नई दिल्ली । अभी भारत में चुनाव हुए भी नहीं हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विदेश से चुनाव बाद के आमंत्रण आने लगे हैं। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से बात करने के कुछ ही घंटों बाद पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से फोन पर बातचीत की। बता दें कि रूस और यूक्रेन में पिछले 2 वर्षों से युद्ध चल रहा है और हाल ही में पुतिन ने चेताया था कि अगर NATO यूक्रेन में उतरता है तो तृतीया विश्व युद्ध होने से कोई नहीं रोक पाएगा। इस तनाव के बीच पीएम मोदी ने दोनों नेताओं से बात की।
बताया जा रहा है कि पुतिन और जेलेंस्की दोनों ने ही चुनाव बाद पीएम मोदी को अपने-अपने देश आने का न्योता दिया है। साथ ही दोनों ने ये भी कहा है कि वो भारत को समझौता करा कर शांति स्थापित कराने वाले देश के रूप में देखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले 2019 में रूस के दौरे पर गए थे। पीएम मोदी को न्योता मिलना ये भी दिखाता है कि अन्य देश भी ये मान कर चल रहे हैं कि बतौर प्रधानमंत्री लगातार तीसरी बार उनकी वापसी तय है और जनादेश उनके ही पक्ष में जाने वाला है।
पीएम मोदी ने वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से रूस-यूक्रेन के आम लोगों के बीच संबंध प्रगाढ़ करने के साथ-साथ रूस से यूक्रेन का तनाव खत्म करने पर भी बात की। उन्होंने कहा कि बातचीत और कूटनीति के जरिए ही युद्ध को समाप्त किया जा सकता है। जापान के हिरोशिमा में मई 2023 में पीएम मोदी ने G7 समिट से इतर जेलेंस्की से मुलाकात भी की थी। भारत ने यूक्रेन को मानवीय सहायता भी भेजी थी, जिसके लिए जेलेसी ने पीएम मोदी को ताज़ा बातचीत के दौरान धन्यवाद दिया।
इससे पहले पुतिन के फिर से रूस का राष्ट्रपति चुने जाने पर पीएम मोदी ने उन्हें फोन कॉल कर के बधाई दी थी। इस दौरान दोनों ने भारत-रूस के रणनीतिक संबंधों को प्रगाढ़ करने पर सहमति जताई। पुतिन 87.17% वोटों से फिर से रूस के प्रेजिडेंट चुने गए हैं। इससे पहले 2000, 2004, 2012 और 2018 में भी वो राष्ट्रपति का चुनाव जीत चुके हैं। पश्चिमी देशों ने इस चुनाव को अलोकतांत्रिक करार दिया है। यूक्रेन ने यूएस कॉन्ग्रेस से 60 बिलियन डॉलर के पैकेज को अनब्लॉक करने की माँग की है, जो राजनीतिक खींचातानी में अटकी हुई है।
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