी। इसलिए अनुप्रिया पटेल का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। जबकि शाहजहांपुर से चुनाव जीतकर आए अरुण सागर को भी युवा चेहरे के तौर पर मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है
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