रायपुर ।
’अमृतकाल : छत्तीसगढ़ विजन @ 2047’ डॉक्यूमेंट तैयार करने ”कृषि एवं वानिकी” विषय पर गठित वर्किंग समिति की बैठक राज्य नीति आयोग अटल नगर नवा रायपुर के सभा कक्ष में आज आयोजित की गई। कृषि एवं वानिकी से संबंधित लक्ष्य, चुनौतियां एवं सामर्थ्य विषय पर विस्तार से चर्चा की गई तथा वर्किंग समिति के सदस्यों द्वारा सुझाव दिए गए।
छत्तीसगढ़ को भारत में सुपर फूड का केंद्र बनाने, छत्तीसगढ़ को प्रसंस्कृत सुपरफूड का पावर हाउस बनाने, वानिकी उत्पादों के साथ मजबूत ब्रांड का निर्माण करने, खाद्य प्रसंस्करण तकनीकों का कार्यान्वयन, कौशल उन्नयन और बुनियादी ढांचे में निवेश, फसलों का पैदावार बढ़ाने, मूल्य वर्धित उत्पादों के उत्पादन के लिए बागवानी पर ध्यान केंद्रित करने, कृषि सेवा केेन्द्र को बढ़ाने, किसानों के लिए पर्याप्त ऋण सुविधा उपलब्ध कराने, मृदा जांच तथा छत्तीसगढ़ को जड़ी-बूटी और वनोपज के केंद्र के रूप में विकसित करने, वनोपज व्यापार केंद्र बनाने, भंडारण प्रसंस्करण और परिवहन के लिए बुनियादी ढांचा बनाने, किसानों को सक्षम बनाने राज्य सरकार द्वारा की जा रही पहल, लघु वनोपजों की मजबूती, जल और सिंचाई की पर्याप्त उपलब्धता सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।
राज्य नीति आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह, सदस्य सचिव अनूप श्रीवास्तव एवं सदस्य के. सुब्रमण्यम ने विभागों द्वारा बनाए गए लघु, मध्यम एवं दीर्घकालीन विजन एवं रणनीतियों के निर्धारण हेतु अपना सुझाव दिए। अजय सिंह ने कृषि भूमि के बेहतर उपयोग एवं बहु फसल प्रथाओं को बढ़ाने की क्षमता, प्रति कृषि परिवार की औसत मासिक आय में बढ़ोत्तरी, किसानों के लिए बेहतर ऋण की सुविधा, उन्नत तकनीकी की आवश्यकता उत्पादकता एवं क्षमता बढ़ाने के लिए सटीक खेती जैसे विषयों को डाक्यूमेंट में शामिल करने की बात की। सदस्य सचिव अनुप श्रीवास्तव और सदस्य के. सुब्रमण्यम ने कृषि अनुसंधान एवं विकास में बड़ा निवेश करने, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर जोर देने, जैविक खेती, फसल चक्र, खाद्य वितरण प्रणाली और कोल्ड स्टोरेज को मजबूत करने सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर अपना सुझाव दिए।
मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. धीरेंद्र तिवारी ने कहा कि उन्नत प्रशिक्षण और डिजिटल उपकरण के माध्यम सेे किसानों को सशक्त बनाया जा सकता है। उन्होंने फसलों के पैदावार बढ़ाने तथा कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने, कृषिवानिकी को बढ़ावा देने, किसानों के लिए विपणन की बेहतर व्यवस्था करने सहित अन्य आवश्यक सभी उपायों का समावेश डॉक्यूमेंट में होना चाहिए।बैठक में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, कृषि किसान कल्याण एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग, सहकारिता, उद्यानिकी, पशु चिकित्सा सेवाएं, मत्स्य पालन विभाग, मार्कफेड, नाबार्ड, लघु वनोपज सहकारी संघ के अधिकारियों ने अपने विभाग के लक्ष्य, चुनौतियां एवं सामर्थ्य का प्रेजेंटेशन दिया।विजन डाक्यूमेंट तैयार करने का उत्तरदायित्व राज्य नीति आयोग को सौंपा गया है। सितंबर तक विजन डॉक्यूमेंट का अंतिम रिपोर्ट तैयार करने की अपेक्षा की गई है इसके लिए अलग-अलग विषयों पर आठ वर्किंग ग्रुप बनाए गए हैं।इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा, कृषि विभाग सचिव शहला निगार, संयुक्त संचालक डॉ. नीतू गौरडिया सहित समिति के सदस्य गण एवं नोडल अधिकारी उपस्थित थे।
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