मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार के पूरे हुए तीन माह


रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार को आज तीन महीने पूरे हो चुके हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के साथ ही मंत्रिगणों और आम नागरिकों ने मुख्यमंत्री साय को बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री साय भी लोगों से आत्मीयता से मिले, उनका अभिवादन स्वीकारा और आगे भी प्रदेश के विकास के लिए शासन-प्रशासन के सहयोग का आग्रह किया। इस मौके पर उनकी धर्मपत्नी कौशल्या साय भी मौजूद रहीं।
राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में आज शिक्षा मंत्री  बृजमोहन अग्रवाल, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी, वन मंत्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, विधायक सर्वश्री पुन्नूलाल मोहिले, संपत अग्रवाल, अनूज शर्मा, भावना बोहरा,  अमर अग्रवाल राजेश मूणत सहित अनेक जनप्रतिनिधि और प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आए लोगों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय को जनहितैषी फैसलों और मोदी की अधिकांश गारंटियों  को पूरा करने के लिए आभार जताया। प्रदेश के विभिन्न इलाकों से आये लोगों ने तीन माह के कार्यकाल में प्रदेशवासियों के हित के लिए समर्पित होकर कार्य करने के लिए मुख्यमंत्री को बधाई और शुभकामनाएं दी।

गौरतलब है कि तीन महीने की अल्पवधि में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राज्य की जनता को दी गई अधिकांश गारंटियां पूरी हो चुकी हैं तथा अन्य गारंटियों को पूरा करने राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ बढ़ रही है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के 18 लाख गरीब परिवारों को आवास स्वीकृत किए गए हैं। महतारी वंदन योजना के माध्यम से माताओं एवं बहनों को प्रति माह एक हजार रूपए की सहायता की पहली किश्त के रूप में 655 करोड़ रूपए की राशि जारी की गई है। खेती-किसानी को मजबूत बनाने के लिए कृषक उन्नति योजना में 24 लाख 72 हजार किसानों को 13 हजार 320 करोड़ रूपए की आदान सहायता के साथ ही किसानों को दो साल के बकाया धान बोनस के रूप में 3716 करोड़ रूपए की राशि जारी की गई है।
वहीं इस वर्ष छत्तीसगढ़ में रिकॉर्ड धान खरीदी की गई है। किसानों से समर्थन मूल्य पर 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी के एवज में 24.72 लाख किसानों को 31 हजार 914 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी के साथ ही किसानों को धान की 3100 रूपए प्रति क्विंटल कीमत मिल रही है, जो देश में सर्वाधिक है। तेन्दूपत्ता संग्राहकों का पारिश्रमिक प्रति मानक बोरा 4000 से बढ़ाकर 5500 रूपए करने सहित अनेकों महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट भी छत्तीसगढ़ के विकास का बजट है, समृद्धि और खुशहाली का बजट है। प्रदेश सरकार के इन फैसलों से छत्तीसगढ़ तेजी से विकास के रास्ते पर आगे बढ़ेगा।


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