पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग में सतर्कता प्रकोष्ठ की स्थापना
रायपुर।
पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग, राज्य का तीसरा प्रमुख राजस्व अर्जक विभाग है। विभाग के राजस्व योगदान को बढ़ाने, तथा किसी भी संभावित राजस्व अपवंचन को रोकने के लिए विभागीय मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक कार्यालय में एक सतर्कता प्रकोष्ठ (Vigilance Cell) की स्थापना की गई है।वर्तमान में पंजीयन एवं मुद्रांक संबंधित प्रकरणों में कर निर्धारण अधिकारी द्वारा त्रुटि पूर्ण निर्धारण होने पर उसकी पहचान तथा रिएसेसमेंट (पुनर्मूल्यांकन) की कोई सार्थक व्यवस्था नहीं थी। सतर्कता प्रकोष्ठ बड़े मूल्य की रजिस्ट्री की जांच एवं परीक्षण कर उसमें किसी भी संभावित कर अपवंचन का पता लगाएगा।
विजिलेंस प्रकोष्ठ द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य अंतर्गत औद्योगिक इकाइयों, कारखानों के अधिग्रहण, समामेलन तथा स्वामित्व अंतरण के प्रकरणों में निर्धारित बाजार मूल्य एवं स्टांप शुल्क की जांच सतत रूप से की जाएगी। उप पंजीयक कार्यालय में 5 करोड़ से अधिक कीमत की रजिस्ट्री की संवीक्षा भी सतर्कता प्रकोष्ठ करेगा। सतर्कता प्रकोष्ठ अपने कार्यों के निष्पादन के लिए दूसरे विभागों से सहायता प्राप्त कर सकेगा, मौके पर जाकर स्थल निरीक्षण भी कर सकेगा।
अत्याधुनिक तकनीक से डाटा एनालिसिस के द्वारा सतर्कता प्रकोष्ठ को इनपुट उपलब्ध कराने के लिए एक विशेष डेटा विश्लेषण टीम की स्थापना सतर्कता प्रकोष्ठ के अन्तर्गत की जाएगी। यह टीम पंजीयन दस्तावेज़ों से प्राप्त डेटा पर विश्लेषण कर संभावित कर अपवंचन (टैक्स चोरी) के प्रकरणों की जानकारी सतर्कता प्रकोष्ठ को उपलब्ध कराएगी।देश के दूसरे राज्यों तथा दूसरे कराधान विभागों में कर प्रणाली में समय-समय पर होने वाले परिवर्तन का अध्ययन एवं समायोजन भी सतर्कता प्रकोष्ठ द्वारा किया जाएगा। सतर्कता प्रकोष्ठ की स्थापना से कर अपवंचन में प्रभावी रोकथाम तथा राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी।