रायपुर। चुनाव से पूर्व स्कूल शिक्षा विभाग ने गैर शैक्षणिक कार्यो में लिप्त शिक्षकों का संलग्नीकरण समाप्त करने का निर्देश दिया है, जबकि ऐसा निर्देश प्रतिवर्ष दिया जाता है, लेकिन मैदानी स्तर पर ऐसे निर्देशों को जिले के जिम्मेदार अधिकारी गंभीरता से नहीं लेते है, क्योंकि बड़ी संख्या में शिक्षकों, व्याख्याताओं, प्राचार्यो को डीईओ कार्यालय, बीईओ कार्यालय, समग्र शिक्षा विभाग, नगर निगम, विधायक कार्यालय, सांसद कार्यालय में संलग्न कर रखा गया है, और सभी गैर शैक्षणिक कार्यो में लिप्त है।
छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल का कहना है कि स्कूल शिक्षा विभाग के संलग्नीकरण समाप्त करने के फरमान की शुरूआत शिक्षा मंत्री के निवास से होना चाहिए, क्योंकि शिक्षा मंत्री के निवास में शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य करने संलग्न किया गया है। दो प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारियों, जिनका मूल पद प्राचार्य है, उन्हें भी संलग्न कर रखा गया है। वहीं डीईओ कार्यालय, बीईओ कार्यालय, समग्र शिक्षा विभाग, विधायक कार्यालय, सांसद कार्यालय, नगर निगम में भारी संख्या में शिक्षकों, व्याख्याताओं, प्राचार्यो को संलग्न कर रखा गया है, जो गैर शैक्षणिक कार्यो में वर्षो से लिप्त है।
श्री पॉल ने बताया कि उनके द्वारा विगत कई वर्षो से यह मांग की जा रही है कि सभी गैर शैक्षणिक कार्यो में लिप्त शिक्षकों, व्याख्याताओं, प्राचार्यो का संलग्नीकरण और प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उन्हें उनके मूल संस्था, विभाग में भेजा जाना चाहिए, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है, वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार अधिकारीगण न्यायालयों में शपथ पत्र प्रस्तुत कर यह जानकारी दे रहे है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है।
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