गुरु घासीदास और सरदार पटेल के आदर्शों से संभव है सर्वश्रेष्ठ भारत का निर्माण


बिलासपुर,16 नवंबर 2022 /
गुरु घासीदास बाबा ने सदियों पहले मनखे-मनखे एक समान का विचार दिया। जो आज भी देश को एकसूत्र में पिरोने के कार्य करने जैसा है। सरदार बल्लभ भाई पटेल ने देश की आजादी के बाद देश को एक करने का कार्य किया। अब हर भारतीय नागरिक का कर्त्तव्य है कि वह इन दोनों महापुरुषों के आदर्शों को आत्मसात करते हुए देश को एक रखने और श्रेष्ठ बनाने के लिए सदैव तत्पर रहे। ये विचार केंद्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी) प्रादेशिक कार्यालय रायपुर द्वारा गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में आयोजित त्रिदिवसीय मल्टीमीडिया चित्र प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर व्यक्त किए गए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर बिलासपुर के कमांडिंग ऑफिसर एलएन मिश्रा रहे। अध्यक्षता विवि के कुलपति प्रो. आलोक चक्रवाल ने की। विशिष्ट अतिथि के बतौर रासेयो मप्र-छग के निदेशक ए.एस.कबीर, कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव, डाक अधीक्षक एचआर साहू व रासेयो के समन्वयक डॉ. दिलीप झा रहे।
उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि एल एन मिश्रा ने प्रदर्शनी हमें देश की आजादी के लिए किए गए प्रयासों की याद दिलाती है। लोग अतीत को भूल जाते हैं इसलिए यह जरूरी है कि हम अपने इतिहास को याद रखने के लिए प्रदर्शनी को देख कर स्वतंत्रता सेनानियों के प्रयासों को याद रखें। उन्होंने देश की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मुख्य अतिथि ने लोगों को देश के प्रति कर्त्तव्य की याद दिलाई। देश को एक रखने के लिए सरदार बल्लभ भाई पटेल द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रकाश डाला। गुरु घासीदास बाबा के राष्ट्रीय एकता के विचारों की विवेचना दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ अभियान को राष्ट्रीय एकता के प्रसार के लिए जरूरी बताया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विवि के कुलपति प्रो. आलोक चक्रवाल ने छत्तीसगढ़ के सहभागी राज्य गुजरात की विशेषता व गुजरात में गत 31 साल के अपने कार्य अनुभव को साझा किया। उन्होंने गुजरात के लोग मेहमानों के स्वागत के लिए जाने जाते हैं। कुलपति ने श्रेष्ठ भारत निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए नवाचार मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने सभी से प्रदर्शनी में लगाए गए महापुरुषों की जानकारियों से युक्त पैनल का अवलोकन करने की अपील की।
विशिष्ट अतिथि रासेयो के मप्र-छग निदेशक ए.एस. कबीर ने एक भारत-श्रेष्ठ भारत के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमारा भारत विभिन्न प्रांत, क्षेत्र, भाषा, खान-पान से युक्त विविधता वाला देश है। हमारी जिम्मेदारी है यह विविधता बनी रहे पर किसी वाद में न फंसे। देश के हर क्षेत्र और भाषा को अपना मानें। हर वाद और पंथ से परे हटकर देश को श्रेष्ठ बनाने में योगदान दें। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव ने भी बहुमूल्य विचार रखे।


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