स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप के लिए नहीं रखने होंगे अलग-अलग चार्जर

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नई दिल्ली,17 नवम्बर 2022\ अब आपको स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप के लिए अलग-अलग चार्जर खरीदने की जरूरत नहीं है। एक ही चार्जर से आपका काम हो जाएगा। मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों और टेक कंपनियों ने देश में इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स के लिए यूएसबी टाइप-सी (USB Type-C) को स्टैंडर्ड चार्जिंग पोर्ट के तौर पर अपनाने पर सहमति जताई है। हालांकि इस बदलाव को लागू करने में अभी समय लगेगा। इससे पहले यूरोप में भी इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स के लिए एक ही तरह का चार्जर बनाने पर सहमति बन चुकी है लेकिन वहां भी अभी यह व्यवस्था लागू नहीं हुई है। माना जा रहा है कि यूरोप में लागू होने के बाद ही भारत में इस बदलाव को अमली जामा पहनाया जा सकता है।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक देश में इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स के लिए एक ही तरह के चार्जर को लेकर मोबाइल और टेक कंपनियों में सहमति बन गई है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि यह बदलाव कब से लागू होगा। हालांकि इंडस्ट्री के एग्जीक्यूटिव्स के मुताबिक यूरोपीय यूनियन के बाद भारत में इसे लागू किया जाएगा। डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के सेक्रेटरी रोहित कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बारे में सहमति बनी। इस बैठक में इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने कहा कि वे अपने डेवाइसेज में यूएसबी टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट्स की व्यवस्था को चरणबद्ध तरीके से लागू करेंगे।

एपल ने नहीं किया विरोध
इस मीटिंग में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI), कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (CII), आईआईटी-बीएचयू के प्रतिनिधियों और स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इनमें सैमसंग (Samsung) और एपल (Apple) के अलावा एचपी (HP), डेल (Dell) और लेनोवो (Lenovo) के अधिकारी शामिल थे। बैठक में सरकारी अधिकारियों ने कहा कि ईयरफोन और स्मार्टवॉच के लिए यूनिफॉर्म चार्जिंग पोर्ट्स की व्यावहारिकता का अध्ययन करने के लिए एक सबग्रुप बनाया जाएगा।

98 फीसदी से अधिक एंड्रॉयड स्मार्टफोन चार्जिंग पोर्ट के तौर पर यूएसबी टाइप-सी का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन एपल (Apple) का आईफोन (iPhone) पूरी तरह लाइटनिंग पोर्ट पर निर्भर है। इंडस्ट्री के एक एग्जीक्यूटिव ने कहा कि बैठक में एपल ने कॉमन स्टैंडर्ड के तौर पर यूएसबी टाइप-सी को अपनाने का विरोध नहीं किया। इस बारे में एपल ने ईटी के सवालों का जवाब नहीं मिला। यूरोपीय यूनियन ने सात जून को यूएसबी टाइप-सी को कॉमन स्टैंडर्ड के तौर पर अपनाने पर सहमति जताई थी।


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