विश्व एड्स दिवस 1 दिसंबर के अवसर पर मेडिसिन विभाग में मेडिसिन अपडेट -एचआईवी अपडेट का आयोजन

0

रायपुर. 06 दिसंबर 2023.  पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के मेडिसिन रोग विभाग द्वारा राज्य स्तरीय वार्षिक सम्मेलन मेडिसिन अपडेट(एचआईवी अपडेट) 2023 का आयोजन अम्बेडकर अस्पताल के फिजियोथेरेपी हाल में शुक्रवार को किया गया। विश्व एड्स दिवस एक दिसंबर के उपलक्ष्य में आयोजित इस राज्य स्तरीय वार्षिक सम्मेलन का विषय एक कदम – एचआईवी नेमेसिस तक था। सुबह 9 से शाम 4 बजे तक आयोजित इस सम्मेलन में विभिन्न प्रकार के सत्रों(सेशन) का आयोजन किया गया जिसके अंतर्गत वैज्ञानिक सत्र में विशेषज्ञ डॉक्टरों के व्याख्यान, चिकित्सा छात्रों द्वारा पेपर एवं पोस्टर प्रेजेंटेशन और सांस्कृतिक गतिविधियां शामिल रहीं।  मेडिसिन अपडेट 2023 कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन दोपहर 12 बजे डॉ. (प्रो.) जी. बी. गुप्ता(पूर्व कुलपति पंडित दीनदयाल उपाध्याय आयुष विश्वविद्यालय), डॉ. तृप्ति नागरिया (अधिष्ठाता चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर), डॉ. एस. बी. एस. नेताम (अधीक्षक अम्बेडकर अस्पताल), डॉ. आलोक राय एवं डॉ. विनय आर. पंडित (विभागाध्यक्ष मेडिसिन विभाग एम्स रायपुर) के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ।   वैज्ञानिक सत्र में अम्बेडकर अस्पताल के मेडिसिन विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अर्चना टोप्पो ने एचआईवी रोगियों के लिए दृष्टिकोण विषय पर सत्र को संबोधित करते हुए बताया कि कोई भी मरीज जो चिकित्सालय में एचआईवी लक्षणों के साथ आते हैं तो उनकी एंटीबॉडी आधारित तीन स्क्रीनिंग टेस्ट होता है। यदि ये जांच पॉजिटिव आती है तो फिर उनको एआरटी (एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी) के लिए एआरटी सेंटर रेफर किया जाता है। अम्बेडकर अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर की मेडिकल ऑफिसर डॉ. अनिता तिवारी ने एआरटी केंद्र संक्षिप्त कामकाज और उपलब्ध सुविधाएं विषय पर व्याख्यान देते हुए बताया कि वर्ष 2006 से यहां एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को एआरटी की सुविधा दी जा रही है। वर्ष 2016 में एआरटी सेंटर अपग्रेड होकर एआरटी प्लस सेंटर बन गया है जहां पर एचआईवी मरीजों को दवाओं के अलावा सरकार द्वारा दी जाने वाली अन्य सुविधाओं के साथ-साथ पोषक आहार भी विभिन्न संस्थाओं के द्वारा प्रदान किया जाता है। एचआईवी रोगियों में एमडीआर टीबी का प्रबंधन विषय पर बोलते हुए रेस्पिरेटरी मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रोशन सिंह राठौड़ ने बताया कि सही दवाओं एवं उनकी निर्धारित खुराक तथा समय पर देखभाल से एचआईवी रोगियों में एमडीआर टीबी का प्रबंधन बेहतर ढंग से किया जा सकता है।एम्स में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर एवं हेड डॉ. विनय आर. पंडित ने एचआईवी संक्रमण के लिए हालिया प्रबंधन दिशानिर्देश विषय पर व्याख्यान देते हुए बताया कि डोलटेग्रेविर नामक दवा में एचआईवी- 2 के विरूद्ध तीव्र वायरल दमन (रैपिड वायरल सप्रेशन) की क्षमता है। दवा की विषाक्तता एवं ड्रग इंटरेक्शन भी काफी कम है। असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. वेणुगोपाल मार्गेकर ने एचआईवी में अवसरवादी संक्रमण के संदर्भ में बताया कि कुपोषित, एचआईवी से पीड़ित मरीज, सूजन आंत्र के रोगी, ल्यूकोपेनिया के रोगी, मधुमेह के रोगी और इम्यूनोसप्रेसेन्ट पर निर्भर मरीज को सामान्य अवसरवादी संक्रमण (कॉमन अपॉरचुनिटिक इन्फेक्शन) होने की संभावना ज्यादा रहती है। विभागाध्यक्ष मेडिसिन विभाग डॉ. डी. पी. लकड़ा ने एचआईवी संक्रमण में तंत्रिका संबंधी अभिव्यक्तियां (न्यूरोलॉजिकल मेनिफेस्टेशन इन एचआईवी इंफेक्शन) पर व्याख्यान देते हुए बताया कि एचआईवी से पीड़ित व्यक्तियों में तंत्रिका संबधी समस्याओं एवं रोगों (विकारों) का दायरा काफी व्यापक है। रोग प्रतिरोधक क्षमता अनियमित होने से अंतिम चरण में सीडी 4 लिम्फोसाइट्स और मेक्रौफेज में कमी आ जाती है। मेडिसिन की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्राची दुबे ने एचआईवी में पोस्ट-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस विषय तथा प्रोफेसर डॉ. आर. एल. खरे ने एचआईवी रोगियों मे एचबीवी और एचसीवी का प्रबंधन विषय पर व्याख्यान दिया।   मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. सुरेश चंद्रवंशी ने सम्मेलन में शामिल हुए सभी लोगों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. हिमेश्वरी वर्मा ने किया। पीजी छात्र डॉ. शिरीन श्रीवास्तव, डॉ. बासु कन्नौजे एवं डॉ. विनय कंवर द्वारा पेपर प्रस्तुत किया गया। सम्मेलन में मेडिसिन विभाग के डॉ. वाई. मल्होत्रा, डॉ. मनीष पाटिल, डॉ. निमेश साहू समेत काफी संख्या में चिकित्सा छात्र शामिल हुए।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *