जिला प्रशासन द्वारा रोका गया बाल विवाह


  जांजगीर-चांपा ।  

महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग के संयुक्त प्रयास से आज एक नाबालिग कन्या का विवाह से रोका गया। बाल विवाह संबंधी सूचना प्राप्त होते ही कलेक्टर आकाश कुमार छिकारा के निर्देशानुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास अनिता अग्रवाल एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी  गजेन्द्र सिंह जायसवाल के नेतृत्व में टीम तैयार कर एवं पुलिस विभाग के सहयोग से ग्राम टूरी (हीरागढ़) में बाल विवाह की सूचना प्राप्त होते ही सूचना स्थल पर जाकर पतासाजी की गई।
जहां घर जाकर उसके अंकसूची की जांच की जहां बालक की उम्र 18 वर्ष 09 माह होना पाया गया। इसी ग्राम पंचायत के बाल विवाह के अन्य मामले मे बालिका के घर जाकर उसके अंकसूची की जांच की जहां बालिका की उम्र 17 वर्ष 07 माह 13 दिन होना पाया गया।

विभाग के अधिकारी कर्मचारी द्वारा बालिका एवं उसके माता-पिता एवं स्थानीय लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया एवं समझाईस के पश्चात स्थानीय लोगों की उपस्थिति में बालिका के माता-पिता की सहमति से बालिका का विवाह रोका गया है। दल में परियोजना अधिकारी नवागढ़ पंकज शुक्ला, पर्यवेक्षक आशमणी लकड़ा, त्रिवेणी पाण्डेय,  जोहित कुमार कश्ययप तथा भूपेश कश्यप टीम मेम्बर चाइल्ड लाइन जांजगीर उपस्थित थे।  ज्ञात हो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष तथा लड़के की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है। निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में बाल विवाह करने पर पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवाह करने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, विवाह कराने वाले पंडित के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। अधिनियम के तहत 02 वर्ष के कठोर सश्रम कारावास तथा 01 लाख के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है।


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