नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 मई को काशी के कोतवाल कालभैरव का आशीर्वाद लेकर नामांकन करेंगे। इस दिन अभिजीत मुहूर्त, आनंद योग, सर्वार्थसिद्धि योग के साथ ही भौम पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। अयोध्या में राममंदिर की प्राणप्रतिष्ठा और शिलान्यास का मुहूर्त देने वाले पं. गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने 14 मई के मुहूर्त को सर्वोत्तम बताया है।पं. गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ के अनुसार, पुष्य नक्षत्र की शुरुआत 13 मई को सुबह 01:43 बजे से होगी, जो 14 मई को दोपहर 3:10 बजे तक रहेगा। इसके बाद आश्लेषा नक्षत्र शुरू होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली के अनुसार दोनों नक्षत्र उनके अनुकूल हैं।ग्रहों की स्थिति देखें तो नामांकन के लिए सर्वोत्तम ग्रहों की स्थिति का निर्माण हो रहा है। इस दौरान चंद्रमा भी अष्टम में नहीं है, जो कि लाभदायक होगा। 14 मई को गंगा सप्तमी के साथ ही भौम पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है।
बन रहा ये खास संयोग
भौम पुष्य नक्षत्र पद, प्रतिष्ठा और ऐश्वर्यकारक योग का निर्माण करेगा। इस दिन अभिजीत मुहूर्त, आनंद और सर्वार्थसिद्धि योग निर्मित हो रहा है। आनंद योग दोपहर 1:05 बजे तक, सर्वार्थ सिद्धि योग पुष्य नक्षत्र में 13 मई को सुबह 11:23 बजे से 14 मई को शाम 5:49 बजे तक रहेगा।इसी तरह सर्वार्थ सिद्धि योग आश्लेषा नक्षत्र में 14 मई को दोपहर 1:05 बजे से 15 मई की सुबह 5:49 बजे तक रहेगा। अमृत काल सुबह 6:13 बजे से 7:56 बजे तक रहेगा। सूर्य 14 मई को 5:55 तक मेष राशि में और इसके बाद वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। वहीं, चंद्रमा संपूर्ण दिन व रात कर्क राशि पर संचार करेगा।
राज सत्ता के संयोग का करेगी निर्माण
पं. द्राविड़ के अनुसार राहुकाल अपराह्न 3:39 बजे से शाम 5:18 बजे तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गंगा सप्तमी और भौम पुष्य नक्षत्र का संयोग ग्रहों की स्थिति सर्वोत्तम स्थितियों का निर्माण कर रही हैं। इस दिन कोई भी कार्य करने से अभीष्ट की सिद्धि होती है। मंगलवार को पुष्य नक्षत्र राज सत्ता के संयोग का निर्माण करेगी। पुष्य नक्षत्र में यदि किसी काम को किया जाए तो उसमें सफलता तय मानी जाती है।
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