भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल पर हमला… लोकतंत्र के मुंह पर करारा तमाचा


रायपुर। 14 नवम्बर 2023. /  छत्तीसगढ़ में 09 नवंबर 2023 का दिन लोकतंत्र पर कालिख पोतने वाला दिन बन गया। यह दिन आने वाले कई वर्षों तक सिर्फ इसलिये याद रखा जायेगा कि इस दिन एक काबिल प्रत्याशी जो चुनाव प्रचार के लिये जब अपने निर्वाचन क्षेत्र में पहुंचे तो लोगों ने उनके साथ धक्का मुक्की कर दी। मामला यही नहीं थमा और सत्ताधारी दल के नेताओं के इशारे पर कर्मठ प्रत्याशी से झूमा-झठकी तक हो गई। दरअसल मामला कुछ ऐसा है कि छत्तीसगढ़ भाजपा के वरिष्ठ नेता और रायपुर दक्षिण से प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल पर प्रचार के दौरान हमला कर दिया गया। बृजमोहन बैजनाथ पारा में प्रचार के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उनसे धक्का-मुक्की की गई। इसकी जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में उनके समर्थक कोतवाली थाने पहुंच गए। उन्होंने थाने का घेराव कर कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर घंटों प्रदर्शन चलता रहा। समर्थकों का आरोप है कि बृजमोहन अग्रवाल मौलाना अब्दुल रऊफ वार्ड में प्रचार कर रहे थे। एवरग्रीन चौक के पास कुछ लोग बृजमोहन के पास आए और उन्हें कहा कि इस वार्ड में घुसने की हिम्मत कैसे हुई और उनके साथ धक्का-मुक्की की, फिर फरार हो गए। इसके बाद हंगामा शुरू हो गया।

*चुनाव आयोग क्यों नहीं लेता संज्ञान?*

बृजमोहन अग्रवाल के साथ जो कुछ भी हुआ वह निंदनीय तो है, साथ ही वह घोर अपराध की श्रेणी में आता है। अपराध इसलिये भी क्योंकि लोकतंत्र में कहीं ऐसा नहीं लिखा है कि आप किसी प्रत्याशी को उसके निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिये रोक लगाए। यह सख्त घोर अपराध है जिस पर चुनाव आय़ोग को सख्त कदम उठाते हुए अग्रवाल के खिलाफ साजिश करने वाले प्रत्याशी को निष्कासित कर देना चाहिए। जहां तक मैं अग्रवाल को जानती हूं। बृजमोहन अग्रवाल बेहद सुलझे हुए और कर्मठ राजनेता हैं। उन्होंने हमेशा से ही जनता की सेवा को प्राथमिकता दी और उसी को ध्येय मानकर वे निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। प्रदेश बीजेपी में उनका कद काफी बड़ा है। राज्‍य में बीजेपी की सरकार बनाने में उनका काफी योगदान होगा।

*मदरसा चौक पर हमले का क्या मतलब?*

अग्रवाल के साथ यह घटना तब हुई जब वह करीब शाम सात बजे बैजनाथ पारा इलाके में मदरसा चौक पहुंचे थे। यहां 20-25 युवकों का एक समूह मौजूद था, उन्हें लगा कि वे उनका स्वागत करने के लिए वहां आए हैं। इसलिये उनसे भाजपा को वोट देने का आग्रह किया, तब उनमें से अग्रवाल का कॉलर पकड़ लिया और हमला करने की कोशिश की। यदि भाजपा समर्थक औऱ पुलिसकर्मी मौके पर नहीं होते तो शायद छत्तीसढ़ के चेहरे पर यह दिन कालिख पोतने वाला दिन बन जाता। दीवाली और चुनाव से पहले रायपुर का माहौल बिगाड़ने के लिए बाहर से गुंडे लाए गए हैं। जब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा तब तक हम धरने पर बैठे रहेंगे। उन्होंने इस घटना को सुनियोजित करार देते हुए कहा कि जिन लोगों ने उन पर कथित तौर पर हमला किया। क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी महंत राम सुंदर दास के खिलाफ खड़े बीजेपी प्रत्‍याशी के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे थे। महंत राम सुंदर दास के चुनाव क्षेत्र में अग्रवाल पर हमला हुआ है तो उन्‍हें इस पर संज्ञान लेते हुए नैतिकता के आधार पर बीजेपी का समर्थन करना चाहिए और हमलावरों के खिलाफ सख्‍त कार्यवाही की आवाज भी उठाना चाहिए।


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