नई दिल्ली/ 08 दिसंबर 2023/ पिछले कुछ महीनों में अज्ञात बंदूकधारी पाकिस्तान से लेकर कनाडा तक विदेशी धरती पर भारत के दुश्मनों को चुन-चुनकर मार रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि इन बंदूकधारियों का न तो कोई नाम है और न ही इनका कोई पहचानने योग्य चेहरा है।इन बंदूकधारियों का निशाना या तो अपराधी हैं, या भारत सरकार द्वारा वांटेड आतंकवादियों की लिस्ट में शुमार लोग हैं। अज्ञात बंदूकधारी कई महीनों से सक्रिय रूप से इन क्रूर अपराधियों का सफाया कर रहे हैं।अब इसको लेकर भारत सरकार का रिएक्शन सामने आया है। गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत सरकार का इस मुद्दे पर कोई स्टैंड नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत की लंबे समय से मांग रही है कि अपराधी भारत के कानूनी सिस्टम का सामना करें। पाकिस्तान में अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा आतंकवादियों के मारे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “…जो लोग भारत में आपराधिक और आतंकवादी गतिविधियों के लिए न्याय का सामना करना चाहते हैं, हम चाहेंगे कि वे भारत आएं और हमारी कानूनी प्रणाली का सामना करें लेकिन मैं पाकिस्तान में हो रहे घटनाक्रम पर टिप्पणी नहीं कर सकता।”अब तक ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां अज्ञात बंदूकधारियों ने विदेशी धरती पर भारत के दुश्मनों का सफाया किया है। 2 और 3 दिसंबर 2023 की दरमियानी रात को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी हंजला अदनान को पाकिस्तान के कराची में उसके घर के पास अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी थी। हंजला अदनान को 4 गोलियां लगीं। अदनान पर उसके सुरक्षित घर के बाहर कड़ी सुरक्षा के बीच हमला किया गया। गोली लगने के बाद उसे पाकिस्तानी सेना ने गुपचुप तरीके से कराची के एक अस्पताल में भर्ती कराया था। 5 दिसंबर को उसका निधन हो गया। हंजला अदनान ने हाल ही में अपना ऑपरेशन बेस रावलपिंडी से कराची शिफ्ट किया था।बता दें कि हंजला अदनान 2015 के उधमपुर हमले में मुख्य साजिशकर्ता था, जिसमें बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के काफिले को लश्कर के आतंकवादियों ने निशाना बनाया था। इस हमले में बीएसएफ के 2 जवान शहीद हो गए जबकि 13 अन्य जवान घायल हो गए। इस हमले की जांच एनआईए ने की थी और 6 अगस्त 2015 को आरोप पत्र दायर किया गया था।हंजला अदनान अज्ञात बंदूकधारियों का ताजा निशाना था। इससे पहले मुंबई 26/11 हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में अपनी भूमिका के लिए कुख्यात लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को पाकिस्तान के डेरा गाजी खान में सेंट्रल जेल के अंदर जहर दे दिया गया था। उसे 4 दिसंबर 2023 को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा एयरलिफ्ट किया गया था और सीएमएच बहावलपुर में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसकी कभी भी मौत हो सकती है। साजिद मीर को कथित तौर पर अक्टूबर 2023 से सेंट्रल जेल डेरा गाजी खान की रसोई में कार्यरत एक निजी रसोइये ने जहर दे दिया था, जो अचानक लापता हो गया है।
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