रायपुर ।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने सबूत दे दिए हैं कि वो ईवीएम हटाने के नाम से ही घबरा जाती है और उसे हार का डर सताने लगता है. उन्होंने कहा कि राजनांदगांव लोकसभा में 244 नागरिकों ने नामांकन पत्र ले लिए तो भाजपा इतनी घबरा गई कि उसके नेता धमकियां देने लगे और प्रशासन को लगाकर नामांकन रोकने की कोशिश की गई।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि नामांकन भरने के एक दिन पहले यानी तीन अप्रैल को जब राजनांदगांव में 244 लोगों ने नामांकन पत्र ले लिए तो भाजपा के हाथ पांव फूलने लगे. उन्होंने कहा कि जब यह ख़बर सार्वजनिक हो गई तो भाजपा के नेताओं ने कुछ बैंकों में फ़ोन करके मैनेजरों को धमकाया कि वे किसी भी सूरत में उम्मीदवारों के लिए नया बैंक एकाउंट न खोलें. उल्लेखनीय है कि नामांकन भरने से पहले प्रत्याशियों को बैंकों में नए अकाउंट खोलने पड़ते हैं जिसे ज़ीरो बैलेंस एकाउंट कहा जाता है l
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और राजनांदगांव से कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल ने पिछले दिनों कार्यकर्ताओं के सवाल के जवाब में कहा था कि यदि किसी सीट पर 385 से अधिक उम्मीदवार नामांकन कर दें तो संभव है कि चुनाव आयोग को ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव करवाने पड़ें. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर इस बात का ज़िक्र है कि ईवीएम के ज़रिए अधिकतम 385 उम्मीदवारों के ही चुनाव करवाए जा सकते हैं. इसके बाद कार्यकर्ताओं और लोकतंत्र समर्थक लोगों ने नामांकन भरने के लिए नामांकन पत्र लेना शुरू किया था l
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि यदि कार्यकर्ता अपनी मर्ज़ी से अधिक संख्या में नामांकन दाखिल करना चाहते थे तो किसी को तकलीफ़ नहीं होनी चाहिए पर भाजपा को इससे इतनी घबराहट हो गई कि राजनांदगांव के दो पदाधिकारियों के घर पर अधिकारियों को भेजकर कार्रवाई करने का प्रयास किया गया. उन्होंने कहा है कि अधिकारियों ने हालांकि चुनाव के समय बिना अनुमति के अधिक लोगों के एकत्रित होने का बहाना बनाया लेकिन यह स्पष्ट है कि वे अधिक लोगों के नामांकन को हर हाल में रोकना चाहते थे. यदि ये बाधाएं पैदा न की गई होती तो राजनांदगांव से 400 से अधिक नामांकन भरे गए होते.इस अवैधानिक छापेमारी को भाजपा का डर बताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि राज्य की सत्ता पर काबिज भाजपा सत्ता के दम पर अधिकारियों को कांग्रेस नेताओं के घर भेजकर इसका सबूत दे दिया है कि वे ईवीएम के बिना चुनाव लड़ने के नाम से डरते हैंl
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा की अप्रत्याशित जीत के बाद मतदाताओं के मन में भी यह शंका पैदा हो गई है कि चुनाव में ईवीएम की भी भूमिका संदिग्ध है. देश के अलग-अलग हिस्सों में भी ईवीएम में छेड़छाड़ की आशंकाएं जताई गई हैं. उन्होंने पूछा है कि अगर ईवीएम से निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव ही होते हैं तो भाजपा को किस बात का डर है? उन्होंने पूछा है कि क्या भाजपा इस बात से डरती है कि इससे नरेंद्र मोदी की कथित लोकप्रियता की कलई खुल जाएगी? या कि यह राज़ खुल जाएगा कि पिछले विधानसभा चुनाव के परिणाम सारे अनुमानों के इतने विपरीत कैसे निकले?
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