गर्मी का खौफ: अब ज्यादा हरियाली बिखेरने पर ध्यान

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कोरबा।

साल दर साल तापमान में हो रही बढ़ोतरी के कारण जनजीवन के सामने चुनौतियों का बढऩा जारी है। वैश्विक जगत को इसका सामना करना पड़ रहा है। इस वर्ष कोरबा जिले में गर्मी के पिछले सभी रिकॉर्ड टूटते नजर आ रहे हैं इसलिए अब अधिक संख्या में पौधे लगाने और उनका संरक्षण करने को लेकर लोगों में जागरूकता का स्तर कुछ बढ़ता हुआ दिख रहा है। मानसून सीजन में किस प्रकार से अधिक पौधों का रोपण धरती पर हो सके, इसके लिए प्रयास किया जा रहे हैं। साथ ही अन्य लोगों को भी इस अभियान से जोडऩे के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

पिछले वर्षों में मानसून सत्र के दौरान पौधारोपण करने के लिए केवल सरकारी तंत्र ही सक्रिय नजर आया है ।जबकि कुछ मामलों में सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों ने भी अपनी ओर से इस दिशा में कोशिश की है लेकिन धरातल पर जीवित वर्षों की संख्या बाद के दिनों में बहुत ज्यादा नहीं रह सकी और विकास की अंधी दौड़ में अधिकतम संख्या में वृक्षों की कटाई के कारण भी विपरीत स्थितियों निर्मित हुई है । यह सिलसिला लगातार चलने की बात भी कहीं जा रही है। इस प्रकार कि मनमानी प्रतिस्पर्धा के कारण हर कही परेशानियां है। इसके चलते गर्मी के मौसम में तापमान का स्तर 50 डिग्री के आसपास पहुंचता हुआ नजर आ रहा है। कोरबा समेत आसपास के क्षेत्र में इसी प्रकार की स्थिति है। हालात ने लोगों को न केवल डराया है बल्कि भविष्य को लेकर चेतावनी दी है । इसलिए सामाजिक सरोकार का प्रदर्शन करने की मानसिकता नागरिकों के संगठन ने बनाई है। योजना के अंतर्गत इस वर्ष कई लाख पौधों का रोपण कोरबा जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाएगा। पौधे जुटाने से लेकर उन्हें लगाने और उनकी देखभाल करने का संकल्प इस अभियान के अंतर्गत होना है। संगठनों का कहना है कि जब तक सरकार के भरोसे रह जाएगा पर्यावरण की स्थिति इसी प्रकार की रहेगी और आने वाले समय में गंभीर परिणाम का सामना करने के लिए तैयार होना पड़ेगा । इसलिए हर व्यक्ति को इस प्रकार के अभियानों से न केवल जुडऩे की जरूरत है बल्कि उन्हें अपने आसपास के क्षेत्र की खाली जमीन में भी हरियाली बिखरने के बारे में जमीनी स्तर पर जरूरी कदम उठाने होंगे।

25000 का लक्ष्य
पर्यावरण सबकी जरूरत है। इसकी रक्षा के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कोरबा जिले में इस वर्ष 25000 पौधों का रोपण करना सुनिश्चित किया है। पर्यावरण दिवस से इसकी शुरुआत की जाएगी। पौधों की सूरक्षा के लिए ट्रीगार्ड जरूरी है।

संरक्षण पर देंगे जोर
भारत विकास परिषद पिछले वर्षों में पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनी भूमिका निभाता रहा है। इस बार भी कुछ क्षेत्रों को चिन्हित करने के साथ वहां पर्यावरण के अनुकूल पौधों का रोपण किया जाएगा। इनका संरक्षण हो, इस पर भी काम करेंगे।

औषधिय पौधों से लाभ
पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए औषधि महत्व के पौधे काफी महत्व रखते हैं। उनकी छाया से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में इनका उपयोग सर्वाधिक है। हमारा संगठन वर्षा काल में इस तरह के पौधों का रोपण करेगा।
डॉ नागेंद्र शर्मा
सचिव, लायंस क्लब कोरबा एवरेस्ट


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